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स्टैंड-अप इंडिया (Stand-Up India)

स्टैंड-अप इंडिया (Stand-Up India)-

  • अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) तथा महिला उद्यमियों (Entrepreneurs) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 5 अप्रैल 2016 को भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने स्टैंड-अप इंडिया योजना की शुरुआत की थी।

  • स्टैंड-अप इंडिया योजना को वर्ष 2025 तक बढ़ा दिया गया है।

  • स्टैंड-अप इंडिया योजना भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की सभी शाखाओं द्वारा संचालित की जाएगी।


स्टैंड-अप इंडिया योजना का उद्देश्य (Objective of Stand-Up India Scheme)-

  • स्टैंडअप इंडिया योजना के तहत अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) तथा महिला उद्यमियों (Entrepreneurs) को बैंकों से 10 लाख से 1 करोड़ रुपये तक का सस्ता ऋण उपलब्ध कराया जाता है।


पात्रता (Eligibility)-

  • 1. अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) या महिला उद्यमी जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक है।
  • 2. स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत ऋण केवल ग्रीन फील्ड परियोजना के लिए उपलब्ध है।
  • ग्रीन फील्ड, इस संदर्भ में निर्माण, सेवाओं, कृषि-संबंधि गतिविधियों या व्यापार के क्षेत्र में पहली बार लाभार्थी का उद्यम दर्शाता है।
  • 3. गैर-व्यपक्तिगत उद्यमों के मामले में 51% शेयरधारिता और नियंत्रण हिस्सेदारी या तो अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) या महिला उद्यमि के पास होनी चाहिए।
  • 4. कर्जदार किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान का डिफाल्टर नहीं होना चाहिए।


ऋण की प्रकृति (Nature of Loan)-

  • समग्र ऋण (सावधि ऋण और कार्यशील पूंजी सहित) के बीच 10 लाख से 1 करोड़ रुपये तक।


ऋण का उद्देश्य (Purpose of Loan)-

  • अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) या महिला उद्यमी के द्वारा विनिर्माण, सेवाओं, कृषि-संबंधि गतिविधियों या व्यापार क्षेत्र में एक नया उद्यम स्थापित करने के लिए।


ब्याज दर (Interest Rate)-

  • स्टैंड-अप इंडिया योजना में ब्याज की दर उस श्रेणी (रेटिंग श्रेणी) के लिए बैंक की न्यनतम लागू दर होगी जो आधार दर (MCLR + 3% + अवधि प्रीमियम) से अधिक नहीं होगी।


सुरक्षा (Security)-

  • प्राथमिक सुरक्षा के अलावा ऋण को संपार्श्विक सुरक्षा या स्टैंड-अप इंडिया लोन के लिए क्रेडिट गारंटी फंड स्कीम (CGFSIL) की गारंटी के रूप में बैंकों के द्वारा तय किया जा सकता है।


वापसी (Repayment)-

  • स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत अधिकतम 18 महीने की अधिस्थगन अवधि (Moratorium Period) के साथ ऋण कुल 7 वर्षों में चुकाया जा सकता है।


मार्जिन मनी (Margin Money)- 

  • स्टैंड-अप इंडिया योजना में 15%  मार्जिन मनी की परिकल्पना की गई है।

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