ऊर्जा के गैर परम्परागत संसाधन (Non Conventional Sources of Energy)-
- गैर परम्परागत ऊर्जा संसाधन या अपरम्परागत ऊर्जा संसाधनों का प्रयोग पिछले कुछ दशकों से किया जा रहा है।
- गैर परम्परागत ऊर्जा संसाधनों का विकास वर्तमान में भी किया जा रहा है।
- गैर परम्परागत ऊर्जा संसाधनों में ऊर्जा प्राप्त करने के लिए नई तकनीक की आवश्यकता होती है।
- गैर परम्परागत ऊर्जा संसाधनों के प्रयोग से प्रदूषण (Pollution) की समस्या नहीं होती है।
- गैर परम्परागत ऊर्जा संसाधन सामान्यतः नवीकरणीय (Renewable) होते हैं। अर्थात् गैर परम्परागत ऊर्जा संसाधन बार-बार प्रयोग में लिए जा सकते हैं।
गैर परम्परागत संसाधन (Non Conventional Sources)-
- गैर परम्परागत ऊर्जा संसाधन निम्नलिखित है।-
- 1. सौर ऊर्जा (Solar Energy)- नवीकरणीय (Renewable)
- 2. पवन ऊर्जा (Wind Energy)- नवीकरणीय (Renewable)
- 3. बायोमास ऊर्जा (Biomass Energy)- नवीकरणीय (Renewable)
- 4. ज्वारीय ऊर्जा (Tidal Energy)- नवीकरणीय (Renewable)
- 5. भू तापीय ऊर्जा (Geothermal Energy)- नवीकरणीय (Renewable)
- 6. लघु जल विद्युत (Small Hydro Projects)- नवीकरणीय (Renewable)
- 7. परमाणु ऊर्जा (Nuclear Energy)- अनवीकरणीय (Non Renewable)
- 8. कोल बेड मीथेन (Coal Bed Methane)- अनवीकरणीय (Non Renewable)
- 9. शैल गैस (Shale Gas)- अनवीकरणीय (Non Renewable)
1. सौर ऊर्जा (Solar Energy)-
- भारत के भूमि क्षेत्र पर प्रति वर्ष लगभग 5000 ट्रिलियन KWh ऊर्जा आपतित होती है।
- संभावित क्षमता (Potential Capacity)- 748 GW
- स्थापित क्षमता (Installed Capacity)- 59 GW
- संभावित क्षमता में भारत के प्रमुख राज्य-
- (I) राजस्थान- प्रथम स्थान (142 GW)
- (II) जम्मू कश्मीर (लद्दाख)- द्वितीय स्थान (111 GW)
- (III) महाराष्ट्र- तृतीय स्थान (64 GW)
- स्थापित क्षमता में भारत के प्रमुख राज्य (क्रमशः)-(May 2022)
- (I) राजस्थान- प्रथम स्थान (14064 MW)
- (II) गुजरात- द्वितीय स्थान (7782 MW)
- (III) कर्नाटक- तृतीय स्थान (7597 MW)
- (IV) तमिलनाडु- (5572 MW)
- (V) आंध्रप्रदेश- (4390 MW)
भारत में सौर ऊर्जा के प्रमुख प्रोजेक्ट (Major Projects of Solar Energy in India)-
- भड़ला (Bhadla)- राजस्थान (2245 MW)
- पावागढ़ (Pavagad)- कर्नाटक (2000 MW)
- कुर्नूल (Kurnool)- आंध्रप्रदेश
- रेवा (Rewa)- मध्य प्रदेश
- कमुथी (Kamuthi)- तमिलनाडु
फ्लोटिंग सौलर प्रोजेक्ट (Floating Solar Power Plant)-
- 1. ओमकारेश्वर बाँध, नर्मदा नदी, मध्य प्रदेश- (600 MW)- यह विश्व का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सौलर प्रोजेक्ट है।, यह प्रोजेक्ट 2023 तक निर्माण
- 2. रामागुंडम, तेलंगाना- (100 MW)- NTPC द्वारा विकास
- 3. कयमकुलम, केरल- (101 MW)- टाटा पॉवर द्वारा विकास
2. पवन ऊर्जा (Wind Energy)-
- भारत में पवन ऊर्जा की संभावित क्षमता (Potential Capacity)- जैसे-
- (I) 100 मीटर ऊंचाई पर पवन ऊर्जा की संभावित क्षमता- 302 GW
- (II) 120 मीटर ऊंचाई पर पवन ऊर्जा की संभावित क्षमता- 695 GW
- भारत में पवन ऊर्जा की स्थापित क्षमता (Installed Capacity)- 41.2 GW
- पवन ऊर्जा की संभावित क्षमता में भारत के प्रमुख राज्य क्रमशः-
- (I) गुजरात- पहला स्थान (142 GW)
- (II) राजस्थान- दूसरा स्थान (127 GW)
- (III) कर्नाटक- तीसरा स्थान (124 GW)
- (IV) महाराष्ट्र- चौथा स्थान (98 GW)
- (V) आंध्रप्रदेश- पांचवां स्थान (74 GW)
- पवन ऊर्जा की स्थापित क्षमता में भारत के प्रमुख राज्य क्रमशः-
- (I) तमिलनाडु- पहला स्थान (9.9 GW)
- (II) गुजरात- दूसरा स्थान (9.3 GW)
- (III) कर्नाटक- तीसरा स्थान (5.1 GW)
- (IV) महाराष्ट्र- चौथा स्थान (5 GW)
- (V) राजस्थान- पांचवां स्थान (4.5 GW / 4495 MW)
- पवन ऊर्जा की स्थापित क्षमता में विश्व के प्रमुख देश क्रमशः
- (I) चीन (China)- पहला स्थान
- (II) अमेरिका (USA)- दूसरा स्थान
- (III) जर्मनी (Germany)- तीसरा स्थान
- (IV) भारत (India)- चौथा स्थान
- नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (New and Renewable Energy Ministry) द्वारा भारत के अपतटीय क्षेत्र में स्थापित क्षमता-
- (I) 2022 तक भारत में अपतटीय क्षेत्र में पवन ऊर्जा का लक्ष्य- 5 GW
- (II) 2030 तक भारत में अपतटीय क्षेत्र में पवन ऊर्जा का लक्ष्य- 30 GW
- भारत के अपतटीय क्षेत्र में संभावित पवन ऊर्जा क्षमता- 127 GW
भारत में पवन ऊर्जा के प्रमुख प्रोजेक्ट (Major Projects of Wind Energy in India)-
- मुप्पंदल (Muppandal)- तमिलनाडु
- जैसलमेर (Jaisalmer)- राजस्थान
- ब्राह्मणवेल (Brahmanvel)- महाराष्ट्र
- ढलगांव (Dhalgaon)- महाराष्ट्र
- वन्कुसवाडे (Vankusawade)- महाराष्ट्र
3. बायोमास ऊर्जा (Biomass Energy)-
- भारत में कृषि अवशेषों से बायोमास ऊर्जा की संभावित क्षमता- 28 GW
- भारत में बैगास से बायोमास ऊर्जा की संभावित क्षमता- 14 GW
- भारत में बायोमास ऊर्जा की कुल संभावित क्षमता- 42 GW (28 GW + 14 GW)
- भारत में बायोमास ऊर्जा की स्थापित क्षमता- 10.2 GW
- बायोमास ऊर्जा की स्थापित क्षमता में भारत के प्रमुख राज्य क्रमशः-
- (I) महाराष्ट्र (Maharashtra)- पहला स्थान
- (II) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)- दूसरा स्थान
- (III) कर्नाटक (Karnataka)- तीसरा स्थान
4. ज्वारीय ऊर्जा (Tidal Energy)-
- भारत में ज्वारीय ऊर्जा की संभावना- 12.5 GW
- भारत में ज्वारीय ऊर्जा के संभावित क्षेत्र जैसे-
- (I) गुजरात (Gujarat)- खम्बात की खाड़ी (Gulf of Khambat), कच्छ की खाड़ी (Gulf of Kutchh)
- (II) तमिलनाडु (Tamil Nadu)- पाक की खाड़ी (Palk Bay), मन्नार की खाड़ी (Gulf of Mannar)
- (III) पश्चिम बंगाल (West Bengal)- हुगली नदी (Hooghly), दक्षिण हल्दिया (South Haldia), सुंदरवन (Sunderban)
5. भारत में भू तापीय ऊर्जा के प्रमुख प्रोजेक्ट (Major Projects of Geothermal Energy in India)-
- पूगा घाटी (Puga Valley)- लद्दाख (पूगा घाटी में ONGC द्वारा भारत के प्रथम प्रोजेक्ट का विकास)
- चुमथांग (Chumathang)- लद्दाख
- तातापानी (Tatapani)- छत्तीसगढ़
- सूरजकुंड (Surajkund)- झारखंड
- मणिकरण (Manikaran)- हिमाचल प्रदेश
- खम्मम (Khammam)- तेलंगाना
- राजगिर (Rajgir)- बिहार
- सोहना (Sohana)- हरियाणा
- तपोबन (Tapoban)- उत्तराखंड
- कैम्बे (Cambay)- गुजरात
6. लघु जल विद्युत (Small Hydro Projects)-
- भारत में लघु जल विद्युत की स्थापित क्षमता 4.9 GW है। (31 अगस्त 2022)
7. परमाणु ऊर्जा (Atomic Energy)-
- भारत में 1948 ई. में परमाणु ऊर्जा आयोग (Atomic Energy Commission) की स्थापना की गई।
- भारत में परमाणु ऊर्जा के जनक डॉ. होमी जहांगीर भाभा को कहा जाता है।
- भारत में 1954 ई. में परमाणु ऊर्जा विभाग (Department of Atomic Energy) की स्थापना की गई।
- भारत में 1987 ई. में NPCIL की स्थापना की गई।
- NPCIL = Nuclear Power Corporation of India Ltd.
- वर्तमान में भारत में परमाणु ऊर्जा में स्थापित क्षमता- 6.7 GW (1.7%)
- 1969 ई. में भारत का प्रथम परमाणु विद्युत गृह महाराष्ट्र के तारापुर में स्थापित किया गया था।
- तारापुर में स्थापित परमाणु ऊर्जा प्रोजेक्ट अमेरिका के सहयोग से सुरू किया गया था।
- तारापुर में स्थित परमाणु ऊर्जा प्रोजेक्ट की विद्युत उत्पादन क्षमता 1400 MW है।
- 1973 ई. में कनाडा के सहयोग से राजस्थान के रावतभाटा में परमाणु प्रोजेक्ट सुरू किया गया।
- रावतभाटा में स्थित परमाणु प्रोजेक्ट की विद्युत उत्पादन क्षमता 1180 MW है।
- स्वेदशी उपकरण प्रयुक्त करने वाली भारत की पहली परियोजना कलपक्कम (मद्रास, तमिलनाडु) में शुरू की गई।
- सन् 2013 में रूस के सहयोग ने तमिलनाडु के कुडनकुलम में परियोजना शुरू की गई थी।
- कुडनकुलम में स्थित परमाणु प्रोजेक्ट की विद्युत उत्पादन क्षमता 2000 MW है।
- कुडनकुलम में स्थित परमाणु ऊर्जा परियोजना भारत की सबसे बड़ी परमाणु ऊर्जा परियोजना है।
भारत में प्रमाणु ऊर्जा के प्रमुख प्रोजेक्ट (Major Projects of Nuclear Energy in India)-
- तारापुर (Tarapur)- महाराष्ट्र
- रावतभाटा (Rawatbhata)- राजस्थान
- कलपक्कम (Kalpakkam)- तमिलनाडु
- कुडनकुलम (Kudankulam)- तनिलनाडु
- कैगा (Kaiga)- कर्नाटक
- काकरापार (Kakrapar)- गुजरात
- नरोरो (Narora)- उत्तर प्रदेश
- जैतपुर (Jaitpur)- महाराष्ट्र
8. कोल बेड मीथेन (Coal Bed Methane)-
- भारत में कोल बेड मीथेन में संभावित राज्य-
- (I) पश्चिम बंगाल (West Bengal)
- (II) मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)
- (III) झारखंड (Jharkhand)
9. शैल गैस (Shale Gas)-
- भारत में 6 बेसिन में शैल गैस के भण्डार का अनुमान लगाया जा रहा है। जैसे-
- (I) खम्भात बेसिन (Cambay Basin)
- (II) इण्डो-गंगा बेसिन (Indo-Gangetic Basin)
- (III) कावेरी बेसिन (Cauvery Basin)
- (IV) कृष्णा-गोदावरी बेसिन (Krishna Godavari Basin)
- (V) गोंडवाना बेसिन (Gondwana Basin)
- (VI) असम-अराकन बेसिन (Assam Arakan Basin)
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