सल्तनतकालीन साहित्य (Literature of Sultanate Era)-
- सल्तनतकालीन लेखक-
- 1. हसन निजामी
- 2. मिनहास उस सिराज
- 3. अमीर खुसरों
1. हसन निजामी-
- पुस्तक- ताज-उल-मासिर
2. मिनहास उस सिराज-
- पुस्तक- तबकात-ए-नासिरी
- यह पुस्तक नासिरुद्दीन को समर्पति है।
- इस पुस्तक में बख्तियार खिलजी द्वारा नालन्दा विश्व विद्यालय को नष्ट करने का उल्लेख मिलता है।
3. अमीर खुसरों-
- अमीर खुसरों निजामुद्दीन औलिया का शिष्य था।
- इसे हिन्द का तोता कहा जाता है। (तोता-ए-हिन्द)
- यह सात सुल्तानों का समकालीन था अर्थात् 7 सुल्तानों का काल देखा।
- अमीर खुसरों को सर्वप्रथम संरक्षण बलबन के बेटे गियासुद्दीन महमूद ने दिया था।
- निजजामुद्दीन औलिया ने भी 7 सुल्तानों का समकालीन था।
- यह प्रथम व्यक्ति था जिसने अपनी रचनाओं में हिंदी लोकोक्ति एवं मुहावरों का प्रयोग किया। (फारसी लेखन)
- इसने संगीत में योगदान दिया। जैसे-
- (I) इसने तम्बूरा (ईरान) एवं वीणा (भारत) को मिलाकर सितार का आविष्कार किया।
- (II) इसने भारत में कव्वाली, गजल व तराना जैसी गायन शैलियों को प्रारम्भ किया।
- (III) इसे कव्वाली व तराना का जनक भी कहा जाता है।
- अमीर खुसरों की पुस्तकें-
- (I) नूह सिपेहर- भारत की भौगोलिक स्थिति का वर्णन तथा कश्मीर की प्रशंसा की है।
- कश्मीर के लिए अमीर खुसरों का कथन "गर फिरदोस बर रहू जमी अस्त, हमी अस्तो, मही अस्तो, हमी अस्त"
- (II) किरान उस सादेन- बुगरा खाँ व कैकुबाद का संवाद
- कैकुबाद, बुगरा खाँ का बेटा था।
- (III) मिफ्ता उलफुतुह- जलालुद्दीन खिलजी की जानकारी
- (IV) खजाइन उल फुतुह (तारीख-ए-अलाई)- अलाउद्दीन खिलजी की जानकारी
- फारसी साहित्य (खजाइन उल फुतुह) में पहली बार जौहर शब्द का उल्लेख किया गया है।
- खजाइन उल फुतुह के अनुसार हम्मीर की बेटी देवलदे ने जल जौहर किया था।
- खजाइन उल फुतुह को तारीख-ए-अलाई के नाम से भी जाना जाता है।
- (V) तुगलकनामा- तुगलक शासकों की जानकारी (गयासुद्दीन तुगलक तक की जानकारी)
- (VI) आशिका या आशिकी- खिज्र खाँ व देवलरानी (बुगरा खाँ) की कहानी
- देवलरानी गुजरात के शासक कर्ण बघेल की बेटी थी।
- खिज्र खाँ अलाउद्दीन खिलजी का बेटा था।
- (VII) इजाज-ए-खुसरवी (भारत के धार्मिक जीवन के बारे में जानकारी जिसमें प्रमुख रूप से सूफीवाद की जानकारी)