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राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission)

राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission)-

  • राज्य निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक आयोग (Constitutional Commission) है।
  • राज्य निर्वाचन आयोग का उल्लेख भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 (K) व 243 (ZA) में किया गया है।
  • राज्य निर्वाचन आयोग एक सदस्यीय आयोग (One Member Commission) है।


राजस्थान निर्वाचन आयोग (Rajasthan Election Commission)-

  • राजस्थान निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक आयोग (Constitutional Commission) है।
  • राजस्थान निर्वाचन आयोग का उल्लेख भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 (K) व 243 (ZA) में किया गया है।
  • राजस्थान निर्वाचन आयोग एक सदस्यीय आयोग (One Member Commission) है।
  • आदेश (Order)- राजस्थान निर्वाचन आयोग की स्थापना का आदेश 17 जून 1994 को जारी किया गया था।
  • स्थापना (Establishment)- राजस्थान निर्वाचन आयोग की स्थापना 'राज्य निर्वाचन आयुक्त (सेवा शर्ते) नियम 1994' (State Election Commissioner (Condition of Service) Rules 1994) के 1 जुलाई 1994 को की गई थी।


राजस्थान निर्वाचन आयोग की संरचना या संगठन (Structure of Rajasthan Election Commission)-

  • राजस्थान निर्वाच आयोग की संरचना निम्नलिखित है। (क्रमशः उच्च अधिकारी से निम्न अधिकारी तक)-
  • 1. राज्य निर्वाचन आयुक्त (State Election Commissioner)
  • 2. सचिव (Secretary)- मुख्य निर्वाचन अधिकारी (Chief Electoral Officer- CEO), IAS अधिकारी होता है।
  • 3. उपसचिव (Deputy Secretary)- RAS अधिकारी होता है।
  • 4. सहायक सचिव (Assistant Secretary)- RAS अधिकारी होता है।
  • 5. जिला निर्वाचन अधिकारी (District Returning Officer)- जिला कलेक्टर होता है।
  • 6. जिला पंजीयन अधिकारी (District Registration Officer) - जिला कलेक्टर होता है।
  • 7. मतदान अधिकारी (Voting Officer)
  • 8. बूथ स्तरीय अधिकारी (Booth Level Officer- BLO)


नियुक्ति (Appointment)-

  • राज्य निर्वाचन आयुक्त को राज्यपाल के द्वारा मुख्यमंत्री व मंत्रिपरिषद की सिफारिश पर नियुक्त किया जाता है।


योग्यता (Qualification)-

  • राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद के लिए न्यूनतम 5 वर्ष का प्रधानसचिव (Principal Secretary-) (IAS) के रूप में अनुभाव होना चाहिए। अर्थात् सेवानिवृत IAS अधिकारी

  • यह योग्यता वर्ष 2017 के बाद से है। या 2017 के अनुसार है।


कार्यकाल (Tenure)-

  • वर्ष 2002 से राज्य निर्वाचन आयुक्त का  5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु जो भी पहले हो।


वेतन (Salary)-

  • राज्य निर्वाचन आयुक्त का वेतन राज्य मुख्य सचिव (Chief Secretary) के समान या बराबर होता है।

  • राज्य निर्वाचन आयुक्त का वेतन राज्य की संचित निधी (Consolidated Fund) पर भारीत होता है। अर्थात् राज्य निर्वाचन आयुक्त को वेतन राज्य की संचित निधी से दिया जाता है।


त्यागपत्र या इस्तीफा (Resignation)-

  • राज्य निर्वाचन आयुक्त अपना त्यापत्र या इस्तीफा राज्यपाल को देता है।


निष्कासन प्रक्रिया (Termination Process) या हटाने की प्रक्रिया (Process of Removal)-

  • राज्य निर्वाचन आयुक्त को पद से हटाने या निष्कासन प्रक्रिया का प्रावधान (Provision) भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 K (2) व 243 ZA (2) में किया गया है।
  • राज्य निर्वाचन आयुक्त को पद से हटना की प्रक्रिया उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान है। अर्थात् राज्य निर्वाचन आयुक्त को महाभियोग द्वारा (by Impeachment) ही निष्कासित किया जा सकता है।
  • राज्य निर्वाचन आयुक्त के लिए महाभियोग का प्रावधान भारत के संविधआन के अनुच्छेद 124 (4) में दिया गया है।
  • राज्य निर्वाचन आयुक्त पर महाभियोग के आधार (Bases of Impeachment) या कारण निम्नलिखित है-
    • (I) कदाचार (Misconduct) या दुर्व्यवहार (Misbehaviour)
    • (II) असमर्थता (Incapacity)


राज्य निर्वाचन आयोग को स्वायत्त, स्वतंत्र व निष्पक्ष बनाये रखने हेतु किये गये उपाय (Measures to Maintain Autonomy, Independent, Impartiality of State Election Commission)-

  • भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 (K) व 243 (ZA) में राज्य निर्वाचन आयोग को संवैधानिक आधार प्रदान किया गया है।
  • राज्य निर्वाचन आयुक्त की पारदर्शी नियुक्ति प्रक्रिया। (राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री व मंत्रीपरिषद की सिफारिश पर)
  • राज्य निर्वाचन आयुक्त के कार्यकाल का स्थायित्व (5 वर्ष या 65 वर्ष जो भी पहले हो)
  • राज्य निर्वाचन आयुक्त को पद से हटाने की जटिल प्रक्रिया या निष्कासन की जटिल प्रक्रिया (राष्ट्रपति द्वारा महाभियोग प्रक्रिया द्वारा)
  • राज्य निर्वाचन आयुक्त के वेतन व भत्ते राज्य की संचित निधि (Consolidated Fund) पर भारती है।
  • राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति के पश्चात अलाभकारी परिवर्तनों पर रोक है। अर्थात् यदि किसी राज्य निर्वाचन आयुक्त को नियुक्त किया गया है और उसके बाद वेतन में किसी तरह का बदलाव किया जाता है तो वह बदलाव अगले आयुक्त पे लागू होगा वर्तमान आयुक्त पे लागू नहीं होगा।


राज्य निर्वाचन आयोग के कार्य व भूमिका (Functions and Role of State Election Commission)-

  • राज्य सरकार को परिसीमन कार्यों (Delimitation Process) में सलाह प्रदान करना।
  • पंचायती राज संस्थान (Panchayati Raj Institution- PRI) व शहरी स्थानीय निकाय (Urban Local Bodies- ULB) के चुनावों की तिथि या कार्यक्रम की घोषणा करना।
  • पंचायती राज संस्थान (PRI) व शहरी स्थानीय निकाय (ULB) के चुनावों का आयोजन करवाना।
  • पंचायती राज संस्थान (PRI) व शहरी स्थानीय निकाय (ULB) के चुनावों को स्थगित करना एवं निरस्त करना।
  • मतदाताओं की सुविधा हेतु विभिन्न कार्य करना जैसे- पेयजल (Drinking Water), मतदाता विवरणिका , दिव्यांगों हेतु रैंप की व्यवस्था करना।
  • मतदाता जागरूकता कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करना।
  • मतदाता सूचियों का नवीनीकरण करवाना (केवल पंचायती राज संस्थान व शहरी स्थानीय निकाय के चुनाव में)
  • चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) का क्रियान्वयन करना।
  • राज्यपाल को वार्षिक प्रतिवेदन (Annual Report) सौंपना।


राज्य निर्वाचन आयोग की कमियां (Limitation of State Election Commission)-

  • राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद निरंतर रिक्त रहता है।
  • राज्य में राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति में राज्य सरकार का एकाधिकार (Monopoly) है।
  • राज्य निर्वाचन आयोग में अत्यधिक कार्यभार है जबकि आयोग एक सदस्यीय आयोग है।
  • सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार सेवानिवृत लोक सेवक (Retired IAS) को राज्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त करना तार्किक नहीं है।


अन्य महत्वपूर्ण तथ्य (Other Important Facts)-

  • जिला कलेक्टर जिले में जिला निर्वाचन अधिकारी (District Returning Officer) के रूप में पंचायती राज संस्थाओं (Panchayati Raj Institution- PRI) एवं शहरी स्थानीय निकाय (Urban Local Bodies- ULB) के चुनाव करवाता है।
  • जिला कलेक्टर जिले में जिला पंजीयन अधिकारी (District Registration Officer के रूप में समय समय पर मतदाता सूची में अपडेट करवाता है। अर्थात् जिला कलेक्टर जिला पंजीयन अधिकारी के रूप में बूथ स्तरीय अधिकारी (Booth Level Officer- BLO) से समय समय पर मतदाता सूचियों का नवीनीकरण करवाता है।
  • जिला निर्वाचन अधिकारी व जिला पंजीयन अधिकारी के रूप में जिला कलेक्टर राज्य निर्वाचन आयोग के अधीन कार्य करता है।

  • राज्य निर्वाचन आयोग का प्रावधान राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 119 व 120 में भी किया गया है।

  • राजस्थान में पंचायती राज संस्थाओं के प्रथम चुनाव 1960 में निर्वाचन विभाग के द्वारा करवाये गये थे।
  • राजस्थान में शहरी स्थानीय निकाय (Urban Local Bodies- ULB) के प्रथम चुनाव 1963 में करवाये गये थे।
  • राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायती राज्य संस्थाओं के प्रथम चुनाव सन् 1995 में करवाये गये थे।


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