Ads Area

राजस्थान में मानसून (Monsoon in Rajasthan)

राजस्थान में मानसून (Monsoon in Rajasthan)-

  • मूल शब्द (Basic Word)- मानसून शब्द का मूल शब्द 'मौसिम' (Mausim) है।
  • 'मौसिम' अरबी भाषा (Arabic) का शब्द है।
  • मानसून शब्द के जनक अल-मसूदी (Al-Masudi) को माना जाता है।
  • मानसून का अर्थ (Meaning of Monsoon)- ऋतु में परिवर्तन या जल से स्थल की ओर चलने वाली पवनों को मानसूनी पवने कहा जाता है।
  • मानसून का नाम (Name of Monsoon)- भारत में मानसून का नाम दक्षिणी-पश्चिमी मानसून है जो हिन्द महासागर से आता है।


मानसून की तिथियां (Date of Monsoon)-

  • 1. मानसून की आगमन तिथि (Arrival Date of Monsoon)
  • 2. मानसून की निवर्तन तिथि (Departure Date of Monsoon)


      1. मानसून की आगमन तिथि (Arrival Date of Monsoon)-

      • भारत में मानसून का प्रथम आगमन 22 मई (अंडमान एंड निकोबार) को होता है।
      • भारत में मानसून का मुख्य भूमि पर आगमन 1 जून (केरल/मालाबार) को होता है।
      • राजस्थान में मानसून का आगमन 25 जून (बांसवाड़ा एवं डूंगरपुर) को होता है।


      2. मानसून की निवर्तन तिथि (Departure Date of Monsoon)-

      • सम्पूर्ण भारत में मानसून का निवर्तन 16 सितम्बर से शुरू होता है।
      • उत्तर भारत में मानसून का निवर्तन 1 अक्टूबर को होता है।
      • सम्पूर्ण भारत से मानसून का निवर्तन 31 अक्टूबर को होता है।
      • राजस्थान में मानसून का निवर्तन 16 सितम्बर से शुरू होता है।
      • राजस्थान में मानसून का निवर्तन 30 सितम्बर को होता है।


      मानसून की प्रकृति (Nature of Monsoon)-

      • राजस्थान में मानसून देरी से आता और समय से पहले ही लौट जाता है।


      मानसून की शाखाएं (Branches of Monsoon)-

      • 1. अरब सागरीय शाखा (Arabian Sea Branch)

      • 2. बंगाल की खाड़ी की शाखा (Bay of Bengal Branch)


      1. अरब सागरीय शाखा (Arabian Sea Branch)-

      • अरब सागरीय मानसून को तीन शाखाओं में बांटा गया है। जैसे-
      • (I) पश्चिमी घाट शाखा (Western Ghat Branch)
      • (II) छोटा नागपुर शाखा (Chhota Nagpur Branch)
      • (III) हिमाचल शाखा (Himachal Branch)- राजस्थान
      • अरब सागरीय मानसून की हिमाचल शाखा का मानसून राजस्थान में आता है।
      • अरब सागर की हिमाचल शाखा मानसून की वह शाखा है जो राजस्थान में सबसे पहले मानसून लाती है लेकिन अबर सागर की हिमाचल शाखा से अधिक वर्षा नहीं होती है क्योंकि अरावली इसके समानांतर है।
      • अरब सागर की हिमाचल शाखा राजस्थान में वर्षा या आर्द्रता का मुख्य स्रोत है।


      2. बंगाल की खाड़ी की शाखा (Bay of Bengal Branch)-

      • बंगाली की खाड़ी के मानसून को दो शाखा में बांटा गया है। जैसे-
      • (I) पूर्वी हिमालय शाखा (Eastern Himalaya Branch)
      • (II) शिवालिक शाखा (Shivalik Branch)
      • बंगाली की खाड़ी के मानसून की शिवालिक शाखा का मानसून राजस्थान में आता है।
      • बंगाल की खाड़ी की शिवालिक शाखा राजस्थान में अधिक वर्षा में सहयोग करती है।
      • पूरवाई (Purwai/Easterlies)- राजस्थान में बंगाल की खाड़ी से आने वाली पूर्वी मानसूनी हवाओं को पूरवाई कहा जाता है।
      • पूरवाई हवाओं के कारण राजस्थान में अरावली के पूर्व में अधिक वर्षा होती है।


      राजस्थान में मानसून का प्रभाव (Effect of Monsoon in Rajasthan)-

      • राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा वाले जिले झालावाड़, बांसवाड़ा (वर्तमान में अधिक वर्षा) है।
      • झालावाड़ व बांसवाड़ा में औसत वर्षा- 100 cm
      • राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान माउंट आबू (सिरोही) है।
      • माउंट आबू में औसत वर्षा- 150 cm

      • राजस्थान में 150 cm या इससे अधिक वर्षा वाला एकमात्र स्थान- माउंट आबू (सिरोही) है।

      • राजस्थान में न्यूनतम वर्षा वाले जिले जैसलमेर, बीकानेर है।
      • जैसलमेर व बीकानेर में औसत वर्षा- 10 cm
      • राजस्थान में न्यूनतम वर्षा वाला स्थान सम (जैसलमेर) है।
      • सम में औसत वर्षा- 0 cm (1 cm से भी कम)
      • राजस्थान में औसत वार्षिक वर्षा- 57.5 cm (575 mm)


      दिशाओं के अनुसार राजस्थान में मानसून का प्रभाव (Effect of Monsoon in Rajasthan According to Directions)-

      • राजस्थान में मानसून की दिशा दक्षिण-पश्चिम है।
      • राजस्थान में मानसून के आगे बढ़ने की दिशा उत्तर-पूर्वी है।
      • राजस्थान में मानसून या वर्षा की बढ़ती हुई मात्रा की दिशा उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर है।
      • राजस्थान में मानसून या वर्षा की घटती हुई मात्रा की दिशा दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पश्चिम की ओर है।
      • राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा वाला भाग दक्षिण राजस्थान है।
      • राजस्थान में न्यूनतम वर्षा वाला भाग पश्चिम राजस्थान है।
      • राजस्थान में दक्षिण से उत्तर की ओर जाने पर वर्षा की मात्रा कम होती है।
      • राजस्थान में उत्तर के दक्षिण की ओर जाने पर वर्षा की मात्रा बढ़ती है।
      • राजस्थान में पूर्व से पश्चिम की ओर जाने पर वर्षा की मात्रा कम होती है।
      • राजस्थान में पश्चिम से पूर्व की ओर जाने पर वर्षा की मात्रा बढ़ती है।


      मानसून के दौरान होने वाली घटनाएं (Events During Monsoon)-

      • 1. मानसून प्रस्फोट (Monsoon Bursting)
      • 2. मानसून प्रतिच्छेदन (Gap of Monsoon)
      • 3. मानसून का निवर्तन या लौटना (Retreating of Monsoon)
      • 4. कार्तिक या अक्टूबर हीट (Kartik/October Heat)


      1. मानसून प्रस्फोट (Monsoon Bursting)-

      • मानसून के शुरुआत में होने वाली तेज वर्षा को मानसून प्रस्फोट कहा जाता है।

      • समय- जूलाई या अगस्त


      2. मानसून प्रतिच्छेदन (Gap of Monsoon)-

      • मानसून प्रस्फोट के बाद 2 से 3 सप्ताह तक वर्षा का नहीं होना मानसून प्रतिच्छेदन कहलाता है।

      • समय- अगस्त या सितम्बर


      3. मानसून का निवर्तन या लौटना (Retreating of Monsoon)-

      • मानसून के वापल लौटने के घटना को मानसून निवर्तन कहा जाता है।
      • राजस्थान में समय- अक्टूबर या नवम्बर
      • भारत में समय- नवम्बर या मध्य दिसम्बर


      4. कार्तिक या अक्टूबर हीट (Kartik/October Heat)-

      • मानसून निवर्तन के दौरान 1 या 2 सप्ताह के लिए अचानक तापमान का बढ़ना कार्तिक हीट या अक्टूबर हीट कहलाता है।


      मानसून को प्रभावित करने वाली वैश्विक घटनाएं (Global Events Affecting the Monsoon)-

      • 1. अलनीनो (El-Nino)
      • 2. ला-नीना (La-Nina)


      1. अलनीनो (El-Nino)-

      • अर्थ (Meaning)- यह एक गर्म महासागरीय जल धारा है।
      • स्थिति (Location)- दक्षिणी प्रशांत महासागर के पूर्वी तट पर (3° दक्षिणी अक्षांश से 24° दक्षिणी अक्षांश)
      • समय (Time)- दिसम्बर का अंतिम सप्ताह
      • प्रभाव (Effect)- मानसून का देरी से आना एवं मानसून का कम प्रभावशाली होना।
      • अलनीनो को ईशु का शिशु या ईशु का बालक (Child of Christ) भी कहा जाता है।
      • अलनीनो को महासागरीय बुखार (Oceanic Fever) भी कहा जाता है।


      2. ला-नीना (La-Nina)-

      • अर्थ (Meaning)- यह एक ठंडी महासागरीय जल धारा है।
      • स्थिति (Location)- दक्षिणी प्रशांत महासागर के पूर्वी तट पर (3° दक्षिणी अक्षांश से 24° दक्षिणी अक्षांश)
      • समय (Time)- दिसम्बर का अंतिम सप्ताह
      • प्रभाव (Effect)- मानसून का समय पर आना एवं मानसून का अधिक प्रभावशाली होना।
      • ला-नीना को अलनीनो की छोटी बहन (Younger Sister of El-Nino) भी कहा जाता है।

      Post a Comment

      0 Comments

      Top Post Ad

      Below Post Ad