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पुनर्जागरण (Renaissance)

पुनर्जागरण (Renaissance)-

  • 'पुनर्जागरण' फ्रेंच भाषा का शब्द है।

  • पुनर्जागरण का शाब्दिक अर्थ है- पुनर्जन्म

  • पुनर्जागरण शब्द का सबसे पहले प्रयोग वैसारी ने किया था।


पुनर्जागरण की परिभाषा या अर्थ (Meaning of Renaissance)-

  • 13वीं से 16वीं शताब्दी के मध्य यूरोप में यूनानी एवं रोमन सभ्यता से प्रेरणा लेकर विचार, साहित्य व कला के क्षेत्र में मानव केन्द्रित प्रवृतियों से युक्त बौद्धिक आन्दोलन को पुनर्जागरण कहते हैं।


पुनर्जागरण की प्रकृति (Nature of Renaissance)-

  • यह प्राचीन यूनान एवं रोम की सभ्यताओं से प्रेरित था।
  • यह प्रगतिशील था।
  • इसने जीवन के सभी पहलुओं को प्रभावित किया लेकिन कला एवं साहित्य के क्षेत्र को विशेष रूप से प्रभावित किया।
  • यह मानववादी विचारों से प्रेरित था इसमें सभी विचारों का केंद्र मानव को स्वीकार किया गया।
  • यह धर्मनिरपेक्ष तत्वों से युक्त था तथा इसने इहलौकिकता पर बल दिया।
  • यह रुढिवादिता एवं अन्धविश्वासों के विपरीत था तथा इसमें तार्किकता को महत्व दिया गया।
  • इसने स्वतंत्र चिन्तन को प्रोत्साहन दिया।
  • इसमें आलोचना (Criticism) एवं अन्वेषण (Exploration) की प्रवृत्तियों का जन्म हुआ।
  • शहरों से प्रारम्भ होने के कारण इसका स्वरुप भी शहरी था।
  • यह मानव जीवन के उन्नयन का स्रोत था।


पुनर्जागरण के कारण (Causes of Renaissance)-

  • 1. धर्मयुद्ध (Crusade)
  • 2. आर्थिक कारण (Economic Reason)
  • 3. महान मंगोल साम्राज्य का उदय (Rise of the Great Mongol Empire)
  • 4. कुस्तुन्तुनिया पर तुर्कों का अधिकार (Control of Turks on the Qustuntunia/ Constantinople)
  • 5. वैज्ञानिक आविष्कार (Scientific Invention)


    1. धर्मयुद्ध (Crusade)-

    • धर्मयुद्धों के कारण यूरोपीय लोग अरबों के सम्पर्क में आए।
    • इस दौरान यूरोपीय अरब देशों में पहुँचे तथा वापसी में अपने साथ अनेक प्रकार का अनुभव लेकर आये जिसमें निम्न शामिल थे-
    • (I) लम्बी भौगोलिक यात्राओं के कारण बौद्धिक क्षितिज का विकास
    • (II) अरस्तु के वैज्ञानिक ग्रंथ (Scientific Texts of Aristotle)
    • (III) अरबी अंक पद्धति (Arabic Numerals)
    • (IV) बीजगणित (Algebra)
    • (V) दिग्दर्शक यंत्र (Compass)
    • (VI) कागज (Paper)


    2. आर्थिक कारण (Economic Reason)-

    • अरबों से सम्पर्क के कारण यूरोप में आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ी।
    • इन्होंने पुनर्जागरण के उदय में 4 प्रकार से योगदान दिया जैसे-
    • (I) यूरोपीय व्यापारी विभिन्न देशों में पहुँचे तथा वहां से नए विचार तथा प्रगतिशील तत्व लेकर आये।
    • (II) व्यापार के विकास ने अनेक नये नगरों जैसे- वेनिस, मिलान, फ्लोरेंस, आंग्लबर्ग, नूरेबर्ग आदि को जन्म दिया। ये नगर अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के केन्द्र होने के कारण विचारों एवं ज्ञान के वाहक बने तथा इन्होंने विचार स्वातंत्र्य को प्रोत्साहन दिया।
    • (III) व्यापार वृद्धि के कारण नया व्यापारी वर्ग समृद्ध हुआ जिससे उन्हें शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला, ये बगदाद, काहिरा, कोरडोवा आदि स्थानों पर पुस्तकालयों में संचित ज्ञान के संपर्क में आये। समृद्धि के कारण ही बड़े व्यापारी कला के पोषक तथा विद्धानों के आश्रयदाता बने।
    • (IV) चर्च द्वारा सूद (ब्याज) लेने को पाप मानने के कारण व्यापारी वर्ग चर्च की आलोचना कर इसके महत्व को कम करने की कोशिश करने लगा।


    3. महान मंगोल साम्राज्य का उदय (Rise of the Great Mongol Empire)-

    • 13वीं शताब्दी में कुबलाई खाँ द्वारा विशाल मंगोल साम्राज्य की स्थापना की गई, जिसकी सीमाएँ यूरोप तक विस्तृत थी।
    • कुबलाई खाँ का दरबार विद्वानों, धर्मप्रचारकों और व्यापारियों का केन्द्र था।
    • वेनिस (इटली) का प्रसिद्ध यात्री मार्कोपोलो 1272 ई. में कुबलाई खाँ के दरबार में आया तथा यहाँ की सभ्यता एवं संस्कृति का विशद वर्णन किया।
    • मंगोलों के सम्पर्क से यूरोप को निम्न की जानकारी मिली-
    • (I) कागज एवं मुद्रण (Paper Printing)
    • (II) कुतुबनुमा या कम्पास (Kutubnuma/ Compass)
    • (III) बारूद (Gunpowder)


    4. कुस्तुन्तुनिया पर तुर्कों का अधिकार- 1453 ई. (Control of Turks on the Qustuntunia/ Constantinople- 1453 AD)-

    • कुस्तुन्तुनिया में यूनानी एवं रोमन सभ्यताओं के अवशेष सुरक्षित थे।
    • (I) तुर्की आक्रमणकारियों के अत्याचारों से बचने के लिए यहाँ के दार्शनिक विद्वान एवं कलाकार यूरोप की तरफ पलायन कर गए तथा ये प्राचीन यूनान एवं रोम का ज्ञान, विज्ञान व नवीन चिन्तन पद्धति अपने साथ ले गए। अकेला कार्डिनल बेसारियोन 800 पाण्डुलिपियों के साथ इटली पहुँचा।
    • (II) कुस्तुन्तुनिया पर तुर्कों के अधिकार के कारण यूरोप एवं पूर्वी देशों के मध्य स्थलमार्ग अवरुद्ध हो गए तथा तुर्कों की लूट के कारण व्यापार अवरुद्ध हो गया इससे यूरोप में पूर्व से आने वाली कालीमिर्च और विलासिता की वस्तुओं की कमी हो गई। अब पश्चिमी यूरोप में एशिया के लिए नए जलमार्गों की खोज की आवश्यकता महसूस हुई। इसी का परिणाण था कि वास्कोडिगामा ने भारत के लिए नए जलमार्ग की खोज की तथा कोलम्बस अमेरिका पहुँचा।


    5. वैज्ञानिक आविष्कार (Scientific Invention)-

    • गुटेनबर्ग ने मुद्रण यंत्र का आविष्कार किया।
    • 1477 ई. में कैक्सटन ने पहले छापेखाने की स्थापना की।
    • इस आविष्कार से साहित्य सस्ता एवं सुलभ हो गया।
    • अब 'किताबों में ऐसा लिखा है कहकर, लोगों को बेवकूफ बनाना आसान नहीं रहा।
    • साहित्य के प्रसार से अंधविश्वास एवं रुढ़िवादिता कमजोर हुई तथा लोगों का आत्मविश्वास बढ़ा।


    पुनर्जागरण के प्रभाव (Effects of Renaissance)-

    • 1. साहित्य पर पुनर्जागरण का प्रभाव (Effect of Renaissance on Literature)
    • 2. कला पर पुनर्जागरण का प्रभाव (Effect of Renaissance on Art)
    • 3. विचारधारा पर पुनर्जागरण का प्रभाव (Effect of Renaissance on Ideology)
    • 4. राजनीति पर पुनर्जागरण का प्रभाव (Effect of Renaissance on Political)
    • 5. विज्ञान पर पुनर्जागरण का प्रभाव (Effect of Renaissance on Science)
    • 6. धर्म पर पुनर्जागरण का प्रभाव (Effect of Renaissance on Religious)


    1. साहित्य पर पुनर्जागरण का प्रभाव (Effect of Renaissance on literature)-

    • पुनर्जागरण से पहले-
    • (I) पुनर्जागरण से पहले लेखक मुख्यतः पादरी होते थे।
    • (II) पुनर्जागरण से पहले साहित्य की विषयवस्तु धार्मिक थी।
    • (III) पुनर्जागरण से पहले साहित्य की भाषा लेटिन (मुख्यतया) एवं यूनानी थी।
    • (IV) पुनर्जागरण से पहले पद्य ही साहित्य की प्रमुख लेखन शैली थी।
    • पुनर्जागरण के बाद-
    • (I) पुनर्जागरण के बाद जन सामान्य लेखकों के रूप में उभरे।
    • (II) पुनर्जागरण के बाद विषयवस्तु के रूप में मानवीय भावनाओं, समस्याओं एवं वेदनाओं आदि को अपनाया गया।
    • अब साहित्य आलोचना प्रधान मानववादी और व्यक्तिवादी हो गया।
    • अब प्राकृतिक स्थितियों का वर्णन किया जाने लगा।
    • आस्था एवं परम्परा की जगह तार्किकता ने ले ली।
    • (III) पुनर्जागरण के बाद बोलचाल की भाषाओं में साहित्य की रचना पुनर्जागरण की मुख्य विशेषता थी।
    • अनेक प्रादेशिक भाषाओं का विकास हुआ जैसे- फ्रेंच, इटालियन, स्पेनिश, पुर्तगीज, जर्मन, अंग्रेजी, डच, स्वीडिश आदि प्रमुख थी।
    • (IV) पुनर्जागरण के बाद गद्य कला महत्वपूर्ण साहित्य विधा के रूप में उभरी।


    पुनर्जागरण के बाद का साहित्य-

        • (A) इतालवी साहित्य (Italian Literature)
        • (B) फ्रांसीसी साहित्य (French Literature)
        • (C) अंग्रेजी साहित्य (English Literature)
        • (D) डच साहित्य (Dutch Literature)
        • (E) स्पेनिश साहित्य (Spainish Literature)


        (A) इतालवी साहित्य (Italian Literature)-

          • इतालवी साहित्य के प्रमुख लेखक-

          • (I) दाँते (Dante)
          • (II) पेट्रार्क (Petrarch)
          • (III) बोकेशियो (Boccaccio)
          • (IV) फिसिनो (Ficino)
          • (V) मार्सिलियो (Marsiglio)
          • (VI) मैकियावली (Machiavelli)


                  (I) दाँते (Dante)- 

                  • दाँते की रचनाएं-
                  • (अ) डिवाइन कॉमेडी (Divine Comedy)
                  • (ब) वीतानोआ (Vitanuova)
                  • (स) द मोनार्किया (De Monarchia)


                        (अ) डिवाइन कॉमेडी (Divine Comedy)-

                        • यह पुस्तक दाँते के द्वारा लिखी गई है।

                        • यह एक काल्पनिक जगत की यात्रा का वर्णन है जिसमें दाँते नरक, पापमोचन स्थल तथा स्वर्ग की यात्रा करता है।

                        • इसमें मानव प्रेम, देशप्रेम एवं प्रकृति प्रेम की शिक्षा दी गई है।


                        (ब) वीतानोआ (Vitanuova)-

                        • यह पुस्तक दाँते के द्वारा लिखी गई है।

                        • वीतानोआ का शाब्दिक अर्थ है- नया जीवन

                        • इस पुस्तक में प्रेमगीतों का संग्रह है।

                        • इसमें दाँते ने बिट्रिस नामक महिला के सौन्दर्य का अपूर्व वर्णन किया है।


                        (II) पेट्रार्क (Petrarch)-

                        • इसे मानववाद का जनक माना जाता है।

                        • यह जीवनी लेखक था।

                        • पेट्रार्क की रचना- 'लेटर्स ऑन फेमिलियर मेटर्स'


                        (III) बोकेशियो (Boccaccio)-

                        • बोकेशियो की रचना- 'डेकामेरोन' (Decameron)- 100 कहानियों का संग्रह

                        • बोकेशियो को इतालवी गद्य का जनक कहा जाता है।


                        (IV) फिसिनो (Ficino)-

                        • फिसिनो ने प्लेटो के पूरे दर्शन का अध्ययन किया।


                        (V) मार्सिलियो (Marsiglio)-

                        • मार्सिलियो की रचना- 'द डिफेन्डर ऑफ द पीस' (The defender of the peace)- धर्म और राजनीतिक का पृथक्करण

                        • द डिफेन्डर ऑप द पीस नामक पुस्तक का वास्तविक नाम 'Defensor Pacis' है।


                        (VI) मैकियावली (Machiavelli)-

                        • मैकियावली की रचना- 'द प्रिसं' (The Prince)


                        (B) फ्रांसीसी साहित्य (French Literature)-

                        • फ्रांसीसी साहित्य के प्रमुख लेखक-
                        • (I) रेबेलास (Rabelais)
                        • (II) मोंताइन्ये (Montaigne)


                            (I) रेबेलास (Rabelais)-

                            • रेबेलास का प्रसिद्ध कथन- "केवल मुनष्य ही हंस सकता है"

                            • रेबेलास की रचनाएँ- पेन्टाग्रुएल (Pantagruel) और गारगैंतुआ (Gargantua)


                            (II) मोंताइन्ये (Montaigne)-

                            • मोंताइन्ये एक निबन्धकार था।

                            • मोंताइन्ये ने "प्रथम आधुनिक व्यक्ति" (The first modern person) की उपाधि अर्जित की।


                            (C) अंग्रेजी साहित्य (English Literature)-

                            • अंग्रेजी साहित्य के प्रमुख लेखक-
                            • (I) ज्योफ्रे चासर (Geoffrey Chaucer)
                            • (II) टॉमस मूर (Thomas More)
                            • (III) विलियम शेक्सपियर (William Shakespeare)


                                  (I) ज्योफ्रे चासर (Geoffrey Chaucer)-

                                  • ज्योफ्रे चासर की रचना- 'केन्टरबरी टेल्स' (Canterbury Tales)

                                  • केन्टरबरी टेल्स में लोककथाओं को साहित्यिक स्वरूप प्रदान किया गया तथा रुढियों पर व्यंग्य किया गया है।


                                  (II) टॉमस मूर (Thomas More)-

                                  • टॉमस मूर की रचना- 'यूटोपिया' (काल्पनिक) / Utopia (Fictional)

                                  • यूटोपिया पुस्तक में भविष्य के आदर्श समाज का उल्लेख है।


                                  (III) विलियम शेक्सपियर (William Shakespeare)-

                                  • विलियम शेक्सपियर की रचनाएँ-
                                  • (I) मैकबेथ (Macbeth)
                                  • (II) हैमलेट (Hamlet)
                                  • (III) ओथेलो (Othello)
                                  • (IV) किंग लियर (King Lear)
                                  • (V) रोमियो और जूलियट (Romeo and Juliet)
                                  • (VI) द मर्चेंट ऑफ वेनिस (The Merchant of Venice)


                                  (D) डच साहित्य (Dutch Literature)-

                                  • डच साहित्य के प्रमुख लेखक-
                                  • (I) इरेस्मस (Erasmus)


                                    (I) इरेस्मस (Erasmus)-

                                    • इरेस्मस की रचना- 'द प्रेज ऑफ फॉली' (मूर्खता की प्रशंसा)/ The Praise of Folly

                                    • द प्रेज ऑफ फॉली पुस्तक व्यंग्यात्मक शैली (Satirical Style) में लिखी गई है।


                                    (E) स्पेनिश साहित्य (Spainish Literature)-

                                    • स्पेनिश साहित्य के प्रमुख लेखक-

                                    • (I) सर्वेन्टीज (Cervantes)


                                    (I) सर्वेन्टीज (Cervantes)-

                                    • सर्वेन्टीज की रचना- डॉन क्विकजोट (Don Quixote)


                                    2. कला पर पुनर्जागरण का प्रभाव (Effect of Renaissance on Art)-

                                    • (A) स्थापत्य कला पर पुनर्जागरण का प्रभाव (Effect of Renaissance on Architecture)
                                    • (B) मूर्तिकला पर पुनर्जागरण का प्रभाव (Effect of Renaissance on Sculpture)
                                    • (C) चित्रकला पर पुनर्जागरण का प्रभाव (Effect of Renaissance on Painting)
                                    • (D) संगीत पर पुनर्जागरण का प्रभाव (Effect of Renaissance on Music)


                                        (A) स्थापत्य कला पर पुनर्जागरण का प्रभाव (Effect of Renaissance on Architecture)-

                                        • पुनर्जागरण से पहले- गोथिक शैली (बर्बर शैली)

                                        • पुनर्जागरण के बाद- शास्त्रीय शैली


                                        गोथिक शैली की विशेषताएं-

                                        • पुनर्जागरण से पहले यूरोप में मध्यकालीन गोथिक शैली प्रचलित थी।
                                        • गोथिक शैली को बर्बर शैली भी कहा जाता था।
                                        • गोथिक शैली में नुकीले मेहराब (Pointed Arches), अर्द्धगुम्बद (Flying Buttresses) एवं सघन अलंकरण (Dense Carving) का प्रयोग होता था।


                                        शास्त्रीय शैली की विशेषताएं-

                                        • पुनर्जागरण के बाद गोथिक शैली के स्थान पर शास्त्रीय शैली विकसित हुई।
                                        • शास्त्रीय शैली रोमन व यूनानी परम्पराओं से प्रेरित थी।
                                        • शास्त्रीय शैली में वृत्ताकार मेहराब (Circular Arches), विशाल गुम्बद (Huge Domes) एवं अलंकृत स्तम्भ (Decorated Pillars) का प्रयोग होता था।
                                        • इस समय धार्मिक एवं गैर धार्मिक दोनों प्रकार की इमारतों को संरक्षण मिला।
                                        • फ्लोरेंस का मेडिची परिवार व मिलान के स्फोरजा परिवार ने स्थापत्य को संरक्षण दिया।
                                        • प्रमुख वास्तुकार (Main Architects)-
                                        • (I) ब्रूनेलेशी
                                        • (II) पालादिओन
                                        • (III) माइकल एंजेलो
                                        • (IV) राफेल
                                        • शास्त्रीय शैली के उदाहरण (पुनर्जागरण कालीन वास्तुकला के महत्वपूर्ण उदाहरण)-
                                        • (I) रोम का सेण्टपीटर चर्च
                                        • (II) शातो (फ्रांस के लुआर प्रांत में बने सामन्तों के निवास)
                                        • (III) पेरिस का लूब्रे पैलेस
                                        • (IV) स्पेन का इस्कोरियल पैलेस


                                        (B) मूर्तिकला पर पुनर्जागरण का प्रभाव (Effect of Renaissance on Sculpture)-

                                        • पुनर्जागरण से पहले मूर्तियाँ धार्मिक विषय वस्तु (Religious Themes) पर बनती थी।
                                        • पुनर्जागरण के बाद मूर्तियाँ धर्मेत्तर विषयों (Non-Religious Subjects) पर भी बनने लगी।
                                        • प्रमुख मूर्तिकार (Chief Sculptor)-
                                        • (I) दोनातेल्लो (Donatello)- बच्चों की मूर्तियाँ बनाता था।
                                        • (II) लारेन्जों गिबर्ती (Lorenzo Ghiberti)- इनके द्वारा निर्मित मूर्तिया फ्लोरेंस के गिरजाघर (Church) के बाहर लगी है। (गिरजाघर के दरवाजे)
                                        • (III) माइकल एंजेलो (Michelangelo)- डेविड की मूर्ति (Statue of David), पेटा की मूर्ति (Statue of Pieta)


                                        (C) चित्रकला पर पुनर्जागरण का प्रभाव (Effect of Renaissance on Painting)-

                                        • पुनर्जागरण से पहले-
                                        • पुनर्जागरण से पहले चित्रकला की विषयवस्तु धार्मिक थी।
                                        • पुनर्जागरण से पहले चित्र कागज या लकड़ी पर बनाये जाते थे।
                                        • पुनर्जागरण से पहले चित्रकला में सादगीपूर्ण रंगों का प्रयोग किया जाता था।
                                        • पुनर्जागरण से पहले चित्रकला में अनुशासन का विशेष ध्यान रखा जाता था।
                                        • पुनर्जागरण के बाद-
                                        • पुनर्जागरण के बाद चित्रकला की विषयवस्तु में जीवन, संवेदनाएँ, भावनाएँ, एवं सौन्दर्य बोध को शामिल किया गया।
                                        • पुनर्जागरण के बाद चित्र कैनवास पर बनते थे।
                                        • पुनर्जागरण के बाद चित्रकला में चमकीलें एवं चटकीले रंगों का प्रयोग किया जाता था।
                                        • पुनर्जागरण के बाद तैलीय चित्रों का निर्माण किया जाने लगा था।


                                        पुनर्जागरण के बाद के प्रमुख चित्रकार (Major Painter)-

                                          • (I) जियोटो (Giotto)
                                          • (II) लियोनार्दो द विंची (Leonardo da Vinci)
                                          • (III) माइकल एंजेलो (Michelangelo)
                                          • (IV) राफेल (Raphael)
                                          • (V) मेशेशियो (Massaccio)
                                          • (VI) वान आइक बन्धु (Van Eyek Borthers)


                                                    (I) जियोटो (Giotto)-

                                                    • जियोटो को आधुनिक चित्रकला का जनक माना जाता है।

                                                    • जियोटो ने सर्वप्रथम कैनवास पर चित्र बनाये थे।


                                                    (II) लियोनार्दो द विंची (Leonardo da Vinci)-

                                                    • लियोनार्दो द विंची चित्रकार के अलावा दार्शनिक भी था।
                                                    • यह गणितज्ञ, वैज्ञानिक एवं वास्तुकार भी था।
                                                    • लियोनार्दो द विंची के प्रमुख चित्र-
                                                    • (A) मोनालिसा (Mono Lisa)
                                                    • (B) द लास्ट सपर (The Last Supper)


                                                    (III) माइकल एंजेलो (Michelangelo)-

                                                    • माइकल एंजेलो के प्रमुख चित्र-

                                                    • (A) द लास्ट जजमेण्ट (The last Judgment)


                                                    (IV) राफेल (Raphael)-

                                                    • राफेल के प्रमुख चित्र-

                                                    • (A) मेडोना (Madonna)- दिव्य नारीत्व का प्रदर्शन


                                                    (V) मेशेशियो (Massaccio)-

                                                    • मेशेशियो के चित्रों की प्रमुख विशेषता परिप्रेक्ष्य प्रभाव था।


                                                    (VI) वान आइक बन्धु (Van Eyek Borthers)

                                                    • वान आइक बन्धु = ह्यूर्वट वान आइक व इयान वान आइक

                                                    • इन्होंने सबसे पहले तैलीय चित्रों की शुरुआत की थी।

                                                    • ये दोनों बेल्जियम के रहने वाले थे।


                                                    (D) संगीत पर पुनर्जागरण का प्रभाव (Effect of Renaissance on Music)-

                                                    • पियानो, वायलिन आदि इसी काल में विकसित हुये।
                                                    • ओपेरा संगीत भी पुनर्जागरण के दौरान आरम्भ हुआ।
                                                    • पेलेस्चीयन ने सामूहिक गीतों की पुस्तक 'मोजेज' लिखी।
                                                    • मस्किनस इस समय का महान संगीतकार था।


                                                    3. विचारधारा पर पुनर्जागरण का प्रभाव (Effect of Renaissance on Ideology)-

                                                    • मानववाद का विकास (Evolution of Humanism)-
                                                    • पुनर्जागरण में एक नई विचारधारा मानववाद का विकास हुआ।
                                                    • मानववाद का मुख्य उद्देश्य मानव जीवन का सुखी व सुविधापूर्ण बनाना था।
                                                    • मानववाद ने मानव के महत्व पर बल दिया।
                                                    • अब मनुष्य के सुख-दुख को ध्यान में रखकर मान्यताओं का निर्धारण किया जाने लगा।
                                                    • मानववाद ने- आध्यात्मिकता के स्थान पर भौतिकवाद, पारलौकिकता के स्थान पर इहलौकिकता, आदर्शवाद के स्थान पर यथार्थवाद, अंधविश्वास व रुढ़ियों के स्थान पर तर्कसंगतत तथा सम्पूर्ण स्वतंत्रता के स्थान पर व्यक्तिगत स्वतंत्रता को रखा।


                                                    4. राजनीति पर पुनर्जागरण का प्रभाव (Effect of Renaissance on Political)-

                                                    • पुनर्जागरण के कारण मध्यम वर्ग का उदय हुआ तथा क्षेत्रीय भाषाओं का विकास हुआ।, इससे राष्ट्रराज्यों का उदय हुआ।

                                                    • राष्ट्रराज्यों के शक्तिशाली होने के कारण सामन्तवाद का पतन हुआ तथा चर्च का वर्चस्व समाप्त हो गया।


                                                    5. विज्ञान पर पुनर्जागरण का प्रभाव (Effect of Renaissance on Science)-

                                                      • (I) खगोलशास्त्र (Astronomy)
                                                      • (II) चिकित्सा विज्ञान (Medical Science)


                                                        (I) खगोलशास्त्र (Astronomy)-

                                                        • पुनर्जागरण से पहले-
                                                        • टॉल्मी का सिद्धान्त- पृथ्वी सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का केन्द्र है।
                                                        • पुनर्जागरण के बाद-
                                                        • (A) कॉपरनिकस (Copernicus)-
                                                        • कॉपरनिकस की पुस्तक- 'The Revolutionibus' (परिभ्रमण)
                                                        • कॉपरनिकस ने सूर्य केन्द्रित सिद्धान्त दिया।
                                                        • (B) केप्लर (Kepler)-
                                                        • केप्लर की पुस्तक- 'खगोलीय रहस्य' (Cosmogrophical Mystry)
                                                        • केप्लर ने ग्रहों की गति के नियम दिये।
                                                        • (C) गैलिलियों (Galileo)-
                                                        • गैलिलियों की पुस्तक- 'The Motion' (गति)
                                                        • गैलिलियों ने दूरबीन (Telescope) का आविष्कार किया।
                                                        • गैलिलियों ने पेण्डुलम की खोज की।


                                                        (II) चिकित्सा विज्ञान (Medical Science)-

                                                        • (A) फ्राकास्टोरो (Fracastoro)- इसने सूक्ष्मजीवों को बीमारियों का कारण माना।
                                                        • (B) रोजर बेकन (Roger Bacon)- इसने सूक्ष्मदर्शी यंत्र (Microscope) का आविष्कार किया।
                                                        • (C) वेसेलियस (Vesalius)- इसने मानव शरीर की रचना का अध्ययन किया।
                                                        • (D) विलियम हार्वे (William Harvey)- इसने रक्त परिसंचरण तंत्र को समझाया।


                                                        6. धर्म पर पुनर्जागरण का प्रभाव (Effect of Renaissance on Religious)-

                                                        • धर्म सुधार आन्दोलन (Religious Reform Movement)


                                                        पुनर्जागरण का इटली में आरम्भ होने के कारण-

                                                        • 1. ऐतिहासिक कारण (Historical Factors)- इटली प्राचीन रोमन सभ्यता की जन्मस्थली था।
                                                        • 2. राजनीतिक कारण (Political Factors)- इटली में सामन्तवाद कमजोर था, क्योंकि इटली का नागरिक और यौद्धा वर्ग सशक्त था इन्होंने सामन्तों को प्रांतों में नहीं टिकने दिया।
                                                        • इटली के नगरों में मध्यम वर्ग प्रभावशाली था इसलिए यहाँ भी सामन्तवाद का ढाँचा सशक्त नहीं था इसलिए नवीन मान्यताओं को आश्रय मिला।
                                                        • 3. भौगोलिक स्थिति (Geographical Situation)- धर्मयोद्धा वापस लौटते समय इटली में ठहरते थे और अरब संस्कृति का अनुभव यहाँ साझा करते थे।
                                                        • कुस्तुन्तुनिया पर जब तुर्कों ने आक्रमण किया, तब अधिकतर विद्वान इटली पहुँचे।
                                                        • 4. आर्थिक कारण (Economic Factors)- इटली की भौगोलिक स्थिति इस प्रकार थी की पूर्वी देशों व यूरोप के मध्य होने वाले व्यापार का बहुत बड़ा भाग इटली के माध्यम से होता था। इससे-
                                                        • (I) यहाँ नगरों का विकास हुआ।
                                                        • (II) नगरों में पूँजीपति वर्ग का उदय हुआ, जिन्होंने कला व कलाकारों को संरक्षण दिया।
                                                        • (III) व्यापारिक समृद्धि के कारण इटली की शिक्षा व्यवस्था उदार एवं बहुआयामी थी।
                                                        • (IV) इटली का विदेशी संस्कृतियों से सम्पर्क अधिक था, इससे परम्परागत संकीर्णता से बचाव हुआ।
                                                        • 5. धार्मिक कारण (Religious Factors)- पोप का केन्द्र रोम था, यद्यपि अधिकतर पोप प्रतिक्रियावादी होते थे, लेकिन कुछ पोप उदारवादी भी थे, इन्होंने शिक्षण संस्थाओं व पुस्तकालयों आदि की स्थापना की। 


                                                        रेनेंसा मैन (Renaissance Man)-

                                                        • वह व्यक्ति जिसकी अनेक रुचियाँ हो तथा वह अनेक विषयों (क्षेत्रों) में पारंगत हो।

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