प्रतापगढ़ का गुहिल वंश
प्रतापगढ़-
➠प्रतापगढ़ में गुहिल वंश का शासन था।
प्रतापगढ़ में गुहिल वंश के प्रमुख राजा-
1. क्षेमकर्ण या क्षेमसिंह
2. सूरजमल (1473- 1530 ई.)
3. बाघसिंह
4. सामंतसिंह
5. उदयसिंह (1864- 1890 ई)
1. क्षेमसिंह या क्षेमकर्ण-
➠क्षेमसिंह मेवाड़ के महाराणा मोकल का बेटा था।
➠क्षेमसिंह मेवाड़ के राणा कुम्भा का छोटा भाई था।
➠राणा कुम्भा ने क्षेमसिंह को सादड़ी (चित्तौड़) की जागीर दी थी।
➠क्षेमसिंह अपने बड़े भाई राणा कुम्भा के खिलाफ विद्रोह कर देता है।
➠क्षेमसिंह विद्रोह के बाद मालवा चला जाता है।
2. सूरजमल (1473- 1530 ई.)-
➠सूरजमल मालवा की सहायता से देवलिया (प्रतापगढ़) का राजा बना था।
➠सूरजमल ने देवलिया को अपनी राजधानी बनाया था।
3. बाघसिंह-
➠बाघसिंह के पिता का नाम सूरजमल था।
➠बाघसिंह ने खानवा के युद्ध में भाग लिया था।
➠1535 ई. में चित्तौड़ के दुसरे साके में बाघसिंह ने केसरिया का नेतृत्व किया था।
➠बाघसिंह को देवलिया दीवान भी कहा जाता है।
➠बाघसिंह की छतरी चित्तौड़ दुर्ग के प्रथम दरबाजे पाडन पोल के बाहर चबूतरे पर ही बनी हुई है।
4. सामंतसिंह-
➠सामंतसिंह ने 5 अक्टूबर, 1818 ई. में अंग्रेजों के साथ संधि कर ली थी।
5. उदयसिंह (1864- 1890 ई.)-
➠उदयसिंह ने प्रतापगढ़ को अपनी राजधानी बनाया था।
➠प्रतापगढ़ से पहले प्रतापगढ़ के गुहिल वंश की राजधानी देवलिया थी।
➠देवलिया नामक स्थान राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में ही स्थित है।