Ads Area

भारत निर्वाचन आयोग (ECI)

भारत का निर्वाचन आयोग (Election Commission of India- ECI)-

  • स्थापना- 25 जनवरी, 1950 (संविधान के अनुसार स्थापना)
  • यह एक स्थायी, स्वतंत्र एवं संवैधानिक आयोग (Constitutional Commission) है।
  • यह अखिल भारतीय आयोग है।
  • उल्लेख- भाग-15 व अनुच्छेद 324-329
  • राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी को मनाया जाता है।

  • निर्वाचन आयोग ने अपना स्वर्ण जयंती वर्ष 2001 में मनाया था।

  • मुख्यालय- नई दिल्ली


संरचना (Structure)-

  • स्थापना के समय यह एक सदस्यीय आयोग था। जैसे-
  • (I) मुख्य निर्वाचन आयुक्त (Chief Election Commissioner)- 1
  • 16 अक्टूबर, 1989 से 1 जनवरी 1990 तक निर्वाचन आयोग में पहली बार 3 सदस्य नियुक्त किये गये थे। जैसे-
  • (I) मुख्य निर्वाचन आयुक्त (Chief Election Commissioner)- 1
  • (II) अन्य निर्वाचन आयुक्त (Chief Election Commissioner)- 2
  • 1 अक्टूबर, 1993 से निर्वाचन आयोग स्थायी रूप से बहुसदस्यीय आयोग है अर्थात् 1 अक्टूबर, 1993 से निर्वाचन आयोग में कुल 3 सदस्य है। जैसे-
  • (I) मुख्य निर्वाचन आयुक्त (Chief Election Commissioner)- 1
  • (II) अन्य निर्वाचन आयुक्त (Other Election Commissioner)- 2
  • निर्वाचन आयोग में सदस्यों की संख्या का निर्धारण राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।
  • निर्वाचन आयोग में अन्य निर्वाचन आयुक्त का उल्लेख संविधान में नहीं किया गया है।


निर्वाचन आयोग के स्तर-

  • केंद्र स्तर पर- मुख्य निर्वाचन आयुक्त (1) व अन्य निर्वाचन आयुक्त (2)
  • राज्य स्तर पर- राज्य निर्वाचन अधिकारी
  • जिला स्तर पर- जिला निर्वाचन अधिकारी
  • उपखण्ड स्तर पर- उपजिला निर्वाचन अधिकारी
  • मतदान केंद्र पर- पीठासीन अधिकारी


नियुक्ति (Appointment)-

  • मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा चयन समिति की सिफारिश पर की जाती है जिसमें 3 सदस्य होते हैं। जैसे-
  • (I) प्रधानमंत्री
  • (II) विपक्ष का नेता
  • (III) कैबिनेट मंत्री
  • अन्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री एवं मंत्रिपरिषद की सिफारिश पर की जाती है।


विशेष-

  • हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया की मुख्य निर्वाचन आयुक्त की चयन समिति में निम्न 3 सदस्य होंगे।-
  • (I) प्रधानमंत्री
  • (II) विपक्ष का नेता
  • (III) सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश (CJI)
  • सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय के खिलाफ सरकार द्वारा एक बिल लाया गया जिसके अनुसार मुख्य निर्वाचन आयुक्त की चयन समिति में निम्न 3 सदस्य होंगे।-
  • (I) प्रधानमंत्री
  • (II) विपक्ष का नेता
  • (III) कैबिनेट मंत्री


पुनर्नियुक्ति (Reappointment)-

  • मुख्य निर्वाचन आयुक्त व अन्य निर्वाचन आयुक्त को पुनर्नियुक्ति भी किया जा सकता है।


त्यागपत्र (Resignation Letter)-

  • मुख्य निर्वाचन आयुक्त व अन्य निर्वाचन आयुक्त अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को देते हैं।


योग्यता (Qualification)-

  • संविधान में निर्वाचन आयोग के सदस्यों की योग्यता का निर्धारण नहीं किया गया है।


कार्यकाल (Tenure)-

  • मुख्य निर्वाचन आयुक्त व अन्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु जो भी पहले हो।


वेतन (Salary)-

  • मुख्य निर्वाचन आयुक्त व अन्य निर्वाचन आयुक्त के वेतन व भत्ते भारत की संचित निधि पर भारीत नहीं हैं।
  • मुख्य निर्वाचन आयुक्त व अन्य निर्वाचन आयुक्त के वेतन व भत्ते का निर्धारण संसद द्वारा किया जाता है।
  • वर्तमान में मुख्य निर्वाचन आयुक्त व अन्य निर्वाचन आयुक्त का वेतन सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान दिया जाता है।
  • वर्तमान में निर्वाचन आयोग के सदस्यों का वेतन 2.5 लाख रुपये प्रतिमाह है।
  • निर्वाचन आयोग के सदस्यों के वेतन में कटौती नहीं की जा सकती है।


निष्कासन प्रक्रिया या पद से हटाने की प्रक्रिया (Removal Process)-

  • मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पद से हटाने की प्रक्रिया सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान है अर्थात् मुख्य निर्वाचन आयुक्त को संसद (राष्ट्रपति) द्वारा महाभियोग के माध्यम से ही हटाया जा सकता है।
  • न्यायाधीश को पद से हटाने की प्रक्रिया का उल्लेख अनुच्छेद 124 में किया गया है।
  • निष्कासन का आधार-
  • (I) अक्षमता (Incapacity)
  • (II) कदाचार (Misconduct)
  • अन्य निर्वाचन आयुक्त को राष्ट्रपति द्वारा मुख्य निर्वाचन आयुक्त की सिफारिश पर पद से हटाया जा सकता है।


निर्वाचन आयोग के कार्य (Functions of Election Commission)-

  • जन प्रतिनिधित्व एक्ट 1950-51 द्वारा शक्तियां विस्तारित की गई है।
  • 1. प्रशासनीक कार्य
  • 2. सलाहकारी कार्य जैसे-
  • (I) अनुच्छेद 103 के अनुसार किसी सांसद (MP) को अयोग्य घोषित करने के संबंध में राष्ट्रपति को सलाह देना।
  • (II) अनुच्छेद 192 के अनुसार किसी विधायक (MLA) को अयोग्य घोषित करने के संबंध में राज्यपाल को सलाह देना।
  • 3. अर्द्धन्यायिक कार्य जैसे-
  • (I) राजनीतिक पार्टियों के आपसी विवादों का निपटारा करना।
  • 4. राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति के चुनावों की अधिसूचना जारी करना।
  • 5. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, संसद (लोकसभा, राज्यसभा), राज्य विधानमंडल (विधानसभा, विधानपरिषद) के चुनाव करवाना।
  • 6. चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करना।
  • 7. मतदाता सूची तैयार करना, समय-समय पर संशोधन करना एवं सभी पात्र मतदाताओं को पंजीकृत करना।
  • 8. राजनीतिक पार्टी का पंजीकरण करना। (पंजीकरण रद करने की शक्ति नहीं)
  • 9. राजनीतिक पार्टियों को राष्ट्रीय पार्टी व राज्य पार्टी का दर्जा देना।
  • 10. राजनीतिक दलों को चुनाव चिह्न वितरित करना तथा इससे संबंधी विवाद का निस्तारण करना।
  • 11. आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct- MCC) का विनियमन करना।
  • 12. संसद के परिसीमन एक्ट के आधार पर निर्वाचन क्षेत्र का निर्धारण करना।

  • 13. निर्वाचन सम्पन्न करवाने के लिए राष्ट्रपति व राज्यपाल से कर्मचारियों की आवश्यकता को लेकर आग्रह करना।


विशेष-

  • राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति के चुनावों की अधिसूचना भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी की जाती है।
  • लोकसभा (MP) व राज्यसभा (MP) के चुनावों की अधिसूचना राष्ट्रपति द्वारा जारी की जाती है।
  • विधानसभा (MLA) व विधानपरिषद (MLC) के चुनावों की अधिसूचना राज्यपाल द्वारा जारी की जाती है।


अनुच्छेद 324-

  • अनुच्छेद 324 में भारत के निर्वाचन आयोग की संरचना का उल्लेख किया गया है।

  • इसमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया का भी उल्लेख किया गया है।


अनुच्छेद 325-

  • अनुच्छेद 325 के अनुसार जाति, मूलवंश, धर्म, लिंग के आधार पर किसी व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता है।


अनुच्छेद 326-

  • 61वें संविधान संशोधन, 1989 द्वारा अनुच्छेद 326 में वयस्क मताधिकार की आयु 18 वर्ष कर दी गई।
  • इससे पहले वयस्क मताधिकार की आयु 21 वर्ष थी।
  • इसके तहत अनिवासी भारतीय (NRI), मानसिक विकृतचित तथा कैदी को मतदान अधिकार से वंचित किया जा सकता है।


अनुच्छेद 327-

  • अनुच्छेद 327 में निर्वाचन के संबंध में उपबंध करने की संसद की शक्ति का उल्लेख किया गया है। अर्थात् संसद निर्वाचन संबंधी नियम भी बना सकती है।


अनुच्छेद 328-

  • अनुच्छेद 328 में निर्वाचन के संबंधि में उपबंध करने की राज्य विधानमंडल की शक्ति का उल्लेख किया गया है अर्थात् राज्य विधानमंडल निर्वाचन संबंधी नियम भी बना सकती है।


अनुच्छेद 329-

  • अनुच्छेद 329 में निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालय के हस्तक्षेप को वर्जित किया गया है।


निर्वाचन आयोग से संबंधित समितियां-

  • 1. वी.एन. तारकुंडे समिति- 1974
  • 2. दिनेश गोस्वामी समिति- 1990
  • 3. इंद्रजीत गुप्ता समिति- 1998
  • 4. संथानम समिति- 1963


न्यायिक समीक्षा-

  • निर्वाचन आयोग के निर्णयों को भारत के सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में उचित याचिका द्वारा चुनौती दी जा सकती है।

  • राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित मामले में याचिका केवल सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष ही दायर की जा सकती है।


निर्वाचन आयोग के वर्तमान सदस्य-

  • 1. श्री राजीव कुमार (मुख्य निर्वाचन आयुक्त)
  • 2. श्री अनूप चन्द्र पाण्डेय (निर्वाचन आयुक्त)
  • 3. श्री अरुण गोयल (निर्वाचन आयुक्त)


1. श्री राजीव कुमार-

  • पद- मुख्य निर्वाचन आयुक्त
  • कार्यकाल- 15 मई, 2022 से जारी
  • मुख्य निर्वाचन आयुक्त से पहले भारत के निर्वाचन आयोग में 1 सितम्बर, 2020 से निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्यरत थे।
  • श्री राजीव कुमार भारत के 25वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त है।
  • निर्वाचन आयोग में पदभार संभालने से पहले सार्वजनिक उद्यम चयन बोर्ड के अध्यक्ष थे।


2. श्री अनूप चन्द्र पाण्डेय-

  • पद- निर्वाचन आयुक्त

  • कार्यकाल- 9 जून, 2021 से जारी

  • अगस्त, 2019 में उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।

  • पुस्तक- Governance in Ancient India


3. श्री अरुण गोयल-

  • पद- निर्वाचन आयुक्त

  • कार्यकाल- 21 नवम्बर, 2022 से जारी


निर्वाचन आयोग की स्वतंत्रताएं-

  • निर्वाचन आयोग के सदस्यों का कार्यकाल निश्चित है। (केवल महाभियोग द्वारा हटाया जा सकता है।)
  • निर्वाचन आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के बाद अलाभकारी परिवर्तन पर रोक हैं।
  • निर्वाचन आयोग एक स्वतंत्र, स्थायी एवं संवैधानिक आयोग है।


निर्वाचन आयोग के दोष-

  • निर्वाचन आयोग के सदस्यों की योग्यता का उल्लेख संविधान में नहीं किया गया है।
  • निर्वाचन आयोग के सदस्यों की संख्या का उल्लेख भी संविधान में नहीं किया गया है।
  • निर्वाचन आयोग के सदस्यों का वेतन संचित निधि पर भारीत नहीं है।
  • निर्वाचन आयोग के सदस्यों की पुनर्नियुक्ति संभव है।
  • संविधान में निर्वाचन आयोग के सदस्यों के कार्यकाल का उल्लेख नहीं किया गया है।
  • संविधान के अनुसार निर्वाचन आयोग के सदस्य के सेवानिवृति के बाद अन्य सरकारी नियुक्ति पर रोक नहीं है।


अन्य तथ्य-

  • भारत निर्वाचन आयोग में निर्णय बहुमत के आधार पर लिया जाता है।
  • मुख्य निर्वाचन आयुक्त व अन्य निर्वाचन आयुक्त का दर्जा भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान होता है।
  • निर्वाचन आयोग द्वारा निर्णय लेने की प्रक्रिया में सभी निर्वाचन आयुक्तों के पास समान अधिकार होते हैं।
  • निर्वाचन आयोग ने 2009 में निर्वाचन प्रबंधन के अभिन्न अंग के रूप में मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचन सहभागिता को औपचारिक रूप से अपनाया है।
  • भारत के पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुकुमार सेन थे। (कार्यकाल 1950-58)
  • भारत में सबसे लम्बे कार्यकाल वाले मुख्य निर्वाचन आयुक्त के.वी.के. सुंदरम है। (कार्यकाल 1958-67)
  • भारत में सबसे कम कार्यकाल वाले मुख्य निर्वाचन आयुक्त वी.एस. रमादेवी है।
  • भारत की पहली महिला मुख्य निर्वाचन आयुक्त वी.एस. रमादेवी है।

  • वर्तमान में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार हैं।


अन्य महत्वपूर्ण लिंक (Other Important Link)-

Post a Comment

0 Comments

Top Post Ad

Below Post Ad