सल्तनतकालीन स्थापत्य कला (Architecture of Sultanate Era)-
- सल्तनतकाल में भारत में इंडो-इस्लामिक शैली का विकास हुआ।
- इंडो-इस्लामिक शैली हिंदू व मुस्लिम स्थापत्य शैली का मिश्रित रूप है। जैसे-
- (I) हिंदू शैली (Hindu Style)
- (II) मुस्लिम शैली (Muslim Style)
(I) हिंदू शैली (Hindu Style)-
- स्तम्भ, छज्जे, कोष्ठक, धरमी या शहतीर आदि का प्रयोग।
- निर्माण में बड़े-बड़े पत्थरों का प्रयोग।
- देवी-देवताओं एवं अप्सराओं की मूर्तियां, फूल-पत्ते बेल-बूटे घंटियां आदि का अंलकरण।
(II) मुस्लिम शैली (Muslim Style)-
- मीनार, गुम्बद, मेहराब-गुम्बद शैली आदि का प्रयोग
- निर्माण में छोटे-छोटे पत्थर, गारा, चूना, टाइल्स आदि का प्रयोग।
- कुरान की आयते, ज्यामितीय आकृतियां, खुशनबीसी, सुलेखन आदि का अलंकरण।
- इसमें जाली का कार्य, पानी का प्रयोग, जड़ाई का कार्य (पच्चिकारी)
अरबस्क शैली (Arabesque Style)-
- अलंकरण की मिश्रित शैली को अरबस्क शैली कहा जाता है।
- हिंदू व मुस्लिम अलंकरण शैली का मिश्रित रूप है।
सल्तनत काल में प्रांतीय स्थापत्य शैलियां-
- 1. बंगाल शैली
- 2. मालवा शैली
- 3. जौनपुर शैली
- 4. गुजरात शैली
- 5. कश्मीर शैली
- 6. बहमनी शैली
- 7. मेवाड़ शैली
- 8. मुल्तान शैली
1. बंगाल शैली-
- बंगाल शैली की विशेषताएं-
- (I) नुकीले मेहराबों का प्रयोग।
- (II) ईंटे एवं काला संगमरमर का प्रयोग।
- (III) बांग्ला छत्तों का प्रयोग। (ढलवां)
- (IV) हिंदू प्रतीकों को इस्लामिक स्वरूप प्रदान किया जाता था।
- मुख्य इमारतें-
- (I) अदीना मस्जिद
- (II) कदम रसूल मस्जिद- गौड़ या लखनौती
- (III) बड़ा सोना मस्जिद या बररो सोना मस्जिद- गौड़ या लखनौती
- (IV) छोटा सोना मस्जिद- गौड़ या लखनौती
- (V) दाखिली दरवाजा- गौड़ या लखनौती (लखनौती का प्रवेश द्वार)
- गौड़ बंगाल के शासकों की राजधानी थी कालांतर में गौड़ का नाम लखनौती कर दिया गया था।
- बंगाल के ज्यादातर निर्माण गौड़ या लखनौती में हुआ।
(I) अदीना मस्जिद-
- स्थित- पाण्डुआ, मालदा जिला, पश्चिम बंगाल
- निर्माण- बंगाल के सिकंदरशाह
- यह भारत की सबसे बड़ी मस्जिद है।
- इसमें लगभग 400 गुंबद है।
2. मालवा शैली-
- इसे पठान शैली भी कहा जाता है।
- इस शैली के प्रमुख केंद्र- धार और माण्डु
- पहले मालवा की राजधानी धार थी बाद में माण्डु को बनाया गया।
- मुख्य इमारतें-
- (I) आजी मस्जिद- माण्डु
- (II) हुशंगशाह का मकबरा- माण्डु (भारत की पहली पूर्णतः सफेद संगमरमर से बनी इमारत)
- (III) हिण्डोला महल- माण्डु
- (IV) माण्डु का किला- माण्डु (भारत का सबसे बड़ा किला)
- (V) जहाज महल- माण्डु
- (VI) माण्डु का विजय स्तम्भ (7 मंजिला, महमूद खिलजी ने बनवाया)
- (VII) अशर्फी महल- माण्डु
- (VIII) रानी रूपमती महल- माण्डु
3. जौनपुर शैली-
- जौनपुर शैली को भारत का शिराज कहा जाता है।
- इसे शार्की शैली भी कहा जाता है।
- यहाँ की मस्जिदों में मीनारें नहीं है।
- हिंदू इमारतों के अवशेषों पर निर्मित इमारतें है।
- मुख्य इमारतें-
- (I) अटाला मस्जिद
- (II) फोर्ट मस्जिद
- (III) झंझोरी मस्जिद
- (IV) जामी मस्जिद
- (V) लाल दरवाजा मस्जिद
(I) अटाला मस्जिद-
- फिरोज शाह तुगलक ने अटाला मस्जिद का निर्माण शुरू करवाया तथा इब्राहिम शाह सर्की ने निर्माण पूरा करवाया।
- यहाँ अटाला देवी का मंदिर था जिसे तोड़कर अटाला मस्जिद बनवायी गई थी।
4. गुजरात शैली-
- इस शैली पर जैन प्रभाव दिखता है।
- इस शैली पर हिंदू-मुस्लिम स्थापत्य का बेहतरीन समन्वय दिखता है।
- गुजरात शैली की विशेषताएं-
- (I) पतले मीनार
- (II) उत्कृष्ट नक्काशी
- (III) अलंकृत कोष्ठक
- अहमदाबाद की स्थापना अहमदशाह ने 1411 ई. में की थी।
- अहमदशाह ने अमहदाबाद में जामा मस्जिद का निर्माण करवाया।
- महमूद बेगड़ा ने चांपानेर व जूनागढ़ में जामा मस्जिद का निर्माण करवाया।
5. कश्मीर शैली-
- मुख्य इमारतें-
- (I) शाह हमदान मस्जिद।
- कश्मीर की सभी मस्जिदों को मुकुट का नगीना समझा जाता है।