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खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना (PLISFPI)

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग हेतु उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना (Production Linked Incentive Scheme for Food Processing Industry- PLISFPI)-

  • PLISFPI Full Form = Production Linked Incentive Scheme for Food Processing Industry
  • PLISFPI का पूरा नाम = खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना
  • खाद्य प्रसंस्करण उद्योग हेतु उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना (PLISFPI) की शुरुआत PLI योजना (PLI Scheme) के तहत की गई थी।
  • PLI Full Form = Production Linked Incentive
  • PLI का पूरा नाम = उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना
  • खाद्य प्रसंस्करण उद्योग हेतु उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना (PLISFPI) के लिए 10,900 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है।


उद्देश्य (Objective)- 

  • भारत को विश्व स्तर पर खाद्य निर्माण क्षेत्र में अग्रणी स्थान पर लाना।
  • भारतीय खाद्य उत्पादों के ब्रांडों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ावा देना।
  • कृषि उपज के लाभकारी मूल्य और किसानों को अधिक आय सुनिश्चित करना।
  • ऑफ-फार्म नौकरियों के राजगार के अवसर बढ़ाना।


समयावधि (Time Period)-

    • खाद्य प्रसंस्करण उद्योग हेतु उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना (PLISFPI) की समयावधि वित्त वर्ष 2021-22 से 2026-27 तक 6 वर्षों के लिए है।


    घटक (Component)-

    • खाद्य प्रसंस्करण उद्योग हेतु उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना (PLISFPI) दो घटकों के रूप में लागू की गई है। जैसे-
    • 1. पहला घटक (First Component)
    • 2. दूसरा घटक (Second Component)


    1. पहला घटक (First Component)-

    • खाद्य प्रसंस्करण उद्योग हेतु उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना (PLISFPI) का पहला घटक चार प्रमुख खाद्य उत्पाद खंडों के विनिर्माण को प्रोत्साहित करन से संबंधित है। जिसमें निम्न शामिल है-
    • (I) रेडी टू कुक (Ready To Cook- RTC), रेडी टू ईट (Ready To Eat- RTE) खाद्य पदार्थ
    • (II) प्रसंस्कृत फल और सब्जियां (Processed fruit and vegetables)
    • (III) समुद्री उत्पाद (Marine products)
    • (IV) मौजेरेला चीज (Mozzarella Cheese)


    2. दूसरा घटक (Second Component)-

    • खाद्य प्रसंस्करण उद्योग हेतु उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना (PLISFPI) का दूसरे घटक में मजबूत भारतीय ब्रांडों (Indian Brands) को उभारने तथा प्रोत्साहित करने के लिए विदेशों में उनकी रिब्रांडिंग (Rebranding) और विपणन (Marketing) के लिये विदेशों से समर्थन प्राप्त करने से संबंधित है।

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