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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (National Human Rights Commission- NHRC)

  • यह एक सांविधिक या वैधानिक आयोग (Statutory Commission) है।
  • स्थापना- 12 अक्टूबर, 1993 को राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत की गई थी।
  • राष्ट्रीय मानवाधिकार अधिनियम 1993 की धारा 2 (1) ए में मानवाधिकारों को परिभाषित किया गया है।

  • मुख्यालय- नई दिल्ली
  • सर्वप्रथम मानवाधिकारों को संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा 10 दिसम्बर, 1948 को पेरिस में अपनाया गया था।
  • प्रतिवर्ष 10 दिसम्बर को मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा (Universal Declaration of Human Rights- UDHR) की वर्षगांठ के रूप में मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है।


उद्देश्य (Objective)-

  • मानव अधिकारों से संबंधित समाधान के लिए संस्थागत व्यवस्था को मजबूत करना।
  • मानव अधिकारों के अतिक्रमण को स्वतंत्रता पूर्वक बताना जिससे सरकार का ध्यान केंद्रित हो सके।
  • इस दिशा में किये गये प्रयासों को पूर्ण व सशक्त बनाना।


संरचना (Structure)-

  • राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग एक बहुसदस्यीय आयोग है।
  • राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में कुल 13 सदस्य है। जैसे-
  • (I) अध्यक्ष- 1
  • (II) पूर्ण कालिक सदस्य (नियुक्त सदस्य)- 5
  • (III) पदेन सदस्य (डीम्ड/मानद सदस्य)- 7
  • राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में अध्यक्ष सर्वोच्च न्यायालय के सेवा रिटायर्ड जज को बनाया जाता है।
  • पूर्ण कालिक 5 सदस्यों में से-
  • (I) 1 सदस्य उच्च न्यायालय में कार्यरत या रिटायर्ड जज होगा।
  • (II) 1 सदस्य उच्च न्यायालय में कार्यरत या रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश होगा।
  • (III) 3 सदस्य मानवाधिकारों के ज्ञाता होंगे जिसमें से 1 सदस्य महिला होगी।
  • पदेन 7 सदस्यों में से-
  • (I) राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष
  • (II) राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का अध्यक्ष
  • (III) राष्ट्रीय महिला आयोग का अध्यक्ष
  • (IV) राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष
  • (V) राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष
  • (VI) राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का अध्यक्ष
  • (VI) राष्ट्रीय दिव्यांग आयोग का अध्यक्ष


नियुक्ति (Appointment)-

  • आयोग के सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक चयन समिति की सिफारिश पर की जाती है जिसमें कुल 6 सदस्य होते हैं। जैसे-
  • (I) प्रधानमंत्री- अध्यक्ष
  • (II) लोकसभा स्पीकर
  • (III) राज्यसभा उपसभापति
  • (IV) लोकसभा में विपक्ष का नेता
  • (V) राज्यसभा में विपक्ष का नेता
  • (VI) केंद्रीय गृह मंत्री


कार्यकाल (Tenure)-

  • आयोग के सदस्यों का कार्यकाल 3 वर्ष या 70 वर्ष की आयु जो भी पहले हो।


पुनिर्नियुक्ति (Reappointment)-

  • आयोग के अध्यक्ष व सदस्य के रूप में पुनिर्नियुक्ति हेतु पात्र है।

  • आयोग के सदस्य केंद्र व राज्य सरकार के अधीन अन्य पद धारण नहीं कर सकते हैं। 


निष्कासन प्रक्रिया या पद से हटाने की प्रक्रिया (Removal Process)-

  • आयोग के सदस्यों को राष्ट्रपति द्वारा पद से हटाया जाता है।
  • निष्कासन के आधार-
  • 1. कदाचार या अक्षमता- सर्वोच्च न्यायालय की जाँच के बाद राष्ट्रपति द्वारा हटाया जाता है।
  • 2. अन्य आधारों पर बिना किसी जाँच के राष्ट्रपति द्वारा हटाया जाता है। जैसे-
  • (I) दिवालिया घोषित होने पर
  • (II) लाभ का पद ग्रहण करने पर
  • (III) मानसिक या शारिरिक अक्षम (पागल)
  • (IV) न्यायालय द्वारा अपराधी सिद्ध होने पर


वेतन (Salary)-

  • आयोग के सदस्यों के वेतन व भत्ते केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किये जाते हैं।

  • नियुक्ति के उपरांत अलाभकारी परिवर्तन नहीं हो सकता।


आयोग के कार्य (Function of NHRC)-

  • आयोग की प्रकृति न्यायिक है तथा आयोग के पास सिविल न्यायालय की शक्तियां है। जैसे-
  • (I) समन जारी करने की शक्ति
  • आयोग केंद्र सरकार व राज्य सरकार व अन्य संस्था से रिपोर्ट माँग सकत है।
  • आयोग केवल 1 वर्ष तक पूराने मामले की जाँच कर सकता है।
  • आयोग पीड़ित व्यक्ति को क्षति पूर्ति के लिए सरकार को सिफारिश कर सकता है।
  • दोषी लोक सेवक के विरुद्ध कार्यवाही हेतु सरकार या प्राधिकरण से सिफारिश कर सकता है।
  • आयोग सरकार से अंतरिम राहत के लिए भी सिफारिश कर सकता है।
  • आयोग आवश्यक कार्यवाही के लिए सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालय में जा सकता है।
  • मानवाधिकार उल्लंघन की जाँच करना। (स्वप्रेरणा व न्यायालय के आदेश से)
  • मानव अधिकारों के लिए शोध करना।
  • गैर सरकारी संगठनों (NGO) को प्रोत्साहन करना।
  • मानव अधिकारों के प्रति जागरूकता।
  • जेलों व बंदी गृहों में मानवाधिकारों उल्लघंनो का निरीक्षण करना।


आयोग की कमियां-

  • आयोग केवल सलाहकारी निकाय है। अर्थात् आयोग दण्ड, क्षतिपूर्ति, कार्यवाही प्रारम्भ करने के लिए केवल सलाह दे सकता है।
  • आयोग की सिफारिशें सलाहकारी है न की बाध्यकारी।
  • आयोग मानव अधिकार के उल्लंघन के मामले में न तो किसी को दण्डित कर सकता है और न ही पीड़ित को मुआवजा दे सकता है।
  • आयोग की सलाह बाध्यकारी तो नहीं है परन्तु सलाह पर की गई कार्यवाही की सुचना एक महीने के भीतर देनी होती है।सेना द्वारा किये गए मानव अधिकार हनन की जाँच का अधिकार आयोग के पास नहीं है।
  • आयोग को पुलिस व अन्य एजेंसियों का सहयोग प्राप्त नहीं है।


आयोग के क्षेत्राधिकार से बाहर-

  • आयोग 1 वर्ष से पूराने मामले नहीं सुन सकता है।
  • आयोग को सैन्य मामलों में जाँच करने का अधिकार नहीं है।
  • आयोग जुर्माना नहीं लगा सकता है।
  • आयोग मुआवजा नहीं दिला सकता है।
  • आयोग की जाँच समिति नहीं होती है।


प्रतिवेदन (Report)-

  • आयोग केंद्र सरकार से संबंधित रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजता है।

  • आयोग राज्य सरकार से संबंधित रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजता है।


आयोग के वर्तमान अध्यक्ष व सदस्य-

  • 1. श्री न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा- अध्यक्ष
  • 2. डॉ. ज्ञानेश्वर मनोहर मुळे- सदस्य
  • 3. श्री राजीव जैन- सदस्य
  • 4. श्री इकबाल सिंह लालपुरा- पदेन सदस्य (अध्यक्ष, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग)
  • 5. श्री विजय सांपला- पदेन सदस्य (अध्यक्ष, अनुसूचित जाति आयोग)
  • 6. श्री हर्ष चौहान- पदेन सदस्य (अध्यक्ष, अनुसूचित जनजाति आयोग)
  • 7. श्रीमती रेखा शर्मा- पदेन सदस्य (अध्यक्ष, महिला आयोग)
  • 8. श्री प्रियांक कानूनगो- सांविधिक पूर्ण आयोग के लिए विशेष आमंत्रित (अध्यक्ष, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग)
  • 9. श्री हंसराज गंगाराम अहीर- पदेन सदस्य (अध्यक्ष, पिछड़ा वर्ग राष्ट्रीय आयोग)
  • 10. विकलांग व्यक्तियों के लिए मुख्य आयुक्त- पदेन सदस्य


अन्य तथ्य-

  • राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का प्रथम अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री रंगनाथ मिश्रा है। (12-10-1993 से 24-11-1996 तक)
  • राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का प्रथम कार्यवाहक अध्यक्ष श्री न्यायमूर्ति डॉ. शिवराज वी. पाटिल है। (01-11-2006 से 01-04-2007 तक)
  • राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का वर्तमान अध्यक्ष अरुण कुमार मिश्रा है।


महत्वपूर्ण तथ्य (Other Important Link)-

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