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राजस्थान में प्रजामंडल आंदोलन (Prajamandal Movement in Rajasthan)

राजस्थान में प्रजामंडल आंदोलन (Prajamandal Movement in Rajasthan)-

  • 1. जयपुर प्रजामंडल (Jaipur Prajamandal)
  • 2. बूंदी प्रजामंडल (Bundi Prajamandal)
  • 3. मारवाड़ प्रजामंडल (Marwar Parjamandal)
  • 4. हाड़ौती प्रजामंडल (Hadoti Prajamandal)
  • 5. बीकानेर प्रजामंडल (Bikaner Prajamandal)
  • 6. धौलपुर प्रजामंडल (Dholpur Prajamandal)
  • 7. मेवाड़ प्रजामंडल (Mewar Prajamandal)
  • 8. शाहपुरा प्रजामंडल (Shahpura Prajamandal)
  • 9. अलवर प्रजामंडल (Alwar Prajamandal)
  • 10. भरतपुर प्रजामंडल (Bharatpur Prajamandal)
  • 11. करौली प्रजामंडल (Karauli Prajamandal)
  • 12. कोटा प्रजामंडल (Kota Prajamandal)
  • 13. किशनगढ़ प्रजामंडल (Kishangarh Prajamandal)
  • 14. सिरोही प्रजामंडल (Sirohi Prajamandal)
  • 15. कुशलगढ़ प्रजामंडल (Kushalgarh Prajamandal)
  • 16. बांसवाड़ा प्रजामंडल (Banswara Prajamandal)
  • 17. डूंगरपुर प्रजामंडल (Dungarpur Prajamandal)
  • 18. जैसलमेर प्रजामंडल (Jaisalmer Prajamandal)
  • 19. प्रतापगढ़ प्रजामंडल (Pratapgarh Prajamandal)
  • 20. झालावाड़ प्रजामंडल (Jhalawar Prajamandal)


अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद-

  • स्थापना- 1927 ई.
  • स्थापना स्थल- बॉम्बे
  • अध्यक्ष- दीवान रामचन्द्र राव
  • उपाध्यक्ष- विजय सिंह पथिक
  • राजपूताना एवं मध्य भारत का सचिव रामनारायण चौधरी को बनाया गया।


राजपूताना देशी राज्य लोक परिषद-

  • स्थापना- 1928 ई.
  • राजपूताना देशी राज्य लोक परिषद का प्रथम अधिवेशन 1931 ई. में अजमेर में आयोजित किया गया।
  • राजपूताना देशी राज्य लोक परिषद के प्रथम अधिवेशन की अध्यक्षता रामनारायण चौधरी ने की।


हरिपुरा अधिवेशन-

  • 1938 के हरिपुरा () अधिवेशन में कांग्रेस ने प्रजामंडल आंदोलन को समर्थन दिया।
  • 1938 में सुभाष चन्द्र बोस कांग्रेस के अध्यक्ष थे।


1. जयपुर प्रजामंडल (Jaipur Prajamandal)-

  • स्थापना- 1931 ई.
  • संस्थापक- कर्पूरचन्द पाटनी

  • रियासत- जयपुर रियासत

  • 1936 ई. में जमनालाल बजाज ने जयपुर प्रजामंडल का पुनर्गठन किया।
  • अध्यक्ष- जमनालाल बजाज ने 1936 ई. में जयपुर प्रजामंडल का अध्यक्ष चिरंजीलाल मिश्र को बनाया।
  • मंत्री- जमनालाल बजाज ने 1936 ई. में जयपुर प्रजामंडल का मंत्री हीरालाल शास्त्री को बनाया।
  • 1936 ई. में जयपुर प्रजामंडल ने शेखावाटी किसान आंदोलन को समर्थन दिया।

  • 5 अप्रैल 1931 ई. को जयपुर रियासत में मोतीलाल दिवस मनाया गया।


जयपुर प्रजामंडल का प्रथम अधिवेशन- 8 व 9 मई 1938 ई.-

  • स्थान- नथमल का कटला
  • दिन- 8 व 9 मई 1938 ई.
  • अध्यक्ष- जयपुर प्रजांमडल के प्रथम अधिवेशन के अध्यक्ष जमनालाल बजाज थे।
  • 10 मई 1938 ई. को कस्तूरबा गांधी ने महिलाओं की एक सभा को संबोधित किया था।
  • कस्तूरबा गांधी महात्मा गांधी की पत्नी थी।
  • जयपुर रियासत ने जयपुर प्रजामंडल पर प्रतिबंध लगा दिया।
  • प्रतिबंध के खिलाफ जयपुर प्रजामंडल ने सत्याग्रह चलाया।
  • जमनालाल बजाज को गिरफ्तार कर लिया गया।


जैंटलमैन एग्रीमेंट (Gentleman Agreement)-17 सितम्बर 1942 ई.

  • मध्य- जैंटलमैट एग्रीमेंट मिर्जा इस्माइल (PM) तथा हीरालाल शास्त्री के मध्य हुआ था।
  • दिन- जैंटलमैन समझौता 17 सितम्बर 1942 ई. को हुआ था।
  • 1942 ई. में जयपुर रियासत के प्रधानमंत्री मिर्जा इस्माइल थे।
  • 1942 ई. में जयपुर प्रजामंडल के अध्यक्ष हीरालाल शास्त्री थे।
  • जैंटलमैन समझौते की शर्तें-
  • (I) जयपुर रियासत उत्तरदायी शासन की स्थापना करेगी।
  • (II) जयपुर रियासत अंग्रेजों की सहायता नहीं करेगी।
  • (III) जयपुर रियासत ब्रिटिश भारत के विद्रोही को गिरफ्तार नहीं करेगी तथा प्रजामंडल उसे शरण भी दे सकता है।
  • (IV) प्रजामंडल शांतिपूर्ण धरना, जुलूस, प्रदर्शन इत्यादि कर सकता है।
  • (V) प्रजामंडल भारत छोड़ो आंदोलन में भाग नहीं लेगा।
  • जयपुर रियासत के प्रधानमंत्री मिर्जा इस्माइल के नाम पर जयपुर में एक सड़क का नाम MI Road रखा गया है।


आजाद मोर्चा (Azad Morcha)-

  • जयपुर प्रजामंडल के असंतुष्ट कार्यकर्ताओं ने बाबा हरिश्चन्द्र के नेतृत्व में आजाद मोर्चा का गठन किया था।
  • आजाद मोर्चा ने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया था।
  • आजाद मोर्चा के अन्य नेता-
    • (I) रामकरण जोशी
    • (II) दौलतमल भंडारी
    • (III) गुलाबचन्द कासलीवाल
  • बाब हरिश्चन्द्र के नाम से जयपुर में एक सड़क का नाम बाबा हरिश्चन्द्र सड़क रखा गया है।
  • रामकरण जोशी के नाम पर दौसा में एक विद्यालय का नाम रखा गया है।
  • 1945 ई. में पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के कहने पर आजाद मोर्चा का जयपुर प्रजामंडल में विलय कर दिया गया।


देवीशंकर तिवाड़ी-

  • 1943 ई. में जमनालाल बजाज की याद में देवीशंकर तिवाडी ने लोकवाणी नामक समाचार पत्र का प्रकाशन किया था।
  • देवीशंकर तिवाडी को जयपुर प्रजामंडल का अध्यक्ष भी बनाया गया था।
  • 1946 ई. में देवीशंकर तिवाडी को जयपुर रियासत में मंत्री बनाया गया था।
  • देवीशंकर तिवाडी राजस्थान की किसी भी रियासत में पहले गैर सरकारी मंत्री थे। अर्थात् जयपुर रियासत राजस्थान की ऐसी पहली रियासत थी जिसमें गैर सरकारी मंत्री बनाया गया था।

 

2. बूंदी प्रजामंडल (Bundi Prajamandal)-

  • स्थापना- बूंदी प्रजामंडल की स्थापना 1931 ई. में की गई थी।
  • संस्थापक- बूंदी प्रजामंडल की स्थापना निम्नलिखित के द्वारा की गई थी।
  • (I) नित्यानंद
  • (II) कांतिलाल
  • (III) ऋषिदत्त मेहता

  • रियासत- बूंदी रियासत


ऋषिदत्त मेहता का समाचार पत्र- "राजस्थान"

  • ऋषिदत्त मेहता ने "राजस्थान" नामक समाचार पत्र 1923 ई. में ब्यावर से प्रकासित करना प्रारम्भ किया था।
  • राजस्थान नामक समाचार पत्र एक साप्ताहिक समाचार पत्र था।
  • राजस्थान समाचार पत्र ब्यावर से प्रकाशित होता था।
  • राजस्थान समाचार पत्र में हाडौती क्षेत्र की खबरे प्रकाशित होती थी।


बूंदी देशी राज्य लोक परिषद-

  • बूंदी देशी राज्य लोक परिषद ऋषिदत्त मेहता का संगठन था।


3. मारवाड़ प्रजामंडल (Marwar Parjamandal)-

  • स्थापना- मारवाड़ प्रजामंडल की स्थापना 1934 ई. में की गई थी।

  • रियासत- मारवाड़ रियासत

  • 1918 ई. में चांदमल सुराणा ने "मरुधर हितकारिणी सभा" का गठन किया।
  • 1923 ई. में जयनारायण व्यास ने "मरुधर हितकारिणी सभा" का "मारवाड हितकारिणी सभा" के नाम से पुनर्गठन किया।
  • 1920 ई. में जयनारायण व्यास ने "मारवाड़ सेवा संघ" की स्थापना की।
  • 1932 ई. में छगनराज चौपासनीवाला ने जौधपुर में भारतीय झंडा फहराया था।
  • 1934 ई. को मारवाड़ प्रजामंडल का अध्यक्ष भंवरलाल सर्राफ को बनाया गया।


तौल आंदोलन (Taul Movement)-

  • तौल आंदोलन मारवाड़ सेवा संघ ने चलाया था।

  • तौल आंदोलन का कारण- 1 सेर का वजन 100 तोले से घटाकर 80 तोले कर दिया था।


मारवाड़ देशी राज्य लोक परिषद (Marwar Desi Rajya Lok Parishad)-

  • स्थापना- मारवाड़ देशी राज्य लोक परिषद की स्थापना 1929 ई. में की गई थी।
  • संस्थापक- मारवाड़ देशी राज्य लोक परिषद के संस्थापक जयनारायण व्यास थे।
  • 1929 ई. में मारवाड़ देशी राज्य लोक परिषद जोधपुर में अपना अधिवेशन करना चाहता था लेकिन मारवाड़ रियासत ने मारवाड़ देशी राज्य लोक परिषद के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया तथा उन पर नागौर की विशेष अदालत में मुकदमा चलाया गया।
  • मारवाड़ देशी राज्य लोक परिषद के नेता-
  • (I) जयनारायण व्यास
  • (II) आनन्दराज सुराणा
  • (III) भंवरलाल सर्राफ


मारवाड़ देशी राज्य लोक परिषद का प्रथम अधिवेशन-

  • वर्ष- मारवाड़ देशी राज्य लोक परिषद का प्रथम अधिवेशन 1931 ई. में आयोजित किया गया था।
  • स्थान- मारवाड़ देशी राज्य लोक परिषद का प्रथम अधिवेशन अजमेर जिले के पुष्कर नामक स्थान पर आयोजित किया गया था।
  • अध्यक्ष- मारवाड़ देशी राज्य लोक परिषद के प्रथम अधिवेशन में चांदकरण शारदा को अध्यक्ष बनाया गया था।
  • मारवाड़ देशी राज्य लोक परिषद के प्रथम अधिवेशन में मणिलाल कोठारी, काका कालेरकर तथा कस्तूरबा गांधी ने भाग लिया था।


मारवाड़ यूथ लीग-

  • स्थापना- मारवाड़ यूथ लीग की स्थापना 10 मई 1931 ई. को की गई थी।
  • संस्थापक- मारवाड़ यूथ लीग के संस्थापक जयनारायण व्यास थे।
  • 1931 ई. में मारवाड़ हितकारिणी सभा का विलय मारवाड यूथ लीग में कर दिया गया था।

  • मारवाड़ यूथ लीग का नाम बदलकर "बाल भारत सभा" कर दिया गया था।


कृष्णा दिवस (बॉम्बे)-

  • 1936 ई. में मारवाड़ प्रजामंडल ने बॉम्बे में कृष्णा दिवस मनाया।

  • कृष्णा नामक लड़की के किडनैपर को पकड़ने तथा कृष्णा को सकुशल घरवालों तक पहुचाने के लिए कृष्णा दिवस मनाया गया था।


शिक्षा दिवस (जोधपुर)-

  • 1936 ई. में मारवाड़ प्रजामंडल ने जोधपुर में शिक्षा दिवस मनाया।

  • जोधपुर में विद्यालय की शुल्क बढ़ा दी गई थी तथा इसी शुल्क के खिलाफ मारवाड़ प्रजामंडल ने शिक्षा दिवस मनाया गया था।


जयनारायण व्यास-

  • 1936 ई. में अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद का अधिवेशन कराची में आयोजित किया गया तथा जयनारायण व्यास को इस अधिवेशन में महामंत्री बनाया गया।
  • जोधपुर रियासत ने जयनारायण व्यास के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया।
  • बीकानेर महाराजा गंगासिंह ने जोधपुर के प्रधानमंत्री डोनाल्ड फील्ड को पत्र लिखा तथा जयनारायण व्यास के जोधपुर प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को हटवाया।
  • भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जयनारायण व्यास को सिवाणा किले में नजरबंद किया गया था तथा मारवाड़ प्रजामंडल के अन्य नेताओं को जालौर किले में नजरबंद किया गया था।


जयनारायण व्यास की पुस्तकें-

  • जयनारायण व्यास के द्वारा निम्नलिखित पुस्तकें लिखी गई थी।

  • (I) मारवाड़ की अवस्था
  • (II) पोपाबाई की पोल
  • (III) मार्च से संघर्ष क्यों?


जयनारायण व्यास के समाचार पत्र-

  • जयनारायण व्यास के द्वारा निम्नलिखित समाचार पत्र प्रकाशित किये गए थे।
  • (I) अखंड भारत- अखंड भारत समाचार पत्र हिन्दी भाषा में बॉम्बे से प्रकाशित किया जाता था।
  • (II) Peep- Peep समाचार पत्र अंग्रेजी भाषा में दिल्ली के प्रकाशित किया जाता था।
  • (III) तरुण राजस्थान- तरुण राजस्थान समाचार पत्र हिन्दी भाषा में ब्यावर से प्रकाशित किया जाता था।
  • (IV) आंगीवाण- आंगीवाण समाचार पत्र राजस्थानी भाषा में ब्यावर से प्रकाशित किया जाता था।

  • आंगीवाण समाचार पत्र राजस्थानी भाषा का पहला राजनीतिक समाचार पत्र था।


चंडावल घटना (पाली)- 28 मार्च 1942 ई.-

  • स्थान- चंडावल गाँव, पाली जिला, राजस्थान
  • दिन- 28 मार्च 1942 ई.
  • 28 मार्च 1942 ई. को चंडावल के सामंत ने किसानों की सभा पर लाठी चार्ज करवा दिया था।


डाबडा कांड (नागौर)- 13 मार्च 1947 ई.-

  • स्थान- डाबडा, नागौर जिला, राजस्थान
  • दिन- 13 मार्च 1947 ई.
  • डीडवाना के सामंत ने किसानों की सभा पर लाठी चार्ज करवा दिया था। 
  • डाबडा कांड में कई किसान शहीद हो गए थे। जैसे-
  • (I) मोतीराम जी
  • (II) चुन्नीलाल जी
  • डाबडा कांड में मारवाड़ प्रजामंडल के बड़े नेता मथुरा दास माथुर घायल हो गये थे।


विजयलक्ष्मी पंडित-

  • 1938 ई. में सुभाष चन्द्र बोस तथा विजयलक्ष्मी पंडित ने जोधपुर की यात्रा की थी।
  • विजयलक्ष्मी पंडित पंडित जवाहरलाल नेहरू की बहन थी।


4. हाड़ौती प्रजामंडल (Hadoti Prajamandal)-

  • स्थापना- हाड़ौती प्रजामंडल की स्थापना 1934 ई. में की गई थी।
  • संस्थापक- हाड़ौती प्रजामंडल की स्थापना निम्नलिखित के द्वारा की गई थी।
    • (I) नयनूराम शर्मा
    • (II) हाजी फैज मोहम्मद
  • नयनूराम शर्मा राजस्थान सेवा संघ के सदस्य तथा बूंदी किसान आंदोलन के नेता भी थे।
  • हाडौती प्रजामंडल ने बेगार विरोधी आंदोलन चलाया था।


5. बीकानेर प्रजामंडल (Bikaner Prajamandal)-

  • स्थापना- बीकानेर प्रजामंडल की स्थापना 1936 ई. में की गई थी।
  • संस्थापक- बीकानेर प्रजामंडल की स्थापना निम्नलिखित के द्वारा की गई थी।
  • (I) वैद्य मघाराम
  • (II) लक्ष्मी देवी आचार्य
  • (III) मुक्ता प्रसाद
  • (IV) रघुवर दयाल गोयल
  • रियासत- बीकानेर रियासत
  • 1936 ई. में बीकानेर प्रजामंडल की स्थापना कलकत्ता में की गई थी।
  • रघुवर दयाल गोयल ने "बीकानेर देशी राज्य लोक परिषद" की भी स्थापना की।
  • 26 अक्टूबर 1944 ई. को बीकानेर में महाराजा सार्दुल सिंह के खिलाफ "बीकानेर दमन विरोधी दिवस" मनाया गया।
  • 1 जुलाई 1946 ई. को रायसिंहनगर में पुलिस ने बीकानेर प्रजामंडल के जुलूस पर फायरिंग कर दी तथा इस फायरिंग में बीरबल नामक एक युवक शहीद हो गया।
  • 17 जुलाई 1946 ई. को बीकानेर रियासत में बीरबल की याद में बीरबल दिवस मनाया गया था।
  • रायसिंहनगर राजस्थान के श्री गंगानगर जिले में स्थित है।
  • इसी बीरबल नामक युवक की याद में राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर की जैसलमेर शाखा को बीरबल शाखा कहा जाता है।


सर्वहितकारिणी सभा-

  • स्थापना- सर्वहितकारिणी सभा की स्थापना 1907 ई. में की गई थी।
  • संस्थापक- सर्वहितकारिणी सभा की स्थापना निम्नलिखित के द्वारा की गई थी।
  • (I) कन्हैया लाल ढुँढ
  • (II) स्वामी गोपालदास
  • सर्वहितकारिणी सभा को चुरू की कांग्रेस कहा जाता था।
  • सर्वहितकारिणी सभा ने शिक्षण संस्थाओं की स्थापना की जैसे-
  • (I) कबीर पाठशाला- दलितों हेतु
  • (II) पुत्री पाठशाला- लड़कियों हेतु
  • 26 जनवरी 1930 ई. को स्वामी गोपालदास तथा चन्दनमल बहड़ ने चुरू के धर्मस्तूप पर भारतीय झंडा फहराया।
  • 1931 ई. में दूसरे गोलमेज सम्मेलन (1931ई.) के दौरान राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने महाराजा गंगासिंह के खिलाफ बीकानेर दिग्दर्शन नामक पर्चे बांटे।


बीकानेर षड्यंत्र मुकदमा- 1932 ई.

  • बीकानेर दिग्दर्शन पर्चे के कारण कई राजनीतिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। जैसे-
  • (I) स्वामी गोपालदास
  • (II) चन्दन मल बहड़
  • (III) सत्यनारायण सर्राफ
  • (IV) खूबराम सर्राफ


बीकानेर रियासत के किसान आंदोलन-

  • (I) उदरासर किसान आंदोलन- 1937 ई.
  • (II) महाजन किसान आंदोलन- 1938 ई.
  • (III) दूधवा खारा किसान आंदोलन- 1944 ई.
  • (IV) काँगड किसान आंदोलन- 1946 ई.
  • (V) गंग नहर किसान आंदोलन- 1930-31 ई.


(I) उदरासर किसान आंदोलन- 1937 ई.

  • स्थान- उदरासर गाँव, बीकानेर जिला, राजस्थान
  • वर्ष- 1937 ई.
  • नेता- उदरासर किसान आंदोलन का नेता जीवणराम था।


(II) महाजन किसान आंदोलन- 1938 ई.

  • स्थान- महाजन गाँव, बीकानेर जिला, राजस्थान
  • वर्ष- 1938 ई.
  • महाजन बीकानेर रियासत का प्रथम श्रेणी ठिकाना था।


(III) दूधवा खारा किसान आंदोलन- 1944 ई.

  • स्थान- दूधवा खारा, चुरू जिला, राजस्थान

  • वर्ष- 1944 ई.
  • नेता- दूधवा खारा किसान आंदोलन का नेता हनुमान सिंह आर्य था।
  • हनुमान सिंह आर्य बीकानेर रियासत के सबसे बड़े किसान नेता थे।


(IV) काँगड किसान आंदोलन- 1946 ई.

  • स्थान- काँगड़ गाँव, चुरू जिला, राजस्थान
  • वर्ष- 1946 ई.
  • नेता- काँगड किसान आंदोलन के नेता मेघ सिंह आर्य थे।


(V) गंग नहर किसान आंदोलन- 1930-31 ई.

  • स्थान- गंग नहर क्षेत्र, श्री गंगानगर जिला, राजस्थान
  • वर्ष- 1930-31 ई.
  • नेता- गंग नहर किसान आंदोलन के नेता दरबार सिंह व करतार सिंह थे।
  • गंग नहर किसान आंदोलन जमींदारा संघ के द्वारा किया गया था।
  • आबियाना = सिंचाई कर
  • गंग नहर क्षेत्र के किसानों पर आबियाना कर लगाया गया था।


6. धौलपुर प्रजामंडल (Dholpur Prajamandal)-

  • स्थापना- धौलपुर प्रजामंडल की स्थापना 1936 ई. में की गई थी।
  • संस्थापक- धौलपुर प्रजामंडल की स्थापना निम्नलिखित के द्वारा की गई थी।
  • (I) ज्वाला प्रसाद जिज्ञासु
  • (II) कृष्णदत्त पालीवाल
  • रियासत- धौलपुर रियासत
  • आर्य समाज के स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती ने धौलपुर क्षेत्र में राजनीतिक चेतना का संचार किया था।


आचार सुधारिणी सभा-

  • स्थापना- आचार सुधारिणी सभा की स्थापना 1910 ई. में की गई थी।
  • संस्थापक- आचार सुधारिणी सभा की स्थापना निम्नलिखित के द्वारा की गई थी।
  • (I) ज्वाला प्रसाद जिज्ञासु
  • (II) यमुना प्रसाद


नागरी प्रचारिणी सभा-

  • स्थापना- नागरी प्रचारिणी सभा की स्थापना 1934 ई. में की गई थी।
  • संस्थापक- नागरी प्रचारिणी सभा की स्थापना निम्नलिखित के द्वारा की गई थी।
  • (I) ज्वाला प्रसाद जिज्ञासु
  • (II) इन्दुलाल
  • नागरी हिन्दी भाषा को कहा जाता है।


तसीमो कांड (Taseemo Tragedy)- 11 अप्रैल 1947 ई.

  • स्थान- तसीमों गाँव, धौलपुर जिला, राजस्थान
  • दिन- 11 अप्रैल 1947 ई.
  • धौलपुर प्रजामंडल की सभा पर पुलिस ने फायरिंग कर दी तथा इसमें दो युवक शहीद हो गये जैसे-
  • (I) पंचम सिंह (Pancham Singh)
  • (II) छतर सिंह (Chhatar Singh)


7. मेवाड़ प्रजामंडल (Mewar Prajamandal)-

  • स्थापना- मेवाड़ प्रजामंडल की स्थापना 24 अप्रैल 1938 ई. में की गई थी।
  • रियासत- मेवाड़ रियासत
  • संस्थापक- मेवाड़ प्रजामंडल की स्थापना निम्नलिखित के द्वारा की गई थी।
  • (I) बलवन्त सिंह मेहता- अध्यक्ष
  • (II) भूरेलाल बया- उपाध्यक्ष
  • (III) माणिक्य लाल वर्मा- महामंत्री
  • मेवाड़ प्रजामंडल की स्थापना हरिपुरा अधिवेशन के बाद की गई थी।
  • मेवाड़ प्रजामंडल की स्थापना बलवन्त सिंह मेहता के घर पर हुई थी।
  • बलवन्त सिंह मेहता के घर का नाम "साहित्य कुटीर" (Sahitya Kutir) था।
  • मेवाड़ प्रजामंडल की स्थापना के समय बलवन्त सिंह मेहता को मेवाड़ प्रजामंडल का अध्यक्ष बनाया गया था।
  • मेवाड़ प्रजामंडल की स्थापना के समय भूरेलाल बया को मेवाड़ प्रजामंडल का उपाध्यक्ष बनाया गया था।
  • मेवाड़ प्रजामंडल की स्थापना के समय माणिक्य लाल वर्मा को मेवाड़ प्रजामंडल का महामंत्री बनाया गया था।
  • मेवाड़ रियासत ने मेवाड़ प्रजामंडल पर रोक लगा दी।
  • माणिक्य लाल वर्मा ने अजमेर से मेवाड़ प्रजामंडल चलाया।
  • माणिक्ल लाल वर्मा ने अजमेर में "मेवाड़ का वर्तमान शासन" (Mewar Ka Vartaman Shasan) नामक पुस्तक लिखी।
  • मेवाड़ का वर्तमान शासन नामक पुस्तक में मेवाड़ के शासन की आलोचना की गई।
  • मेवाड़ प्रजामंडल ने सत्याग्रह प्रारम्भ किया।
  • मेवाड़ प्राजमंडल के प्रथम सत्याग्रही रमेशचन्द्र व्यास थे।
  • रमेशचन्द्र व्यास (Rameshchandra Vyas) भीलवाड़ा के थे।
  • रमेशचन्द्र व्यास को मेवाड़ रियासत द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था।
  • भूरेलाल बया को सराड़ा किला में नजरबंद किया गया।
  • सराड़ा किले को "मेवाड़ का काला पानी" कहा जाता है।
  • सराड़ा किला राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित है।
  • माणिक्य लाल वर्मा को भी मेवाड़ रियासत ने गिरफ्तार कर लिया था।
  • गांधी जी ने हरिजन समाचार पत्र में माणिक्ल लाल वर्मा की गिरफ्तारी की आलोचना की थी।


मेवाड़ प्रजामंडल का प्रथम अधिवेशन- 1941 ई.

  • स्थान- उदयपुर, राजस्थान
  • वर्ष- 1941 ई.
  • अध्यक्ष- माणिक्य लाल वर्मा
  • जेबी कृपलानी ने मेवाड़ प्रजामंडल के प्रथम अधिवेशन का उद्घाटन किया था।
  • विजय लक्ष्मी पंडीत ने खादी प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।


भारत छोड़ो आंदोलन-

  • भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान नारायणी देवी वर्मा तथा भगवती देवी बिश्नोई को जेल भेजा गया था।
  • नारायणी देवी माणिक्य लाल वर्मा की पत्नी थी।


अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद का सातवां अधिवेशन-

  • स्थान- सलेटिया मैदान, उदयपुर जिला, राजस्थान
  • वर्ष- 1946 ई.
  • अध्यक्ष- पंडित जवाहर लाल नेहरू
  • 1946 ई. में अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद का 7वां अधिवेशन उदयपुर के सलेटिया मैदान में आयोजित किया गया।
  • शेख अब्दुल्ला ने भी अलिख भारतीय देशी राज्य लोक परिषद के 7वें अधिवेशन में भाग लिया था।


मेवाड़ प्रजामंडल के अन्य केंद्र-

  • 1. मेवाड़ में मेवाड़ प्रजामंडल के अन्य केंद्र

  • 2. मेवाड़ के बाहर मेवाड़ प्रजामंडल के अन्य केंद्र


1. मेवाड़ में मेवाड़ प्रजामंडल के अन्य केंद्र-

  • भीलवाड़ा

  • नाथद्वारा- नाथद्वारा के नेता नरेन्द्रपाल


2. मेवाड़ के बाहर मेवाड़ प्रजामंडल के अन्य केंद्र-

  • बॉम्बे
  • नागपुर
  • जलगाँव
  • अकोला


8. शाहपुरा प्रजामंडल (Shahpura Prajamandal)-

  • स्थापना- शाहपुरा प्रजामंडल की स्थापना 1938 ई. में की गई थी।
  • रियासत- शाहपुरा रियासत
  • संस्थापक- शाहपुरा प्रजामंडल की स्थापना निम्नलिखित के द्वारा की गई थी।
  • (I) लादूराम व्यास (Laduram Vyas)
  • (II) रमेश चन्द्र ओझा (Ramesh Chandra Ojha)
  • माणिक्य लाल वर्मा के कहने पर शाहपुरा प्रजामंडल की स्थापना की गई।
  • राजस्थान में सबसे पहले शाहपुरा रियासत में उत्तरदायी शासन स्थापित किया गया था।
  • शाहपुरा रियासत का राजा सुदर्शन देव था।
  • शाहपुरा रियासत का प्रधानमंत्री गोकुल लाल असावा को बनाया गया था।
  • राजस्थान में पहली बार किसी एक व्यक्ति को मंत्री बनाया गया था वो जयपुर रियासत में देवी शंकर तिवाड़ी थे लेकिन पुरा प्रजामंडल की जनता का बनाया गया वह रियासत शाहपुरा थी।


9. अलवर प्रजामंडल (Alwar Prajamandal)-

  • स्थापना- अलवर प्रजामंडल की स्थापना 1938 ई. में की गई थी।
  • रियासत- अलवर रियासत
  • संस्थापक- अलवर प्रजामंडल के संस्थापक हरिनारायण शर्मा थे।
  • अलवर प्रजामंडल ने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग नहीं लिया था।


अलवर प्रजामंडल का प्रथम अधिवेशन- 1944 ई.

  • वर्ष- 1944 ई.

  • अध्यक्ष- भवानी शंकर शर्मा (Bhawani Shankar Sharma)


हरिनारायण शर्मा के अन्य संगठन-

  • आदिवासी संघ (Adivasi Sangh)
  • वाल्मीकि संघ (Valmiki Sangh)
  • अस्पृश्यता निवारण संघ (Asprishyata Nivaran Sangh)


10. भरतपुर प्रजामंडल (Bharatpur Prajamandal)-

  • स्थापना- भरतपुर प्रजामंडल की स्थापना 1938 ई. में की गई थी।
  • स्थल- भरतपुर प्रजामंडल की स्थापना रेवाड़ी में की गई थी।
  • रियासत- भरतपुर रियासत
  • संस्थापक- भरतपुर प्रजामंडल की स्थापना निम्नलिखित के द्वारा की गई थी।
  • (I) जुगल किशोर चतुर्वेदी (Jugal Kishor Chaturvedi)
  • (II) मास्टर आदित्येन्द्र (Master Adityendra)
  • (III) गोपीलाल यादव (Gopilal Yadav)- अध्यक्ष
  • (IV) किशन लाल जोशी (Kishan Lal Joshi)
  • किशन लाल जोशी ने शेखावाटी किसान आंदोलन में भाग लिया था।
  • भरतपुर प्रजामंडल की स्थापना के समय भरतपुर प्रजामंडल का अध्यक्ष गोपीलाल यादव को बनाय गया था।
  • जुगल किशोर चतुर्वेदी को "राजस्थान का नेहरू" कहते हैं।
  • 1977 ई. में जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत के शासन में मास्टर आदित्येन्द्र को वित्त मंत्री बनाया गया था।


वैभव समाचार पत्र-

  • भरतपुर प्रजामंडल के द्वारा "वैभव" नामक समाचार पत्र प्रकाशिक किया जाता था।


भरतपुर प्रजामंडल के दिवस-

  • भरतपुर प्रजामंडल ने 16 व 17 अगस्त 1945 ई. को जापान दिवस मनाया था।

  • भरतपुर प्रजामंडल ने 28 अक्टूबर 1945 ई. को इंडोनेशिया दिवस मनाया था।

  • भारतपुर प्रजामंडल में इंडोनेशिया दिवस बसन्त कुमार वर्मा के नेतृत्व में मनाया गया था।


11. करौली प्रजामंडल (Karauli Prajamandal)-

  • स्थापना- करौली प्रजामंडल की स्थापना 1938 ई. में की गई थी।
  • रियासत- करौली रियासत
  • संस्थापक- करौली प्रजामंडल की स्थापना निम्नलिखित के द्वारा की गई थी।
  • (I) त्रिलोक चन्द माथुर (Trilok Chand Mathur)
  • (II) चिरंजीलाल वर्मा (Chiranji Lal Sharma)
  • (III) कुंवर मदन सिंह (Kunwar Madan Singh)
  • 1927 ई. में कुंवर मदन सिंह ने किसान आंदोलन का नेतृत्व किया था।


12. कोटा प्रजामंडल (Kota Prajamandal)-

  • स्थापना- कोटा प्रजामंडल की स्थापना 1939 ई. में की गई थी।
  • संस्थापक- कोटा प्रजामंडल की स्थापना निम्नलिखित के द्वारा की गई थी।
    • (I) नयनूराम शर्मा (Nainuram Sharam)
    • (II) अभिन्न हरि (Abhinna Hari)
    • (III) तनसुख लाल मित्तल (Tansukh Lal Mittal)

  • भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान मोतीलाल जैन के नेतृत्व में कोट प्रजामंडल के कार्यकर्ताओं ने कोटा के नगर प्रशासन पर अधिकार कर लिया था।

  • कॉलेज की लड़कियों ने कोटा के रामपुरा पुलिस थाने पर अधिकार कर लिया था।


कोटा प्रजामंडल का प्रथम अधिवेशन- 1939 ई.

  • स्थान- मांगरोल, बारां जिला, राजस्थान
  • वर्ष- 1939 ई.
  • अध्यक्ष- नयनूराम शर्मा


कोटा प्रजामंडल का द्वितीय अधिवेशन- 1940 ई.

  • स्थान- कोटा, राजस्थान
  • वर्ष- 1940 ई.
  • अध्यक्ष- अभिन्न हरि (Abhinna Hari)
  • कोटा प्रजामंजल के द्वितीय अधिवेशन में विजय सिंह पथिक ने भी भाग लिया था।


13. किशनगढ़ प्रजामंडल (Kishangarh Prajamandal)-

  • स्थापना- किशनगढ़ प्रजामंडल की स्थापना 1939 ई. में की गई थी।
  • संस्थापक- किशनगढ़ प्रजामंडल की स्थापना निम्नलिखित के द्वारा की गई थी।
  • (I) क्रांतिचन्द चौथाणी (Krantichand Chauthani)
  • (II) जमान शाह (Jamansha)


14. सिरोही प्रजामंडल (Sirohi Prajamandal)-

  • स्थापना- सिरोही प्रजामंडल की स्थापना 1939 ई. में की गई थी।
  • स्थल- सिरोही प्रजामंडल की स्थापना बॉम्बे में की गई थी।
  • संस्थापक- सिरोही प्रजामंडल की स्थापना निम्नलिखित के द्वारा की गई थी।
  • (I) गोकुलभाई भट्ट (Gokul Bhai Bhatt)
  • (II) वृद्धिशंकर (Variddhishankar)
  • गोकुल भाई भट्ट को "राजस्थान का गांधी" कहा जाता है।
  • सिरोही प्रजामंडल की स्थापना बॉम्बे में की गई थी।


15. कुशलगढ़ प्रजामंडल (Kushalgarh Prajamandal)-

  • स्थापना- कुशलगढ़ प्रजामंडल की स्थापना 1942 ई. में की गई थी।
  • संस्थापक- कुशलगढ़ प्रजामडल के संस्थापक भंवर लाल निगम (Bhanwar Lal Nigam) थे।
  • कुशलगढ़ बांसवाड़ा प्रजामंडल से अलग किया गया था।


16. बांसवाड़ा प्रजामंडल (Banswara Prajamandal)-

  • स्थापना- बांसवाड़ा प्रजामंडल की स्थापना 1943 ई. में की गई थी।
  • संस्थापक- बांसवाड़ा प्रजामंडल की स्थापना निम्नलिखित के द्वारा की गई थी।
  • (I) मणिशंकर नागर (Manishankar Nagar)
  • (II) धूलजी भाई भावसार (Dhulji Bhai Bhavsar)
  • (III) भूपेन्द्र नाथ त्रिवेदी (Bhupendra Nath Trivedi)
  • भूपेन्द्र नाथ त्रिवेदी बॉम्बे से "संग्राम" (Sangram) नामक एक समाचार पत्र प्रकाशिक करते थे।


विजया बहिन भावसार (Vijaya Bahin Bhavsar)-

  • विजया बहिन भावसार धूलजी भाई भावसार की पत्नी थी।

  • विजया बहिन भावसार ने "महिला मंडल" का गठन किया था।


17. डूंगरपुर प्रजामंडल (Dungarpur Prajamandal)-

  • स्थापना- डूंगरपुर प्रजामंडल की स्थापना 1 अगस्त 1944 ई. में की गई थी।
  • संस्थापक- डूंगरपुर प्रजामंडल की स्थापना निम्नलिखित के द्वारा की गई थी।
  • (I) भोगीलाल पांड्या (Bhogilal Pandya)
  • (II) हरिदेव जोशी (Haridev Joshi)
  • (III) गौरीशंकर उपाध्याय (Gaurishankar Upadhyay)
  • भोगीलाल पांड्या को "वागड़ का गांधी" कहा जाता है।
  • बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि पर डूंगरपुर प्रजामंडल की स्थापना की गई थी।
  • डूंगरपुर प्रजामंडल ने प्रयाण सभा का आयोजन किया था।
  • डूंगरपुर प्रजामंडल ने स्कूल चलाने के लिए प्रयाण सभा का आयोजन किया था।


सेवक समाचार पत्र-

  • "सेवक" नामक समाचार पत्र गौरीशंकर उपाध्याय के द्वारा प्रकाशित किया जाता था।


रास्तापाल घटना- 19 जून 1942 ई.

  • दिन- 19 जून 1942 ई.
  • स्थान- रास्तापाल गाँव, डूंगरपुर जिला, राजस्थान
  • राजा स्कूल बंद करवाना चाहता था लेकिन डूंगरपुर प्रजामंडल ने स्कूल खुलवा दी थी इस दौरान राजा ने पुलिस भेजकर स्कूल बंद करवाने के आदेश दिए लेकिन अध्यापक नाना भाई तथा सेंगा भाई ने स्कूल बंद करने से मना कर दिया उसी दौरान पुलिस ने नाना भाई को गोली मार दी गई तथा सेंगा भाई को गाड़ी के पीछे बांदकर ले जा रही थे तभी एक भील बालिका कालीबाई ने अध्यापक सेंगा भाई को बचाने का प्रयास किया जिसमें पुलिस ने भील बालिका कालीबाई को गोली मार दी।
  • रास्तापाल घटना में अध्यापक नाना भाई तथा भील बालिका कालीबाई शहीद हो गए थे।
  • अध्यापक नाना भाई तथा भील बालिका कालीबाई की मूर्तियां गेप सागर तालाब के पास लगायी गई है।
  • गेप सागर तालाब राजस्थान के डूंगरपुर जिले में स्थित है।
  • बालिका शिक्षा के क्षेत्र में कालीबाई पुरस्कार दिया जाता है।
  • रास्तापाल घटना में एक अन्य अध्यापक सेंगा भाई घायल हो गये थे।


पूनावाडा घटना- मई 1947 ई.

  • स्थान- पूनावाडा गाँव, डूंगरपुर जिला, राजस्थान
  • वर्ष- 1947 ई.
  • राजा के आदेश पर पुलिस स्कूल बंद करवाने गयी जिसमें अध्यापक शिवराम भील घायल हो गये थे।


18. जैसलमेर प्रजामंडल (Jaisalmer Prajamandal)-

  • स्थापना- जैसलमेर प्रजामंडल की स्थापना 1945 ई. में की गई थी।
  • संस्थापक- जैसलमेर प्रजामंडल के संस्थापक मीठा लाल व्यास (Meethalal Vyas) थे।
  • जैसलमेर प्रजामंडल की स्थापना जौधपुर में की गई थी।


माहेश्वरी नवयुवक मंडल-

  • रघुनाथ सिंह के द्वारा जोधपुर में "माहेश्वरी नवयुवक मंडल" की स्थापना की गई।


19. प्रतापगढ़ प्रजामंडल (Pratapgarh Prajamandal)-

  • स्थापना- प्रतापगढ़ प्रजामंडल की स्थापना 1945 ई. में की गई थी।

  • संस्थापक- प्रतापगढ़ प्रजामंडल की स्थापना निम्नलिखित के द्वारा की गई थी।
  • (I) अमृतलाल पायक (Amritlal Payak)
  • (II) चुन्नीलाल प्रभाकर (Chunnilal Prabhakar)
  • (III) ठक्कर बापा (Thakkar Bapa)
  • मीणा आंदोलन के दौरान ठक्कर बापा में जयपुर के प्रधानमंत्री मिर्जा ईस्माल को पत्र लिखा था।


20. झालावाड़ प्रजामंडल (Jhalawar Prajamandal)-

  • स्थापना- झालावाड़ प्रजामंडल की स्थापना 1946 ई. में की गई थी।
  • संस्थापक- झालावाड़ प्रजामंडल की स्थापना निम्नलिखित के द्वारा की गई थी।
  • (I) मांगीलाल भव्य (Mangilal Bhavya)
  • (II) मकबूल आलम (Maqbul Alam)
  • (III) कन्हैयालाल मित्तल (Kanhaiyalal Mittal)
  • (IV) रतनलाल (Ratanlal)
  • झालावाड़ प्रजामंडल आंदोलन के दौरान झालावाड़ का राजा राजराणा हरिशचन्द्र था।
  • राजराणा हरिशचन्द्र के नेतृत्व में झालावाड़ में उत्तरदायी शासन स्थापित किया गया था। अर्थात् राजराणा हरिशचन्द्र स्वयं प्रधानमंत्री बन गये थे।


राजस्थान में प्रजामंडल आंदोलन का महत्व-

  • (I) राजस्थान में प्रजामंडल आंदोलन के राजनीतिक महत्व
  • (II) राजस्थान में प्रजामंडल आंदोलन के सामाजिक महत्व
  • (III) राजस्थान में प्रजामंडल आंदोलन के आर्थिक महत्व


(I) राजस्थान में प्रजामंडल आंदोलन के राजनीतिक महत्व-

  • राजस्थान की सभी रियासतों में उत्तरदायी शासन स्थापित हुआ।
  • प्रजामंडल आंदोलनों के कारण राजस्थान में राजनीतिक चेतना का संचार हुआ।
  • राजस्थान में राष्ट्रीय चेतना का संचार हुआ।
  • राष्ट्रीय चेतना के कारण राष्ट्रीय एकता में बढ़ोत्तरी हुई।
  • राजस्थान का एकीकरण शांतिपूर्ण तरीके से हो गया था।
  • एकीकरण के कारण राजतन्त्र समाप्त हो गये थे।
  • राजतन्त्र समाप्त होते ही लोकतन्त्र की स्थापना हुई।


(II) राजस्थान में प्रजामंडल आंदोलन के सामाजिक महत्व-

  • राजस्थान में सामाजिक कुरीतियां कम हुई।
  • हिन्दू-मुस्लिम एकता बनी रही।
  • छुआछूत का निवारण हुआ।
  • महिलाओं की स्थित में सुधार हुआ तथा महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला। जैसे- विजया बहिन भावसार ने "महिला मंडल" का गठन किया, लक्ष्मी देवी आचार्य बीकानेर प्रजामंडल की स्थापना से जुड़ी हुई थी।
  • शिक्षा का प्रचार प्रसार हुआ जैसे- सर्वहितकारिणी सभा ने कबीर पाठशाला व पुत्री पाठशाला की स्थापना की, फीस बढ़ने पर मारवाड़ प्रजामंडल ने शिक्षा दिवस मनाया, डूंगरपुर प्रजामंडल ने स्कूल चलाने के लिए प्रयाण सभा का आयोजन किया था।
  • नागरिक असमानता का विरोध किया गया। जैसे- 1945 ई. में टोक के उणियारा की बैरवा जाति ने नागरिक असमानता विरोध आंदोलन चलाया था।


(III) राजस्थान में प्रजामंडल आंदोलन के आर्थिक महत्व-

  • स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग कर रहे थे जिसके कारण कुटीर उद्योगों का बढ़ावा मिला।
  • प्रजामंडलों ने राजस्थान में किसान आंदोलनों को समर्थन दिया। जैसे- जयपुर प्रजामंडल ने शेखावाटी किसान आंदोलन का समर्थन किया
  • किसान को भूमि पर हक मिला।
  • किसान को भूमि पर हक मिलने कारण जागीरदारी व्यवस्था समाप्त हो गयी थी।
  • बेगार व्यवस्था का विरोध किया गया जिससे बेगार व्यवस्था समाप्त हुई जैसे- हाडौती प्रजामंडल ने बेगार विरोधी आंदोलन चलाया था


अन्य महत्वपूर्ण तथ्य-

  • अशोक गहलोत को "मारवाड़ का गांधी" कहा जाता है।

  • हरिदेव जोशी पहले ऐसे मुख्यमंत्री है जो राज्यपाल बनने के बाद फिर मुख्यमंत्री बने अर्थात् हरिदेव जोशी पहले मुख्यमंत्री थे फिर राज्यपाल बने और राज्यपाल के बाद फिर से मुख्यमंत्री बने थे।

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