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साइमन कमीशन (Simon Commission)

साइमन कमीशन (Simon Commission)-

  • भारत में संवैधानिक सुधारों (Constitutional Reform) के लिये साइमन कमीशन का गठन किया गया।

  • साइमन कमीशन 3 फरवरी 1928 को भारत आया।

  • साइमन कमीशन में 7 सदस्य थे लेकिन इनमें से एक भी सदस्य भारतीय नहीं था इसलिए साइमन कमीशन को श्वेत आयोग या श्वेत कमीशन (White Commission) कहा जाता है।
  • भारतीयों ने साइमन कमीशन का विरोध किया।
  • साइमन कमीशन में एक भी भारतीय सदस्य नहीं था क्योंकि अंग्रेजों के अनुसार साइमन कमीशन ब्रिटिश संसद को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा अतः इसके सभी सदस्य ब्रिटिश संसद से आने चाहिए।
  • भारतीयों के अनुसार ब्रिटिश संसद में दो भारतीय सदस्य थे जैसे-
  • 1. S.P. सिन्हा (सत्येंद्र प्रसाद सिन्हा)
  • 2. S.D. सकलातवाला (शापुरजी दोराबजी सकलातवाला)
  • साइमन कमीशन का गठन 2 वर्ष पूर्व ही कर दिया गया था क्योंकि-
  • 1. ब्रिटेन में कंजरवेटिव पार्टी (Conservative Party) सत्ता में थी तथा आगामी चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी को हार का खतरा था तथा नई लेबर पार्टी (Labor Party) की सरकार भारत में अधिक सुधार कर सकती थी।
  • 2. नरमपंथियों को संतुष्ट करना।
  • 3. क्रांतिकारी आंदोलन पर नियंत्रण स्थापित करना।
  • 4. स्वराजियों का प्रभाव कम करना।
  • लखनऊ में जवाहर लाला नेहरू तथा गोविन्द वल्लभ पंत ने साइमन कमीशन का विरोध किया।
  • लाहौर में लाला लाजपत राय ने साइमन कमीशन का विरोध किया।
  • पुलिस लाठीचार्ज में लाला लाजपत राय शहीद हो गये।
  • मृत्यु से पहले लाला लाजपत राय ने कहा था की "मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी अंग्रेजी साम्राज्य के ताबूत की कील साबित होगी।" (Every Stick on my body will prove to be the nail in the coffin of the British Empire)


साइमन कमीशन का समर्थन करने वाली पार्टियां (Parties which supported Simon Commission)-

  • 1. जस्टिस पार्टी (Justice Party)- मद्रास
  • 2. यूनियनिस्ट पार्टी (Unionist Party)- पंजाब
  • 3. मुस्लिम लीग का शफी गुट (Shafi Group of Muslim League)


साइमन कमीशन की सिफारिशें (Recommendations of Simon Commission)-

  • 1. ब्रिटिश प्रांत (British Provinces) तथा देशी रियासतों (Princely States) को मिलाकर एक "अखिल भारतीय संघ" (All India Union) बनाया जाये।
  • 2. भारत में संघात्मक व्यवस्था (Federal System) लागू की जाये।
  • 3. प्रांतों में द्वैध शासन (Diarchy) समाप्त किया जाये तथा उन्हें स्वायत्ता (Autonomy) दी जाये।
  • 4. केंद्र में भारतीयों को कोई उत्तरदायित्व (Responsibility) नहीं दिया जाये।
  • 5. पृथक निर्वाचन (Separate Electorate) गलत है लेकिन फिर भी इसे जारी रखा जाये।
  • 6. मताधिकार (Franchise) का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए लेकिन सार्वभौमिक मताधिकार (Universal Franchise) नहीं होना चाहिए।
  • 7. बर्मा (Burma) को भारत से अलग किया जाये।
  • 8. सिंध (Sindh) को नया राज्य बनाया जाये।

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