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वायुमंडलीय दाब (Atmospheric Pressure)

वायुमंडलीय दाब की परिभाषा (Definition of Atmospheric Pressure)-

  • माध्य समुद्रतल से वायुमंडल की अंतिम सीमा तक एक इकाई क्षेत्रफल के वायु स्तंभ के भार को वायुमंडलीय दाब कहते हैं। अर्थात् वायु के वजन के कारण सतह पर लगने वाला दाब ही वायुमंडलीय दाब कहलाता है।


वायुमंडलीय दाब (Atmospheric Pressure)-

  • वायुमंडलीय दाब को मापने के लिए बैरोमीटर (Barometer) का उपयोग किया जाता है।
  • वायुमण्डलीय दाब को मापने की इकाई (Unit) मिलीबार (Millibar- mb) होती है।
  • समुद्रतल पर औसत वायुमंडलीय दाब 1,013.2 मिलीबार (Millibar) होता है।
  • समान दाब वाले क्षेत्रों को जोड़ने वाली रेखा को समदाब रेखा (Isobar Line) कहते हैं।
  • ऊंचाई के साथ वायु की सांद्रता (Concentration) कम हो जाती है। अतः ऊंचाई के साथ दाब कम हो जाता है।
  • उच्च तापमान वाले क्षेत्रों में वायु गर्म होकर ऊपर उठती है। अतः सतह पर निम्न दाब परिस्थितियों का निर्माण होता है।
  • निम्न तापमान वाले क्षेत्रों में वायु ठंडी होकर सतह पर अवतलित (Descend) होती है अर्थात् वायु ठंडी होकर नीचे उतरती है। जिसके कारण सतह पर उच्च दाब परिस्थितियों का निर्माण होता है।

पवनें (Winds)-

  • पवने उच्च दाब से निम्न दाब की ओर चलती है।
  • किन्ही दो स्थानों के वायुमंडलीय दाब में पाये जाने वाले अंतर को दाब प्रवणता (Pressure Gradient) कहते हैं।
  • दाब प्रवणता बल (Pressure Gradient Force- PGF) के कारण की पवने गति करती है।
  • दाब प्रवणता जितनी अधिक होती है। पवनों की गति उतनी ही अधिक होती है।
  • पवनों पर कोरिऑलिस बल (Coriolis Force) तथा घर्षण बल (Friction Force) भी लगता है।
  • कोरिऑलिस बल पवनों की दिशा को बदलता है। तथा घर्षण बल पवनों की गति को कम करता है।

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