1. राजेश्वरी माता-
-मंदिर- भरतपुर
-राजेश्वरी माता जाटो की कुल देवी है।
2. चौथमाता-
-मंदिर- चौथ का बरवाड़ा (सवाईमाधौपुर)
-चौथमाता कंजर जाति की कुल देवी है।
3. करणी माता-
-मंदिर- देशनोक (बीकानेर)
- करणी माता बीकानेर के राठौड़ शासकों की कुल देवी है।
4. नागणेची माता-
-मंदिर- जोधपुर
-नागणेची माता जोधपुर के राठौड़ शासकों की कुल देवी है।
-नागणेची माता की प्रतिमा 18 भूजाओं वाली प्रतिमा है।
-नागणेची माता का मंदिर नीम के वृक्ष के निचे होता है।
5. स्वागियां माता-
-मंदिर- जैसलमेर
-उपनाम-
-(1) आवड़ माता
-(2) शुग्गा माता
-आवड़ माता जैसलमेर के भाटी राजवंश की कुल देवी है।
-आवड़ माता को सुगनचिड़ी (सुगन चिड़ीया) का अवतार/प्रतिक माना जाता है।
6. बाण माता-
-मंदिर- नागदा (उदयपुर)
-बाण माता मेवाड़ के सिसोदिया / गहलोत राजवंश की कुल देवी है।
7. जमवाय माता-
-मंदिर- जमुवारामगढ़ (जयपुर)
-उपनाम- अन्नापूर्णा माता
-जमवाय माता जयपुर के कच्छवा राजवंश की कुल देवी है।
8. शीला देवी-
-मंदिर- आमेर (जयपुर)
-शीला माता जयपुर के कच्छवा राजवंश की आराध्य देवी है।
-शीला देवी की प्रतिमा जयपुर शासक मानसिंह प्रथम बंगाल से लेकर आया था।
-शीला देवी की आमेर के महलो में अष्ट भूजी प्रतिमा महिषासुर मर्दिनी के रूप में प्रतिष्ठित है।
9. शांकम्भरी माता-
-मंदिर- साम्भर (जयपुर)
-शाकम्भरी माता चौहानो की कुल देवी है।
-शाकम्भरी माता के मंदिर को पर्यटन विभाग ने इंटरनेट पर उपलब्ध करवा दिया था।
10. जीण माता-
-मंदिर- रैवासा (सीकर)
-जीण माता चौहानो की आराध्य देवी है।
11. कैला देवी-
-मंदिर- करौली
-कैला देवी यादव वंश की कुल देवी है।
12. नारायणी माता-
-मंदिर- अलवर
-नारायणी माता नाईयों की कुल देवी है।
13. आई माता-
-मंदिर- बिलाड़ (जोधपुर)
-आई माता सिरवी जाति की कुल देवी है।
14. विरात्रा माता-
-मंदिर- चौहटन (बाड़मेर)
-विरात्रा माता भोपा जाति की कुल देवी है।
15. सचियाय माता-
-मंदिर- ओसिया (जोधपुर)
-सचियाय माता ओसवाल समाज की आराध्य देवी है।
16. राणी सती-
-वास्तविक नाम- नारायणी माता
-मंदिर- झुन्झुनू
-मेला- भाद्रपद कृष्ण अमावस्या
-लाज राखो माँ राणी- यह राजस्थान की पहली रंगीन फिल्म है जो की सन् 1973 में बनाई गयी थी।
-राणी सत्ती अग्रवाल समाज की कुल देवी है।
-राजस्थान में सर्वाधिक (कुल-13) सतीया राणी सती के परिवार से हुई है।
17. आशापुरी माता-
-मंदिर- जालौर
-आशापुरी माता जालौर के सोनगरा चौहानों की कुल देवी है।
18. त्रिपुरा सुन्दरी-
-मंदिर- तलवाड़ा (बांसवाड़ा)
-उपनाम- तुरताई माता
-त्रिपुरा सुन्दरी पांचाल जाति की कुल देवी है।
19. दद्यिमती माता-
-मंदिर- गोठ (मागलोद, नागौर)
-दद्यिमती माता ब्राह्मणो की कुल देवी है।
20. रोजड़ी-खेजड़ी माता-
-मंदिर- काजड़ा गाँव (सुरजगढ़)
-रोजड़ी-खेजड़ी माता बंसल गोत्र की कुल देवी है।
21. आमजा माता-
-मंदिर- उदयपुर
-आमजा माता भीलो की कुल देवी मानी जाती है।
-मंदिर- भरतपुर
-राजेश्वरी माता जाटो की कुल देवी है।
2. चौथमाता-
-मंदिर- चौथ का बरवाड़ा (सवाईमाधौपुर)
-चौथमाता कंजर जाति की कुल देवी है।
3. करणी माता-
-मंदिर- देशनोक (बीकानेर)
- करणी माता बीकानेर के राठौड़ शासकों की कुल देवी है।
4. नागणेची माता-
-मंदिर- जोधपुर
-नागणेची माता जोधपुर के राठौड़ शासकों की कुल देवी है।
-नागणेची माता की प्रतिमा 18 भूजाओं वाली प्रतिमा है।
-नागणेची माता का मंदिर नीम के वृक्ष के निचे होता है।
5. स्वागियां माता-
-मंदिर- जैसलमेर
-उपनाम-
-(1) आवड़ माता
-(2) शुग्गा माता
-आवड़ माता जैसलमेर के भाटी राजवंश की कुल देवी है।
-आवड़ माता को सुगनचिड़ी (सुगन चिड़ीया) का अवतार/प्रतिक माना जाता है।
6. बाण माता-
-मंदिर- नागदा (उदयपुर)
-बाण माता मेवाड़ के सिसोदिया / गहलोत राजवंश की कुल देवी है।
7. जमवाय माता-
-मंदिर- जमुवारामगढ़ (जयपुर)
-उपनाम- अन्नापूर्णा माता
-जमवाय माता जयपुर के कच्छवा राजवंश की कुल देवी है।
8. शीला देवी-
-मंदिर- आमेर (जयपुर)
-शीला माता जयपुर के कच्छवा राजवंश की आराध्य देवी है।
-शीला देवी की प्रतिमा जयपुर शासक मानसिंह प्रथम बंगाल से लेकर आया था।
-शीला देवी की आमेर के महलो में अष्ट भूजी प्रतिमा महिषासुर मर्दिनी के रूप में प्रतिष्ठित है।
9. शांकम्भरी माता-
-मंदिर- साम्भर (जयपुर)
-शाकम्भरी माता चौहानो की कुल देवी है।
-शाकम्भरी माता के मंदिर को पर्यटन विभाग ने इंटरनेट पर उपलब्ध करवा दिया था।
10. जीण माता-
-मंदिर- रैवासा (सीकर)
-जीण माता चौहानो की आराध्य देवी है।
11. कैला देवी-
-मंदिर- करौली
-कैला देवी यादव वंश की कुल देवी है।
12. नारायणी माता-
-मंदिर- अलवर
-नारायणी माता नाईयों की कुल देवी है।
13. आई माता-
-मंदिर- बिलाड़ (जोधपुर)
-आई माता सिरवी जाति की कुल देवी है।
14. विरात्रा माता-
-मंदिर- चौहटन (बाड़मेर)
-विरात्रा माता भोपा जाति की कुल देवी है।
15. सचियाय माता-
-मंदिर- ओसिया (जोधपुर)
-सचियाय माता ओसवाल समाज की आराध्य देवी है।
16. राणी सती-
-वास्तविक नाम- नारायणी माता
-मंदिर- झुन्झुनू
-मेला- भाद्रपद कृष्ण अमावस्या
-लाज राखो माँ राणी- यह राजस्थान की पहली रंगीन फिल्म है जो की सन् 1973 में बनाई गयी थी।
-राणी सत्ती अग्रवाल समाज की कुल देवी है।
-राजस्थान में सर्वाधिक (कुल-13) सतीया राणी सती के परिवार से हुई है।
17. आशापुरी माता-
-मंदिर- जालौर
-आशापुरी माता जालौर के सोनगरा चौहानों की कुल देवी है।
18. त्रिपुरा सुन्दरी-
-मंदिर- तलवाड़ा (बांसवाड़ा)
-उपनाम- तुरताई माता
-त्रिपुरा सुन्दरी पांचाल जाति की कुल देवी है।
19. दद्यिमती माता-
-मंदिर- गोठ (मागलोद, नागौर)
-दद्यिमती माता ब्राह्मणो की कुल देवी है।
20. रोजड़ी-खेजड़ी माता-
-मंदिर- काजड़ा गाँव (सुरजगढ़)
-रोजड़ी-खेजड़ी माता बंसल गोत्र की कुल देवी है।
21. आमजा माता-
-मंदिर- उदयपुर
-आमजा माता भीलो की कुल देवी मानी जाती है।
Nice
ReplyDeletethanks
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ReplyDeletethanks
Deletethanks
ReplyDeletethanks
ReplyDeleteAre taak rajput ki kuldevi konsi h batayenge or kis etihas ke tahat h
ReplyDeleteCAN ANYBODY THROW LIGHT ON KULDEVI MATA MOHANA OF RAJASTHAN
ReplyDeleteपोस्ट पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद, यदि आपको ये पोस्ट अच्छी लगी तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें और अपना कीमती सुझाव देने के लिए यहां कमेंट करें, पोस्ट से संबंधित आपका किसी भी प्रकार का सवाल जवाब हो तो कमेंट में पूछ सकते है।