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राजस्थान की जलवायु (Climate of Rajasthan)

राजस्थान की जलवायु (Climate of Rajasthan)-

  • (A) जलवायु का अर्थ (Meaning of Climate)
  • (B) राजस्थान की जलवायु (Climate of Rajasthan?)
  • (C) जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक (Climate Effecting Factors)
  • (D) राजस्थान की जलवायु का वर्गीकरण (Classification of Climate of Rajasthan)
  • (E) राजस्थान की जलवायु का ऋतु वर्गीकरण (Season Classification of Climate of Rajasthan)


(A) जलवायु का अर्थ (Meaning of Climate)-

  • जलवायु (Climate)- पृथ्वी के चारों ओर वायुमंडल की 'दीर्घकालीक घटनाओं' (Long Term Phenomena) को जलवायु कहा जाता है।
  • जलवायु का निर्धारण 30 वर्षों की औसत मौसमी दशाओं के आधार पर किया जाता है।
  • मौसम (Weather)- पृथ्वी के चारों ओर वायुंडल की 'अल्पकालीक घटनाओं' (Short Term Phenomena) को मौसम कहा जाता है।


(B) राजस्थान की जलवायु (Climate of Rajasthan)-

  • राजस्थान की जलवायु "उपोष्ण एवं शुष्क तुल्य जलवायु" (Subtropical & Arid Type Climate) है।  (तापमान के अनुसार)


(C) जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक (Climate Effecting Factors)-

  • 1. अक्षांशीय स्थिति एवं विस्तार (Latitudinal Position and Extension)-
  • (I) राजस्थान की जलवायु निम्न अक्षांश (भूमध्य रेखा) से अधिक प्रभावित है।
  • (II) निम्न अक्षांश (Lower Latitude)- 0° अक्षांश (भूमध्य रेखा)
  • (III) उच्च अक्षांश (High Latitude)- 90° अक्षांश
  • 2. सागर से दूरी (Distance From Sea)-
  • (I) सागर के पास आर्द्रता (Humidity) अधिक होती है।
  • (II) सागर से दूरी बढ़ने पर आर्द्रता कम होने लगती है।
  • (III) राजस्थान में आर्द्र दशाएं कम पायी जाती है।
  • 3. सागर तल से ऊँचाई (Height Above Sea Level) या उच्चावच (Relief Feature)
  • (I) समुद्र तल से ऊँचाई बढ़ने पर तापमान का मान घटता है।
  • (II) समुद्र तल से ऊँचाई घटने पर तापमान का मान बढ़ता है।
  • (III) राजस्थान में निम्न उच्चावच की स्थिति अधिक पायी जाती है इसलिए राजस्थान में तापमान अधिक पाया जाता है।
  • (IV) राजस्थान में दक्षिणी अरावली (राजसमंद, उदयपुर, सिरोही) में सामान्यतः निम्न तापीय दशाएं (Low Temperature) पायी जाती है क्योंकि दक्षिणी अरावली समुद्र तल से अधिक ऊँचाई पर है।
  • 4. पर्वतों की स्थिति या दिशा (Location or Direction of Mountain)-
  • (I) पर्वत तापमान (Temperature) को प्रभावित करते हैं।
  • (II) पर्वत वर्षा (Rainfall) को प्रभावित करते हैं।
  • 5. मानसूनी पवनों की दिशा (Direction of Monsoon Winds)-
  • (I) ग्रीष्म ऋतु में मानसून की दिशा जल से स्थल की ओर होती है।
  • (II) शीत ऋतु में मानसून की दिशा स्थल से जल की ओर होती है।
  • (III) ग्रीष्म ऋतु में सामान्यतः जब मानसूनी पवनें जलीय भाग (महासागर) से स्थलीय (महाद्वीप) की ओर चलती है तब मानसूनी पवनों में आर्द्रता अधिक होती है।
  • (IV) शीत ऋतु में सामान्यतः जब मानसूनी पवनें स्थलीय भाग (महाद्वीप) से जलीय भाग (महासागर) की ओर चलती है तब मानसूनी पवनों में आर्द्रता कम होती है।
  • 6. उच्च वायुमंडलीय पवन संचरण (Upper Atmospheric Wind Circulation) या जेट स्ट्रीम (जेट स्ट्रीम की खोज 1947 में C.R. रोसबी के द्वारा की गई थी।)
  • 7. महासागरीय जलधाराएं (Oceanic Current)-
  • (I) ठंडी महासागरीय जलधाराओं (Cold Oceanic Currents) के कारण वर्षा कम होती है।
  • (II) गर्म महासागरीय जलधाराओं (Hot Oceanic Currents) के कारण वर्षा अधिक होती है।
  • विशेष- जलवायु को सर्वाधिक प्रभावित करने वाला कारक तापमान है।


(D) राजस्थान की जलवायु का वर्गीकरण (Classification of Climate of Rajasthan)-

  • (अ) राजस्थान की जलवायु का सामान्य वर्गीकरण (General Classification of Climate of Rajasthan)
  • (ब) राजस्थान की जलवायु का व्यक्तिगत वर्गीकरण (Individual Classification of Climate of Rajasthan)


(अ) राजस्थान की जलवायु का सामान्य वर्गीकरण (General Classification of Climate of Rajasthan)-

  • सामान्य जलवायु वर्गीकरण के अनुसार राजस्थान की जलवायु को 5 भागों में बांटा गया है।
  • राजस्थान की सामान्य जलवायु वर्गीकरण का आधार तापमान (Temperature) एवं वर्षा (Rainfall) है।
  • 1. शुष्क कटिबंधीय जलवायु (Arid Zone Climate)
  • 2. अर्द्धशुष्क जलवायु (Semi-Arid Climate)
  • 3. उपार्द्र जलवायु (Sub Humid Climate)
  • 4. आर्द्र जलवायु (Humid Climate)
  • 5. अतिआर्द्र जलवायु (Very Humid Climate) 


1. शुष्क कटिबंधीय जलवायु (Arid Zone Climate)-

  • वर्षा (Rainfall)- 0-20 cm

  • भौतिक प्रदेश (Physical Region)- मरुस्थल 


2. अर्द्धशुष्क जलवायु (Semi-Arid Climate)-

  • वर्षा (Rainfall)- 20-40 cm

  • भौतिक प्रदेश (Physical Region)- मरुस्थल


3. उपार्द्र जलवायु (Sub Humid Climate)-

  • वर्षा (Rainfall)- 40-60 cm

  • भौतिक प्रदेश (Physical Region)- अरावली


4. आर्द्र जलवायु (Humid Climate)-

  • वर्षा (Rainfall)- 60-80 cm

  • भौतिक प्रदेश (Physical Region)- पूर्वी मैदान


5. अतिआर्द्र जलवायु (Very Humid Climate) -

  • वर्षा (Rainfall)- 80-120 cm

  • भौतिक प्रदेश (Physical Region)- हाड़ौती, 


(ब) राजस्थान की जलवायु का व्यक्तिगत वर्गीकरण (Individual Classification of Climate of Rajasthan)-

  • 1. कोपेन का जलवायु वर्गीकरण (Koppen's Climate Classification)
  • 2. ट्रिवार्था का जलवायु वर्गीकरण (Trewartha's Climate Classification)
  • 3. थॉर्नथ्वेट का जलवायु वर्गीकरण (Thornthwaite's Climate Classification)


1. 👉कोपेन के अनुसार राजस्थान की जलवायु की अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।

2. 👉ट्रिवार्था के अनुसार राजस्थान की जलवायु की अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।

3. 👉थॉर्नथ्वेट के अनुसार राजस्थान की जलवायु की अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लि करें।


(E) राजस्थान की जलवायु का ऋतु वर्गीकरण (Season Classification of Climate of Rajasthan)-

  • जलवायु के अनुसार राजस्थान में ऋतु को 4 भागों में बांटा गया है। जैसे-
  • 1. ग्रीष्म ऋतु (Summer Season)- मार्च-जून
  • 2. वर्षा ऋतु (Rain Season)- जून-सितम्बर
  • 3. शरद ऋतु (Autumn Season)- अक्टूबर-नवम्बर
  • 4. शीत ऋतु (Winter Season)- दिसम्बर-फरवरी


1. ग्रीष्म ऋतु (Summer Season)-

  • समय (Time)- मार्च से जून तक
  • औसत तापमान (Average Temperature)- 30℃-40℃
  • ग्रीष्म ऋतु में राजस्थान में सर्वाधिक गर्म जिला चूरू है।
  • ग्रीष्म ऋतु में राजस्थान में सर्वाधिक गर्म स्थान फलौदी (जोधपुर) है।
  • ग्रीष्म ऋतु में राजस्थान में सर्वाधिक गर्म माह जून है।
  • ग्रीष्म ऋतु में राजस्थान में सर्वाधिक ठंडा जिला सिरोही है।
  • ग्रीष्म ऋतु में राजस्थान में सर्वाधिक ठंडा स्थान माउंट आबू (सिरोही) है।
  • सिरोही जिले का सर्वाधिक ठंडा होने का कारण उच्चावच अधिक होना है। अर्थात् ऊंचाई बढ़ने पर तापमान कम होता है।
  • तापान्तर (Range of Temperature)- एक निश्चित समय में अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान के अंतर को तापान्तर कहा जाता है।
  • राजस्थान में सर्वाधिक दैनिक तापान्तर जैसलमेर जिले में रहता है।
  • राजस्थान में सर्वाधिक वार्षिक तापान्तर चूरू जिले में रहता है।
  • घटनाएं (Phenomena)-
  • (I) लू (Loo)
  • (II) आँधी (Dust Storm)
  • (III) भभूल्या (Dust Cyclone)


(I) लू (Loo)-

  • परिभाषा (Definition)- ग्रीष्म ऋतु के दौरान चलने वाली गर्म एवं शुष्क हवाएं लू कहलाती है।
  • कारण (Cause)- हवाओं का अभिवहनीय प्रवाह (Advection flow of winds or air) अर्थात् हवाओं का क्षैतिज प्रवाह
  • प्रभावित क्षेत्र (Effective Region)- उत्तरी-पश्चिमी राजस्थान (सर्वाधिक बाड़मेर)
  • विशेषता (Feature)- लू ग्रीष्म ऋतु की वह घटना है जो तापमान को बढ़ाती है।


(II) आँधी (Dust Storm)-

  • परिभाषा (Definition)- ग्रीष्म ऋतु के दौरान चलने वाली धूलभरी एवं आर्द्रता युक्त हवाओं (Dusty & Humid Winds) को आँधी कहा जाता है।
  • कारण (Cause)- हवाओं का संवहनीय प्रवाह (Convection flow of winds or air) अर्थात् हवाओं का लम्बवत प्रवाह
  • प्रभावित क्षेत्र (Effective Region)- उत्तरी राजस्थान (सर्वाधिक श्री गंगानगर- लगभग 27 दिन)
  • विशेषता (Feature)- आँधी ग्रीष्म ऋतु की वह घटना है जो तापमान को घटाती है।
  • दिशा (Direction)- राजस्थान में आंधियों की दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर होती है।


(III) भभूल्या (Dust Cyclone)-

  • परिभाषा (Definition)- ग्रीष्म ऋतु में धूल भरी एवं चक्रवाती हवाओं को भभूल्या कहा जाता है।
  • कारण (Cause)- किसी स्थान विशेष के केंद्र में निम्न वायु दाब तथा परिधि में उच्च वायु दाब
  • केंद्र में अधिक तापमान के कारण वायु दाब निम्न होता है।
  • परिधि में कम तापमान के कारण वायु दाब अधिक होता है।
  • प्रभावित क्षेत्र (Effective Region)- उत्तरी-पश्चिमी राजस्थान (सर्वाधिक बीकानेर)


2. वर्षा ऋतु (Rain Season)-

  • समय (Time)- जून-सितम्बर
  • घटनाएं (Phenomena)-
  • (I) मानसून (Monsoon)


👉राजस्थान में मानसून की अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।


3. शरद ऋतु (Autumn Season)-

  • समय (Time)- अक्टूबर-नवम्बर
  • घटनाएं (Phenomena)-
  • (I) मानसून निवर्तन (Retreating at Monsoon)
  • (II) कार्तिक हीट (Kartik Heat)


4. शीत ऋतु (Winter Season)-

  • समय (Time)- दिसम्बर-फरवरी
  • घटनाएं (Phenomena)-
  • (I) मावठ (Mawath)
  • (II) शीत लहर (Cold Wave)


(I) मावठ (Mawath)-

  • परिभाषा (Definition)- शीत ऋतु में होने वाली वर्षा को मावठ कहा जाता है। जो पश्चिमी विक्षोभ (Jet Stream/जेट स्ट्रीम) द्वारा भूमध्य सागर (Mediterranean Sea) से आती है।
  • समय (Time)- दिसम्बर-मार्च
  • वार्षिक वर्षा में योगदान (Contribution to Annual Rainfall)- राजस्थान में कुल वर्षा में 90% योगदान मानसून का तथा 10% योगदान मावठ का होता है।
  • प्रभावित क्षेत्र (Effective Region)- उत्तरी पश्चिमी राजस्थान जैसे- श्री गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर
  • प्रमुख लाभान्वित फसल (Main Beneficiary Crop)- रबी फसलें जैसे- गेहूँ (Wheat)
  • मावठ को सोने की बूंद या गोल्डन ड्रोप्स (Golden Drops) या स्वर्णिम बौछार कहा जाता है क्योंकि मावठ के द्वारा सर्वाधिक लाभान्वित फसल गेहूँ है।
  • मावठ या शीतकालीन मानसून को भूमध्य सागरीय मानसून (Mediterranean Sea Monsoon) या शीतोष्ण कटिबंधीय मानसून (Temperate Zonal Monsoon) या उत्तर-पश्चिम मानसून (North-West Monsoon) कहा जाता है।


(II) शीत लहर (Cold Wave)-

  • अर्थ (Meaning)- शीत ऋतु में हिमालय के ओर से आने वाली ठंडी हवाओं को शीत लहर कहा जाता है।
  • दिशा (Direction)- राजस्थान में शीत लहर की दिशा उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर होती है।
  • समय (Time)- राजस्थान में शीत लहर का समय मुख्यतः जनवरी है।
  • प्रभावित क्षेत्र (Effected Region)- चूरू (सर्वाधिक), सीकर, बीकानेर


जलवायु से संबंधित अन्य तथ्य (Other Facts Related to Climate)-

  • 1. समवर्षा रेखा (Isohyet Line)
  • 2. समवायुदाब रेखा (Isobar Line)


1. समवर्षा रेखा (Isohyet Line)-

  • मानचित्र या चार्ट में एक समान वर्षा वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखा को समवर्षा रेखा कहा जाता है।


राजस्थान की प्रमुख समवर्षा रेखा (Main Isohyet Line of Rajasthan)-

  • (I) 25 cm समवर्षा रेखा (25 cm Isohyet Line)
  • (II) 40 cm समवर्षा रेखा (40 cm Isohyet Line)
  • (III) 50 cm/500 mm समवर्षा रेखा (500 cm Isohyet Line)


        (I) 25 cm समवर्षा रेखा (25 cm Isohyet Line)-

        • 25 cm समवर्षा रेखा मरुस्थल को दो भागों में बांटती है। जैसे
        • (A) शुष्क मरुस्थल
        • (B) अर्द्धशुष्क मरुस्थल


        (II) 40 cm समवर्षा रेखा (40 cm Isohyet Line)-
        • 40 cm समवर्षा रेखा राजस्थान को दो बराबर भागों में बांटती है।

        • 40 cm समवर्षा रेखा पश्चिमी मरुस्थल की पूर्वी सीमा है।


        (III) 50 cm/500 mm समवर्षा रेखा (50 cm Isohyet Line)-
        • 50 cm समवर्षा रेखा अरावली पर स्थित है जो पूर्वी मैदान एवं पश्चिमी मरुस्थल को अलग करती है।


        2. समवायुदाब रेखा (Isobar Line)-

        • मानचित्र या चार्ट में एक समान वायुदाब वाले स्थान को मिलाने वाली रेखा को समवायुदाब रेखा कहा जाता है।


        राजस्थान में समवायुदाब रेखाएं (Isobar Line of Rajasthan)-

        • (I) जनवरी में समवायुदाब रेखाएं (Isobar Lines in January)
        • (II) जुलाई में समवायुदाब रेखाएं (Isobar Lines in July)


        (I) जनवरी में समवायुदाब रेखाएं (Isobar Lines in January)-

        • राजस्थान में जनवरी में तापमान निम्न व वायुदाब उच्च होता है।
        • राजस्थान में जनवरी में 2 समवायुदाब रेखाएं बनती है। जैसे-
        • (अ) 1018 mb समवायुदाब रेखा (1018 mb Isobar Line)
        • (ब) 1019 mb समवायुदाब रेखा (1019 mb Isobar Line)


        (अ) 1018 mb समवायुदाब रेखा (1018 mb Isobar Line)-

        • 1018 mb समवायुदाब रेखा पर तापमान कम व वायुदाब अधिक होता है।

        • विस्तार- बीकानेर, चूरू, सीकर


        (ब) 1019 mb समवायुदाब रेखा (1019 mb Isobar Line)-

        • 1019 mb समवायुदाब रेखा पर तापमान अदिक व वायुदाब कम होता है।

        • विस्तार- जैसलमेर, जोधपुर, पाली, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, झालावाड़


        (II) जुलाई में समवायुदाब रेखाएं (Isobar Lines in July)-

        • राजस्थान में जुलाई में तापमान उच्च व वायुदाब निम्न होता है।
        • राजस्थान में जुलाई में 4 समवायुदाब रेखाएं बनती है। जैसे-
        • (अ) 997 mb समवायुदाब रेखा (997 mb Isobar Line)
        • (ब) 998 mb समवायुदाब रेखा (998 mb Isobar Line)
        • (स) 999 mb समवायुदाब रेखा (999 mb Isobar Line)
        • (द) 1000 mb समवायुदाब रेखा (1000 mb Isobar Line)


        (अ) 997 mb समवायुदाब रेखा (997 mb Isobar Line)-

        • विस्तार- श्री गंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर


        (ब) 998 mb समवायुदाब रेखा (998 mb Isobar Line)-

        • विस्तार- बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, चूरू


        (स) 999 mb समवायुदाब रेखा (999 mb Isobar Line)-

        • विस्तार- जालौर, पाली, अजमेर, टोंक, सवाई माधोपुर)


        (द) 1000 mb समवायुदाब रेखा (1000 mb Isobar Line)-

        • विस्तार- सिरोही, उदयपुर, प्रतापगढ़, झालावाड़)


        अन्य महत्वपूर्ण तथ्य (Other Important Facts)-

        • भारत में मानसून को दक्षिण-पश्चिम मानसून कहा जाता है। (अगमन)
        • भारत में लौटता हुए मानसून को उत्तर-पूर्व मानसून कहा जाता है।
        • विश्व में अधिकतम वर्षा की पेटी भूमध्य रेखा को कहा जाता है।


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