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राजस्थान का नामकरण

👉 राजस्थान का नामकरण-
✍ राजस्थान का नामकरण निम्न चरणों में पूरा हुआ

👉 वसंतगढ़ शिलालेख-
✍ यह शिलालेख विक्रम संवत 682 या 625 ई. का है।
✍ वसंतगढ़ शिलालेख सिरोही जिलें की वसंतगढ़ नामक जगह पर स्थित खीमेलमाता या सीमेलमाता के मंदिर से प्राप्त हुआ है।
✍ यह शिलालेख चावड़ा वंश के राजा वर्मलात के द्वारा उत्कीरण करवाया गया था।
✍ इस शिलालेख में ही राजस्थान के लिए पहली बार "राजस्थानीयादित्व" शब्द का प्रयोग किया गया था।

👉 रामायण-
✍ यह विश्व का सबसे प्राचीन तथा सबसे बड़ा महाकाव्य है।
✍ रामायण संस्कृत भाषा में महर्षि वाल्मीकि के द्वारा लिखी गई है।
✍ रामायण को सहस्त्री संहिता तथा आदि महाकाव्य के नाम से भी जाना जाता है।

👉 मरूकान्तर-
✍ रामायण में महर्षि वाल्मीकि के द्वारा राजस्थान के लिए "मरूकान्तर" शब्द का प्रयोग किया था।

👉 जाॅर्ज थाॅमस-
✍ जाॅर्ज थाॅमस ने सन् 1800 में राजस्थान को "राजपूताना" कहा था।
✍ सर्वप्रथम राजपूताना शब्द का प्रयोग करने वाला प्रथम अंग्रेज जाॅर्ज थाॅमस था।
✍ जाॅर्ज थाॅमस की मृत्यु बीकानेर में हुई थी।

👉 विलियम फ्रैंकलिन-
✍ यह मूल रूप से लंदन का निवासी था।
✍ यह जाॅर्ज थाॅमस का मित्र था।
✍ विलियम फ्रैंकलिन ने सन् 1805 में जाॅर्ज थाॅमस के उपर "ए मिलिट्री मेमोरिज आॅफ जाॅर्ज थाॅमस" (A Military Memories of George Thomes) नामक पुस्तक लिखी थी।
✍ इस पुस्तक में विलियम फ्रैंकलिन ने यह बताया था की राजस्थान के सर्वप्रथम राजपूताना कहने वाला विद्वान जाॅर्ज थाॅमस ही था।
✍ विलियम फ्रैंकलिन ने इस पुस्तक का प्रकाशन सन् 1805 में लंदन से किया था।

👉 कर्नल जेम्स टाॅड-
✍ यह मूल रूप से स्काॅटलैंड के निवासी थे।
✍ यह सन् 1817 में सर्वप्रथम राजस्थान आये थे।
✍ सन् 1822 में कर्नल जेम्स टाॅड को मारवाड़ रियासत का पाॅलिटिकल एजेंट बनाकर भेजा गया था।

👉 मानसिंह-
✍ यह जोधपुर के शासक थे।
✍ इनके कहने पर कर्नल जेम्स टाॅड ने राजस्थान के उपर "एनाल्स एण्ड एण्टीक्युटीज ऑफ राजस्थान " नामक पुस्तक लिखी थी।

👉 "एनाल्स एण्ड एण्टीक्युटीज ऑफ राजस्थान "-
✍ यह पुस्तक कर्नल जेम्स टाॅड ने सन् 1829 में लंदन से प्रकाशित की थी।
✍ यह पुस्तक कर्नल जेम्स टाॅड ने अंग्रेजी भाषा में लिखी थी।
✍ इस पुस्तक में कर्नल जेम्स टाॅड ने राजस्थान के लिए पहली बार तीन नये शब्दों का प्रयोग किया था जैसे-
1. रायथान-(अर्थ) शासको का निवास स्थल।
2. रजवाड़ा-(अर्थ) राज्य रजवाड़ो या राजपूतो के कारण कहा जाता है।
3. राजस्थान-(अर्थ) भौगोलिक क्षेत्र के लिए कहा गया था।

👉 The Central & Western Rajput States of India-
✍ यह पुस्तक कर्नल जेम्स टाॅड ने सन् 1832 में लंदन से प्रकाशित की थी।
✍ यह पुस्तक एनाल्स एण्ड एण्टीक्युटीज आॅफ राजस्थान पुस्तक का दूसरा भाग या खण्ड मानी जाती है।

👉 हीराचंद ओझा-
✍ इन्होने कर्नल जेम्स टाॅड की पुस्तकों का हिन्दी में अनुवाद किया था।

👉 यति ज्ञानचन्द्र जैन-
✍ इन्होने कर्नल जेम्स टाॅड को राजस्थान का भ्रमण करवाया था इसीलिए कर्नल जेम्स टाॅड यति ज्ञानचन्द्र जैन को अपना गुरु कहता था।

👉 सामंत व्यवस्था या जागीदारी व्यवस्था-
✍ अर्थ- राजा का बेटा ही राजा होता था।
✍ राजस्थान की सामंत व्यवस्था के बारे में सर्वप्रथम वर्णन कर्नल जेम्स टाॅड ने ही प्रस्तुत किया था।

👉 कर्नल जेम्स टाॅड के उपनाम-
1. घोड़े वाला बाबा
2. राजपूताने इतिहास का पितामह

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