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भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement)

भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement)-

  • समय- 9 अगस्त, 1942
  • 14 जुलाई, 1942 को वर्धा में क्रांगेस की कार्य समिति (Working Committee) की बैठक हुई इसमें भारत छोड़ो प्रस्ताव पेश किया गया।
  • 8 अगस्त को बॉम्बे के ग्वालिया टैंक मैदान (Gwalia Tank Maidan) में भाषण दिया जिसमें गाँधीजी ने करो या मरो (Do or Die) का नारा दिया था।
  • 9 अगस्त, 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ।
  • 9 अगस्त, 1942 को सरकार के द्वारा ऑपरेशन जीरो ऑवर (Operation Zero Hour) के तहत गाँधीजी सहित कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।
  • गाँधीजी को पूना के "आगा खाँ महल" (Aga Khan Palace) में रखा गया तथा कांग्रेस के अन्य नेताओं को अहमद नगर के किले (Ahmednagar Fort) में रखा गया।
  • कांग्रेस के दूसरी पंक्ति के नेताओं ने भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किया। जैसे-
  • 1. जय प्रकाश नारायण (Jai Prakash Narayan)
  • 2. राम मनोहर लोहिया (Ram Manohar Lohia)
  • 3. अच्यूत पटवर्धन (Achyut Patwardhan)
  • 4. मीनू मसानी (Meenu Masani)
  • 5. अशोक मेहता (Ashok Mehta)
  • 6. ऊषा मेहता (Usha Mehta)
  • 7. अरुणा आसफ अली (Aruna Asaf Ali)- 8 
  • अरुणा आसफ अली ने 8 अगस्त 1942 को बॉम्बे के ग्वालिया टैंक मैदान में भारत का झंडा फहराया था।
  • ऊषा मेहता ने बॉम्बे में "भूमिगत रेडियो स्टेशन" (Underground Radio Station) की स्थापना की तथा राम मनोहर लोहिया यहाँ पर प्रतिदिन भाषण देते थे।
  • भारत छोड़ो आंदोलन अनेक स्थानों पर हिंसक हो गया था।
  • अंग्रेजों ने गाँधीजी पर हिंसा का आरोप लगाया तो गाँधीजी ने इसके विरोध में पूना के आगा खाँ महल में 21 दिन की भूख हड़ताल (Hunger Strike) की।
  • भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अनेक स्थानों पर समानान्तर सरकारों की स्थापना हुई। जैसे-
  • 1. बलिया (U.P)-
  • (I) संस्थापक- चितू पांडे
  • (II) यह भारत छोड़ो आंदोरन में प्रथम समानान्तर सरकार थी।
  • 2. सतारा (महाराष्ट्र)-
  • (I) संस्थापक- नानाजी पाटिल व वाई.वी. चव्हाण
  • (II) यह सबसे लम्बे समय तक चलने वाली सरकार
  • 3. तामलुक (बंगाल)-
  • (I) संस्थापक- सतीश, सावंत व मातगिनी हाजरा
  • (II) इसे जातीय सरकार भी कहा जाता था।
  • (III) यहाँ पर विद्युत वाहिनी सेना (Vidyut Vahini Army) का गठन किया गया था।
  • 4. कोरापुट (ओडिशा)-
  • (I) संस्थापक- लक्ष्मण नायक
  • भारत छोड़ो आंदोलन 1945 तक समाप्त हो गया था।


भारत छोड़ो आंदोलन के कारण (Causes of Quit India Movement)-

  • 1. संघर्ष-विराम-संघर्ष की नीति (Policy of Struggle-Rest-Struggle) के तहत सविनय अवज्ञा आंदोलन को लम्बा समय बीत चुका था तथा अब एक बड़े जन आंदोलन (Big Mass Movement) की आवश्यकता थी।
  • 2. द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) के कारण भारतीय जनता में असंतोष था तथा जनता आंदोलन की माँग कर रही थी।
  • 3. व्यक्तिगत सत्याग्रह आंदोलन के कारण राजनीतिक चेतना (Political Consciousness) का विकास हो चुका था।
  • 4. अगस्त प्रस्ताव (August Offer) तथा क्रिप्स मिशन (Crips Mission) दोनों ने भारतीयों को निराश किया था।
  • 5. दक्षिणी-पूर्वी एशिया में जापान लगातार बढ़त बनाये जा रहा था जिससे भारत में ब्रिटिश साम्राज्य को खतरा उत्पन्न हो रहा था।


भारत छोड़ो आंदोलन का महत्व (Importance of Quit India Movement)-

  • 1. भारत छोड़ो आंदोलन 1857 की क्रांति के बाद भारत का सबसे बड़ा जनआंदोलन था।
  • 2. भारत छोड़ो आंदोलन में भारतीय समाज के सभी वर्गों ने भाग लिया था। विशेषकर पूंजीपतियों ने भाग लिया।
  • 3. भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान सेना (Army), पुलिस (Police) व प्रशासन (Administration) की सहानुभूति जनता के साथ थी इससे अंग्रेजों का इस्पाती ढाँचा (Iron Frame) ढह गया था।
  • 4. मुस्लिम लीग के विरोध के बावजूद मस्लिम बड़ी संख्या में भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हुये तथा आंदोलन साम्प्रदायिक (Communal) भी नहीं हुआ था।
  • 5. भारत छोड़ो आंदोलन अनेक स्थानों पर हिंसक हो गया था तथा जनता अराजक हो गई थी इससे यह सिद्ध हो गया कि भारतीय जनता ब्रिटिश शासन सहने के लिए तैयार नहीं है।
  • 6. भारत छोड़ो आंदोलन ने भारत की आजादी तय कर दी थी अब केवल समय का प्रसंग (Matter of Time) बचा था।

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