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केंद्र व राज्य के मध्य प्रशासनिक संबंध (Administrative Relations Between Centre and State)

केंद्र-राज्य प्रशासनिक संबंध (Centre-State Administrative Relations)-

  • केंद्र व राज्य के मध्य प्रशासनिक संबंधों (Administrative Relations) का उल्लेख भारतीय संविधान के भाग-11 तथा अनुच्छेद 256 से अनुच्छेद 263 तक में किया गया है। 
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 73 में संघ की कार्यपालिका शक्तियों का उल्लेख किया गया है।
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 162 में राज्य की कार्यपालिका शक्तियों का उल्लेख किया गया है।
  • भारत में दोहरी कार्यपालिका है अर्थात् राज्यों की कार्यपालिका संघ की कार्यपालिका के अधीन नहीं है बल्कि राज्यों की कार्यपालिका स्वायत्त है।
  • किन्तु निम्नलिखित मामलों में संघीय कार्यपालिका राज्यों को निर्देश दे सकती है।


अनुच्छेद 256-

  • भारत के संविधान के अनुच्छेद 256 के अनुसार संघ राज्यों को यह निर्देश दे सकता है कि संसद द्वारा पारित किए गए अधिनियमों को राज्य में लागू करें।


अनुच्छेद-257-

  • भारत के संविधान के अनुच्छेद 257 के अनुसार कुछ मामलों में संघ का राज्यों पर नियंत्रण है।
  • संघ राज्यों को यह निर्देश दे सकता है कि राज्य अपनी कार्यपालिका शक्तियों का प्रयोग इस प्रकार करें कि संघ की कार्यपालिका शक्तियों के साथ टकराव ना हो।
  • संघ राज्यों में रेलमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग आदि के रखरखाव व संरक्षण का निर्देश भी राज्यों को दे सकता है।


अनुच्छेद 350 (a)-

  • भारत के संविधान के अनुच्छेद 350 (a) के अनुसार केंद्र राज्यों को यह निर्देश दे सकता है कि भाषायी अल्पसंख्यकों को उनकी आरम्भिक शिक्षा मातृभाषा (Mother Tongue) में दिए जाने का प्रबंध करें।


अनुच्छेद 347-

  • भारत के संविधान के अनुच्छेद 347 के अनुसार यदि किसी राज्य में किसी भाषा को बोलने वाले लोग पर्याप्त संख्या में रहते है तथा वे राष्ट्रपति से मांग करते है कि प्रशासन में उनकी भाषा का प्रयोग किया जाए। और राष्ट्रपति उनकी मांग से संतुष्ट है तो वह राज्यों को यह निर्देश दे सकता है कि उस भाषा का प्रयोग प्रशासन में किया जाए अर्थात् सम्पूर्ण राज्य में या राज्य के किसी क्षेत्र विशेष में भाषा का प्रयोग प्रशासन में किया जाए।


अनुच्छेद 339-

  • भारत के संविधान के अनुच्छेद 339 के अनुसार केंद्र राज्यों को यह निर्देश दे सकता है कि अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) के विकास के लिए राज्य विशेष योजनाएँ व कार्यक्रम बनाए।


अनुच्छेद 244-

  • भारत के संविधान के अनुच्छेद 244 के अनुसार केंद्र राज्यों को निर्देश दे सकता है कि राज्य अनुसूचित (Scheduled) व जनजातीय (Tribal) क्षेत्रों के विकास के लिए विशेष योजनाएँ व कार्यक्रम बनाए।


अनुच्छेद 275-

  • भारत के संविधान के अनुच्छेद 275 के तहत केंद्र राज्यों को अनुदान प्रदान करता है और अनुदान के लिए केंद्र विशेष शर्ते निर्धारित करता है। अतः यह शर्ते भी एक प्रकार से निर्देश ही है।


अनुच्छेद 311-

  • भारत के संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत अखिल भारतीय सेवाओं (All India Services) के अधिकारियों को विशेष संरक्षण दिया गया है।
  • अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों के वेतन भत्ते, सेवा शर्ते केंद्र निर्धारित करता है।
  • अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यन्त अपने पद पर रहते हैं।
  • राज्य सरकार अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकरियों के विरुद्ध कार्यवाही नहीं कर सकती जबकि राज्यों का पूरा प्रशासन अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों द्वारा ही संचालित किया जाता है।


अनुच्छेद 356-

  • भारत के संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत केंद्र राज्य में राष्ट्रपति शासन (President's Rule) लागू कर सकता है तथा राज्य की समस्त कार्यपालिका शक्तियों को अपने हाथ में ले सकता है।


अनुच्छेद 352-

  • भारत के संविधान के अनुच्छेद 352 के अनुसार राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) के समय केंद्र सरकार राज्य सरकारों को निर्देश दे सकती है।


अनुच्छेद 360-

  • भारत के संविधान के अनुच्छेद 360 के अनुसार वित्तीय आपातकाल (Financial Energency) के समय केंद्र सरकार राज्यों को वित्तीय निर्देश (Financial Directions) दे सकती है।
  • राज्यों की कार्यपालिका का प्रमुख राज्यपाल होता है और राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  • केंद्र सरकार मुख्यमंत्री (Chief Minister- CM) के विरुद्ध जाँच आयोग (Inquiry Commission) का गठन कर सकती है।
  • केंद्र सरकार राज्यों में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सशस्त्र केंद्रीय बलों (Paramilitary Forces) को राज्यों में नियुक्त कर सकता है। अर्थात् राज्यों की सहमति के बिना भी केंद्र सरकार राज्यों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सशस्त्र केंद्रीय बलों को राज्यों में नियुक्त कर सकता है।


लोक सेवा आयोग (Public Service Commission- PSC)-

  • राज्य लोक सेवा आयोग (State Public Service Commission- SPSC) के अध्यक्ष एवं सदस्यों को केवल राष्ट्रपति हटा सकता है।
  • संयुक्त राज्य लोक सेवा आयोग (Joint State Public Service Commission- JSPSC) दो या अधिक राज्यों के विधानमंडलों के आग्रह पर संसद द्वारा गठन किया जा सकता है।
  • संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission- UPSC) राज्यपाल के आग्रह एवं राष्ट्रपति की अनुमति से राज्य को सेवा प्रदान कर सकता है।
  • दो या अधिक राज्यों के आग्रह पर संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) संयुक्त भर्ती की योजनाओं के क्रियान्वयन आदि पर राज्यों की सहायता कर सकता है।


अनुच्छेद 263-

  • भारत के संविधान के अनुच्छेद 263 में अंतरराज्यीय परिषद (Inter-State Council) का उल्लेख किया गया है।


अंतर्राज्यीय परिषद (Inter-State Council)-

  • अंतर्राज्यीय परिषद एक अस्थायी संवैधानिक निकाय (Non-Permanent Constitutional Body) है।
  • संघटन (Composition)-
  • (I) अध्यक्ष (पदेन अध्यक्ष)- प्रधानमंत्री (Prime Minister)
  • (II) सदस्य (Members)-
  • (A) 6 कैबिनेट मंत्री (गृहमंत्री सहित/ Including Home Minister)
  • (B) सभी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश (UT) के मुख्यमंत्री (यदि राष्ट्रपति शासन तो राज्यपाल सदस्य)
  • (C) केंद्रशासित प्रदेश (UT) के प्रशासक
  • अब तक कुल 12 बार ही अंतर्राज्यीय परिषद की बैठक हुई है।
  • गठन- सरकारिया आयोग (Sarkaria Commission) की सिफारिश पर सन् 1990 में अंतर्राज्यीय परिषद का गठन किया गया था।
  • उद्देश्य- सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना (Promote Co-operative Federalism)
  • कार्य (Functions)- राज्यों के मध्य अथवा केंद्र राज्यों के मध्य विवादों का समाधान करना और सहयोग को बढ़ावा देना।

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