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राजा राम मोहन राय (Raja Ram Mohan Roy)

राजा राम मोहन राय (Raja Ram Mohan Roy)-

  • वास्तविक नाम- मोहन (Mohan)
  • उपाधियां (Titles)-
  • (I) आधुनिक भारत का पिता (Father of Modern India)
  • (II) भारतीय पुनर्जागरण का जनक (Father of Indian Renaissance)
  • (III) अतीत एवं भविष्य के बीच सेतु (Bridge between past and future)
  • (IV) प्रभात का तारा (The Rising Star)
  • 1821 ई. में इटली की नेपल्स क्रांति (Naples Revolution) की विफलता पर राजराम मोहन राय ने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए थे।
  • 1822 ई. में स्पेनिश क्रांति (Spanish Revolution) की सफलता पर सार्वजनिक दावत (Public Feast) का आयोजन किया था।
  • राजाराम मोहन राय ने आयरलैण्ड के जमींदारों का विरोध किया था एवं आयरलैण्ड के जमींदारों के खिलाफ एक लेख छापा था।
  • 1833 ई. में ब्रिस्टल (Bristol) में राजाराम मोहन राय की मृत्यु हो गई थी।
  • ब्रह्म समाज (Brahmo Samaj) की स्थापना में द्धारिका नाथ टैगोर राजा राममोहन राय के प्रमुख सहयोगी थे।


राजाराम मोहन राय के द्वारा स्थापित संगठन (Organization established by Raja Ram Mohan Roy)-

  • (I) आत्मीय सभा (Atmiya Sabha)- 1815 ई.
  • (II) हिन्दू कॉलेज (Hindu Collage)- 1817 ई.
  • डच घड़ीसाज (Dutch watchmaker) डेविड हेयर (David Hare) हिन्दू कॉलेज की स्थापना में राजाराम मोहन राय का सहयोगी था।
  • (III) वेदांत कॉलेज (Vedanta Collage)- 1825 ई.
  • (IV) ब्रिटिश यूनिटेरियन एसोसिएशन (British Unitarian Association)
  • (V) ब्रह्म समाज (Brahmo Samaj)- 1828 ई.


राजा राममोहन राय की पुस्तकें (Books of Raja Ram Mohan Roy)-

  • (I) तुहफुतुल-मुहावद्दीन (Tuhfat-ul-Muwahhidin)
  • तुहफुतुल-मुहावद्दीन पुस्तक का अन्य नाम एकेश्वरवादियों के उपहार (Gift to Monotheist) है।
  • (II) हिन्दू उत्तराधिकार के नियम (Laws of Hindus Succession)
  • (III) प्रिसेप्ट्स ऑफ जीसस (Precepts of Jesus)

  • प्रिसेप्ट्स ऑफ जीसस पुस्तक में राजा राममोहन राय ने जीसस के ईश्वर होने के मत का खण्डन किया है।


राजा राममोहन राय के समाचार पत्र (Newspapers of Raja Ram Mohan Roy)-

  • 1. मिरातुल अखबार (Mirat-ul-Akhbar)
  • 2. संवाद कौमुदी (Samvad Kaumudi)
  • 3. ब्रह्मेनिकल मैगजीन (Brahminical Magazine)
  • 4. बंगदूत (Bang Doot)
  • मिरातुल अखबार की भाषा फारसी थी।
  • मिरातुल अखबार शुक्रवार के दिन प्रकाशित होता था।
  • मिरातुल अखबार साप्ताहिक अखबार था।
  • संवाद कौमुदी अखबार केवल बांग्ला भाषा में प्रकाशित होता था।
  • संवाद कौमुदी अखबार को प्रज्ञाचाँद (Pragya Chand) या बुद्धिचाँद के नाम से जाना जाता था।


राजा राममोहन राय की विचारधारा (Ideology of Raja Ram Mohan Roy)-

  • 1. समर्थन (Support)
  • 2. विरोध (Oppose)


1. समर्थन (Support)-

  • राजा राममोहन राय ने निम्नलिखित विचारधारा का समर्थन किया था।
  • (I) एकेश्वरवाद (Monotheism)
  • (II) अंग्रेजी शिक्षा (English Education)
  • (III) महिला शिक्षा तथा महिलाओं को पैतृक संपत्ति में अधिकार (Women's education and rights in ancestral property)
  • (IV) विधवा पुनर्विवाह (Widow Remarriage)
  • (V) प्रेस की स्वतंत्रता (Freedom of Press)
  • (VI) स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement)
  • (VII) पूंजीवाद (Capitalism)
  • (VIII) लोकतंत्र (Democracy)
  • (IX) उच्च सेवाओं का भारतीयकरण (Indianization of higher services)
  • (X) शक्तियों का पृथक्करण (Separation of Power/ Decentralization of Power)
  • (XI) ज्यूरी व्यवस्था (Jury System)
  • (XII) यूरोपीय मानववाद (European Humanism)
  • (XIII) अंतर्राष्ट्रीयवाद (Internationalism)
  • (XIV) उपनिषद (Upanishad)


2. विरोध (Oppose)-

  • राजा राम मोहन राय ने निम्नलिखित विचारधारा का विरोध किया था।

  • (I) बहुदेववाद (Polytheism)
  • (II) अवतारवाद (Incarnation)
  • (III) कर्मकाण्ड (Rituals)
  • (IV) मूर्तिपूजा (Idol Worship)
  • (V) वर्ण व्यवस्था (Varna System)
  • (VI) जाति व्यवस्था (Caste System)
  • (VII) बाल विवाह (Child Marriage)
  • (VIII) बहु विवाह (Polygamy)
  • (IX) सती प्रथा (Sati Practice)
  • (X) कन्या वध (Female Infanticide)


एकेश्वरवाद (Monotheism)-

  • एकेश्वरवाद के प्रश्न पर राजाराम मोहन राय तथा सीरामपुर (Sarampore) के इसाई मिशनरियों के मध्य वाद विवाद हुआ था।

  • इस समय इसाई मिशनरियों का मुख्य केंद्र सीरामपुर था।


मूर्ति पूजा (Idol Worship)-

  • मूर्ति पूजा को लेकर राजाराम मोहन राय व सुब्रमण्यम शास्त्री (Subramaniam Shastri) के बीच शास्त्रार्थ (Debate) हुआ था।

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