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कांस्य युग (Bronze Era)

कांस्य युग (Bronze Era)- राजस्थान का प्राचीन इतिहास

  • सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization/ IVC) या हड़प्पा सभ्यता (Harappan Civilization) या सिंधु-सरस्वती सभ्यता (Indus Saraswati Civilization) कांस्य युगीन सभ्यता है। अर्थात् कांस्य युग की सभ्यता को सिंधु घाटी सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता या सिंधु-सरस्वती सभ्यता कहा जाता है।


सिन्धु घाटी सभ्यता के केंद्र (Sites of Indus Valley Civilization)-

  • 1. कालीबंगा, हनुमानगढ़ (Kalibangan, Hanumangarh)

  • 2. सोथी, बीकानेर (Sothi, Bikaner)


1. कालीबंगा, हनुमानगढ़ (Kalibangan, Hanumangarh)-

  • स्थित- कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में घग्घर नदी (Ghaggar River) के किनारे स्थित है।
  • कालीबंगा सिंधु घाटी सभ्यता का एक स्थल है।
  • कालीबंगा का शाब्दिक अर्थ (Literal meaning of Kalibangan)- काली चूड़ियां (Black Bangles)
  • ऑरेल स्टाइन या ऑरिल स्टाइन (Aurel Stein) ने घग्घर नदी का सर्वेक्षण किया था।
  • सबस पहले कालीबंगा की जानकारी एल.पी. टेस्सीटोरी (L.P. Tessitori) ने दी थी। अर्थात् एल.पी. टेस्सीटोरी ने सर्वप्रथम कालीबंगा की जानकारी बीकानेर के राजा को दी थी।
  • खोजकर्ता (Explorer)- 1952 ई. में अमलानंद घोष (Amalananda Ghosh) ने कालीबंगा की खोज की थी।
  • अमलानंद घोष भारत के पुरातत्वविद (Indian Archaeologist) थे।
  • उत्खननकर्ता (Excavator)-
  • (I) बी.बी. लाल (B.B. Lal)
  • (II) बी.के. थापर (B.K. Thapar)
  • (III) एम.डी. खरे (M.D. Khare)
  • दशरथ शर्मा (Dashrath Sharma) ने कालीबंगा को हड़प्पा सभ्यता की तीसरी राजधानी कहा था।
  • हड़प्पा में 5 स्तरों का उत्खनन किया गया था। जैसे-
  • (I) प्राक् हड़प्पा (Pre Harappan)- 1 व 2 स्तर
  • (II) विकसित हड़प्पा (Developed Harappan)- 3, 4 व 5 स्तरों का उत्खनन
  • कालीबंगा से प्राक् हड़प्पा व विकसित हड़प्पा के साक्ष्य मिले है।
  • पाकिस्तान का कोटदीजी (Kot Diji) स्थान कालीबंगा सभ्यता के समान है।
  • कालीबंगा सभ्यता में नगर दो भागों में विभाजित थे जैसे-
  • (I) पश्चिमी भाग (Western Part)- कालीबंगा सभ्यता में नगर के पश्चिमी भाग को दुर्ग (Citadel) कहा जाता था।
  • कालीबंगा सभ्यता में नगर के पश्चिमी भाग में प्रशासनिक भवन स्थित थे।
  • (II) पूर्वी भाग (Eastern Part)- कालीबंगा सभ्यता के पूर्वी भाग को निचला नगर (Lower Town) कहा जाता था।
  • कालीबंगा सभ्यता में नगर का पूर्वी भाग जन सामान्य के समान था।
  • कालीबंगा सभ्यता में नगर के दोनों भाग अलग-अलग चार दिवारी (Rampart) से घिरे हुए थे।

  • उत्खनन में मिले साक्ष्य (Evidence found in excavation)-

  • (I) जुता हुआ खेत (Ploughed farm)- प्राक् हड़प्पा के स्तर 1 के दक्षिण पूर्व दिशा से प्राप्त हुआ है
  • (II) एक साथ दो फसलें उगाते थे।
  • (III) द्वारपाल कक्ष (Watchman Room)- कालीबंगा सभ्यता के नगर के पूर्वी भाग से प्राप्त हुआ है।
  • (IV) कच्ची ईंटे (Raw Bricks)- कालीबंगा एक गरीब बस्ती थी। (Kalibanga was a poor colony)
  • (V) अलंकृत ईंटे (Ornamental Brick)
  • (VI) पर्याप्त जल निकासी प्रणाली का अभाव (Lack of proper drainage system)
  • (VII) लकड़ी की नालियां (Wooden drainage system)
  • (VIII) भागते हुए बैल की मृण्मूर्ति (Charging Bull Terracotta)
  • (IX) 7 अग्निकुंड (7 fire altars)
  • (X) हाथी दांत का कंघा (Ivory Comb)- हाथी के दांत से बना हुआ कंघा
  • (XI) युग्मित शवाधान (Couple burials)
  • (XII) भूकंप (Earthquake)
  • (XIII) 6 छेद वाली खोपडी (Skull with six holes)- इससे मस्तिष्क शोध (Encephalitis) या शल्य चिकित्सा (Surgery) की जानकारी प्राप्त होती है। 
  • (XIV) बेलनाकार मुहर (Cylindrical Seal)- यह मेसोपोटामिया सभ्यता की जानकारी देती है।  
  • विशेषताएं-
  • प्राचीन काल में बेलनाकार मुहर का उपयोग मेसोपोटामिया में किया जाता था, अर्थात् मेसोपोटामिया का कालीबंगा से साथ व्यापार वाणिज्य होता था।
  • मेसोपोटामिया सभ्यता ईराक में थी।
  • मेसोपोटामिया सभ्यता ईराक में तजला और फरात नदियों के किनारे स्थित है।
  • भारत का व्यापार मेसोपोटामिया सभ्यता के साथ होता है इसकी जानकारी सारगोन अभिलेख से मिलती है।
  • सारगोन अभिलेख में सिंधु घाटी सभ्यता (IVC) का नाम मेलुहा दिया गया है।
  • 'मेलुहा के मृत्युंजय' नामक पुस्तक सिंधु घाटी सभ्यता (IVC) पर लिखी गई पुस्तक है।
  • 'मेलुहा के मृत्युंजय' पुस्तक अमीश त्रिपाठी (Amish Tripathi) के द्वारा लिखी गई है।
  • मेलुहा मे हाजा पक्षी पाये जाते हैं इसीलिए मेलुहा को नाविको का देश कहा जाता है।
  • मेसोपोटामिया में मोर (Peacock) को हाजा पक्षी कहा जाता था।
  • 1985 ई. में भारत सरकार ने राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में कालीबंगा नामक स्थान पर संग्रहालय स्थापित किया था।


2. सोथी, बीकानेर (Sothi, Bikaner)-

  • स्थित- सोथी राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थित है।
  • बीकानेर के आस-पास की सभ्यता को सोथी सभ्यता कहा जाता है।
  • अमलानंद घोष (Amalananda Ghosh ने सोथी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता का उद्गम स्थल बताया था।
  • सोथी सभ्यता को कालीबंगा प्रथम (Kalibangan-I) भी कहा जाता है।
  • सोथी सभ्यता के प्रमुख केंद्र (Major Sites of Sothi Civilization)-
  • (I) सावणिया (Sawaniya)- सावणिया गाँव राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थित है।
  • (II) पूगल (Poogal)- पूगल गाँव राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थित है।


अन्य महत्वपूर्ण तथ्य (Other Important Facts)-

  • सिंधु घाटी सभ्यता के शुरुआत के सभी केंद्र सिन्दु नदी के पास मिले इसीलिए इसे सिन्धु घाटी सभ्यता कहा जाता है।
  • सिंधु घाटी सभ्यता के केंद्र अलग-अलग नदियों के किनारे मिले इसीलिए सबसे पहले केंद्र के आधार पर सिंधु घाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता कहा जाता है।
  • सिंधु घाटी सभ्यता के ऊपर के केंद्र सिन्धु नदी (Indus River) तथा नीचे के केंद्र सरस्वती नदी (Sarasvati River) के किनारे मिले इसीलिए सिंधु घाटी सभ्यता को सिंधु-सरस्वती सभ्यता कहा जाता है।

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