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सतत विकास (Sustainable Development)

सतत् विकास (Sustainable Development)-

  • सतत् विकास, विकास की वह अवधारणा है जिसमें वर्मतान मानव समुदाय भावी पीढ़ी की आवश्यकताओं से समझौता किए बिना अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करें।

  • सतत् विकास को संधारणीय विकास या टिकाऊ विकास भी कहा जाता है।


ब्रंटलैण्ड आयोग (Brundtland Commission)-

  • ब्रंटलैण्ड रिपोर्ट को पर्यावरण एवं विकास पर विश्व आयोग (WCED) द्वारा जारी किया गया था। अर्थात् ब्रंटलैण्ड रिपोर्ट को पर्यावरण एवं विकास पर विश्व आयोग (WCED) भी कहा जाता है।
  • WCED Full Form = World Commission on Environment and Development
  • WCED का पूरा नाम = पर्यावरण एवं विकास पर विश्व आयोग
  • ब्रंटलैण्ड आयोग संयुक्त राष्ट्र का एक उप संगठन था।
  • ब्रंटलैण्ड आयोग का उद्देश्य सतत विकास की खोज में देशों को एकजुट करना था।
  • ब्रन्टलैण्ड आयोग (पर्यावरण एवं विकास पर विश्व आयोग-1983/ World Commission on Environment and Development, 1983) की रिपोर्ट "हमारा सांझा भविष्य" या हमारा उभयनिष्ठ भविष्य (1987) में आधिकारिक रूप से सतत् विकास को परिभाषित किया गया था।
  • ब्रंटलैण्ड रिपोर्ट सन् 1987 में जारी की थी।
  • ब्रटलैण्ड रिपोर्ट को "हमारा सांझा भविष्य" या हमारा उभयनिष्ठ भविष्य भी कहते हैं।
  • प्राकृतिक संसाधनों के संवर्धन, संरक्षण, प्रकृति की पुनर्निर्माण क्षमता का संरक्षण तथा भावी पीढ़ियों पर पर्यावरणीय जोखिम थोपने से बचने पर सतत् विकास होगा।
  • ब्रंटलैण्ड आयोग को सन् 1987 में रिपोर्ट जारी करने के बाद भंग कर दिया गया था।


एजेण्डा-21 (Agenda-21)-

  • एजेण्डा-21 सतत् विकास से संबंधित संयुक्त राष्ट्र संघ की कार्य योजना है जो रियो सम्मेलन के दौरान जारी किया गया था।
  • एजेण्डा-21, 21वीं शताब्दी के सतत् विकास का एजेंडा है।
  • एजेण्डा-21 दस्तावेज राष्ट्रों के लिए कानून बाध्यकारी नहीं था।
  • एजेण्डा-21 पर्यावरण को प्रभावित करने वाले उन सभी मानवीय कार्यों का व्यापक ब्लूप्रिंट है जो वैश्विक स्तर पर संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा, राष्ट्रीय स्तर पर सरकारों द्वारा तथा स्थानी स्तर पर प्रमुख समूहों द्वारा किये जाने हैं।
  • एजेण्डा-21 में 40 अध्याय है जिन्हें 4 भागों में विभाजित किया गया है। जैसे-
  • 1. आर्थिक तथा सामाजिक विकास के आयाम (Social and Economic Dimension)
  • 2. विकास के लिए प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण एवं प्रबंधन (Conservation and Management of Resources for Development)
  • 3. प्रमुख समूहों की भूमिका- अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाएं, राष्ट्रीय सरकारे तथा स्थानीय समूह (Strengthening the Role of Major Groups- International Agencies, National Government and Local Group)
  • 4. क्रियान्वयन के साधन (Means of Implementation)


सतत् विकास के आयाम (Dimensions of Sustainable Development)-

  • सतत् विकास के तीन आयाम है। जैसे-
  • 1. आर्थिक व्यवहार्यता (Economic Viability)
  • 2. पर्यावरणीय संरक्षण (Environmental Protection)
  • 3. सामाजिक समानता (Social Equality)


सतत् विकास की प्रमुख बाधाएं (Major Obstacles of Sustainable Development)-

  • 1. अत्यधिक जनसंख्या वृद्धि (Population Explosion)
  • 2. आर्थिक गतिविधियों में अनियंत्रित बढ़ोतरी (Rise in Economic Activity)
  • 3. तीव्र प्रौद्योगिकीकरण (Rapid Industrialization)
  • 4. शहरीकरण (Urbanization)
  • 5. निर्वनीकरण (Deforestation)
  • 6. कीटनाशक, पीड़कनाशक तथा रासायनिक उर्वरकों का उपयोग बढ़ता है। (Increase use of insecticides, pesticides and chemical fertilizer)


सतत् विकास प्राप्ति के प्रयास (Achieving Sustainable Development)-

  • 1. मानव जनसंख्या को प्रकृति की वहन क्षमता तक सीमित बनाए रखना।
  • 2. तकनीकी विकास प्राकृतिक संसाधनों के प्रभावी उपयोग हेतु होना चाहिए ना की उनके दोहन के लिए।
  • 3. नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों का उपयोग अधिक से अधिक किया जाना चाहिए।
  • 4. सभी प्रकार के प्रदूषणों को नियंत्रित किया जाना चाहिए।
  • 5. प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग दूरदृष्टि से किया जाना चाहिए।


सतत् विकास के लिए किए गये सम्मेलन (Conferences for Sustainable Development)-

    • 1. जोहान्सबर्ग सम्मेलन (Johannesburg Conference)- 2002
    • 2. रियो + 20 (Rio + 20)- 2012


    1. जोहान्सबर्ग सम्मेलन (Johannesburg Conference)- 2002

    • आधिकारिक नाम (Official Name)- जोहान्सबर्ग सम्मेलन का आधिकारिक नाम सतत् विकास पर विश्व सम्मेलन (World Summit on Sustainable Development) है।
    • जोहान्सबर्ग सम्मेलन में निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा की गई-
    • (I) जल संरक्षण (Water Conservation)
    • (II) शिक्षा (Education)
    • (III) स्वास्थ्य (Health)
    • (IV) ऊर्जा (Energy)
    • (V) जैव-विविधता (Biodiversity)


    जोहान्सबर्ग सम्मेलन के उद्देश्य (Objectives of the Johannesburg Conference)-

    • रियो सम्मेलन 1992 में जारी किये गये एजेण्डा-21 (Agenda-21) की समीक्षा हेतु जोहान्सबर्ग सम्मेलन का आयोजन किया गया था।


    2. रियो + 20 (Rio + 20)- 2012

    • आधिकारिक नाम (Official Name)- रियो+20 सम्मेलन का आधिकारिक नाम संयुक्त राष्ट्र का सतत् विकास सम्मेलन (United Nation Conference on Sustainable Development- UNCSD) है।
    • रियो + 20 सम्मेलन में जो दस्तावेज जारी किया गया उसका शीर्षक "द प्यूचर वी वॉन्ट" (The future we want)
    • रियो + 20 सम्मेलन में विश्व के राजनेताओं, निजी क्षेत्र, गैर सरकारी संगठनों (NGO) तथा अन्य समूहों के हजारों प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था।
    • रियो + 20 सम्मेलन में गरीबी कम करने, सामाजिक समानता बढ़ाने तथा जनसंख्या नियंत्रण के साथ पर्यावरणीय संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए सहयोग हेतु विचार विमर्श किया गया।
    • रियो + 20 सम्मेलन में महत्वपूर्ण मुद्दों को दो भागों में बाटा गया था। जैसे-
    • (I) हरित अर्थव्यवस्था तथा गरीबी दूर करने के उपाय।
    • (II) संतुलित एवं सतत् विकास हेतु अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग।

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