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भारत में किसान आंदोलन (Peasant Movement in India)

भारत में किसान आंदोलन (Peasant Movement in India)-

    • भारत के प्रमुख किसान आंदोलन (Main Peasant Movement of India)-

    • 1. नील आंदोलन (Indigo Movement)
    • 2. पाबना विद्रोह (Pabna Rebellion)
    • 3. दक्कन विद्रोह (Deccan Rebellion)
    • 4. कूका आंदोलन (Kuka Movement) या नामधारी आंदोलन (Namdhari Movement)
    • 5. एका आंदोलन (Eka Movement)
    • 6. रम्पा आंदोलन (Rampa Movement)
    • 7. ताना भगत आंदोलन (Tana Bhagat Movement)
    • 8. तेभागा आंदोलन (Tebhaga Movement)
    • 9. बारदोली सत्याग्रह (Bardoli Satyagraha)
    • 10. मोपला आंदोलन (Mopla Movement)


                      1. नील आंदोलन (Indigo Movement)-

                      • समय- 1859-60 ई.
                      • शुरुआत- सितम्बर, 1859 ई. में बंगाल के नदिया जिले के गोविंदपुर गांव से नील आंदोलन की शुरुआत हुई।
                      • क्षेत्र- गोविंदपुर गाँव, नदिया जिला, बंगाल
                      • कारण- ददनीप्रथा (Dadni Practice)
                      • ददनी प्रथा- ब्रिटिश व्यापारी भारतीय उत्पादकों, कारीगरों एवं शिल्पियों को अग्रिम पेशगी देकर काम करवाते थे।
                      • नेता (Leader)- विष्णु विश्वास, दिगंबर विश्वास
                      • डिप्टी मजिस्ट्रेट (Deputy Magistrate) हेमचन्द्रावरकर से एक सरकारी आदेश पढ़ने से हुई चूक से नील आंदोलन शुरू हुआ।
                      • हरीश चंद्र मुखर्जी ने अपने समाचार पत्र "हिन्दू पैट्रियट" (Hindu Patriot) में नील आंदोलन का समर्थन किया।
                      • नाटक (Drama)-
                      • (I) नील दर्पण (Neel Darpan)- दीनबंधु मित्र
                      • (II) ब्लू मिरर (Blue Mirror)- माइकल मधुसुदन दत्त
                      • ईसाई मिशनरियों ने नील किसान आंदोलन का समर्थन किया।
                      • 1862 के अधिनियम-4 के तहत नील की खेती (Indigo Cultivation) की अनिवार्यता समाप्त की गई।


                      2. पाबना विद्रोह (Pabna Rebellion)-

                      • समय- 1873-76 ई.
                      • क्षेत्र- पाबना, बंगाल
                      • नेता (Leader)- शंभु पाल, ईशान चंद्र रॉय
                      • कारण- 1859 ई. में एक एक्ट के द्वारा किसानों को भूमि से बेदखली एवं लगान में वृद्धि से सरंक्षण प्रदान किया गया लेकिन इस कानून का जमीदारों द्वारा पालन नहीं किया जाना।
                      • किसानों ने "यूसूफ सराय किसान संघ" (Yusuf Sarai Kisan Sangh) की स्थापना की।
                      • पाबना आंदोलन एक कानूनी और अहिंसक आंदोलन (Non-violent Movement) था।
                      • पाबना आंदोलन जमीदारों के विरुद्ध था न कि अंग्रजों के विरुद्ध। (किसान- मुस्लिम, जमींदार- हिंदू)
                      • पाबना किसान आंदोलन के दौरान किसानों ने मांग की की "वे महामहिम महारानी की रैय्यत होना चाहते है।"
                      • बंगाल के गवर्नर केंपबेल ने पाबना किसान आंदोलन में किसानों का समर्थन किया।
                      • बंगाली बुद्धिजीवियों ने पाबना किसान आंदोलन का समर्थन किया जैसे- बंकिम चंद्र चटर्जी, आर.सी. दत्त, सुरेन्द्र नाथ बनर्जी, आनंद मोहन बोस
                      • इंडियन एसोसिएशन ने पाबना किसान आंदोलन का समर्थन किया।


                      3. दक्कन विद्रोह (Deccan Rebellion)-

                      • समय- 1975 ई.
                      • क्षेत्र- पुणे, महाराष्ट्र
                      • कारण- साहूकारों द्वारा अधिक ब्याज वसूली
                      • दक्कन किसान आंदोलन महाराष्ट्र के करडाह नामक स्थान से शुरू हुआ।
                      • किसानों द्वारा समाजिक रूप से महाजनों का बहिष्कार किया गया।
                      • 12 मई, 1875 पुणे की मंडी सूपा में दक्कन किसान आंदोलन हिंसक हो गया।
                      • किसानों ने महाजनों से ऋणपत्र (बहीखाते) छीनकर जला दिए गए।
                      • 1879 ई. "दक्कन किसान राहत अधिनियम" (Deccan Farmers Relief Act) पारित किया गया और किसानों को संरक्षण दिया गया।


                      4. कूका आंदोलन (Kuka Movement) या नामधारी आंदोलन (Namdhari Movement)-

                      • समय- 1857 ई.
                      • क्षेत्र- पंजाब
                      • नेता (Leader)- बालक सिंह, भगत जवाहरमल
                      • मुख्य केंद्र- हजारा (Hazara)
                      • कालांतर में रामसिंह कूका ने इस आंदोलन को आगे बढ़ाया।
                      • कूका किसान आंदोलन के दौरान समाज सुधार के कार्य भी किये गये।
                      • 'रेहतनाम' नामधारियों की आचार संहिता थी।
                      • रंगून में रामसिंह कूका की समाधि बनी हुई है।


                      5. एका आंदोलन (Eka Movement)-

                      • समय- 1920-21 ई.
                      • क्षेत्र-  UP (हरदोई, बेहरिच या बहराईच, सीतापुर)
                      • नेता- सहदेव, मदारी पासी, सहदेव
                      • शुरुआत में एक आंदोलन असहयोग आंदोलन का भाग था लेकिन कालांतर में यह सरकार के द्वारा कुचल दिया गया क्योंकि यह हिंसक हो गया था।


                      6. रम्पा आंदोलन (Rampa Movement)-

                      • समय- 1879-1922 ई.
                      • क्षेत्र- आंध्र प्रदेश
                      • नेता- अल्लूरी सीताराम राजू
                      • कारण- बाहरी जमीदारों का प्रवेश
                      • रम्पा जनजाति के लोगों ने रम्पा आंदोलन की शुरुआत बाहरी लोगों विशेषकर जमीदारों के खिलाफ की थी।
                      • रम्पा आंदोलन असहयोग आंदोलन से प्रेरित था।


                      7. ताना भगत आंदोलन (Tana Bhagat Movement)-

                      • समय- 1914 ई.
                      • क्षेत्र- बिहार (उरावं जनजाति)
                      • नेता- जतरा भगत
                      • कारण- चौकीदारी कर व लगान की ऊंची दर
                      • 1914 ई. में बिहार में उरावं जनजाति के लोगों ने चौकीदारी कर  व लगान की ऊंची दर के खिलाफ तामा भगत आंदोलन की शुरुआत कई।


                      8. तेभागा आंदोलन (Tebhaga Movement)-

                      • समय- 1946 ई.
                      • क्षेत्र- बंगाल
                      • नेता- कम्पाराम सिंह, भुवन सिंह
                      • कारण- फ्लाउड कमीशन ने भू राजस्व की अधिकतम दर 1/3 निर्धारित की। अतः किसान इसे लागू करवाना चाहते थे।
                      • फ्लाउड कमीशन (Floud Commission) की सिफारिश के आधार 1/3 भू राजस्व तक किया गया लेकिन अभी भी किसानों से अधिक भू राजस्व लिया जा रहा था।


                      9. बारदोली सत्याग्रह (Bardoli Satyagraha)-

                      • समय- 1928 ई.
                      • क्षेत्र- बारदोली, सूरत, गुजरात
                      • कारण- सरकार द्वारा लगान (भू-राजस्व) में 30% की वृद्धि
                      • नेता- कल्याण जी मेहता, कुंवर जी मेहता
                      • 1928 ई. में सूरत के बारदोली तालुका में किसानों ने लगान न अदायगी का आंदोलन शुरू किया।
                      • कुनबी पाटीदार किसान के द्वारा बारदोली सत्याग्रह शुरू किया गया था।
                      • बारदोली सत्याग्रह में कालीपराज जनजाति के खेतीहर मजदूर भी शामिल थे।
                      • जब किसानों ने आंदोलन किया तो सरकार ने घोषणा की की तथा भू-राजस्व वृद्धि को घटाकर 21.9% कर दिया।
                      • 4 फरवरी, 1928 ई. को वल्लभ भाई पटेल ने आंदोलन का नेतृत्व संभाला।
                      • 2 अगस्त, 1928 को गाँधीजी भी बारदोली आंदोलन में शामिल हो गए।
                      • सरकार ने ब्रूमफील्ड व मैक्सवेल के अधिन जाँच आयोग का गठन किया।
                      • सरकार ने भू राजस्व वृद्धि को 6.03% कम कर दिया।
                      • बारदोली सत्याग्रह में बारदोली की महिलाओं ने वल्लभ भाई पटेल को 'सरदार' (Sardar) की उपाधि दी।
                      • गाँधीजी ने 1927 ई. में कालीपराज जनजाति को 'रानीपराज' (Ranipraj) की उपाधि दी।
                      • गाँधीजी ने इस आंदोलन की सफलता को स्वतंत्रता संघर्ष से भी अधिक महत्वपूर्ण बताया।


                      10. मोपला आंदोलन (Mopla Movement)-

                      • समय- 1920 ई.
                      • क्षेत्र- मालाबार तट, केरल
                      • नेता- अली मुसलियार
                      • जमीदार नम्बुदरीपाद ब्राह्मण, किसान
                      • जमींदार- नम्बुदरीपाद ब्राह्मण, किसान- मोपला मुस्लिम
                      • मोपला आंदोलन हिंसक तथा साम्प्रदायीक हो गया।

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