महाजनपद काल (Mahajanapada Era)- राजस्थान का प्राचीन इतिहास
- 1. मत्स्य महाजनपद (Matsya Mahajanapad)
- 2. शूरसेन महाजनपद (Shursen Mahajanapad)
- 3. कुरु महाजनपद (Kuru Mahajanapad)
1. मत्स्य महाजनपद (Matsya Mahajanapad)-
- क्षेत्र (Area)- जयपुर, अलवर, भरतपुर आदि क्षेत्र मत्स्य महाजनपद में शामिल थे।
- राजधानी (Capita)- मत्स्य महाजनपद की राजधानी विराटनगर (जयपुर) था।
- विशेषताएं-
- महाभारत से विराटनगर की जानकारी मिलती है।
- विराटनगर राजस्थान के जयपुर जिले में स्थित है।
- ऋग्वेद से मत्स्य महाजनपद की जानकारी मिलती है।
- गोपीनाथ शर्मा के अनुसार महाभारत युद्ध के बाद मत्स्य महाजनपद शक्तिशाली हो गया था।
- चेदि महाजनपद (Chedi Mahajanapad) ने मत्स्य महाजनपद को हराया था।
- कालांतर में मत्स्य महाजनपद का विलय मगध महाजनपद (Magadha Mahajanapad) में हो गया था।
2. शूरसेन महाजनपद (Shursen Mahajanapad)-
- क्षेत्र (Area)- अलवर, भरतपुर, करौली आदि क्षेत्र शूरसेन महाजनपद में शामिल थे।
- राजधानी (Capital)- शूरसेन महाजनपद की राजधानी मथुरा (Mathura) थी।
- भगवान श्री कृष्ण शूरसेन महाजनपद के ही थे।
3. कुरु महाजनपद (Kuru Mahajanapad)-
- क्षेत्र (Area)- अलवर का उत्तरी भाग कुरु महाजनपद में शामिल था।
- राजधानी (Capita)- कुरु महाजनपद की राजधानी इन्द्रप्रस्थ (Indraprastha) थी।
- कौरव व पांडव कुरु महाजनपद के ही थे।
जनपद (Janpad)-
- 1. शिवि जनपद (Shivi Janpad)
- 2. मालव जनपद (Malav Janpad)
- 3. यौद्धेय जनपद (Yauddhey Janpad)
- 4. अर्जुनायन जनपद (Arjunayan Janpad)
- 5. शाल्व जनपद (Shalv Janpad)
- 6. राजन्य जनपद (Rajanya)
1. शिवि जनपद (Shivi Janpad)-
- क्षेत्र (Area)- उदयपुर, चित्तौड़गढ़
- राजधानी (Capital)- माध्यमिका (Madhyamika) या नगरी (Nagari)
- उत्खननकर्ता (Excavator)- माध्यमिका का उत्खनन निम्नलिखित के द्वारा किया गया था।
- (I) डी. आर. भंडारकर (D. R. Bhandarkar)
- (II) के. बी. सौन्दर राजन (K. B. Saundar Rajan)
- विशेषताएं-
- शिवि एक जाति थी।
- वर्तमान में माध्यमिका को नगरी के नाम से जाना जाता है।
- माध्यमिका या नगरी राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है।
- कार्लाइल (Carlleyle) ने माध्यमिका की खोज की थी।
- माध्यमिका राजस्थान पर पहला उत्खनित स्थल (Excavated Site) है। अर्थात् राजस्थान में सबसे पहले माध्यमिका में उत्खनन शुरू किया गया था।
- माध्यमिका एक बौद्ध केंद्र था।
- माध्यमिका की जानकारी के श्रोत निम्नलिखित है अर्थात् माध्यमिका की जानकारी निम्नलिखित से मिलती है।-
- (I) महाभारत (Mahabharat)
- (II) अष्टाध्यायी (Ashtadhyayi)- अष्टाध्यायी पुस्तक पाणिनि के द्वारा लिखी गई थी। पाणिनि की अष्टाध्यायी पुस्तक संस्कृत व्याकरण की पुस्तक है।
- (III) महाभाष्य (Mahabhashya)- महाभाष्य पुस्तक ऋषी पतंजली के द्वारा लिखी गई थी। महाभाष्य पुस्तक संस्कृत व्याकरण की पुस्तक है। महाभाष्य पुस्तक पाणिनि की अष्टाध्यायी पुस्तक का सरल रूप है।
- (IV) बड़ली अभिलेख (Badali Inscription)- 443 ईस्वी पूर्व
- स्थित (Located)- बडली राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित जगह का नाम है।
- विशेषताएं-
- 1912 ई. में गौरीशंकर हीराचन्द ओझा (Gaurishankar Hirachand Ojha) को अजमेर के बड़ली गाँव के भिलोट माता (Bhilot Mata) मंदिर से यह अभिलेख प्राप्त हुआ था।
- बड़ली अभिलेख राजस्थान का प्राचीनतम अभिलेख है।
- बड़ली अभिलेख वीर निर्माण सम्वत 84 (Veer Nirvan Samvat 84) में लिखा गया था।
- बड़ली अभिलेख के अनुसार माध्यमिका एक जैन केंद्र था।
2. मालव जनपद (Malav Janpad)-
- क्षेत्र (Area)- टोक तथा जयपुर
- राजधानी (Capital)- नगर (टोंक)
- विशेषताएं-
- मालव एक जाती थी।
- मालव जनपद की सभ्यता को खेडा सभ्यता (Kheda Civilization) कहा जाता है।
- राजस्थान में मालव जनपद के सर्वाधिक सिक्के प्राप्त होते हैं।
- राजस्थान में मालव जनपद के सिक्के नगर (टोंक) तथा रैढ (Raidh), (टोंक) नामक स्थानों से प्राप्त होते हैं।
- प्राचीन भारत का टाटानगर 'रैढ' (टोंक) को कहा जाता है।
- आधुनिक भारत का टाटानगर 'जमशेदपुर' (Jamshedpur) को कहा जाता है।
- जमशेदपुर भारत के झारखंड राज्य में स्थित एक शहर है।
- रैढ राजस्थान के टोंक जिले में स्थित है।
- रैढ नामक स्थान का उत्खनन केदारनाथ पुरी (Kedarnath Puri) के द्वारा किया गया था।
3. यौद्धेय जनपद (Yauddhey Janpad)-
- क्षेत्र (Area)- श्री गंगानगर तथा हनुमानगढ़
- विशेषताएं-
- यौद्धेय जनपद ने कुषाण शक्ति को रोका था।
- यौद्धेय एक जाति थी।
- यौद्धेय वीर की उपाधी धारण करते थे।
- यौद्धेयों ने कुषाणों को रोका था तथा यौद्धेय वीर की उपाधी धारण करते थे यह सब जानकारियां शक वंश के राजा रुद्रदामन (Rudradaman) के गिरनार अभिलेख, जूनागढ़ (Girnar, Junagarh) से मिलती है।
- गिरनार या जुनागढ़ अभिलेख संस्कृत भाषा का अभिलेख है.
- सुदर्शन झील के पास दो अभिलेख मिलते है दोनों अभिलेखों का नाम गिरनार या जुनागढ़ अभिलेख है। जिसमें से एक अभिलेख रुद्रदामन का तथा एक अभिलेख स्कन्दगुप्त का है। जैसे-
- (I) गिरनार या जुनागढ़ अभिलेख- रुद्रदामन
- (II) गिरनार या जुनागढ़ अभिलेख- स्कन्दगुप्त
(I) गिरनार या जुनागढ़ अभिलेख- रुद्रदामन
- रुद्रदामन ने अपने गिरनार या जुनागढ़ अभिलेख में लिखवाया है की सुदर्शन झील का निर्माण चंद्रगुप्त मौर्य के मंत्री (गवर्नर) पुष्यगुप्त ने करवाया था। कालांतर में सुदर्शन झील टुट गई तो अशोक के मंत्री (गवर्नर) तुशासप ने सुदर्शन झील का पुनर्निर्माण करवाया था। और इन दिनो सुदर्शन झील पुनः टूट गई है तो मेरे (रुद्रदामन) मंत्री (गवर्नर) सुविसाख सुदर्शन झील का पुनर्निर्माण करवा रहा है।
- रुद्रदामन अपने गिरनार या जुनागढ़ अभिलेख में यह कहता है की जब चंद्रगुप्त मौर्य ने सुदर्शन झील बनवायी व अशोक ने जब सुदर्शन झील का पुनर्निर्माण करवाया तब जनता के टैक्स लिया था लेकिन मैंने जनता से टैक्स नहीं लिया अर्थात् मैं बिना टैक्स ही सुदर्शन झील का पुनर्निर्माण करवा रहा हूँ।
- चंद्रगुप्त मौर्य का नाम भारत में पहली बार रुद्रदामन के गिरनार अभिलेख से मिलता है।
- रुद्रदामन का गिरनार या जुनागढ़ अभिलेख भारत में संस्कृत भाषा में यह पहला अभिलेख है इससे पहले मिले अभिलेख प्राकृत भाषा में मिले है।
- स्कन्दगुप्त अपने गिरनार या जुनागढ़ अभिलेख में कहता है की आजकल सुदर्शन झील पुनः टूट गई है और मेरे (स्कनदगुप्त) मंत्री या गवर्नर पाणदत का पुत्र चक्रपाली सुदर्शन झील का पुनर्निर्माण करवाता है।
4. अर्जुनायन जनपद (Arjunayan Janpad)-
- क्षेत्र (Area)- सीकर (सीकर में मुख्यतः नीम का थाना) तथा अलवर
- अर्जुनायन अर्जुन के वंशजों का क्षेत्र था अर्थात् अर्जुन के वंशज जहाँ आकर बसे वह जनपद अर्जुनायन जनपद कहलाया।
- अर्जुन के वंशजों में आगे एक तंवर वंशज हुआ और इस तंवर वंश की वजह से इस जगह का नाम तंवरावाटी पड़ा था।,
- तंवरावाटी को ही वर्तमान में तोरावाटी कहा जाता है।
5. शाल्व जनपद (Shalv Janpad)-
- क्षेत्र (Area)- अलवर
- शाल्व जनपद का मत्स्य महाजनपद (Matsya Mahajanapad) से सीमा विवाद था।
- महभारत के अनुसार शाल्वों की राजधानी मृत्तिकावती थी।
6. राजन्य जनपद (Rajanya Janpad)-
- क्षेत्र (Area)- भरतपुर
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य (Other Important Facts)-
- आधूनिक भारत में लौहे का काम सबसे पहले जमशेदपुर में शुरु हुआ था। और जमशेदपुर जमशेद जी टाटा (Jamsetji Tata) के द्वारा बसाया गया था इस लिए जमशेदपुर को भारत का टाटा नगर कहते हैं।
- प्राचीन भारत में लौहे का सबसे अच्छा काम रैढ (टोंक) में हो रहा था इसीलिए रैढ को प्राचीन भारत का टाटा नगर कहते हैं।
- बड़ी पुस्तक के छोटे रूप को टिका कहते हैं।
- कठिन पुस्तक के सरल रूप को भाष्य कहते हैं।
- जैन गुरु महावीर
- वीर निर्माण सम्वत महावीर की मृत्यु (517 ई.पू.) से शुरु किया या प्रारम्भ किया गया था।
- भारत की पहली नगरीय क्रांति सिंधु घाटी सभ्यता (IVC) या हड़प्पा सभ्यता को माना जाता है।
- भारत की दूसरी नगरीय क्रांति महाजनपद काल को माना जाता है।