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भारत का राष्ट्रपति महत्त्वपूर्ण तथ्य

👉 भारत का राष्ट्रपति महत्त्वपूर्ण तथ्य (President of India Important Facts)
✍ भारत का राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख होने के कारण भारत का प्रथम नागरिक कहलाता है।

👉 ब्रिटेन-
✍ भारतीय संविधान में राष्ट्रपति का संवैधानिक या औपचारिक पद ब्रिटेन के संविधान से लिया गया है।

👉 अनुच्छेद 52-
✍ अनुच्छेद 52 में भारत के राष्ट्रपति के पद का गठन का उल्लेख है।

👉 अनुच्छेद 53-
✍ अनुच्छेद 53 के अनुसार कार्यपालिका का प्रधान राष्ट्रपति होता है तथा कार्यपालिका की शक्ति राष्ट्रपति में निहित होती है।

👉 अनुच्छेद 53 (2)-
✍ अनुच्छेद 53 (2) के अनुसार भारत की तीनों सेनाओं का सर्वोच्च सेनापति या सुप्रीम कमांडर भारत का राष्ट्रपति होता है।
✍ गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर झंडा फहराना व तीनों सेनाओं की सलामी राष्ट्रपति लेता है जबकि स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर झंडा फहराना व तीनों सेनाओं की सलामी प्रधानमंत्री लेता है।

👉 आयरलैंड-
✍ भारतीय संविधान में राष्ट्रपति की निर्वाचन प्रणाली आयरलैंड के संविधान से लि गई है।

👉 अनुच्छेद 54-
✍ अनुच्छेद 54 में भारत के राष्ट्रपति की निर्वाचन का उल्लेख है।
✍ राष्ट्रपति के निर्वाचन में लोकसभा, राज्यसभा तथा राज्यों की विधानसभाओं के केवल निर्वाचित सदस्य ही भाग लेते है। (विधानसभाओं के मनोनित सदस्य भाग नहीं ले सकते)

👉 दिल्ला तथा पोंडिचेरी-
✍ भारतीय संविधान के सन् 1991 के 70वें संविधान संसोधन के द्वारा राष्ट्रपति के निर्वाचन में दिल्ली तथा पोंडिचेरी विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य भी भाग लेते है।
✍ दिल्ली तथा पोंडिचेरी भारत के दो मात्र ऐसे केन्द्रशासित प्रदेश है जिनकी स्वयं की विधानसभाएं है इसीलिए ये राष्ट्रपति के निर्वाचन में भाग लेते है।

👉 15000 रुपये-
✍ भारत में राष्ट्रपति पद के निर्वाचन के लिए उम्मीदवार को 15000 रुपये जमानत राशी जमा करानी होती है जो की RBI के खाते में जमा होती है।

👉 बहुमत-
✍ भारत में राष्ट्रपति के निर्वाचन के दौरान कुल उपस्थित बहुमत का 1/6 भाग बहुमत नहीं आने पर राष्ट्रपति पद के अम्मीदवार की जमानत राशी जपत कर लि जाती है।

👉 राष्ट्रपति निर्वाचन अप्रत्यक्ष-
✍ भारत में राष्ट्रपति का निर्वाचन अप्रत्यक्ष रूप से होता है।
✍ राष्ट्रपति के निर्वाचन की सूचना जारी करने का कार्य निर्वाचन आयोग का होता है।
✍ भारत में राष्ट्रपति के निर्वाचन के समय निगरानी महासचिव रखता है।
✍ महासचिव की अनुपस्थिति में राष्ट्रपति के निर्वाचन पर निगरानी सेक्रेटरी रखता है।

👉 अप्रत्यक्ष-
✍ वह निर्वाचन प्रणाली जिसमें आम जनता भाग नहीं ले सकती उसे अप्रत्यक्ष मत प्रणाली कहते है।

👉 प्रचार-
✍ भारत में राष्ट्रपति के निर्वाचन में उम्मीदवार को प्रचार हेतु 2 सप्ताह का समय मिलता है।

👉 अनुच्छेद 55-
✍ अनुच्छेद 55 में राष्ट्रपति के निर्वाचन पद्धती का उल्लेख है।
✍ भारत में राष्ट्रपति का निर्वाचन एकल संक्रमणीय मत पद्धती से होता है।

👉 अनुच्छेद 56-
✍ अनुच्छेद 56 के अनुसार भारत में राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष होता है लेकिन वह 5 वर्ष से पहले भी अपना पद छोड़ सकता है।

👉 अनुच्छेद 56 (2)-
✍ अनुच्छेद 56 (2) के अनुसार भारत का राष्ट्रपति अपना त्याग-पत्र उपराष्ट्रपति को देता है तथा उपराष्ट्रपति इस त्याग-पत्र की सूचना लोकसभा अध्यक्ष के देता है।

👉 अनुच्छेद 57-
✍ अनुच्छेद 57 के अनुसार भारत में राष्ट्रपति पुनः निर्वाचन का पात्र है अर्थात् अनुच्छेद 57 के अनुसार भारत में किसी भी व्यक्ति को कितनी बार भी राष्ट्रपति बनाया जा सकता है।

👉 अनुच्छेद 58-
✍ अनुच्छेद 58 में राष्ट्रपति के निर्वाचन की योग्यताएं या अर्हताओं का उल्लेख है।

👉 राष्ट्रपति निर्वाचन की अर्हताएं-
✍ वह भारत का नागरिक हो।
✍ न्युनतम आयु 35 होनी चाहिए। (अधिकतम कितनी भी हो सकती है।)
✍ वह लाभ के पद पर न हो।
✍ वह लोकसभा सदस्य बनने की योग्यता रखता हो।

👉 अनुच्छेद 59-
✍ अनुच्छेद 59 राष्ट्रपति के पद की शर्तो का उल्लेख है।

👉 अनुच्छेद 59 (3)-
✍ अनुच्छेद 59 (3) में भारत के राष्ट्रपति के वेतन, भत्ते तथा पेंशन का उल्लेख है।

👉 वेतन-
✍ भारत के राष्ट्रपति का मासिक वेतन 1,50,000 रुपये है।
✍ भारत के राष्ट्रपति का मासिक वेतन भारत की संचित निधि से दिया जाता है जो की कर मुक्त होता है।

👉 पेंशन-
✍ भारत में राष्ट्रपति के सेवानिवृत्त होने पर राष्ट्रपति को प्रतिवर्ष 90,000 रुपये पेंशन आजीवन मिलती है जो की कर मुक्त होती है।

👉 अनुच्छेद 60-
✍ अनुच्छेद 60 में भारत के राष्ट्रपति की शपथ का उल्लेख है।

👉 शपथ-
✍ भारत के राष्ट्रपति को पद की शपथ भारत के सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश दिलाता है।
✍ मुख्य न्यायाधीश की अनुपस्थिति में राष्ट्रपति को शपथ सर्वोच्च न्यायालय का वरिष्ठ न्यायाधीश दिलाता है।

👉 अनुच्छेद 61-
✍ अनुच्छेद 61 में भारत के राष्ट्रपति पर महाभियोग प्रक्रिया का उल्लेख है।

👉 अमेरिका-
✍ भारतीय संविधान में राष्ट्रपति पर महाभियोग प्रक्रिया अमेरिका के संविधान से लि गई है।

👉 राष्ट्रपति पर महाभियोग-
✍ भारत में राष्ट्रपति पर महाभियोग संसद के किसी भी सदन (राज्यसभा व लोकसभा) मे चलाया जा सकता है।
✍ भारत के राष्ट्रपति पर महाभियोग लाने से पहले राष्ट्रपति को 14 दिन पहले अनिवार्य लिखित सूचना देना अनिवार्य है।
✍ 14 दिन पहले लिखित सूचना ना देने पर महाभियोग आयोग स्विकार नहीं करेगा।
✍ भारत में राष्ट्रपति पर महाभियोग लाते समय सदन के उपस्थित सदस्यों में 1/4 सदस्यों के महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर होने चाहिए तथा वह महाभियोग उस सदन के उपस्थित सदस्यों के 2/3 सदस्यों द्वारा पारित होना चाहिए वरना महाभियोग असफल माना जायेगा।
✍ भारत में राष्ट्रपति पर महाभियोग दोनों सदनों में पारित होना अनिवार्य है।

👉 अनुच्छेद 71-
✍ अनुच्छेद 71 के अनुसार भारत के राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित विवाद का निपटारा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किया जाता है।

👉 अनुच्छेद 72-
✍ अनुच्छेद 72 में भारत के राष्ट्रपति का क्षमादान करने के अधिकार का उल्लेख है।

👉 अनुच्छेद 74-
✍ अनुच्छेद 74 के अनुसार भारत के राष्ट्रपति को सलाह एवं सुझाव देने के लिए एक मंत्रिपरिषद् होगी जिसका मुखिया प्रधानमंत्री होगा।

👉 अनुच्छेद 80 (3)-
✍ अनुच्छेद 80 (3) के अनुसार भारत का राष्ट्रपति राज्यसभा में कुल 12 सदस्यों को (कला, साहित्य, समाजसेवा, विज्ञान के क्षेत्रों में निपुण) मनोनित करता है।

👉 मुम्बई उच्च न्यायालय-
✍ मुम्बई उच्च न्यायालय के आदेश पर कला में खेल विषय को जोड़ा गया।

👉 अनुच्छेद 108-
✍ अनुच्छेद 108 में भारत के राष्ट्रपति के द्वारा बुलाये जाने वाले संसद के संयुक्त अधिवेशनों का उल्लेख है।
✍ संयुक्त अधिवेशन को बुलाता राष्ट्रपति है लेकिन संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ही करता है।
✍ सामान्यतः संयुक्त अधिवेशन लोकसभा का पहला दिन तथा बजट सत्र के पहले दिन बुलाया जाता है।

👉 भारत में अब तक कुल 3 बार संयुक्त अधिवेशन बुलाये गये है। जैसे-
1. पहला संयुक्त अधिवेशन
✍ विषय- दहेज विरोधी अधिनियम
✍ समय- 6 मई 1961
✍ राष्ट्रपति- डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद
✍ प्रधानमंत्री- पंडित जवाहर लाला नेहरू

2. दुसरा संयुक्त अधिवेशन
✍ विषय- बैंकिंग सेवा अधिनियम
✍ समय- 16 मई 1978
✍ राष्ट्रपति- नीलम संजीव रेड्डी
✍ प्रधानमंत्री- मोरार जा देसाई

3. तीसरा संयुक्त अधिवेशन
✍ विषय- आतंकवाद निरोधक अधिनियम (POTA)
✍ समय- 26 मई 2002
✍ राष्ट्रपति- डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम
✍ प्रधानमंत्री- अटल बिहारी वाजपेयी

👉 अनुच्छेद 123-
✍ अनुच्छेद 123 में राष्ट्रपति के अध्यादेश का उल्लेख है।

👉 अध्यादेश-
✍ अध्यादेश अस्थाई कानून होता है।
✍ अगर संसद का सत्र नहीं चल रहा है और किसी कानून को लागू करना आवश्यक है तो ऐसी स्थिति में भारत का राष्ट्रपति 6 माह के लिए अनुच्छेद 123 का अध्यादेश लागू कर सकता है।
✍ भारत के राष्ट्रपति द्वारा लागू किया गया अध्यादेश संसद के शुरू (सत्र शुरू) होते ही न्यूनतम 6 सप्ताह तथा अधिकतम 6 माह में संसद के द्वारा पारित कर देना चाहिए अन्यथा अध्यादेश निरस्त हो जाता है।

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1 Comments
  1. Bhai upgrade to krte rahiye topic ko jaisa ka jaisa hi hai

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