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जैव आरक्षित क्षेत्र (Biosphere Reserve)

जैव आरक्षित क्षेत्र (Biosphere Reserve)-

  • सन् 1971 में यूनेस्को (UNESCO) द्वारा एक अंतरसरकारी वैज्ञानिक कार्यक्रम के रूप में "मानव तथा जैव मण्डल कार्यक्रम" (Man and Biosphere Program- MAB) आरम्भ किया गया था।
  • UNESCO Full Form = United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization
  • UNESCO का पूरा नाम = संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन
  • MAB Full Form = Man and Biosphere Program

  • MAB का पूरा नाम = मानव तथा जैव मण्डल कार्यक्रम
  • मानव तथा जैव मण्डल कार्यक्रम का उद्देश्य मानव तथा पर्यावरण के मध्य संबंधों में सुधार हेतु वैज्ञानिक आधार (Scientific Basis) उपलब्ध कराना है।


जैव आरक्षित क्षेत्र के कार्य तथा उद्देश्य (Functions and Objective of Biosphere Reserves)-

  • जैव आरक्षित क्षेत्र के कार्य तथा उद्देश्यों को यूनेस्को (UNESCO) तथा यूएनईपी (UNEP) द्वारा गठित की गई कार्य दल (Task Force) ने तीन प्रमुख भागों में विभाजित किया है। जैसे-
  • 1. संरक्षण (Conservation)
  • 2. शिक्षा एवं अनुसंधान (Education and Research)
  • 3. विकास (Development)


1. संरक्षण (Conservation)-

  • जैव आरक्षित क्षेत्रों में प्राकृतिक आवासों, प्रजातियों तथा आनुवांशिक विविधता को संरक्षित किया जाता है।

  • जैव आरक्षित क्षेत्रों में प्राकृतिक तथा मानवीय गतिविधियों के कारण होने वाले परिवर्तनों की निगरानी की जाती है।


2. शिक्षा एवं अनुसंधान (Education and Research)-

  • जैव आरक्षित क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा एवं अनुसंधान कार्यक्रम संचालित किये जाएंगे जिनमें आपस में सुचनाओं का आदान-प्रदान किया जाएगा तथा विकास एवं सरक्षण में संतुलन बनाने के प्रयास किए जाएंगे।

  • शिक्षा एवं अनुसंधान कार्यक्रम के तहत सुचनाओं को आपसे में साझा किया जाएगा तथा संरक्षण  हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।


3. विकास (Development)-

  • जैव आरक्षित क्षेत्रों में सतत पर्यावरण (Sustainable Development) एवं सतत विकास (Sustainable Development) के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संरक्षण एवं विकास कार्यों में संतुलन स्थापित किया जाता है।


जैव आरक्षित क्षेत्र के विभिन्न भाग (Different parts of Biosphere Reserve) या स्थलीय जैव आरक्षित क्षेत्र के विभिन्न भाग (Zonation in Terrestrial Biosphere)-

  • 1. कोर क्षेत्र (Core Part)
  • 2. मध्यवर्ती क्षेत्र (Buffer Zone)
  • 3. हेरफेर क्षेत्र या आवान्तर क्षेत्र (Transition Zone)


1. कोर क्षेत्र (Core Part)-

  • कोर क्षेत्र जैव आरक्षित क्षेत्र का सबसे भीतरी भाग होता है।
  • कोर क्षेत्र में किसी भी प्रकार की मानवीय गतिविधियों की अनुमति नहीं होती है केवल पर्यावरणीय दशाओं की नियमित मॉनीटरिंग तथा पर्यवेक्षण किया जाता है।
  • कोर क्षेत्र में केवल सरकारी अधिकारी या कर्मचारी प्रवेश कर सकते हैं अन्य सभी का प्रवेश वर्जित होता है।


2. मध्यवर्ती क्षेत्र (Buffer Zone)-

  • मध्यवर्ती क्षेत्र कोर क्षेत्र के बाहर वाला क्षेत्र होता है।

  • मध्यवर्ती क्षेत्र में कुछ मानवीय गतिविधियां जैसे- शिक्षा (Education), अनुसंधान (Research), पर्यटन (Tourism) आदि की अनुमति होती है।


3. हेरफेर क्षेत्र या आवान्तर क्षेत्र (Transition Zone)-

  • हेरफेर क्षेत्र को बी आवान्तर क्षेत्र कहा जाता है।
  • हेरफेर क्षेत्र जैव आरक्षित क्षेत्र का सबसे बाहरी भाग होता है।
  • हेरफेर क्षेत्र की बाहरी सीमा निश्चित नहीं होती है।
  • हेरफेर क्षेत्र में मुख्यतः विकास एवं अन्य परियोजनाओं को संचालित किया जाता है।
  • हेरफेर क्षेत्र में रहने वाले स्थानिय समुदाय को सूखी लकड़ी, फल-फूल आदि एकत्रित करने, नियंत्रित पशुचराई तथा नियंत्रित खनन आदि की अनुमति होती है जिससे स्थानीय लोग जैव विविधता संरक्षण में मदद कर सके।


भारत में जैव आरक्षित क्षेत्र (Biosphere Reserves in India)-

  • भारत में कुल 18 जैव आरक्षित क्षेत्र है जिनमें से 12 को वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बायोस्पफीयर रिजर्व (यूनेस्को सूची) में शामिल किया गया है।
  • पन्ना जैव आरक्षित क्षेत्र सूची में शामिल होने वाला भारत का अंतिम जैव आरक्षित क्षेत्र है।
  • पन्ना जैव आरक्षित क्षेत्र सूची में शामिल होने वाला भारत का नवीनतम जैव आरक्षित क्षेत्र है।
  • पन्ना भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है।


यूनेस्को की सूची में शामिल भारत के जैव आरक्षित क्षेत्र (Biosphere Reserves of India Included in UNESCO List)-

  • 1. नीलगिरी (केरल-तमिलनाडु)- (1986 में जैव आरक्षित क्षेत्र घोषित, 2000 में यूनेस्को की सूची में शामिल)- प्रथम
  • 2. मन्नार की खाड़ी (तमिलनाडु)- 2001
  • 3. सुन्दरवन (पश्चिम बंगाल)- 2001
  • 4. नंदादेवी (उत्तराखंड)- 2004
  • 5. नोकरेक (मेघालय)- 2009
  • 6. पंचमढ़ी (मध्य प्रदेश)- 2009
  • 7. सिमलीपाल (ओडिशा)- 2009
  • 8. अचानकमार अमरकंटक (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़)- 2012
  • 9. ग्रेट निकोबार जैव आरक्षित क्षेत्र (अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह)- 2013
  • 10. अगस्त्यमलाई (केरल-तमिलनाडु)- 2016
  • 11. कंचनजंघा (सिक्किम)- 2016
  • 12. पन्ना (मध्य प्रदेश)- 2020
  • यूनेस्को की सूची में शामिल भारत का अंतिम जैव आरक्षित क्षेत्र पन्ना (मध्य प्रदेश) है।

  • यूनेस्को की सूची में शामिल भारत का नवीनतम जैव आरक्षित क्षेत्र पन्ना (मध्य प्रदेश) है।

  • यूनेस्को की सूची में शामिल भारत का प्रथम जैव आरक्षित क्षेत्र नीलगिरी (केरल-तमिलनाडु) है।


भारत के जैव आरक्षित क्षेत्र जो यूनेस्को सूची में शामिल नहीं है।-

  • 1. कोल्ड डेजर्ट (हिमाचल प्रदेश)
  • 2. दिहांग-दिबांग (अरुणाचल प्रदेश)
  • 3. डीब्रु शिखोवा (असम)
  • 4. मानस (असम)
  • 5. शेषाचेलम (आंध्रप्रदेश)
  • 6. कच्छ का रण (गुजरात)

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