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ताम्रपाषाण काल (Chalcolithic Era)

ताम्रपाषाण काल (Chalcolithic Era)- प्राचीन राजस्थान का इतिहास

  • ताम्रपाषाण काल के अधिकतर केंद्र बनास नदी (Banas River) के किनारे स्थित है। इसीलिए इस सभ्यता को बनास सभ्यता (Banas Civilization) कहा जाता है।
  • ताम्रपाषाण कालीन सभ्यता का प्रमुख केंद्र आहड़, उदयपुर (Ahar, Udaipur) था। इसीलिए इस सभ्यता को आहड सभ्यता (Ahar Civilization) भी कहा जाता है।
  • रतनचन्द्र अग्रवाल (Ratanchandra Agrawal) ने इस सभ्यता (बनास सभ्यता या आहड़ सभ्यता) की खोज की थी


आहड़ सभ्यता या बनास सभ्यता के प्रमुख केंद्र (Prominent Sites of Banas Civilization or Ahar Civilization)-

  • 1. आहड़, उदयपुर (Ahar, Udaipur)
  • 2. गिलूंड, राजसमंद (Gilund, Rajsamand)
  • 3. बालाथल, उदयपुर (Balathal, Udaipur)
  • 4. ओझियाणा, भीलवाड़ा (Ojhiyana, Bhilwara)


1. आहड़, उदयपुर (Ahar, Udaipur)-

  • स्थित- आहड़ राजस्थान के उदयपुर जिले में आयड़ नदी (Ayad River) या बेड़च नदियों (Berach River) के किनारे स्थित है।

  • आहड़ के अन्य नाम या पूराने नाम-
  • (I) आटपुर (Atapur)
  • (II) आघाटपुर (Aghatpur)

  • आहड़ का स्थानीय नाम-

  • (I) धूलकोट (Dhulkot)
  • उत्खननकर्ता (Excavator)- क्रमशः

  • (I) अक्षय कीर्ति व्यास (Akshay Kirti Vyas)- आहड़ का सबसे पहले उत्खनन अक्षय कीर्ति व्यास ने किया था।
  • (II) रतन चन्द्र अग्रवाल (Ratan Chandra Agarwal)
  • (III) H.D. सांकलिया या हंसमुख धीरजलाल सांकलिया (Hasmukh Dhirajlal Sanklia)
  • उत्खनन में मिले साक्ष्य (Evidence found in excavation)-
  • (I) तांबे की भट्टियाँ (Copper Furnaces)
  • (II) रंगाई-छपाई उद्योग (Dying and Painting)
  • (III) काले व लाल मृदभांड (Earthenware)- आहड से सर्वाधिक या अत्यधिक मात्रा में काले व लाल मृदभांड मिले है।
  • (IV) बाट (Weights)
  • (V) लाजवर्द (Lapislazuli)- यहाँ के लोग लाजवर्द अफगानिस्तान से लाये होंगे क्योंकि यह नीला पत्थर अफगानिस्तान में ही पाया जाता है।
  • (VI) बीना हत्थे का जलपात्र (Without handle water pot)- ऐसे बर्तन ईरान (पर्शिया) में मिलते थे। अर्थात् यह बर्तन ईरानी सभ्यता के है।
  • (VII) अपोलो के चित्र वाला सिक्का (A coin with Apollo painting)- यूनान या ग्रीस (यूनानी सभ्यता)
  • (VIII) शव के साथ आभूषण (Ornament with dead body)- पुनर्जन्म में विश्वास (Belief in rebirth) करते थे।
  • (IX) बैल की मृण्मूर्ति (Bull Terracotta)- इसे बनास का बैल (Bull of Banas) कहा जाता है।
  • (X) 6 चूल्हे (6 Stoves)- संयुक्त परिवार या सामूहिक भोजन (Collective Feast) की जानकारी मिलती है।
  • (XI) दो मुंह वाला चूल्हा (Double sided stove)
  • (XII) सिलबट्टा (Silbatta/ Grinding Stone)- मसाले पीसने का पत्थर
  • (XIII) आहड़ के लोग- गेहूँ (Wheat), चावल (Rice), ज्वार (Sorghum) आदि खाते थे।
  • (XIV) पत्थर की नीव (Stone Foundation)
  • (XV) कच्ची ईंटे (Raw Briks)
  • (XVI) क्वार्ट्ज (Quarrtz)- आहड़ के लोग ईंटों में मजबूती देने के लिए क्वार्ट्ज तत्व को मिलाते थे।
  • विशेषताएं-
  • आहड एक व्यापारिक केंद्र (Trade Center) था तथा अन्य विदेशी सभ्यताओं (Foreign Civilization) से इसका संबंध था।
  • आहड़ से तांबा मिलने के कारण ही आहड को ताम्रवती नगरी (Tamravati Nagri) कहा जाता है।
  • बैल की मृण्मूर्तियां बनास नदी के पास स्थित सभी केंद्रों से मिली है इसीलिए बैल की मृण्मूर्तियों को बनास का बेल कहा जाता है।
  • मृण्मूर्ति मिट्टी की बनी मूर्ति को कहा जाता है।
  • अपोलो यूनान के देवता है।
  • प्राचीन काल में ईरान को पर्शिया के नाम से जाना जाता था।
  • लाजवर्द नामक नीला पत्थर अफगानिस्तान में ही पाया जाता है।
  • काले व लाल मृदभांडों को गोरे या कोठ कहा जाता है।


2. गिलूंड, राजसमंद (Gilund, Rajsamand)-

  • स्थित- गिलूंड राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित है।
  • उत्खननकर्ता (Excavator)-
    • (I) बी.बी. लाल (B.B. Lal)
    • (II) वी. एस. शिन्दे (V.S. Shinde)
    • (III) ग्रेगरी पोशल (Gragory Poshal)
  • उत्खनन में मिले साक्ष्य (Evidence found in excavation)-
  • (I) पक्की ईंटे (Backed Bricks)
  • (II) 5 प्रकार के मृदभांड (Earthenware)- जैसे- काले मृदभांड, लाल मृदभांड, पीले मृदभांड, पोलीश वाले मृदभांड, ग्रे रंग के मृदभांड 
  • (III) मिट्टी के खिलौने (Terracotta Toys)
  • (IV) हाथी दांत की चूड़ियां (Ivory Bengles)
  • (V) पत्थर की गोलियां (Stone balls)
  • विशेषताएं-
  • गिलूंड में मोडिया मगरी (Modiya Magari) नामक स्थान (पहाड़ी) का उत्खनन किया गया था।


3. बालाथल, उदयपुर (Balathal, Udaipur)-

  • स्थित- बालाथल राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित है।
  • उत्खननकर्ता (Excavator)- वीरेन्द्र नाथ मिश्र (Virendra Nath Mishra)
  • उत्खनन में मिले साक्ष्य (Evidence found in excavation)-
  • (I) लोहे की भट्टियां (Iron Furnaces)
  • (II) 11 कमरों का एक भवन (A house with eleven rooms)
  • (III) नलकूप (Tube well)
  • (IV) हाथ से बुना हुआ कपड़ा (Hand made cloth)
  • विशेषताएं-
  • बालाथल सभ्यता का संपर्क हड़प्पा सभ्यता से भी था।


4. ओझियाणा, भीलवाड़ा (Ojhiyana, Bhilwara)-

  • स्थित- ओझियाणा राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में स्थित है।
  • उत्खननकर्ता (Excavator)-
  • (I) बी.आर. मीणा (B. R. Meena)
  • (II) आलोक त्रिपाठी (Alok Tripathi)
  • उत्खनन में मिले साक्ष्य (Evidence found in excavation)-
  • (I) गाय एवं बैल की मृण्मूर्तियां (Cow and Bull Terracotta)


अन्य महत्वपूर्ण तथ्य (Other Important Facts)-

  • आयड़ नदी को उदयसागर झील से पहले आयड नदी (Ayar River) तथा उदयसागर झील के बाद आयड़ नदी को बेडच नदी (Berach River) के नाम से जाना जाता है।
  • उदयसागर झील (Udai Sagar Lake) राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित है।

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