तटवर्ती मैदानी प्रदेश (Coastal Plain Region)-
- तटवर्ती मैदानी प्रदेश कच्छ (गुजरात) से स्वर्ण रेखा नदी तक 6000 km की दूरी में विस्तृत है।
- इस मैदानी क्षेत्र का निर्माण नदियों द्वारा लाये गये अवसादों से हुआ है।
- इस प्रदेश को 2 भागों में बांटा जाता है। जैसे-
- (अ) पश्चिमी तटवर्ती मैदान (Western Coastal Region)
- (ब) पूर्वी तटवर्ती मैदान (Eastern Coastal Region)
(अ) पश्चिमी तटवर्ती मैदान (Western Coastal Region)-
- यह मैदान कच्छ (गुजरात) से कन्याकुमारी तक विस्तृत है।
- इस मैदानी क्षेत्र की नदियां नदमुख (Estuary) का निर्माण करती है अतः यह संकरा मैदान है।
- इस मैदान की चौड़ाई 50 से 100 km तथा औसत चौड़ाई 64 km है।
- यह निमज्जन तट (Submerged Coast) का उदाहरण है अतः यहाँ बंदरगाह निर्माण के लिए अनुकूल परिस्थितियां पायी जाती है।
- प्रादेशिक आधार पर इस मैदानी क्षेत्र को निम्नलिखित भागों में बांटा जाता है।-
- 1. कच्छ का मैदान (Kutch Plains)
- 2. काठियावाड़ का मैदान (Kathiawar Plains)
- 3. गुजरात का मैदान (Gujarat Plains)
- 4. कोंकण का मैदान (Konkan Plains)
- 5. कन्नड़ का मैदान (Kannad Plains)
- 6. मालाबार का मैदान (Malabar Plains) या मालाबार का तट (Malabar Coast)
- गुजरात का मैदान = कच्छ का मैदान + काठियावाड़ का मैदान + गुजरात का मैदान
1. कच्छ का मैदान (Kutch Plains)-
- इस मैदान का निर्माण सिंधु नदी द्वारा किया गया है।
- यह चौड़ा एवं समतल मैदान है।
- ज्वारीय गतिविधियों के कारण इस मैदान की मृदा में लवणीयता अधिक पायी जाती है।
- यह मैदान कृषि के लिए उपयोगी नहीं है।
2. काठियावाड़ का मैदान (Kathiawar Plains)-
- इस मैदान का निर्माण माड़व पहाड़ियों से निकलने वाली नदियों द्वारा किया गया है।
- यह संकरा मैदान पर परन्तु कृषि के लिए उपयोगी है।
3. गुजरात का मैदान (Gujarat Plains)-
- इस मैदान का निर्माण साबरमती, माही, नर्मदा तथा तापी नदियों द्वारा किया गया है।
- यह चौड़ा एवं समतल मैदान है।
- यह मैदान कृषि के लिए उपयोगी है।
4. कोंकण का मैदान (Konkan Plains)-
- यह मैदान मुख्यतः महाराष्ट्र तथा गोवा में स्थित है।
- यह मैदान संकरा तथा उबड़ खाबड़ एवं पत्थरीला मैदान है।
- इस मैदानी क्षेत्र में आम, काजू तथा नारियल की खेती की जाती है।
- इस क्षेत्र में मानसून पूर्व होने वाली वर्षा को आम्र वर्षा कहते हैं।
- NCERT के अनुसार आम्र वर्षा कर्नाटक तथा केरल में होती है।
5. कन्नड़ का मैदान (Kannad Plains)-
- यह मैदान कर्नाटक में स्थित है।
- पश्चिमी घाट के पश्चिमी ढाल से गिरते समय नदियां यहाँ जलप्रपात बनाती है। जैसे- शरावती नदी यहाँ जॉग फॉल नामक जलप्रपात का निर्माण करती है।
- जॉग फॉल जलप्रपात को गरोसोपा जलप्रपात या महात्मा गांधी जलप्रपात भी कहते हैं।
- इस क्षेत्र में मानसून पूर्व होने वाली वर्षा को चेरी ब्लॉसम कहते हैं।
- NCERT के अनुसार चेरी ब्लॉसम वर्षा केरल में होती है।
6. मालाबार का मैदान (Malabar Plains) या मालाबार का तट (Malabar Coast)-
- यह केरल में स्थित चौड़ा मैदानी क्षेत्र है।
- मानसून का आगमन को यहाँ 1 जून को होता है।
- इस तट के पास बहुत सी लैगून झीलें स्थित है। जैसे-
- (I) वेम्बानाड झील या कोची झील या पुन्नामादा झील
- (II) अष्ठामुड़ी झील
- वेम्बानाड झील भारत की सबसे लम्बी झील है।
- वेम्बानाड झील केरल की सबसे बड़ी झील है।
- लैगून झील को अनूप झील, पश्चजल (Backwater) तथा केयाल भी कहते हैं।
- लैगून झीलें सामान्यतः लवणीय होती है।
- पुन्नामादा केयाल में प्रतिवर्ष नेहरू ट्रॉफी वल्लमकाली नौका दौड़ होती है। (वेम्बानाड झील)
- इस तटवर्ती क्षेत्र में कुट्टनाड नामक क्षेत्र में समुद्र तल से नीचे चावल की खेती की जाती है।
(ब) पूर्वी तटवर्ती मैदान (Eastern Coastal Region)-
- यह मैदान स्वर्ण रेखा नदी से कन्याकुमारी तक विस्तृत है।
- इस मैदानी क्षेत्र में नदियों डेल्टा का निर्माण करती है अतः यह मैदान चौड़ा है।
- इस मैदान की चौड़ाई 100 से 150 km या इससे अधिक पायी जाती है।
- यह उनमज्जन तट (Emerged) का उदाहरण है अतः यहाँ बंदरगाह निर्माण के लिए अनुकूल परिस्थितियां नहीं पायी जाती है।
- पूर्वी तटवर्ती मैदान का विभाज दो प्रकार से किया जाता है। जैसे-
- (A) नदियों के आधार पर पूर्वी तटवर्ती मैदान का विभाजन (Division of Eastern Coastal Plain on the basis of Rivers)
- (B) प्रादेशिक आधार पर पूर्वी तटवर्ती मैदान का विभाजन (Division of eastern coastal plain on regional basis)
(A) नदियों के आधार पर पूर्वी तटवर्ती मैदान का विभाजन (Division of Eastern Coastal Plain on the basis of Rivers)-
- नदियों के आधार पर इस मैदान को 2 भागों में बांटा जाता है। जैसे-
- 1. उत्तरी सरकार (Northern Circar)
- 2. कोरोमण्डल तट (Coromandal Coast)
1. उत्तरी सरकार (Northern Circar)-
- यह स्वर्णरेखा नदी से कृष्णा नदी तक विस्तृत है।
- यह ओडिशा तथा आंध्रप्रदेश में विस्तृत है।
2. कोरोमण्डल तट (Coromandal Coast)-
- यह कृष्णा नदी से कन्याकुमारी तक विस्तृत है।
- यह आंध्रप्रदेश तथा तमिलनाडु में विस्तृत है।
- यहाँ शीतऋतु में उत्तर-पूर्वी मानसून पवनों द्वारा वर्षा प्राप्त होती है।
(B) प्रादेशिक आधार पर पूर्वी तटवर्ती मैदान का विभाजन (Division of eastern coastal plain on regional basis)-
- प्रादेशिक आधार पर पूर्वी तटवर्ती मैदान को 3 भागों में बांटा जाता है।
- 1. उत्कल का मैदान (Utkal Plain)
- 2. आंध्र प्रदेश का मैदान (Andhra Pradesh Plain)
- 3. तमिलनाडु का मैदान (Tamil Nadu Plain)
1. उत्कल का मैदान (Utkal Plain)-
- यह मैदान ओडिशा में स्थित है।
- इस मैदान को 6 नदियों का उपहार कहते हैं। जैसे-
- (I) स्वर्ण रेखा नदी
- (II) बुढ़ा बलॉग नदी
- (III) वैतरणी नदी
- (IV) ब्राह्मणी नदी
- (V) महानदी
- (VI) रुशीकुल्या नदी
- यहाँ की प्रमुख नदी महानदी है।
- इस तटवर्ती क्षेत्र के पास चिल्का नामक लैगून झील स्थित है।
- भारत का पहला रामसर स्थल चिल्का झील (ओडिशा) है।
- भारत का सबसे बड़ी रामसर साइट सुंदरवन डेल्टा (पश्चिम बंगाल) है।
- यहाँ पाराद्वीप नामक बंदरगाह स्थित है।
- महानदी के डेल्टा के पास व्हीलर द्वीप या कलाम द्वीप स्थित है।
- कलाम द्वीप पर भारत का मिसाइल परिक्षण केंद्र स्थित है।
- यहाँ बालासोर नामक मिसाइल नगरी (Missile City) स्थित है।
- मिसाइल नगरी बालासोर में स्थित चाँदीपुर तट क्षेत्र से निम्न ज्वार के दौरान जल अत्यधिक पीछे हट जाता है।
2. आंध्र प्रदेश का मैदान (Andhra Pradesh Plain)-
- इस मैदान का निर्माण गोदावरी तथा कृष्णा नदियों द्वारा किया गया है।
- इस मैदानी क्षेत्र के दक्षिणी भाग में पुलिकट नामक लैगून झील स्थित है।
- इस झील में श्रीहरिकोटा द्वीप स्थित है।
- श्रीहरिकोटा द्वीप पर भारत का रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन स्थित है।
- कृष्णा तथा गोदावरी नदी के डेल्टा क्षेत्र में कोलेरू नाम मीठे पानी की झील स्थित है।
- कोलेरू झील आंध्र प्रदेश की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है।
- कोलेरू झील रासमर साइट में शामिल है।
- आंध्र प्रदेश में केवल 1 रासमर साइट है जो की कोलेरू झील है।
- इस तट पर विशाखापट्टनम बंदरगाह तथा मछलीपट्टनम बंदरगाह स्थित है।
- विशाखापट्टनम बंदरगाह भारत का सबसे गहरा बंदरगाह है।
- यहाँ स्थित काकीनाडा नामक स्थान से बकिंघम नहर शुरू होती है।
3. तमिलनाडु का मैदान (Tamil Nadu Plain)-
- इस मैदान का निर्माण मुख्यतः कावेरी नदी द्वारा किया गया है।
- इस मैदानी क्षेत्र में चावल की खेती की जाती है अतः इसे दक्षिण भारत का खाद्यान्न या धान या चावल का कटोरा कहते हैं।
- इस तटवर्ती क्षेत्र में बहुत से बंदरगाह स्थित है। जैसे-
- (I) एन्नोर बंदरगाह
- (II) चेन्नई बंदरगाह
- (III) तुतिकोरिन बंदरगाह
पश्चिमी तटवर्ती मैदान व पूर्वी तटवर्ती मैदान में अंतर (Difference between western coastal plain and eastern coastal plain)-
- (अ) पश्चिमी तटवर्ती मैदान (Western Coastal Region)
- (ब) पूर्वी तटवर्ती मैदान (Eastern Coastal Region)
(अ) पश्चिमी तटवर्ती मैदान (Western Coastal Region)-
- यह मैदान कच्छ (गुजरात) से कन्याकुमारी तक विस्तृत है।
- इस मैदानी क्षेत्र की प्रमुख नदियां साबरमती, माही तथा तापी है।
- इस मैदानी क्षेत्र की नदियां नदमुख का निर्माण करती है।
- यह मैदान संकरे, उबड़ खाबड़ एवं पथरीले हैं।
- इस मैदान की चौड़ाई 50 से 100 km तक है।
- इस मैदानी क्षेत्र में दक्षिण-पश्चिम मानसून पवनों द्वारा भारी वर्षा प्राप्त होती है।
- यहाँ लैटेराइट मृदा पायी जाती है।
- यहाँ आम, काजू तथा नारियल की वाणिज्य कृषि की जाती है।
- इस मैदानी क्षेत्र के दक्षिणी भाग में लैगून झीलें पायी जाती है।
- इस मैदानी क्षेत्र में नदियां जलप्रपात बनाती है जिसका उपयोग जल विद्युत उत्पादन के लिए किया जाता है।
(ब) पूर्वी तटवर्ती मैदान (Eastern Coastal Region)-
- यह मैदान स्वर्णरेखा नदी से कन्याकुमारी तक विस्तृत है।
- इस मैदानी क्षेत्र की प्रमुख नदियां महानदी, गोदावरी, कृष्णा तथा कावेरी है।
- इस मैदानी क्षेत्र की नदियां डेल्टा का निर्माण करती है।
- यह मैदान चौड़े एवं समतल है।
- इस मैदान की चौड़ाई 100 से 150 km या उससे अधिक पायी जाती है।
- इस मैदनी क्षेत्र में दक्षिण-पश्चिम तथा उत्तर-पूर्वी मानसून पवनों द्वारा सीमित वर्षा प्राप्त होती है।
- यहाँ जलोढ़ मृदा पायी जाती है।
- यहाँ खाद्यान फसलों का उत्पादन किया जाता है। जैसे- चावल
- इस मैदान के उत्तरी तथा मध्यवर्ती भाग में लैगून झीलें पायी जाती है।
- इस मैदानी क्षेत्र में नदियों के डेल्टा का उपयोग नौकायन के लिए किया जाता है।