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गुलाम वंश

 गुलाम वंश/मामलुक वंश (1206-1290 ई.)-

1. कुतुबुद्दीन ऐबक (1206-1210 ई.)-
👉 संस्थापक-
भारत में गुलाम वंश तथा तुर्क साम्राज्य का संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक है।
✍कुतुबुद्दीन मोहम्मद गौरी का गुलाम था।

👉 लाखबख्श-
✍अर्थ- लाखो का दान देने वाला।
✍कुतुबुद्दीन ऐबक को लाखबख्श के नाम से जाना जाता था।

👉 कुरान खाँ-
✍कुतुबुद्दीन ऐबक को कुरान खाँ के नाम से भी जाना जाता था।

👉 लाहौर-
✍कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली सल्तनत की पहली राजधानी लाहौर को बनाया था।

👉 कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद (दिल्ली)-
✍यह भारत की पहली मस्जिद है।
✍इस मस्जिद का निर्माण सन् 1195-98 के बीच कुतुबुद्दीन ऐबक ने करवाया था।

👉 कुतुब मीनार (दिल्ली)-
✍इसका निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने अपने गुरु शेख ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की याद में करवाया था।

👉 अढ़ाई दिन का झोपड़ा (अजमेर)-
यह राजस्थान की प्रथम मस्जिद है।
✍अजमेर में विग्रराज-चतुर्थ/बिसलदेव चौहान के द्वारा एक संस्कृत महाविद्यालय बनवाया गया था।
✍संस्कृत महाविद्यालय को1200 ई. में तुड़वाकर कुतुबुद्दीन ऐबक एक मस्जिद बनवा देता है। जिसे अढ़ाई दिन का झोपड़ा कहते है।
✍इस मस्जिद में पंजाब शाह फकीर के नाम से अढ़ाई दिन का उर्स लगता है इसीलिए इस मस्जिद को अढ़ाई दिन का झोपड़ा कहते है।

👉 जजिया कर-
✍दिल्ली सल्तनत में जजिया कर लागु करने वाला प्रथम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक था।

👉 चौगान/पोलो-
✍सन् 1210 में में चौगान खेलते वक्त घोड़े से गिर जाने के कारण लाहोर में कुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु हो जाती है।

👉 कुतुबुद्दीन ऐबक का मकबरा-
✍कुतुबुद्दीन ऐबक का मकबरा लाहौर में स्थित है।

2. आरामशाह-
✍सन् 1210 में कुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु के बाद गुलाम वंश का अगला शासक कुतुबुद्दीन ऐबक के बेटे आरामशाह को बनाया गया था।
✍आरामशाह मात्र 10 माह के लिए ही शासक बना था।

👉 जुद/ जुदू का युद्ध-
समय- 1210 ई.
स्थान- लाहौर
मध्य- अारामशाह तथा इल्तुतमिश
जीत- इल्तुतमिश
हार- आरामशाह
✍इसी युद्ध को जीतने के बाद इल्तुतमिश ने गुलाम वंश की गद्दी प्राप्त की थी।

3. इल्तुतमिश (1211-1236 ई.)-
👉 वास्तविक संस्थापक-
दिल्ली सल्तनत का वास्तविक संस्थापक इल्तुतमिश है। क्योकी इल्तुतमिश ने सर्वप्रथम दिल्ली सल्तनत की राजधानी दिल्ली बनाई थी।

👉 अरबी सिक्के-
टंका- यह चाँदी का सिक्का था।
जीतल- यह तांबे का सिक्का था।
✍दिल्ली सल्तनत में सर्वप्रथम अरबी भाषा के सिक्के/ अरबी सिक्के चलाने वाला प्रथम शासक इल्तुतमिश था।

👉 सुल्तान-
✍दिल्ली सल्तनत में सुल्तान की उपाधि धारण करने वाला प्रथम शासक इल्तुतमिश था।

👉 इक्तादारी प्रणाली/ इक्ता प्रथा-
✍दिल्ली सल्तनत में इक्तादारी प्रथा सर्वप्रथम इल्तुतमिश ने लागू की थी।
✍इस प्रथा में सैनिकों को नगद वेतन के बदले भू-खण्ड दान में दिया जाता था।

👉 तुर्कान-ए-चिहलगानी/ दल-ए-चालीसा-
✍इल्तुतमिश के द्वारा चालीस गुलामों का दल/ संगठन बनाया गया था जिसे दल-ए-चालीसा कहा गया था।
✍यह दल दरबार की सूचना देता था।

👉 गुलामों का गुलाम-
✍गुलामों का गुलाम इल्तुतमिश को कहते है।

👉 तराईन का तृतीय युद्ध-
समय- 1216 ई.
स्थान- हरियाणा
मध्य- इल्तुतमिश तथा याजुद्दीन यलदौज
जीत- इल्तुतमिश
हार- याजुद्दीन यलदौज

👉 खोकर विद्रोह-
✍इसी विद्रोह को दबाने के दौरान 1236 ई. इल्तुतमिश की मृत्यु हो जाती है।

4. रजिया सुल्तान (1236-1240 ई.)-
पिता- इल्तुतमिश
माता- शाहतुर्कान
भाई- रुकुनुद्दीन फिरोजशाह
✍रजिया सुल्तान भारत की प्रथम मुस्लिम महिला शासिका थी।

👉 अल्तुनिया-
✍यह भटिंडा (पंजाब) का सुबेदार था जिससे रजिया सुल्तान विवाह करती है।

👉 कैथल (हिसार, हरियाणा)-
✍1240 ई. में इसी स्थान पर भाई रुकुनुद्दीन फिरोजशाह के द्वारा रजिया सुल्तान की हत्या करवा दी गई थी।

5. बलबन (1266-1287 ई.)-
👉 राजत्व का सिद्धांत-
✍बलबन ने राजा ने राजा के पद्द की प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए राजत्व का सिद्धांत लागू किया था।

👉 लोह एवं रक्त कि निति/ तलवार एवं जहर कि निति-
✍यह निति दरबार में बलबन ने लागू की थी।

👉 उलूग खाँ-
✍यह उपाधि बलबन ने धारण की थी।

👉 जिल्ले-ए-इलाही/जिल्ले इल्लाह-
✍बलबन अपने आप को अल्लाह का प्रतिनिधि मानता था इसीलिए अपने आप को दरबार में जिल्ले-ए-इलाही बुलाता था।

👉 बलबन के द्वारा लागू की गई तीन नयी परम्पराएं-
1. सिजदा/सजदा- दरबार में सरदार के सामने सर झुकाना।
2. पैबोस/पाबोस- दरबार में सरदार के पैर चुमना।
3. नवरोज/नौरोज- नव वर्ष त्योहार।

👉 बलबन के द्वारा बनाये गये विभाग-
✍दीवान-ए-बरीद- यह बलबन का गुप्तचर विभाग था।
✍दीवान-ए-आरीज- यब बलबन का सैन्य विभाग था।

👉 तैमूर खाँ-
✍यह मंगोल आक्रमणकारी था जिसने बलबन के बेटे सुल्तान मोहम्मद को हराया था तथा सुल्तान मोहम्मद की हत्या कर दी थी इसीलिए सुल्तान मोहम्मद को शहीद शहजादा/शहीद बादशाह के नाम से जाना जाता है।

👉 मंगोलपुरी (दिल्ली)-
✍दिल्ली सल्तनत में सर्वाधिक मंगोल अाक्रमण बलबन के काल में हुए थे।
✍बलबन ने मंगोलो को दिल्ली की मंगोलपुरी नामक जगह पर ही बसाया था।

👉 तुर्कान-ए-चिहलगानी-
✍इल्तुतमिश के इस संगठन को बलबन ने ही समाप्त किया था।

👉 चालिसा-
✍बलबन की मृत्यु होने पर उसके दरबारीयों ने 40 दिन तक शोक मनाया था जिसे चालिसा कहते है।

6. क्यूमर्स-
✍यह गुलाम वंश का अंतिम शासक था जिसकी हत्या जलालूद्दीन खिलजी ने की थी।

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