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पवनें (Winds)

पवनें (Winds)-

  • धरातल पर तापक्रम और वायुदाब की विभिन्नता के कारण वायु में गति या वायु संचरण होती है। क्षैतिज रूप में गतिशील वायु को पवन कहतें है। अर्थात् गतिशील वायु को पवन कहते हैं।


पवनों के प्रकार (Types of Winds)-

  • पवनों के प्रकार निम्नलिखित है।-

    • 1. स्थायी पवनें (Permanent Winds)

    • 2. सामयिक पवनें (Periodic Winds / Seasonal Winds)

    • 3. स्थानीय पवनें (Local Winds)


1. स्थायी पवनें (Permanent Winds)-

  • स्थायी पवनें 4 प्रकार की होती है। जैसे-
    • (I) पूर्वा पवनें (Easterlies)
    • (II) पछुआ पवनें (Westerlies)
    • (III) ध्रुवीय पवनें (Polar Winds)
    • (IV) विषुवत रेखीय पछुआ पवनें (Equatorial Westerlies)


(I) पूर्वा पवनें (Easterlies)-

  • पूर्वा पवनें उपोष्ण कटिबंधीय उच्च दाब पेटी (Sub Tropical High Pressure Belt- STHPB) से अंतः उष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (Inter Tropical Convergence Zone- ITCZ) की ओर चलती है।
  • दोनों गोलार्द्धों (उत्तरी गोलार्द्ध व दक्षिणी गोलार्द्ध) में पूर्वा पवनें पूर्वी दिशा से चलना प्रारम्भ करती है। इसीलिइ इन्हें पूर्वी पवनें कहते हैं।
  • पूर्वा पवनों को व्यापारिक पवनें (Trade Winds) भी कहते हैं।
  • पूर्वा पवनों के कारण महाद्वीपों के पूर्वी तट (Eastern Coast) पर वर्षा प्राप्त होती है।
  • उष्ण कटिबंधीय चक्रवात (ट्रोपिलक सोइकलोन) पूर्वा पवनों के प्रभाव के कारण महाद्वीपों के पूर्वी तट से टकराते हैं।
  • पूर्वा पवनों के कारण महाद्वीपों का पश्चिमी भाग शुष्क रह जाता है। जिसके कारण अधिकतम गर्म मरुस्थल महाद्वीपों के पश्चिमी भाग में पाये जाते हैं।


(II) पछुआ पवनें (Westerlies)-

  • पछुआ पवनें उपोष्ण कटिबंधीय उच्च दाब पेटी (Sub Tropical High Pressure Belt- STHPB) से शीतोष्ण कटिबंधीय निम्न दाब पेटी (Temperate Low Pressure Belt- TLPB) की ओर चलती है।
  • शीतोष्ण कटिबंधीय निम्न दाब पेटी को उपध्रुवीय निम्न दाब पेटी (Sub Polar Low Pressure Belt- SPLPB) भी कहा जाता है।
  • पछुआ पवनें शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्र (Temperate Zone) की प्रमुख पवनें है।
  • पछुआ पवनों के कारण महाद्वीपों के पश्चिमी तट (Western Coast) पर वर्षा प्राप्त होती है। तथा शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात (Temperate Cyclone) भी महाद्वीपों के पश्चिमी तट से टकराते हैं।
  • दक्षिणी गोलार्द्ध में महासागर का विस्तार अधिक होने के कारण पछुआ पवनों की गति अधिक होती है। इसीलिए दक्षिणी गोलार्द्ध में पछुआ पवनों को विभिन्न नामों से जाना जाता है। जैसे-
    • (A) 40° दक्षिण- गरजती चालीसा पवनें (Roaring Forties Winds)
    • (B) 50° दक्षिण- प्रचण्ड पचासा पवनें (Furious Fifties Winds)
    • (C) 60° दक्षिण- प्रचण्ड चीखती साठा पवनें (Shrieking Sixties Winds)


(III) ध्रुवीय पवनें (Polar Winds)-

  • ध्रुवीय पवनें ध्रुवीय उच्च दाब पेटी (Polar High Pressure Belt- PHPB) क्षेत्र से शीतोष्ण कटिबंधीय निम्न दाब पेटी (Temperate Low Pressure Belt- TLPB) की ओर चलती है।
  • दोनों गोलार्द्धों (उत्तरी गोलार्द्ध व दक्षिणी गोलार्द्ध) में ध्रुवीय पवनें पूर्वी दिशा से चलना प्रारम्भ करती है। इसीलिए इन्हें ध्रुवीय पूर्वा पवनें (Polar Easterlies) कहते हैं।
  • ध्रुवीय पवनें अत्यधिक ठंडी एवं शुष्क पवनें है।


(IV) विषुवत रेखीय पछुआ पवनें (Equatorial Westerlies)-

  • विषुवत रेखीय पछुआ पवनें विषुवत रेखीय निम्न दाब पेटी (Equatorial Low Pressure Belt- ELPB) क्षेत्र में चलती है।
  • पृथ्वी के परिभ्रमण (Rotation) के कारण विषुवत रेखीय पछुआ पवनें पश्चिम से पूर्व की ओर चलती है।
  • विषुवत रेखीय पछुआ पवनें धीमी गति से चलने वाली पवनें है।


2. सामयिक पवनें (Periodic Winds / Seasonal Winds)-

  • सामयिक पवनें के 3 प्रकार की होती है। जैसे-

    • (I) मानसून पवनें (Monsoon Winds)

    • (II) जल तथा स्थल समीर (Land and Sea Breeze)

    • (III) पर्वत एवं घाटी समीर (Mountain and Velley Breeze)


(I) मानसून पवनें (Monsoon Winds)-

  • मानसून पवनें अर्द्ध स्थायी पवनें (Semi Permanent Winds) होती है। जो हर 6 महीनें में अपनी दिशा बदलती है।
  • ग्रीष्म ऋतु में दक्षिण-पश्चिम मानसून पवनें ( South West Monsoon Winds) चलती है। तथा शीत ऋतु के दौरान उत्तर-पूर्वी मानसून पवनें (North East Monsoon Winds) चलती है।
  • ग्रीष्म ऋतु में मानसून पवनें वर्षा करवाती है।


(II) जल तथा स्थल समीर (Land and Sea Breeze)-
  • स्थलीय भाग जल्दी गर्म व जल्दी ठंडा हो जाता है। अतः जल तथा स्थल के बीच हमेशा दाब प्रवणता (Pressure Gradient) पायी जाती है। जिसके कारण दिन के समय जल समीर तथा रात के समय स्थल समीर चलती है।


(III) पर्वत एवं घाटी समीर (Mountain and Velley Breeze)-

  • दिन के समय पर्वतीय क्षेत्र गर्म हो जाते हैं। अतः पर्वतीय क्षेत्र में निम्न दाब परिस्थितियों का निर्माण होता है। इसकी तुलना में घाटी क्षेत्र में उच्च दाब पाया जाता है। अतः दिन के समय घाटी समीर (Velley Breeze) चलती है।
  • रात के समय पर्वतीय क्षेत्र ठंडे हो जाते हैं। जिसके कारण पर्वतीय क्षेत्र में उच्च दाब परिस्थितियों का निर्माम होता है तथा घाटी क्षेत्र में निम्न दाब पाया जाता है। अतः रात के समय पर्वत समीर (Mountain Breeze) चलती है।
  • पर्वत समीर के कारण घाटी क्षेत्र में ताप विलोमता (Temperature Inversion) की स्थिति का निर्माण होता है। जिससे घाटी क्षेत्र में कोहरे (Fog) का निर्माण होता है।


ताप विलोमता (Temperature Inversion)-

  • जब सतह से ऊंचाई बढ़ने पर तापमान घटने की बजाय बढ़ने लगे तो उसे ताप विलोमता की स्थिति कहते हैं।
  • ताप विलोमता के दौरान सतह के पास संघनन (Condensation) की क्रिया होती है। जिसके कारण कोहरे का निर्माण होता है। यह कोहरा सूर्योदय के कुछ समय पश्चात छट जाता है।
  • मैदानी क्षेत्र में शीत ऋतु के दौरान ताप विलोमता की स्थिति का निर्माण होता है।
  • मैदानों में ताप विलोमता के निर्माण के लिए निम्नलिखित परिस्थितियां आवश्यक है।-
    • (I) लम्बी सर्द रातें (Long Cold Night)
    • (II) धीमी पवनें (Mild Winds)
    • (III) बादल रहित आकाश (Cloudless Sky)
  • ताप विलोमता के दौरान संवहन (Convection) रूक जाता है। जिसके कारण सतह के पास प्रदूषणकारी तत्व (Pollutants) बढ़ जाते हैं। इससे वायु की गुणवत्ता में कमी आती है।
  • स्मॉग (Smoke) + कोहरा (Fog) = Smog (स्मॉग)
  • महासागरीय क्षेत्र में ताप विलोमता की स्थिति वहाँ बनती है जहाँ ठंडी तथा गर्म महासागरीय धाराएं मिलती है।
  • महासागरीय क्षेत्र में ताप विलोमता से बनने वाले कोहरे के कारण नौकायन (Navigation) में अवरोध उत्पन्न होता है।


3. स्थानीय पवनें (Local Winds)-

  • स्थानीय पवनों को दो भागों में विभाजित किया गया है। जैसे-
  • (I) गर्म स्थानीय पवनें (Warm Local Winds)
  • (II) ठंडी स्थानीय पवनें (Cold Local Winds)


(I) गर्म स्थानीय पवनें (Warm Local Winds)-

  • गर्म स्थानीय पवनें ग्रीष्म ऋतु (Summer Season) में चलती है।
  • गर्म स्थानीय पवनों के प्रकार निम्नलिखित है।-
    • (A) चिनूक पवनें (Chinook Winds)
    • (B) फोहन पवनें (Foehn Winds)
    • (C) हरमट्टन पवनें (Harmattan Winds)
    • (D) सिरोको पवनें (Sirocco Winds)


(A) चिनूक पवनें (Chinook Winds)-

  • चिनूक पवनें गर्म स्थानीय पवनें है जो ग्रीष्म ऋतु के दौरान चलती है।

  • चिनूक पवनें मुख्यतः उत्तरी अमेरिका (North America) में चलती है।
  • चिनूक पवनों को हिमभक्षी पवनें (Snow eater Winds) भी कहते हैं। 
  • उत्तरी अमेरिका में चिनूक पवनें गेहूं की फसल के लिए उपयोगी होती है।


(B) फोहन पवनें (Foehn Winds)-

  • फोहन पवनें गर्म स्थानीय पवनें है जो ग्रीष्म ऋतु के दौरान चलती है।

  • फोहन पवनें मुख्यतः स्विट्ज़रलैंड (Switzerland) में चलती है।


(C) हरमट्टन पवनें (Harmattan Winds)-

  • हरमट्टन पवनें गर्म स्थानीय पवनें है जो ग्रीष्म ऋतु के दौरान चलती है।

  • हरमट्टन पवनें मुख्यतः अफ्रीका (Africa) में चलती है।

  • हरमट्टन पवनें गर्म व सुखी पवनें होती है।

  • डॉक्टर पवनें (Doctor Winds)-

  • पश्चिमी अफ्रीका में तटीय क्षेत्र के पास अत्यधिक जलवाष्प होने के कारण पश्चिमी अफ्रीका के तटीय क्षेत्र (coastal region) में उच्च आर्द्रता (High Humidity) पायी जाती है। और इसी उच्च आर्द्रता के कारण पश्चिमी अफ्रीका का मौसम बिगड़ा हुआ होता है अर्थात् चिपचिपा व कष्टकारी मौसम परिस्थितिया होता है। और जब पश्चिमी अफ्रीका में हरमट्टन पवनें चलना शुरू होती है तो पश्चिमी अफ्रीका में मौसम परिस्थितिया ठीक होने लगती है। इसीलिए हरमट्टन पवनों को डॉक्टर पवने कहते हैं।


(D) सिरोको पवनें (Sirocco Winds)-

  • सिरोको पवनें गर्म स्थानीय पवनें है जो ग्रीष्म ऋतु के दौरान चलती है।
  • सिरोको पवनें मुख्यतः इटली (Italy) में चलती है।

  • रक्त वर्षा (Blood Rain)-
  • सहारा मरुस्थल में लाल मिट्टी के कण पाये जाते हैं। जब सहारा मरुस्थल से सिरोको पवनें दक्षिणी यूरोप (इटली) की तरफ चलती है। तब सिरोको पवनें सहारा मरुस्थल से लाल रंग की मिट्टी के कण अपने साथ उडाकर ले जाती तथा साथ ही भूमध्य सागर से नमी प्राप्त करती है। लाल रंग की मिट्टी के कण व नमी को लेकर सिरोको पवनें इटली की तरफ जाती है और  इटली में सिरोको पवनें लाल रंग की वर्षा करती है। इसी लाल रंग की वर्षा को रक्त वर्षा (Blood Rain) कहते हैं।

  • सिरोको पवनों का अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नाम है जैसे-
  • 1. सिमून पवनें (Simoon Winds)- अरब प्रायद्वीप (Arabian Peninsula) में सिरोको पवनों को सिमून पवनें कहते हैं।
  • 2. खमसिन पवनें (Khamsin Winds)- मिस्र में सिरोको पवनों को खमसिन पवनें कहते हैं।
  • 3. गिबली पवनें (Gibli Winds)- लीबिया (Libya) में सिरोको पवनों को गिबली पवनें कहते हैं।
  • 4. चिली पवनें (Chili Winds)- ट्यूनीशिया (Tunisia) में सिरोको पवनों को चिली पवनें कहतें है।
  • 5. लेवेश पवनें (Leveche Winds)- स्पेन (Spain) में सिरोको पवनों को लेवेश पवनें कहते हैं।
  • 6. लेस्ट पवनें (Leste Winds)- पुर्तगाल (Portugal) में सिरोको पवनों को लेस्ट पवनें कहते हैं।


(II) ठंडी स्थानीय पवनें (Cold Local Winds)-

  • ठंडी स्थानीय पवनें शीत ऋतु (Winter Season) में चलती है।

  • ठंडी स्थानीय पवनों के प्रकार निम्नलिखित है।-
    • (A) मिस्ट्रल पवनें (Mistral Winds)
    • (B) बोरा पवनें  (Bora Winds)
    • (C) ब्लिजर्ड पवनें (Blizzard Winds)
    • (D) बुरान पवनें (Buran Winds)


(A) मिस्ट्रल पवनें (Mistral Winds)-

  • मिस्ट्रल पवनें ठंडी स्थानीय पवनें है जो शीत ऋतु के दौरान चलती है। 

  • मिस्ट्रल पवनें मुख्यतः फ्रांस (France) व स्पेन (Spain) में चलती है।


(B) बोरा पवनें  (Bora Winds)-

  • बोरा पवनें ठंडी स्थानीय पवनें है जो शीत ऋतु के दौरान चलती है।
  • बोरा पवनें मुख्यतः इटली (Italy) में चलती है।


(C) ब्लिजर्ड पवनें (Blizzard Winds)-

  • ब्लिजर्ड पवनें ठंडी स्थानीय पवनें है जो शीत ऋतु के दौरान चलती है।

  •  ब्लिजर्ड पवनें मुख्यतः उत्तरी अमेरिका (North America) में चलती है।

  • ब्लिजर्ड पवनों को हिम झंझावात पवनों के नाम से भी जाना जाता है।


(D) बुरान पवनें (Buran Winds)-

  • बुरान पवनें ठंडी स्थानीय पवनें है जो शीत ऋतु के दौरान चलती है। 

  • बुरान पवनें मुख्यतः उत्तरी एशिया (North Asia) में चलती है।

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