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राजस्थान एकीकरण के चरण (Stages of Rajasthan Integration)

राजस्थान एकीकरण के चरण (Stages of Rajasthan Integration)-

  • राजस्थान का एकीकरण कुल 7 चरणों में पूरा हुआ था। जैसे-
  • 1. राजस्थान एकीकरण का प्रथम चरण (First Phase of Rajasthan integration)
  • 2. राजस्थान एकीकरण का द्वितीय चरण (Second Phase of Rajasthan integration)
  • 3. राजस्थान एकीकरण का तृतीय चरण (Third Phase of Rajasthan Integration)
  • 4. राजस्थान एकीकरण का चतुर्थ चरण (Fourth Phase of Rajasthan Integration)
  • 5. राजस्थान एकीकरण का पंचम चरण (Fifth Phase of Rajasthan Integration)
  • 6. राजस्थान एकीकरण का षष्ठम चरण (Sixth Phase of Rajasthan Integration)
  • 7. राजस्थान एकीकरण का सप्तम चरण (Seventh Phase of Rajasthan Integration)


1. राजस्थान एकीकरण का प्रथम चरण (First Phase of Rajasthan integration)-

  • राजस्थान का नाम- मत्स्य संघ (Matsya Union)
  • मत्स्य संघ में शामिल रियासतें-
    • (I) धौलपुर रियासत
    • (II) करौली रियासत
    • (III) अलवर रियासत
    • (IV) भरतपुर रियासत
    • (V) नीमराणा ठिकाना
  • राजप्रमुख- मत्स्य संघ का राजप्रमुख धौलपुर के राजा उदयभान सिंह को बनाया गया था।
  • उप राजप्रमुख- मत्सय संघ का उप राजप्रमुख करौली के राजा गणेशपाल को बना गया था।
  • राजधानी- मत्स्य संघ की राजस्थानी अलवर को बनाया गया था।
  • उद्घाटन- मत्स्य संघ का उद्घाटन 18 मार्च 1948 ई. को एन.वी. गाडगिल के द्वारा भरतपुर में किया गया था।
  • प्रधानमंत्री- शोभाराम कुमावत (अलवर)
  • उप प्रधानमंत्री- जुगल किशोर चतुर्वेदी
  • अन्य मंत्री-
  • (I) गोपीलाल यादव
  • (II) चिरंजी लाल शर्मा
  • (III) डॉ. मंगल सिंह
  • (IV) मास्टर भोलानाथ
  • जनसंख्या- मत्स्य संघ की जनसंख्या 18 लाख थी।
  • आय- मत्स्य संघ की आय 1.84 करोड़ रुपये थी।
  • अलवर तथा भरतपुर रियासतों पर भारत सरकार ने पहले ही नियंत्रण स्थापित कर लिया था।


2. राजस्थान एकीकरण का द्वितीय चरण (Second Phase of Rajasthan integration)-

  • राजस्थान का नाम- राजस्थान संघ  (Rajasthan Union)
  • राजस्थान संघ में शामिल रियासतें-
    • (I) कोटा रियासत- हाड़ौती
    • (II) बूंदी रियासत- हाड़ौती (राजा- बहादुर सिंह)
    • (III) झालावाड़ रियासत- हाड़ौती
    • (IV) डूंगरपुर रियासत- वागड
    • (V) बांसवाड़ा रियासत- वागड
    • (VI) प्रतापगढ़ रियासत- वागड
    • (VII) टोंक रियासत- राजस्थान की एकमात्र मुस्लिम रियासत
    • (VIII) किशनगढ़ रियासत
    • (IX) शाहपुरा रियासत (राजा- सुदर्शन देव)
    • (X) कुशलगढ़ ठिकाना
  • राजप्रमुख- राजस्थान संघ का राजप्रमुख कोटा के राजा भीमसिंह को बनाया गया था।
  • वरिष्ठ उप राजप्रमुख- राजस्थान संघ का वरिष्ठ उप राजप्रमुख बूंदी के राजा बहादुर सिंह को बनाया गया था।
  • कनिष्ठ उप राजप्रमुख- राजस्थान संघ का कनिष्ठ उप राजप्रमुख डूंगरपुर के राजा लक्ष्मण सिंह को बनाया गया था।
  • राजधानी- राजस्थान संघ की राजधानी कोटा को बनाया गया था।
  • उद्घाटन- राजस्थान संघ का उद्घाटन 25 मार्च 1948 ई. को एन.वी. गाडगिल के द्वारा कोटा में किया गया था।
  • प्रधानमंत्री- राजस्थान संघ का प्रधानमंत्री गोकुल लाल असावा को बनाया गया था।
  • मंत्री- राजस्थान संघ में कोई मंत्री नहीं बनाया गया था। (क्योंकि यह स्पष्ट हो गया था की मेवाड़ भी राजस्थान संघ में शामिल होगा इसीलिए एक बार के लिए मंत्री नहीं बनाये गये तथा यह निर्णय लिया गया था की मेवाड़ शामिल होने के बाद एक साथ ही मंत्री बना दिए जाएंगे)
  • जनसंख्या- राजस्थान संघ की जनसंख्या 23.5 लाख थी।
  • आय- राजस्थान संघ की आय 1.90 करोड़ रुपये थी।
  • एन.वी. गाडगिल का पूरा नाम (N.V. Gadgil)- नरहरि विष्णु गाडगिल (Narahar Vishnu Gadgil)
  • भारत सरकार शाहपुर तथा किशनगढ़ रियासतों के अजमेर-मेरवाड़ा में मिलाना चाहती थी। लेकिन शाहपुरा तथा किशनगढ़ रियासतों ने अजमेर-मेरवाड़ा में विलय का विरोध किया था।


3. राजस्थान एकीकरण का तृतीय चरण (Third Phase of Rajasthan Integration)-

  • राजस्थान का नाम- संयुक्त राजस्थान (United States of Rajasthan)
  • संयुक्त राजस्थान में शामिल रियासतें-
    • (I) राजस्थान संघ (9 रियासतें+ 1 ठिकाना)
    • (II) मेवाड़ रियासत (राजधानी- उदयपुर)
  • उद्घाटन- संयुक्त राजस्थान का उद्घाटन 18 अप्रैल 1948 ई. को पंडित जवाहरलाल नेहरू के द्वारा उदयपुर में किया गया था।
  • राजप्रमुख- संयुक्त राजस्थान का राजप्रमुख मेवाड़ के राजा महाराणा भूपाल सिंह को बनाया गया था।
  • वरिष्ठ उप राजप्रमुख- संयुक्त राजस्थान का वरिष्ठ उप राजप्रमुख कोटा के राजा भीम सिंह को बनाया गया था।
  • कनिष्ठ उप राजप्रमुख- संयुक्त राजस्थान के कनिष्ठ उप राजप्रमुख बूंदी के राजा बहादुर सिंह तथा डूंगरपुर के राजा लक्ष्मण सिंह को बनाया गया था।
  • राजधानी- संयुक्त राजस्थान की राजधानी उदयपुर को बनाया गया था।
  • संयुक्त राजस्थान के प्रतिवर्ष 3 अधिवेशन आयोजित किए जाएंगे जिसमें विधानसभा के दो अधिवेशन उदयपुर में तथा विधानसभा का एक अधिवेशन प्रतिवर्ष कोटा में आयोजित किया जाएगा।
  • कोटा के विकास के लिए विशेष प्रयाय किए जाएंगे।
  • प्रधानमंत्री- संयुक्त राजस्थान का प्रधानमंत्री माणिक्य लाल वर्मा को बनाया गया था।
  • उप प्रधानमंत्री- संयुक्त राजस्थान का उप प्रधानमंत्री गोकुल लाल असावा को बनाया गया था।
  • अन्य मंत्री-
    • (I) अभिन्न हरि
    • (II) भोगीलाल पांड्या
    • (III) बृजसुन्दर शर्मा
    • (IV) भूरेलाल बया
    • (V) प्रेमनारायण माथुर
    • (VI) मोहन लाल सुखाडिया
  • महाराणा भूपाल सिंह ने 20 लाख रुपये प्रिवी पर्स (Privy Purse) की मांग थी।
  • भारत सरकार ने महाराणा भूपाल सिंह को 20 लाख रुपये निम्नलिखित रूप में दिए-
    • (I) प्रिवी पर्स- 10 लाख रुपये
    • (II) राजप्रमुख का वेतन- 5 लाख रुपये
    • (III) धार्मिक अनुदान- 5 लाख रुपये
    • (IV) कुल- 20 लाख रुपये

  • राममनोहर लोहिया ने "राजस्थान आंदोलन समिति" का गठन किया तथा शेष बची रियासतों के राजस्थान में शीघ्र या जल्दी विलय की मांग की।


4. राजस्थान एकीकरण का चतुर्थ चरण (Fourth Phase of Rajasthan Integration)-

  • राजस्थान का नाम- वृहद राजस्थान (Greater Rajasthan)
  • वृहद राजस्थान में शामिल रियासतें-
    • (I) संयुक्त राजस्थान
    • (II) जयपुर रियासत
    • (III) जोधपुर रियासत
    • (IV) बीकानेर रियासत
    • (V) जैसलमेर रियासत
  • उद्घाटन- वृहद राजस्थान का उद्घाटन चैत्र शुक्ल एकम् विक्रमी संवत 2006 (30 मार्च 1949 ई.) को सरदार वल्लभ भाई पटेल के द्वारा जयपुर में किया गया था।
  • चैत्र शुक्ल एकम्- विक्रमी संवत कैलेंडर का नया वर्ष प्रारम्भ
  • प्रतिवर्ष 30 मार्च को राजस्थान दिवस मनाया जाता है।
  • महाराजप्रमुख- वृहद राजस्थान का महाराजप्रमुख मेवाड़ के राजा महाराणा भूपाल सिंह को बनाया गया था।
  • राजप्रमुख- वृहद राजस्थान का राजप्रमुख जयपुर के राजा सवाई मानसिंह-II को बनाया गया था।
  • वरिष्ठ उप राजप्रमुख- वृहद राजस्थान के वरिष्ठ उप राजप्रमुख कोटा के राजा भीमसिंह तथा जोधपुर के राजा हनवंत सिंह को बना गया था।
  • कनिष्ठ उप राजप्रमुख- वृहद राजस्थान के कनिष्ठ उप राजप्रमुख बूंदी के राजा बहादुर सिंह तथा डूंगरपुर के राजा लक्ष्मण सिंह को बनाया गया था।
  • प्रधानमंत्री- वृहद राजस्थान का प्रधानमंत्री हीरालाल शास्त्री को बनाया गया था।
  • अन्य मंत्री-
    • (I) सिद्धराज ढढ्ढा
    • (II) रघुवरदयाल गोयल
    • (III) बृजसुन्दर शर्मा
    • (IV) प्रेमनारायण माथुर
    • (V) वेदपाल त्यागी
    • (VI) राव राजा हनूत सिंह
    • (VII) नृसिंह कच्छावा
    • (VIII) फूलचन्द बाफना
  • राजधानी- जयपुर तथा जोधपुर में राजधानी को लेकर विवाद था अतः इसके समाधान के लिए एक समिति (B.R. पटेल समिति) का गठन किया गया।
  • B.R. पटेल समिति के सदस्य-
    • (I) B.R. पटेल- अध्यक्ष
    • (II) T.C. पुरी
    • (III) S.P. सिन्हा
  • B.R. पटेल समिति की सिफारिश के आधार पर जयपुर को राजधानी बनाया गया तथा जोधपुर का उच्च न्यायालय (High Court) दे दिया गया।
  • प्रिवी पर्स- (प्रतिवर्ष)
    • (I) जयपुर- 18 लाख रुपये
    • (II) जोधपुर- 17.50 लाख रुपये
    • (III) बीकानेर- 17 लाख रुपये
  • 19 जुलाई 1948 ई. को लावा ठिकाना जयपुर रियासत में मिला दिया गया था।


5. राजस्थान एकीकरण का पंचम चरण (Fifth Phase of Rajasthan Integration)-

  • राजस्थान का नाम- संयुक्त वृहद राजस्थान (United States of Greater Rajasthan)
  • संयुक्त वृहद राजस्थान में शामिल रियासतें-
    • (I) वृहद राजस्थान
    • (II) मत्स्य संघ
  • मस्स्य संघ का विलय शंकर राव देव समिति की सिफारिश पर किया गया था।
  • शंकर राव देव समिति के सदस्य-
    • (I) शंकर राव देव- अध्यक्ष
    • (II) प्रभुदयाल
    • (III) R.K. सिद्धवा
  • 15 मई 1949 ई. को मत्स्य संघ का विलय संघ का विलय किया गया था।
  • शोभाराम कुमावत को हीरालाल शास्त्री मंत्रीमंडल में शामिल कर लिया गया था।


6. राजस्थान एकीकरण का षष्ठम चरण (Sixth Phase of Rajasthan Integration)-

  • राजस्थान का नाम- राजस्थान (Rajasthan)
  • राजस्थान एकीकरण के छठे चरण में सिरोही रियासत का विभाजन किया गया।
  • आबू व देलवाड़ा सहित 89 गाँव बॉम्बे में मिलाए गए।
  • शेष सिरोही राजस्थान में मिला दिया गया जिसमें गोकुल भाई भट्ट का गाँव "हाथल" भी शामिल था।
  • इस अनुचित विलय पर सरदार वल्लभ भाई पटेल का जवाब था की "राजस्थान वालों को गोकुल भाई भट्ट चाहिए था अतः वह हमने दे दिया"
  • 26 जनवरी 1950 को राजस्थान एकीकरण के छठे चरण की प्रक्रिया सम्पन हुई।
  • 26 जनवरी 1950 ई. को राजस्थान का नाम "राजस्थान" कर दिया गया।
  • हीरालाल शास्त्री को राजस्थान का पहला मनोनीत मुख्यमंत्री बनाया गया।


राजस्थान के मनोनीत मुख्यमंत्री-

  • 1. हीरालाल शास्त्री- पहले
  • 2. सी.एस. वेंकटाचारी (ICS)- दूसरे
  • 3. जयनारायण व्यास- तीसरे


राजस्थान के निर्वाचित मुख्यमंत्री-

  • 1. टीकाराम पालीवाल- पहले (पहली विधानसभा)
  • 2. जयनारायण व्यास- दूसरे (उपमुख्यमंत्री- टीकाराम पालीवाल)- (पहली विधानसभा)
  • 3. मोहनलाल सुखाड़िया- तीसरे (पहली विधानसभा)


7. राजस्थान एकीकरण का सप्तम चरण (Seventh Phase of Rajasthan Integration)-

  • राजस्थान का नाम- राजस्थान (Rajasthan)
  • राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों के आधार पर-
    • (I) आबू व देलवाड़ा को राजस्थान में मिला दिया गया।
    • (II) अजमेर-मेरवाड़ा राजस्थान में मिला दिया गया।
    • (III) मध्य प्रदेश का सुनेल-टप्पा राजस्थान में मिला दिया गया।
    • (IV) राजस्थान का सिरोंज मध्य प्रदेश को दे दिया गया।
  • 1 नवम्बर 1956 ई. को राजस्थान का एकीकरण पुरा हुआ।
  • 1 नवम्बर 1956 ई. को मोहन लाल सुखाड़िया राजस्थान के मुख्यमंत्री थे।
  • आबू व देलवाड़ा के राजस्थान में विलय के लिए "मुनि जिन विजय सूरी समिति" का गठन किया गया था।
  • मुनि जिन विजय सूरी समिति के सदस्य-
    • (I) मुनि जिन वियज सूरी (इतिहासकार)- अध्यक्ष
    • (II) दशरथ शर्मा (इतिहासकार)
  • पहले अजमेर-मेरवाड़ा एक केंद्र शासित प्रदेश था।
  • अजमेर-मेरवाड़ा में 30 सदस्यों की एक "धारा सभा" थी।
  • विधानसभा = धारा सभा
  • अजमेर-मेरवाड़ा के मुख्यमंत्री हरिभाऊ उपाध्याय थे।
  • हरिभाऊ उपाध्याय ने अजमेर-मेरवाड़ा के राजस्थान में विलय का विरोध किया था।
  • अजमेर राजस्थान का 26वां जिला था।
  • जयपुर तथा अजमेर में राजस्थान की राजधानी को लेकर विवाद था अतः इसके समाधान के लिए एक समिति (सत्यनारायण राव समिति) का गठन किया गया।
  • सत्यनारायण राव समिति के सदस्य-
    • (I) सत्यनारायण राव- अध्यक्ष
    • (II) वी. विश्वनाथन
    • (III) बी.के. गुहा (B.K. गुहा)
  • सत्यनारायण राव समिति की सिफारिश के आधार पर-
    • (I) राजस्थान की राजधानी जयपुर को बनाया गया।
    • (II) राजस्व विभाग अजमेर को दे दिया गया।
    • (III) शिक्षा विभाग बीकानेर को दे दिया गया।
    • (IV) कृषि विभाग भरतपुर को दे दिया गया।
    • (V) वन एवं सहकारी विभाग कोटा को दे दिया गया।
    • (VI) खनिज विभाग उदयपुर को दे दिया गया।


1 नवम्बर 2000-

  • 1 नवम्बर 2000 ई. को राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य बन गया था क्योंकि मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ को अलग कर राज्य बनाया गया था।

  • राजस्थान से पहले क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य मध्य प्रदेश था।


अन्य महत्वपूर्ण तथ्य (Other Important Facts)-

  • 7वां संविधान संशोधन 1956 द्वारा राजप्रमुख के पद समाप्त कर दिया गया था।
  • राजस्थान के प्रथम राजप्रमुख सवाई मानसिंह-2
  • राजस्थान के अंतिम राजप्रमुख सवाई मानसिंह-2
  • 26वां संविधान संशोधन 1971 द्वारा राजाओं के प्रिवी पर्स समाप्त कर दिये गये थे।


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