डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना (Direct Benefit Transfer Scheme/DBT Scheme)-
- DBT Full Form = Direct Benefit Transfer
- DBT का पूरा नाम = डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर
- शुरुआत (Launched)- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजना की शुरुआत 1 जनवरी 2013 को की गई थी।
- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) की सबसे बड़ी योजना 1 जनवरी 2015 को "पहल योजना" (PAHAL Scheme) के नाम से प्रारम्भ हुई थी जब LPG गैस सब्सिडी डीबीटी (DBT) के माध्यम से प्रारम्भ की गई
- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) की दूसरी सबसे बड़ी योजना पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) है।
- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजना का उद्देश्य सरकार द्वारा सरकारी योजनाओं के लिए दी गई सब्सिडी का पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में पहुंचाना।
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के लाभ (Benefit of Direct Benefit Transfer/DBT)-
- वास्तविक लाभार्थी को सब्सिडी प्राप्त होगी जिससे सब्सिडी लीकेज की समस्या में कमी आएगी।
- सब्सिडी वितरण में प्रशासनिक लागतों में कमी आएगी।
- सब्सिडी के वास्तविक उद्देश्य की प्राप्ति होगी।
- सरकार को राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) कम होगा।
- दलालों (बिचौलियों) के उन्मूलन के माध्यम से सब्सिडी वितरण में लीकेज रोकना संभव होगा।
- भ्रष्टाचार में कमी आती है।
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की चुनौतियां (Challenges of Direct Benefit Transfer/DBT)-
- सब्सिडी राशि के दुरुपयोग की संभावना। जैसे- शराब (Alcohol), नशाखोरी (Drug addiction) आदि में।
- बैंकिंग आधारभूत संरचना के अविकसित स्वरूप के कारण गरीब व्यक्तियों तक वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) का अभाव।
- जागरूकता (Awareness) की कमी।
- खाद्य सुरक्षा का संकट बढ़ सकता है।
- साइबर क्राइम (Cyber Crime) की समस्याएं।