राजस्थान के स्वतंत्रता सेनानी (Freedom Fighters of Rajasthan)-
- 1. अर्जुन लाल सेठी (Arjun Lal Sethi)
- 2. केसरी सिंह बारहठ (Kesari Singh Barhath)
- 3. जोरावर सिंह बारहठ (Zorawar Singh Barhath)
- 4. प्रताप सिंह बारहठ (Pratap Singh Barhath)
- 5. ईश्वर दान आसिया (Ishwar Dan Asiya)
- 6. राव गोपाल सिंह खरवा (Rao Gopal Singh Kharwa)
- 7. विजय सिंह पथिक (Vijay Singh Pathik)
- 8. जमनालाल बजाज (Jamnalal Bajaj)
- 9. हीरालाल शास्त्री (Hiralal Shastri)
- 10. बालमुकुंद बिस्सा (Balmukund Bissa)
- 11. सागरमल गोपा (Sagarmal Gopa)
- 12. रमेश स्वामी (Ramesh Swami)
- 13. शांतिलाल (Shantilal)
- 14. आनन्दीलाल (Anandilal)
- 15. रामकरण (Ramkaran)
- 16. लूणकरण (Lunkaran)
- 17. खूबाराम (Khubaram)
- 18. ज्वाला प्रसाद शर्मा (Jwala Prasad Sharma)
- 19. दामोदर दास राठी (Damodar Das Rathi)
- 20. अंजना देवी चौधरी (Anjana Devi Chaudhary)
- 21. रमा देवी जोशी (Rama Devi Joshi)
- 22. जानकी देवी बजाज (Janaki Devei Bajaj)
- 23. रतन शास्त्री (Ratan Shastri)
- 24. नारायणी देवी वर्मा (Narayani Devi Verma)
- 25. शान्ता त्रिवेदी (Shanta Trivedi)
- 26. सावित्री देवी भाटी (Savitri Devi Bhati)
- 27. महिमा देवी किंकर (Mahima Devi Kinkar)
- 28. राज कौर (Raj Kaur)
- 29. सिरे कंवर (Sire Kanwar)
- 30. प्रकाशवती सिन्हा (Prakashwati Sinha)
- 31. दुर्गावती शर्मा (Durgawati Sharam)
- 32. सरस्वती बोहरा (Saraswati Bohara)
- 33. कमला स्वाधीन (Kamala Swadhin)
1. अर्जुन लाल सेठी (Arjun Lal Sethi)-
- अर्जुन लाल सेठी जयपुर के रहने वाले थे।
- अर्जुन लाल सेठी ने जयपुर की महाराज कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई (Graduation) की थी।
- अर्जुन लाल सेठी चौमूं के सामंत देवीसिंह के सचिव थे।
- जयपुर महाराजा माधोसिंह-II अर्जुन लाल सेठी को प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे।
- अर्जुन लाल सेठी ने जवाब दिया था की "अर्जुन लाल नौकरी करेगा तो अंग्रेजों को देश से बाहर कोन निकालेगा"
- अर्जुन लाल सेठी ने मथुरा के जैन विद्यालय में अध्यापक का कार्य किया था।
- 1905 ई. में अर्जुन लाल सेठी ने "जैन शिक्षा प्रचारक समिति" (Jain Shiksha Pracharak Samiti) की स्थापना की थी।
- 1907 ई. में अर्जुन लाल सेठी ने जयपुर में वर्द्धमान विद्यालय की स्थापना की थी।
- जयपुर का वर्द्धमान विद्यालय क्रांतिकारियों की पाठशाला थी।
- अर्जुन लाल सेठी दिल्ली बम कांड से जुड़े हुए थे।
- दिल्ली बम कांड 1912 ई. का था।
- नीमेज हत्याकांड में अर्जुन लाल सेठी को गिरफ्तार कर लिया गया था तथा अर्जुन लाल सेठी को वैलूर जेल भेज दिया गया था।
- नीमेज हत्याकांड 1913 ई. का है।
- वैलूर नामक स्थान तमिलनाडु में स्थित है।
- नीमज नामक स्थान बिहार राज्य में स्थित है।
- नीमज को वर्तमान में आरा के नाम से जाना जाता है।
- अर्जुन लाल सेठी ने वैलूर जेल में भूख हड़ताल की थी।
- अर्जुन लाल सेठी ने गांधी जी के असहयोग आंदोलन में भाग लिया।
- अर्जुन लाल सेठी को राजपूताना व मध्य भारत में कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था।
- कालांतर में अर्जुन लाल सेठी ने सक्रिय राजनीति से सन्यास ले लिया था।
- अजमेर की दरगाह में अर्जुन लाल सेठी ने अरबी व फारसी पढ़ाना प्रारम्भ कर दिया था।
- अपनी अजमेर यात्रा के दौरान गांधी जी ने अर्जुन लाल सेठी से मुलाकाल की थी।
- अर्जुन लाल सेठी ने अशफाक उल्ला खाँ को जयपुर में रखा था। (काकोरी ट्रेन कांड)
- अजमेर में अर्जुन लाल सेठी की मृत्यु हुई थी।
- मृत्यु के बाद अर्जुन लाल सेठी का दफनाया गया था।
- अर्जुन लाल सेठी की पुस्तकें-
- (I) स्त्री मुक्ति (Stri Mukti)
- (II) शूद्र मुक्ति (Shudra Mukti)
- अर्जुन लाल सेठी के नाटक (Dramas)-
- (I) महेन्द्र कुमार (Mahendra Kumar)
- (II) मदन पराजय (Madan Parajay)
- (III) पार्श्व यज्ञ (Parshva Yajag)
- नीमेज हत्याकांड के अन्य आरोपी-
- (I) मोतीचन्द (Motichand)- फांसी
- (II) विष्णु दत्त (Vishhudutt)- काला पानी
- (III) जयचन्द (Jaichand)- फरार
- (IV) जोरावर सिंह (Jorawar Singh)- फरार
- (V) माणिक चन्द (Manik Chand)- सरकारी गवाह
- (VI) शिव नारायण (Shiv Narayan)- सरकारी गवाह
2. केसरी सिंह बारहठ (Kesari Singh Barhath)-
- जन्म स्थान- देरावर पुरा खेडा, शाहपुरा रियासत, भीलवाड़ा
- केसरी सिंह बारहठ ने मेवाड़ तथा कोटा रियासतों में कार्य किया था।
- केसरी सिंह बारहठ के कहने पर श्यामजी कृष्ण वर्मा ने मेवाड़ रियासत में कार्य किया था।
- 1903 ई. में गवर्नर जनरल लॉर्ड कर्जन ने दिल्ली दरबार का आयोजन किया था।
- मेवाड़ महाराणा फतेह सिंह दिल्ली दरबार में भाग लेने के लिए जा रहे थे।
- फतेह सिंह के दिल्ली दरबार में जाते समय केसरी सिंह बारहठ ने मेवाड़ महाराणा फतेह सिंह को 13 दोहे लिखकर भेजे थे जिन्हें "चेतावनी रा चूंगट्या" (Chetawani Ra Chungatya) कहा जाता है।
- चेतावनी रा यूंगट्या पढ़ने के बाद महाराणा फतेह सिंह ने दिल्ली दरबार में भाग नहीं लिया था।
- कोटा में केसरी सिंह बारहठ को "Superintendent of Ethnography" बनाया गया था।
- केसरी सिंह बारहठ को कोटा के महन्त प्यारेलाल हत्याकांड में गिरफ्तार किया गया था तथा अंग्रेजों ने केसरी सिंह बारहठ को हजारीबाग जेल भेज दिया था।
- महन्त प्यारेलाल हत्याकांड 1912 ई. का है।
- महन्त प्यारेलाल हत्याकांड के अन्य आरोपी-
- (I) सोमदत्त लहरी (Somdutt Lahari)
- (II) हीरालाल जालौरी (Heeralal Jalwari)
- (III) रामकरण (Ramkaran)
- (IV) लक्ष्मी लाल भटनागर- सरकारी गवाह
- हजारीबाग जेल पहले बिहार में थी वर्तमान में झारखंड में स्थित है।
- कालांतर में केसरी सिंह बारहठ गांधी जी के पास वर्धा आश्रम चले गये थे।
- वर्धा महाराष्ट्र में स्थित है।
- केसरी सिंह बारहठ की पुस्तकें-
- (I) प्रताप चरित्र (Pratap Charitra) या प्रताप की जीवनी
- (II) राजसिंह चरित्र (Raj Singh Charitra) या राजसिंह की जीवनी
- (III) दुर्गादास चरित्र (Durgadas Charitra) या दुर्गादास की जीवनी
- (IV) श्यामलदास जी चरित्र (Shyamal Dasji Charitra) श्यामलदास जी की जीवनी
- (V) बुद्धचरित (अश्वघोष) का हिन्दी अनुवाद या अश्वघोष की पुस्तक बुद्धचरित का हिन्दी अनुवाद
- (VI) मैजिनी की जीवनी का हिन्दी अनुवाद
- केसरी सिंह बारहठ के शिक्षा संबंधि विचार-
- (I) अंग्रेजी भाषा के स्थान पर हिन्दी भाषा पढ़ने की सलाह दी।
- (II) राजा महाराजाओं के बच्चों के लिए Mayo College के स्थान पर अलग से क्षत्रिय कॉलेज खोलने का प्रस्ताव दिया था।
- (III) उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड के स्थान पर जापान जाने की सलाह दी।
3. जोरावर सिंह बारहठ (Zorawar Singh Barhath)-
- जोरावर सिंह बारहठ केसरी सिंह बारहठ के छोटे भाई थे।
- जोरावर सिंह बारहठ दिल्ली बम कांड से जुड़े हुए थे।
- दिल्ली बम कांड 1912 ई. का था।
- जोरावर सिंह बारहठ नीमेज हत्याकांड से भी जुड़े हुए थे लेकिन अंग्रेज जोरावर सिंह बारहठ को कभी गिरफ्तार ही नहीं कर पाये थे।
- नीमेज हत्याकांड 1913 ई. का है।
- जोरावर सिंह बारहठ ने अपना अंतिम समय अमरदास बैरागी के रूप में बिताया था।
4. प्रताप सिंह बारहठ (Pratap Singh Barhath)-
- प्रताप सिंह बारहठ केसरी सिंह बारहठ के पुत्र थे।
- प्रताप सिंह बारहठ दिल्ली बम कांड से जुड़े हुए थे।
- दिल्ली बम कांड 1912 ई. का था।
- अंग्रेजों में प्रताप सिंह बारहठ को बनारस षड्यन्त्र मुकदमे में गिरफ्तार कर लिया था।
- बरेली जेल में पुलिस प्रताड़ना में प्रताप सिंह बारहठ की हत्या कर दी गई थी।
- चार्ल्स क्लीवलैंड ने प्रताप सिंह बारहठ की बहादुरी की प्रशंसा की थी।
- बीकानेर रियासत में प्रताप सिंह बारहठ के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था।
5. ईश्वर दान आसिया (Ishwar Dan Asiya)-
- ईश्वर दान आसिया केसरी सिंह बारहठ के दामाद थे।
- ईश्वर दान आसिया भी दिल्ली बम कांड से संबंधित है।
- रास बिहारी बोस ने केसरी सिंह बारहठ के परिवार की प्रशंसा की थी।
6. राव गोपाल सिंह खरवा (Rao Gopal Singh Kharwa)-
- राव गोपाल सिंह खरवा, खरवा के सामंत थे।
- खरवा राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित एक जगह का नाम है।
- प्रथम विश्व युद्ध के दौरान रासबिहारी बोस सम्पूर्ण भारत में क्रांति करना चाहते थे तथा इसके लिए 21 फरवरी 1915 का दिन तय किया गया था तथा राजस्थान में इसकी जिमेदारी राव गोपाल सिंह खरवा को दी गई थी।
- अंग्रेजों को योजना का पता चल गया था तथा राव गोपाल सिंह खरवा को गिरफ्तार कर लिया गया था।
- अंग्रेजों ने राव गोपाल सिंह खरवा को टॉडगढ़ जेल में रखा था लेकिन राव गोपाल सिंह खरवा टॉडगढ़ जेल से फरार हो गया था।
- अंग्रजों ने राव गोपाल सिंह खरवा को पुनः गिरफ्तार किया तथा राव गोपाल सिंह खरवा को अजमेर जेल में रखा तथा बाद में शाहजहाँपुर जेल भेज दिया गया था।
- टॉडगढ़ जेल राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित थी।
- कर्नल जेम्स टॉड के नाम पर ही टॉडगढ़ का नाम रखा गया था।
- शाहजहाँपुर नामक स्थान उत्तर प्रदेश में स्थित है।
- शाहजहाँपुर जेल को उस समय तिहाड जेल कहा जाता था।
- राव गोपाल सिंह खरवा ने अजमेर तथा जोधपुर के राजपूत सैनिकों का क्रांति में शामिल किया।
7. विजय सिंह पथिक (Vijay Singh Pathik)-
- जन्म स्थान- गुठावली, बुलन्दशहर , उत्तर प्रदेश
- वास्तविक नाम- भूप सिंह
- राव गोपाल सिंह खरवा की सहायता के लिए रास बिहार बोस ने विजय सिंह पथिक को राजस्थान भेजा था।
- अंग्रेजों ने विजय सिंह पथिक को गिरफ्तार कर टॉडगढ़ जेल में रखा था लेकिन विजय सिंह पथिक जेल से फरार हो गये थे।
- टॉडगढ़ जेल अजमेर में स्थित थी।
- विजय सिंह पथिक ने ओछड़ी में विद्या प्रचारिणी सभा की स्थापना की थी।
- ओछड़ी नामक स्थान राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है।
- विजय सिंह पथिक राजस्थान में किसान आंदोलनों के जनक थे। अर्थात् राजस्थान में किसान आंदोलनों का जनक विजय सिंह पथिक को कहा जाता है।
- विजय सिंह पथिक की पुस्तकें-
- (I) अजयमेरू
- (II) What are the Indian States?
8. जमनालाल बजाज (Jamnalal Bajaj)-
- जन्म स्थान- काशी का बास, सीकर, राजस्थान
- जमनालाल बजाज को गांधी जी का पांचवां पुत्र कहा जाता है।
- जमनालाल बजाज को गुलाम नम्बर-4 भी कहा जाता है।
- असहयोग आंदोलन के दौरान जमनालाल बजाज ने कांग्रेस को 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी थी।
- जमनालाल बजाज ने मुस्लिम लीग को भी 11000 रुपये की आर्थिक सहायता दी थी।
- असहयोग आंदोलन के दौरान जमनालाल बजाज ने अपनी रायबहादुर की उपाधी लौटा दी थी।
- 1927 ई. में बलवन्त सांवलाराम देशपांडे के साथ मिलकर जमनालाल बजाज ने अमरसर में चरखा संघ की स्थापना की थी।
- अमरसर नामक स्थान राजस्थान के जयपुर जिले में स्थित है।
9. हीरालाल शास्त्री (Hiralal Shastri)-
- 1927 ई. में हीरालाल शास्त्री ने निवाई में जीवन कुटीर की स्थापना की थी।
- निवाई राजस्थान के टोंक जिले में स्थित है।
- कालांतर में जीवन कुटीर वनस्थली विद्यापीठ में बदल गया था।
- वनस्थली विद्यापीठ महिला शिक्षा के लिए समर्पित संस्थान है।
- वनस्थली विद्यापीठ में पंचमुखी शिक्षा दी जाती है।
- हीरालाल शास्त्री की आत्मकथा- "प्रत्यक्ष जीवन शास्त्र"
- हीरालाल शास्त्री ने "प्रतलय प्रतीक्षा नमो नमो" नामक गीत लिखा था।
10. बालमुकुंद बिस्सा (Balmukund Bissa)-
- जन्म स्थान- पीलवा गाँव, नागौर जिला, राजस्थान
- बाल मुकुन्द बिस्सा ने नागौर व जोधपुर में खादी भंडार स्थापित किये थे।
- बाल मुकुन्द बिस्सा भूख हड़ताल के दौरान जोधपुर जेल में 19 जून 1942 ई. को शहीद हो गये थे।
- बाल मुकुन्द बिस्सा को "राजस्थान का जतिनदास" कहा जाता है।
11. सागरमल गोपा (Sagarmal Gopa)-
- सागरमल गोपा राजस्थान के जैसलमेर जिले के रहने वाले थे।
- सागरमल गोपा ने राजतंत्र तथा अंग्रेजी शासन का विरोध किया था।
- सागरमल गोपा की पुस्तकें-
- (I) आजादी के दीवाने (Azadi Ke Deewane)
- (II) जैसलमेर का गुंडाराज (Jaisalmer Ka Gunda Raj)
- (III) रघुनाथ सिंह का मुकदमा (Raghहnath Singh Ka Mukadama)
- जैसलमेर तथा हैदराबाद रियासतों ने सागरमल गोपा के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था।
- 3 अप्रैल 1946 ई. को जवाहर सिंह के शासन काल में सागरमल गोपा को जैसलमेर जेल में जिंदा जला दिया गया था।
- जवाहर सिंह जैसलमेर रियासत के राजा थे।
- सागरमल गोपा की हत्या की जाँच के लिए गोपाल स्वरुप पाठक आयोग बनाया गया था।
- गोपाल स्वरुप पाठक आयोग का अध्यक्ष गोपाल स्वरुप पाठक था।
12. रमेश स्वामी (Ramesh Swami)-
- रमेश स्वामी 5 फरवरी 1947 ई. को भुसावर में बेगार विरोधी आंदोलन में शहरी हो गये थे। (बस द्वारा कुचलकर)
- भुसावर राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित है।
13. शांतिलाल (Shantilal)-
- शांतिलाल 5 अप्रैल 1948 ई. को उदयपुर में पुलिस फायरिंग में शहीद हो गया था।
14. आनन्दीलाल (Anandilal)-
- आनन्दीलाल 5 अप्रैल 1948 ई. को उदयपुर में पुलिस फायरिंग में शहीद हो गया था।
15. रामकरण (Ramkaran)-
- रामकण 20 मई 1948 ई. को मोरीजा में पुलिस फायरिंग में शहीद हो गया था।
- मोरिजा गाँव राजस्थान के जयपुर जिले में स्थित है।
16. लूणकरण (Lunkaran)-
- लूणकरण 20 मई 1948 ई. को मोरीजा में पुलिस फायरिंग में शहीद हो गया था।
17. खूबाराम (Khubaram)-
- खूबाराम 20 मई 1948 ई. को मोरीजा में पुलिस फायरिंग में शहीद हो गया था।
18. ज्वाला प्रसाद शर्मा (Jwala Prasad Sharma)-
- ज्वाला प्रसाद शर्मा राजस्थान में अजमेर जिले के रहने वाले थे।
- ज्वाला प्रसाद शर्मा H.S.R.A. के सदस्य थे।
- H.S.R.A. = Hindustan Socialist Republican Association (हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन)
- H.S.R.A. भगत सिंह की पार्टी का नाम है।
- ज्वाला प्रसाद शर्मा में कई क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लिया था। जैसे-
- (I) मेयो कॉलेज बम कांड (Mayo College Bomb Case)
- (II) डोगरा कांड (Dogara Case)
- (III) अजमेर रेल हड़ताल (Ajmer Railway Strike)
19. दामोदर दास राठी (Damodar Das Rathi)-
- दामोदर दास राठी राजस्थान में जैसलमेर जिले के पोकरण के रहने वाले थे।
- दामोदर दास राठी ने ब्यावर में कई संस्थाओं की स्थापना की थी जैसे-
- (I) कृष्णा मिल (Krishna Mill)
- (II) नागरी प्रचारिणी सभा (Nagari Pracharini Sabha)
- (III) सनातन धर्म विद्यालय (Sanatan Dharma School)
- कृष्णा मिल राजस्थान की पहली सुती वस्त्र मिल है।
- दामोदर दास राठी ने हिन्दी भाषा को बढ़ावा दिया था।
- कृष्ण मिल के सभी खाते बही हिन्दी में रखे जाते थे।
- दामोदर दास राठी के कहने पर अजमेर के कमीश्नर ने अजमेर के सभी कार्यालयों में हिन्दी के प्रयोग को अनुमति दे दी थी।
- दामोदर दास राठी स्वतंत्रता सेनानियों को वित्तीय सहायता प्रदान करते थे।
- (I) दामोदर दास राठी- राजस्थान में स्वतंत्रता संग्राम के भामाशाह
- (II) नृसिंह दास अग्रवाल- राजस्थान में स्वतंत्रता संग्राम के भामाशाह
- (III) घीसू लाल जाजोदिया- राजस्थान में स्वतंत्रा संग्राम के भामाशाह
20. अंजना देवी चौधरी (Anjana Devi Chaudhary)-
- जन्म स्थान- श्रीमाधोपुर, सीकर जिला, राजस्थान
- अंजना देवी चौधरी ने मेवाड़ तथा बूंदी के किसान आंदोलनों में भाग लिया था।
- अंजना देवी चौधरी को नमक सत्याग्रह के दौरान गिरफ्तार किया गया था।
- अंजना देवी चौधरी राजस्थान की किसी भी रियासत की पहली महिला थी जिन्हें स्वतंत्रता संग्राम में गिरफ्तार किया गया था।
21. रमा देवी जोशी (Rama Devi Joshi)-
- जन्म स्थान- जयपुर, राजस्थान
- पति- लादूराम जोशी (Laduram Joshi)-
- लादूराम जोशी के साथ रमा देवी जोशी का विधवा पुनर्विवाह हुआ था।
- रमा देवी जोशी को बिजौलिया किसान आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किया गया था।
- बिजौलिया कियान आंदोलन में गिरफ्तारी के समय रमा देवी जोशी ने कहा था की "जब तक किसानों पर अत्याचार समाप्त नहीं होंगे मैं बार-बार यहाँ आती रहूंगी"
- रमा देवी जोशी को सविनय अवज्ञा आंदोलन में भी गिरफ्तार किया गया था।
22. जानकी देवी बजाज (Janaki Devei Bajaj)-
- जन्म स्थान- जावरा, मध्य प्रदेश
- पति- जमनालाल बजाज
- जानकी देवी बजाज ने अपना लम्बा समय वर्धा आश्रम में बिताया था।
- जानकी देवी बजाज को जयपुर प्रजामंडल का अध्यक्ष बनाया गया था।
- जानकी देवी बजाज को गौ सेवा आयोग का भी अध्यक्ष बनाया गया था।
- जानकी देवी बजाज ने भूदान आंदोलन में भी भाग लिया था।
- जानकी देवी बजाज ने 108 कुओं का निर्माण करवाया था।
- 1956 ई. में जानकी देवी बजाज को पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- राजस्थान में पहली बार पद्म विभूषण पुरस्कार जानदी देवी बजाज को दिया गया था।
23. रतन शास्त्री (Ratan Shastri)-
- जन्म स्थान- खाचरोद, मध्य प्रदेश
- रतन शास्त्री ने जयपुर प्रजामंडल के सत्याग्रह में भाग लिया था।
- भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान रतन शास्त्री ने भूमिगत कार्यकर्ताओं तथा उनके परिवारों की सेवा की थी।
- 1955 ई. में रतन शास्त्री को पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
- रतन शास्त्री राजस्थान की पहली महिला है जिन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- 1975 ई. में रतन शास्त्री को पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
24. नारायणी देवी वर्मा (Narayani Devi Verma)-
- 1944 ई. में नारायणी देवी वर्मा ने भीलवाड़ा में महिला आश्रम की स्थापना की थी।
- कालांतर में नारयणी देवी वर्मा को राज्यसभा सदस्य बनाया गया था।
- नारायणी देवी वर्मा 1970-76 ई.तक राज्य सभा सदस्य रही थी।
25. शान्ता त्रिवेदी (Shanta Trivedi)-
- शान्ता त्रिवेदी ने उदयपुर में महिला परिषद की स्थापना की थी।
- शान्ता त्रिवेदी ने कहा था की "बिना आर्थिक सशक्तिकरण के महिलाओं के लिए राजनीतिक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है।"
26. सावित्री देवी भाटी (Savitri Devi Bhati)-
- जन्म स्थान- जौधपुर
27. महिमा देवी किंकर (Mahima Devi Kinkar)-
- जन्म स्थान- जौधपुर
28. राज कौर (Raj Kaur)-
- जन्म स्थान- जौधपुर
29. सिरे कंवर (Sire Kanwar)-
- जन्म स्थान- जौधपुर
30. प्रकाशवती सिन्हा (Prakashwati Sinha)-
- जन्म स्थान- अजमेर
31. दुर्गावती शर्मा (Durgawati Sharam)-
- जन्म स्थान- जयपुर
32. सरस्वती बोहरा (Saraswati Bohara)-
- जन्म स्थान- भरतपुर
33. कमला स्वाधीन (Kamala Swadhin)-
- जन्म स्थान- कोटा