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जैव आवर्धन (Biomagnification)

जैव आवर्धन (Biomagnification)-

  • दीर्घस्थायी कार्बनिक प्रदूषक (POP) एवं अन्य प्रदूषक जिनका सामान्यतः अपघटन (Decompose) नहीं होता है यदि वे खाद्य शृंखला (Food Chain) में प्रवेश कर जाये तो उत्तरोतर (Progressively) पोषण स्तर में इनकी सान्द्रता बढ़ती है इसे जैव आवर्धन कहते हैं।
  • POP = Persistent Organic Pollutant
  • POP = दीर्घस्थायी कार्बनिक प्रदूषक
  • जैव आवर्धन की प्रक्रिया में प्रदूषकों की सर्वाधिक सान्द्रता उच्च उपभोक्ता में होती है।

  • जैव आवर्धन को जैविक आवर्धन व जैव प्रवर्धन के रूप में भी जाना जाता है।


POP की बढ़ती हुई सान्द्रता (Increasing Concentration of POPs)-

  • POP < Phytoplankton (पादपप्लवक) < Zooptonkton (जन्तुप्लवक) < Small Fish (छोटी मछली) < Big Fish (बड़ी मछली) < मनुष्य (Human) या पक्षी (Birds)


POP के गुण (Properties of POP)-

  • POP का शुष्क जीवों द्वारा अपघटन नहीं होता है। अर्थात् POP जैव अनवीकरणीय होते हैं।
  • POP प्रदूषक जल में अघुलनशील तथा वशा में घुलनशील होते हैं।
  • POP प्रदूषक सामान्यतः जैविक रूप से सक्रिय होते हैं।
  • POP के उदाहरण-
  • (I) डीडीटी (DDT)
  • (II) एण्डोसल्फान (Endosulphan)
  • (III) एल्ड्रिन (Alderin)
  • (IV) पारा (Mercury-Hg)
  • (V) एल्युमीनियम (Aluminum)
  • (VI) आयरन (Iron)
  • (VII) फिनोनिक कम्पाउंड (Phenolic Compound)
  • (VIII) एबीएस (ABS)- एल्किल बेन्जीन सल्फोनेट (Alkyl Benzene Sulphonate) या अपमार्जक (Detergent)

 

जैव संचयन (Bio Accumulation)-

  • पर्यावरण से खाद्य शृंखला के प्रथम पोषण स्तर के जीवों में प्रदूषकों का संयचन होना जैव संचयन कहलाता है।
  • जैव संचयन यह दर्शाता है की प्रदूषक खाद्य शृंखला में कैसे प्रवेश करते हैं।
  • जैव संचयन जैव आवर्धन का प्रथम चरण या प्रथम स्तर है।


जैव आवर्धन के प्रभाव (Effects of Bio Magnification)-

  • पक्षियों में POP की सान्द्रता बढ़ने पर कैल्शियम उपापचयी (Calcium Metabolism) क्रियाएं प्रभावित होती है जिससे पक्षियों में अण्डे का कवच (Egg Shell) कमजोर बनता है जिसके कारण पक्षियों की संख्या लगातार कम हो रही है।
  • गिद्धो (Vulture) की संख्या दर्द निवारक दवा (Diclofanic Sodium) के कारण कम हुई है।
  • मनुष्यों में जैव आवर्धन के प्रभाव से कैंसर (Cancer), एलर्जी (Allergy), रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune Power) कम होना तथा तंत्रिका तंत्र से संबंधित रोग उत्पन्न होते हैं।
  • जापान में पारे (Mercury-Hg) के जैव आवर्धन के कारण मनुष्यों में मीनामाटा रोग (Minamata Disease) हुआ था।


किटनाशकों तथा खतरनाक रसायनों के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए किये गये उपाय (Measures taken to control the use of pesticides and hazardous chemicals)-

  • 1. स्टॉकहोम समझौता या स्टॉकहोम अभिसमय (The Stockholm Convention on POPs)

  • 2. रोटरडम (नीदरलैंड) अभिसमय 1998 (Rotterdam Convention on PIC)


1. स्टॉकहोम समझौता या स्टॉकहोम अभिसमय (The Stockholm Convention on POPs)-

  • दीर्घस्थायी कार्बनिक प्रदूषकों के उत्पादन तथा उपयोग को समाप्त या नियंत्रित करने हेतु वैश्विक स्तर पर स्टॉकहोम समझौता 2001 किया गया था।
  • स्टॉकहोम समझौता 2001, सन् 2004 से लागू हुआ या प्रभावी हुआ।
  • शुरुआत में स्टॉकहोम समझौते के तहत 12 कार्बनिक प्रदूषकों (POP) के उत्पादन तथा उपयोग को नियंत्रिक किया गया था बाद में इस सूची में और भी प्रदूषक शामिल किए जाते रहे है।
  • स्टॉकहोम समझौते में शामिल दीर्घ स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों को 3 श्रेणियों में विभाजित किया गया है। जैसे-
  • (I) कीटनाशक (Insecticides)-
  • (II) औद्योगिकी रसायन (Industrial Chemicals)
  • (III) उप उत्पाद (By Products)


(I) कीटनाशक (Insecticides)-

  • कीटनाशक जैसे- एल्ड्रिन (Aldrin), क्लोरडेन (Chlordane), डीडीटी (DDT), एण्डोसल्फान (Endosulfan), एन्ड्रिन (Endrin), माइरेक्स (Mirex), टोक्साफेन, हेप्टाक्लोर


(II) औद्योगिकी रसायन (Industrial Chemicals)-

  • औद्योगिकी रसायन जैसे- हैक्साक्लोरो बेंजीन (Hexachlorobenzene), पोलीक्लोरीनेटेड बाइफिनाइल (Polychlorinated Biphenyls)


(III) उप उत्पाद (By Products)-

  • उप उत्पाद जैसे- पोलीक्लोरीनेटेड डाइबेंजोफ्युरान्स (Polychlorinated Dibenzofurans)


2. रोटरडम (नीदरलैंड) अभिसमय 1998 (Rotterdam Convention on PIC)-

  • PIC = Prior Informed Consent Procedure
  • PIC = पूर्व सूचना अनुमति प्रक्रिया
  • रोटरडम समझौते में PIC स्थापित की गई थी।
  • रोटरडम समझौते का उद्देश्य खतरनाक रसायनों के बारे विभिन्न देशों के मध्य सूचनाओं के आदान प्रदान द्वारा इनका पर्यावरण की अनुकुलतानुसार उपयोग करना।
  • मानव तथा पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाले विभिन्न रसायनों के व्यापार को नियंत्रित करने हेतु रोटरडम समझौता 1998 में किया गया था।
  • रोटरडम समझौता 1998, सन् 2004 से लागू हुआ था।
  • रोटरडम समझौते के तहत PIC की व्यवस्था की गई जिसके अनुसार इन रसायनों के निर्यातक देशों को निर्यात से पूर्व सम्पूर्ण सूचना आयातक देश को देना अनिवार्य होगा।
  • समझौते के हस्ताक्षरकर्ता देश इन रसायनों को अपने देश में आयात की अनुमति देने या प्रतिबंधित करने के निर्णय करने में सक्षम होंगे।
  • रोटरडम समझौते में 52 रसायनों का वर्णन किया गया है।

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