मंडोर का प्रतिहार वंश
मंडोर (Mandore)-
➠मंडोर राजस्थान के जोधपुर जिले में स्थित है।
➠मंडोर को प्रतिहारों का उत्पत्ति स्थल माना जाता है।
मंडोर के प्रतिहार वंश के प्रमुख राजा-
1. रज्जिल (Rajjil)-
2. नरभट्ट (Narbhatt)
3. नागभट्ट (Nagabhatt)
4. शीलूक (Shiluk)
5. कक्क (Kakka)
6. बाउक (Bauk)
7. कक्कुक (Kakuka)
हरिश्चंद्र (Harishchandra)-
➠हरिश्चंद्र मंडोर के प्रतिहारों का शासक था।
➠प्रतिहार अभिलेखों में हरिश्चंद्र को ब्राह्मण माना गया है। अर्थात् प्रतिहार अभिलेखों में हरिश्चंद्र को विप्र हरिश्चंद्र कहा गया है।
➠हरिश्चंद्र वेदों का ज्ञाता था।
➠हरिश्चंद्र योग क्रिया में निपुण था।
➠हरिश्चंद्र को रोहलिद्धि नामक उपाधि दी गई थी।
➠जो योग क्रिया में निपुण हो उसे रोहलिद्धि कहा जाता था।
➠हरिश्चंद्र के चार बेटों ने मंडोर को जीत कर मंडोर में प्रकोटे का निर्माण करवाया था।
हरिश्चंद्र के चार बेटों के नाम-
1. रज्जिल (Rajjil)
2. भोगभट्ट (Bhogbhatt)
3. ककक (Kakka)
4. दद्द (Dadda)
1. रज्जिल (Rajjil)-
➠रज्जिल मंडोर का पहला प्रतिहार राजा था।
2. नरभट्ट (Narbhatt)-
➠नरभट्ट को पेल्लापेल्ली (Pellapelli) नामक उपाधि दी गई थी।
3. नागभट्ट (Nagabhatt)-
➠नागभट्ट प्रतिहारों की राजधानी को मंडोर से मेड़ता लेकर गया था।
➠मेड़ता राजस्थान के नागौर जिले में स्थित है।
➠नागभट्ट का बड़ा बेटा तात सन्नयासी बन गया था तथा मंडोर के आश्रम में रहता था।
➠नागभट्ट का छोटा बेटा भोज मंडोर का राजा बना था तथा प्रतिहारों की राजधानी मेड़ता से वापस मंडोर लेकर गया था।
4. शीलूक (Shiluk)-
➠शीलूक ने तमणी तथा वल्ल पर अधिकार कर लिया था।
➠तमणी राजस्थान के जोधपुर जिले के फलौदी में स्थित है।
➠वल्ल राजस्थान के जैसलमेर में स्थित है।
➠शीलूक ने वल्ल के राजा देवराज भट्टि को हराया तथा देवराज से छत्र छीन लिया था।
5. कक्क (Kakka)-
➠कक्क ने मुंगेर के युद्ध में भाग लिया था।
➠मुंगेर बिहार राज्य में स्थित है।
➠मुंगेर का युद्ध भीनमाल के वत्सराज प्रतिहार तथा मुंगेर के धर्मपाल के बीच लड़ा गया था।
➠धर्मपाल पाल वंश का राजा था।
➠वत्सराज प्रतिहार वंश का राजा था।
➠राजा कक्क व्याकरण, तर्क, काव्य तथा ज्योतिष का ज्ञाता था।
6. बाउक (Bauk)-
➠बाउल कक्क को बेटा था।
➠मंडोर के विष्णु मंदिर में बाउक ने बाउक प्रशस्ति लगवाई थी।
➠बाउक प्रशस्ति 837 ई. में लगवाई गयी थी.
➠मंडोर के प्रतिहारों के बारे में जानकारी का महत्वपूर्ण स्त्रोत बाउल प्रशस्ति है।
7. कक्कुक (Kakuka)-
➠कक्कुक बाउल का छोटा भाई तथा कक्क का बेटा था।
➠कक्कुक ने घटियाला में दो अभिलेख लगवाये थे।
➠घटियाला राजस्थान के जोधपुर जिले में स्थित है।
➠कक्कुक के द्वारा लगवाया गया पहला अभिलेख जोधपुर के घटियाला में माता की साल नामक स्थान से प्राप्त हुआ है जो की प्राकृत भाषा में लिखा गया है।
➠माता की साल पहले जैन मंदिर था।
➠कक्कुक के द्वारा लगवाया गया दुसरा अभिलेख जोधपुर के घटियाला में खाखू देवल नामक स्थान से प्राप्त हुआ है जो की संस्कृत भाषा में लिखा गया है।
➠कक्कुक ने मंडोर तथा रोहिन्सकूप में जय स्तम्भ लगवाये थे।
➠रोहिन्सकूप का ही नया नाम घटियाला है।
➠कक्कुक ने रोहिन्सकूप (घटियाला) में बाजार बनवाया था।