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प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY)

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana-  PMKSY)

  • PMKSY Full Form = Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana
  • PMKSY का पूरा नाम = प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत 1 जुलाई 2015 को की गई थी।
  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में केंद्र व राज्यों की वित्तीय हिस्सेदारी क्रमशः 60 : 40 है।


मंत्रालय (Ministry)-

  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) का क्रियान्वयन निम्नलिखित मंत्रालयों के द्वारा किया जा रहा है।
  • (I) जल शक्ति मंत्रालय (Ministry of Jal Shakti)
  • (II) ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development)
  • (III) कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (Ministry of Agriculture and Farmers Welfare)
  • जल शक्ति मंत्रालय का पहले नाम जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय (Ministry of Water Resources, River Development and Ganga Rejuvenation) था।


प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के उद्देश्य (Objectives of Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana)-

  • मानसून पर खेती पर खेती की निर्भरता को कम करना।
  • हर खेत को पानी पहुंचाना।


प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के घटक (Components of Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana)-

  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तीन मुख्य घटक है। जैसे-
  • (I) प्रति बूंद अधिक फसल (Per Drop More Crop)
  • (II) हर खेत को पानी (Water to Every Field)
  • (III) एकीकृत वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम (Integrated Watershed Management Program)


(I) प्रति बूंद अधिक फसल (Per Drop More Crop)-

  • प्रति बूंद अधिक फसल के तहत सूक्ष्म सिंचाई (बूंद-बूंद सिंचाई या फव्वारा या स्प्रिंकलर सिंचाई) को बढ़ावा दिया जाता है।।
  • प्रति बूंद अधिक फसल हेतु 10,000 करोड़ रुपये की सूक्ष्म सिंचाई निधि (Micro Irrigation Fund) बनायी गई है।


(II) हर खेत को पानी (Water to Every Field)-

  • हर खेत को पानी के तहत प्रत्येक खेत तक सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
  • "त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम" (Accelerated Irrigation Benefit Program) के तहत मध्यम व वृहद सिंचाई परियोजना को पूरा किया जाता है।


(III) एकीकृत वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम (Integrated Watershed Management Program)-

  • एकीकृत वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम के तहत चेक डेम, तालाब, जोहड़ी, बावड़ियां आदि का विकास करके परंपरागत भंडारण तंत्र का संरक्षण व नवीनीकरण किया जाता है।

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