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भारतीय प्रांतीय चुनाव (Indian Provincial Elections)

भारतीय प्रांतीय चुनाव (Indian Provincial Elections)-

  • समय- 1937
  • भारत में 11 में से 8 प्रांतों में कांग्रेस ने सरकार बनाई।
  • 8 में से 5 प्रांतों में कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत प्राप्त किया।
  • बॉम्बे, असम तथा उत्तरी पश्चिमी सीमा प्रांत में कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरी।
  • पंजाब, बंगाल व सिंध में कांग्रेस की सरकार नहीं बनी थी।
  • पंजबा में यूनियनिस्ट पार्टी (Unionist Party) ने सरकार बनाई थी।
  • यूनियनिस्ट पार्टी के संस्थापक सिकंदर हयात खान व खिज्र हयात खान थे।
  • बंगाल में बंगाल कृषक पार्टी (Krishak Party) ने सरकार बनाई थी।
  • कृषक पार्टी का संस्थापक फजल-उल-हक थे।
  • सिंध में गठबंधन सरकार बनी थी। (गुलाम हुसैन हिदायतुल्ला खान + अलाबक्श सुमरु)
  • मुस्लिम लीग की एक भी जगह सरकार नहीं बनी।
  • संयुक्त प्रांत में चुनाव से पहले कांग्रेस व मुस्लिम लीग का गठबंधन था लेकिन चुनाव के बाद कांग्रेस ने मुस्लिम लीग को सरकार में शामिल नहीं किया।
  • मोहम्मद अली जिन्ना ने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासित राज्यों में मुसलमानों पर अत्याचार होते हैं।
  • इसकी जाँच के लिए शरीफ समिति (Sharif Committee) व पीरपुर समिति (Pirpur Committee) का गठन किया गया।
  • फजल-उल-हक ने "मुस्लिम सफरिग्स अण्डर कांग्रेस रुल" (Muslim Sufferings under Congress Rule) नामक रिपोर्ट तैयार की।
  • दूसरा विश्व युद्ध में ब्रिटेन ने भारत से बिना पूछे इसे युद्ध में शामिल कर लिया।
  • इसके विरोध में 15 नवम्बर 1939 को कांग्रेस सरकारों में सभी 8 प्रांतों में अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था।
  • मुस्लिम लीग ने 22 दिसम्बर 1939 को "मुक्ति दिवस" या डिलिवरेन्स डे (Liberation Day) के रूप में मनाया।

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