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कृषि के प्रकार (Types of Agriculture)

कृषि के प्रकार (Agriculture)-

  • कृषि को दो भागों में विभाजित किया गया है। जैसे-
  • 1. निर्वाह कृषि (Subsistence Agriculture)
  • 2. वाणिज्यिक कृषि (Commercial Agriculture)


1. निर्वाह कृषि (Subsistence Agriculture)-

  • निर्वाह कृषि को दो भागों में विभाजित किया गया है। जैसे-
  • (I) गहन जीवन निर्वाह कृषि (Intensive Subsistence Agriculture)
  • (II) आदिम निर्वाह कृषि (Primitive Agriculture)


(I) गहन जीवन निर्वाह कृषि (Intensive Subsistence Agriculture)-

  • गहन जीवन निर्वाह कृषि मानसून एशिया (Monsoon Asia) के घनी आबादी वाले देशों में की जाती है। जैसे- दक्षिण एशिया (South Asia), दक्षिणी-पूर्वी एशिया (South-East Asia), पूर्वी एशिया (East Asia)
  • गहन जीवन निर्वाह कृषि वाले क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व अधिक (High density of population) होता है तथा खेतों का आकार छोटा होता है।
  • गहन जीवन निर्वाह कृषि वाले क्षेत्रों में भूमि का गहन (Intense) उपयोग करते हैं। जैसे- वर्ष में दो या अधिक फसलें (Crops) प्राप्त करते हैं।
  • गहन जीवन निर्वाह कृषि क्षेत्रों में मानव श्रम (Manual Labour) पर अधिक बल दिया जाता है।
  • गहन जीवन निर्वाह कृषि क्षेत्रों में प्रति हेक्टेयेर उपज अधिक होती है लेकिन प्रति व्यक्ति उपज कम होती है।
  • गहन जीवन निर्वाह कृषि क्षेत्रों में मुख्यतः खाद्यान्न फसलों (Food Grains) का उत्पादन किया जाता है। जैसे- गेंहू (Wheat), चावल (Rice)
  • गहन जीवन निर्वाह कृषि को दो भागों में विभाजित किया गया है। जैसे-
  • (A) चावल प्रधान निर्वाह कृषि (Rice Based Subsistence Agriculture)
  • (B) गेंहू प्रधान निर्वाह कृषि (Wheat Based Subsistence Agriculture)


(A) चावल प्रधान निर्वाह कृषि (Rice Based Subsistence Agriculture)-

  • चावल प्रधान निर्वाह कृषि क्षेत्रों में वर्षा 100 सेमी (100 cm) से अधिक होती है।

  • चावल प्रधान निर्वाह कृषि का विस्तार भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, इंडोनेशिया, कम्बोडिया, थाईलेंड, दक्षिणी व मध्य चीन आदि देशों में है।


(B) गेंहू प्रधान निर्वाह कृषि (Wheat Based Subsistence Agriculture)-

  • गेंहू प्रधान निर्वाह कृषि क्षेत्रों में वर्षा 100 सेमी (100 cm) से कम होती है।

  • गेंहू प्रधान निर्वाह कृषि का विस्तार उत्तरी-मध्य व पश्चिमी भारत, उत्तरी चीन, पाकिस्तान, कोरिया आदि देशों में है।


(II) आदिम निर्वाह कृषि (Primitive Agriculture)-

  • आदिम निर्वाह कृषि को दो भागों में विभाजित किया गया है। जैसे-
  • (A) स्थानान्तरण कृषि (Shifting Agriculture)
  • (B) चलवासी पशुचाराण कृषि (Nomadic Agriculture)


(A) स्थानान्तरण कृषि (Shifting Agriculture)-

  • स्थानान्तरण कृषि उष्णकटिबंधीय वन क्षेत्रों में आदिम जनजातियों के द्वारा की जाती है।
  • वन क्षेत्र जैसे- अमेजन बेसिन (Amazon Basin), कांगों बेसिन (Congo Basin), दक्षिण पूर्वी एशिया (Island group of south east Asia)
  • अन्य नाम (Other Name)- स्थानान्तरण कृषि को निम्नलिखित नामों से भी जाना जाता है।
  • (I) कर्तन कृषि (Slash Agriculture)
  • (II) दहन कृषि (Burn Agriculture)
  • स्थानान्तरण कृषि भारी वर्षा तथा वनस्पति के तीव्र पुनर्जनन वाले क्षेत्रों में की जाती है। (In areas of heavy rainfall and fast growing vegetation)
  • स्थानान्तरण कृषि में मुख्यतः मक्का (Maize), आलू (Potato), ज्वार, बाजरा आदि की कृषि की जाती है।


स्थानान्तरण कृषि के अन्य नाम (Other name of Shifting Agriculture)-

  • मिल्पा कृषि (Milpa Agriculture)- स्थानान्तरण कृषि को मेक्सिको (Mexico), रोडेशिया (Rhodesia) तथा मध्य अमेरिका (Middle America) में मिल्पा कृषि के नाम से जाना जाता है।
  • जिम्बाब्वे (अफ्रीका) का पूराना नाम रोडेशिया है।
  • रोका कृषि (Roca Agriculture)- स्थानान्तरण कृषि को ब्राजील (Brazil) में रोका कृषि के नाम से जाना जाता है।
  • लदांग कृषि (Ladang Agriculture)- स्थानान्तरण कृषि को इंडोनेशिया (Indonesia) या मलेशिया (Malaysia) में लदांग कृषि के नाम से जाना जाता है।
  • चेन्ना कृषि (Chenna Agriculture)- स्थानान्तरण कृषि को श्रीलंका (Sri Lanka) में चेन्ना कृषि के नाम से जाना जाता है।
  • तमराई कृषि (Tumarai Agriculture)- स्थानान्तरण कृषि को थाईलैंंड (Thailand) में तमराई कृषि के नाम से जाना जाता है।
  • तुग्या कृषि या टांग्या कृषि (Taungya Agriculture)- स्थानान्तरण कृषि को म्यांमार (Mayanmar) में तुग्या कृषि या टांग्या कृषि के नाम से जाना जाता है।
  • रे कृषि (Ray Agriculture)- स्थानान्तरण कृषि को वियतनाम (Vietnam) में रे कृषि के नाम से जाना जाता है।
  • कोनुको कृषि (Conuco Agriculture)- स्थानान्तरण कृषि को वेनेजुएला (Venezuela) में कोनुको कृषि के नाम से जाना जाता है।
  • मसोल कृषि या मासोल कृषि (Masole Agriculture)- स्थानान्तरण कृषि को मध्य अफ्रीका (Central Africa) में मसोल कृषि या मासोल कृषि के नाम से जाना जाता है।
  • लोगन कृषि (Logan Agriculture)- स्थानान्तरण कृषि को पश्चिमी अफ्रीका (Western Africa) में लोगन कृषि के नाम से जाना जाता है।
  • फंग कृषि (Phang Agriculture)- स्थानान्तरण कृषि को भूमध्यरेखीय अफ्रीका (Equatorial Africa) में फंग के नाम से जाना जाता है।
  • तावी कृषि (Tawi Agriculture)- स्थानान्तरण कृषि को मेडागास्कर (Madagascar) में तावी कृषि के नाम से जाना जाता है।
  • हुमा कृषि (Humah Agriculture)- स्थानान्तरण कृषि को जावा (Java) एवं सुमात्रा (Sumatra) में हुमा कृषि के नाम से जाना जाता है।
  • कैंगिन कृषि (Caingin Agriculture)- स्थानान्तरण कृषि को फिलीपींस (Philippines) में कैंगिन कृषि के नाम से जाना जाता है।
  • झूम कृषि या झुमिंग कृषि (Jhoom Agriculture)- स्थानान्तरण कृषि को भारत के उत्तरी पूर्वी (North East) राज्यों में झूम कृषि या झुमिंग कृषि के नाम से जाना जाता है।


(B) चलवासी पशुचाराण कृषि (Nomadic Agriculture)-

  • चलवासी पशुचाराण कृषि जल (Water) व चारे (Fodder) की प्राप्ति के लिए चलवासी पशुचारण कृषि की जाती है। जैसे
  • (अ) दक्षिण-पश्चिमी एशिया (South-West Asia) तथा सहारा मरुस्थल (Sahara Desert) में ऊँटों (Camel) का पालन करते हैं।
  • (ब) अरब प्रायद्वीप (Arabian Peninsula), ईरान (Iran), इराक (Iraq) तथा अफगानिस्तान (Afghanistan) में भेड़ (Sheep), बकरी (Goat), गाय (Cow), घोड़े (Horse), गधे (Donkey) व खच्चर (Mule) का पालन करते हैं।
  • (स) मध्य एशिया (Central Asia), तिब्बत (Tibet) तथा एंडीज (Andes) में याक् (Yak) व लामा (Lama) का पालन करते हैं।
  • (द) टुंडा प्रदेश (Tundra Region) में रेंडियर (Reindeer) व कैरिबू (Caribou) का पालन (Rearing) करते हैं।


2. वाणिज्यिक कृषि (Commercial Agriculture)-

  • (I) वाणिज्य पशुधन पालन या पशुचारण (Commercial Livestock Rearing)
  • (II) विस्तृत वाणिज्यिक अनाज कृषि (Extensive Commercial)
  • (III) मिश्रित कृषि (Mixed Farming)
  • (IV) रोपण कृषि या बागाती कृषि (Plantation Agriculture)
  • (V) भूमध्यसागरीय कृषि (Mediterranean Agriculture)
  • (VI) ट्रक फार्मिंग (Truck Farming)
  • (VII) फलोद्यान कृषि (Market Gardening/ Horticulture)
  • (VIII) कारखाना कृषि (Factory Farming) या डेरी कृषि (Dairy Farming)


(I) वाणिज्य पशुधन पालन या पशुचारण (Commercial Livestock Rearing)-

  • वाणिज्य पशुधन पालन या पशुचारण शीतोष्ण कटिबंधीय घास के मैदानों में किया जाता है। जैसे-
  • (A) डेनमार्क (Denmark) व न्यूजीलैंड (New Zealand) से दूध (Milk) का उत्पादन किया जाता है।
  • (B) ऑस्ट्रेलिया (Australia) से दूध (Milk) व ऊन (Wool) का उत्पादन किया जाता है।
  • (C) अमेरिका (USA) से दूध (Milk) व मांस (Meat) का उत्पादन किया जाता है।
  • ऑस्ट्रेलिया (Australia) में भेड़ पालन केंद्रों (Sheep Rearing Centers) पर काम करने वाले मजदूर (Worker) को जेकारू (Jekaru) कहा जाता है।


(II) विस्तृत वाणिज्यिक अनाज कृषि (Extensive Commercial)-

  • विस्तृत वाणिज्यिक अनाज कृषि विकसित देशों (Developed Countries) में शीतोष्ण कटिबंधीय घास के मैदानों (Temperate Grasslands) में की जाती है।
  • विस्तृत वाणिज्यिक अनाज कृषि में प्रति हेक्टैयर उपज कम होती है लेकिन प्रति व्यक्ति उपज अधिक होती है।
  • विस्तृत वाणिज्यिक अनाज कृषि में मुख्यतः गेंहू (Wheat) की खेती की जाती है।
  • विस्तृत वाणिज्यिक अनाज कृषि में मक्का (Corn), जौ (Barley) व जई (Oats) की भी खेती की जाती है।


(III) मिश्रित कृषि (Mixed Farming)-

  • मिश्रित कृषि में फसल उत्पादन (Crop production) के साथ-साथ पशुपालन (Animal Husbandry) भी किया जाता है।
  • मिश्रित कृषि का विस्तार अमेरिका का पूर्वी भाग (Eastern part of USA), उत्तरी-पश्चिमी यूरोप (Northern-western Europe), यूरेशिया के कुछ भाग (Some parts of Eurasia) तथा दक्षिणी महाद्वीपों (Southern Continents) के शीतोष्ण अक्षांशों (Temperate latitudes) वाले भाग में है।
  • शस्यावर्तन (Crop Rotation) एवं अंतः फसली (Intercropping) कृषि मृदा की उर्वरता (Fertility) को बनाये रखने में सहायक है।
  • मिश्रित कृषि मध्यम आकार के खेतों में की जाती है।
  • मिश्रित कृषि में भारी पूँजी निवेश किया जाता है।
  • मिश्रित कृषि महानगरों के समीप की जाती है।


(IV) रोपण कृषि या बागाती कृषि (Plantation Agriculture)-

  • उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों (Tropical Regions) में उपनिवेश काल (Colonization Period) में यूरोपीय लोगों द्वारा रोपण कृषि या बागाती कृषि का विकास किया गया था। जैसे-
  • ब्रिटिश (British)- 
  • (A) ब्रिटिश लोगों द्वारा भारत (India) व श्रीलंका (Sri Lanka) में चाय (Tea) की कृषि का विकास किया गया।
  • (B) ब्रिटिश लोगों द्वारा मलेशिया में रबड़ की कृषि का विकास किया गया।
  • (C) ब्रिटिश लोगों द्वारा वेस्टइंडीज में गन्ना तथा केले की कृषि का विकास किया गया।
  • फ्रांसिसी (French)-
  • (A) फ्रांसिसी लोगों द्वारा पश्चिमी अफ्रीका (West Africa) में कॉफी (Coffee) व कोकोवा (Cocoa) की कृषि का विकास किया गया।
  • अमेरिकी (Americans)-
  • (A) अमेरिकी लोगों द्वारा फिलीपींस (Philippines) में नारियल (Coconut) व गन्ने (Sugarcane) की कृषि का विकास किया गया।
  • यूरोपीय (European)-
  • (A) यूरोपीय लोगों द्वारा ब्राजील (Brazil) में कहवा (Coffee) की कृषि का विकास किया गया।
  • रोपण कृषि या बागाती कृषि में भारी पूँजी निवेश किया जाता है।
  • रोपण कृषि या बागाती कृषि में बड़ी संख्या में श्रमिकों की आवश्यकता होती है।
  • रोपण कृषि या बागाती कृषि एक फसली कृषि (Single Crop Farming) होती है।


(V) भूमध्यसागरीय कृषि (Mediterranean Agriculture)-

  • भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में अंगूर (Grapes), नारंगी (Oranges), संतरा (Citrus), निम्बू (Lemons), जैतून (Olives), जैसे खट्टे फलों (Citrus Fruits) की कृषि की जाती है जिसे भूमध्यसागरीय कृषि कहा जाता है।
  • भूमध्यसागरीय कृषि का विस्तार भूमध्य सागर (Mediterranean Sea) के दोनों ओर, उत्तरी अफ्रीका (North Africa) में ट्यूनीशिया (Tunisia) से अटलांटिक तट (Atlantic Coast) तक, मध्यवर्ती चिली (Central Chile), दक्षिण अफ्रीका (South Africa) का दक्षिण पश्चिमी भाग (Southwestern Part) तथा ऑस्ट्रेलिया (Australia) का दक्षिण पश्चिमी भाग में है।


(VI) ट्रक फार्मिंग (Truck Farming)-

  • ट्रक फार्मिंग में साग-सब्जियों (Vegetables) को प्रतिदिन ट्रकों में भरकर निकटवर्ती नगरों में आपूर्ति की जाती है.
  • ट्रक फार्मिंग ट्रक द्वारा रात भर में तय की गई दूरी पर निर्भर है।
  • विश्व में सर्वप्रथम ट्रक फार्मिंग अमेरिका (USA) में शुरू की गई थी। 


(VII) फलोद्यान कृषि (Market Gardening/ Horticulture)-

  • खलोद्यान कृषि में फल (Fruits) व फूलों (Flowers) की कृषि की जाती है।
  • उष्णकटिबंधीय क्षेत्र (Tropical Region) में केला (Banana), आम (Mango) व नारियल (Coconut) की फलोद्यान कृषि की जाती है।
  • शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्र (Temperate Zone) में सेव (Apple) व नाशपती(Pear) की फलोद्यान कृषि की जाती है।
  • भूमध्यसागरीय क्षेत्र  (Mediterranean Region) में खट्टे फलों (Citrus Fruits) की फलोद्यान कृषि की जाती है।
  • भारत (India) में गुलाब (Rose) व गेंदा (Marigold) की फलोद्यान कृषि की जाती है।
  • नीदरलैंड (Netherlands) विश्व में फूलों के उत्पादन के लिए विख्यात (Famous) है।
  • नीदरलैंड विश्व में मुख्यतः ट्यूलिप (Tulips) फूलों के उत्पादन के लिए विख्यात है।


(VIII) कारखाना कृषि (Factory Farming) या डेरी कृषि (Dairy Farming)-

  • कारखाना कृषि या डेरी कृषि में पशुपालन (Animal Husbandry) किया जाता है। जैसे- गाय-बैल (Cow-Bullock), कुक्कुट (Poultry)
  • कारखाना कृषि या डेरी कृषि में कारखानों में तैयार भोजन (Ready Made Food) व पशुचिकित्सा (Veterinary Medicine) आदि की व्यवस्था की जाती है।
  • कारखाना कृषि या डेरी कृषि का विस्तार पश्चिमी यूरोप (Western Europe) व उत्तरी अमेरिका (North America) के औद्योगिक क्षेत्रों (Industrial Region) में है।


कृषि करने वाले संगठन के आधार पर कृषि के प्रकार (Types of agriculture based on the organization doing agriculture)-

  • कृषि करने वाले संगठन के आधार पर कृषि के दो प्रकार है। जैसे-
  • (I) सहकारी कृषि (Cooperative Farming)
  • (II) सामूहिक कृषि (Collective Farming)


(I) सहकारी कृषि (Cooperative Farming)-

  • व्यक्तिगत फार्म (Individual farm) अक्षुण्ण रहते (Remains intact) हुए सहकारी संस्था (Co-operative society) के माध्यम से कृषि करते हैं।
  • सहकारी संस्थान द्वारा कृषि कार्यों के लिए आवश्यक खरीद, कृषि उत्पादों को उचित मूल्य पर बेचने, सस्ती दरों पर प्रसंस्करण साधनों को जुटाने की व्यवस्था की जाती है।
  • सहकारी आन्दोलन एक शताब्दी पूर्व प्रारम्भ हुआ (The co-operative movement began a century ago)
  • सहकारी आंदोलन डेनमार्क में सर्वाधिक सफल रहा। (In Denmark, the movement has been most successful)


(II) सामूहिक कृषि (Collective Farming)-

  • सामूहिक कृषि में उत्पादन के साधनों पर सम्पूर्ण समाज (Whole Society) का स्वामित्व (Ownership) तथा सामूहिक श्रम (Collective Labour) होता है।
  • विश्व में सामूहिक कृषि की शुरूआत सोवियत संघ में की गई थी।
  • सोवियत संघ (Soviet Union) में सामूहिक कृषि को कोलखहोश कृषि या कोलखोज कृषि (Kolkhoz Agriculture) के नाम से जाना जाता था। अर्थात् सोवियत संघ में सामूहिक कृषि का पूराना नाम कोलखहोश कृषि या कोलखोज कृषि था।

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