* भारत का महान्यायवादी/Attorney General of India (AGI)
* अनुच्छेद-76
-इस अनुच्छेद में भारत के महान्यायवादी के पद के गठन का उल्लेख है।
* अनुच्छेद-88
-इस अनुच्छेद के अनुसार भारत का महान्यायवादी संसद की कार्यवाही में हिस्सा ले सकता है तथा संसद के किसी भी सदन में विचार व्यक्त कर सकता है लेकिन सदन में अपना वोट/मत नहीं डाल सकता है।
* कार्य-
-भारत के महान्यायवादी का मुख्य कार्य केन्द्र सरकार को कानुनी मामलो में सलाह तथा सुझाव देना होता है।
* महान्यायवादी की अर्हताएँ/शर्ते/योग्यताएँ-
-(1) उसके पास कम से कम 10 वर्ष किसी उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय में वकालत करने का अनुभव होना चाहिएँ
-(2) उसके पास कम से कम 5 वर्ष तक किसी भी उच्च न्यायालय में न्यायधिस का अनुभव होना चाहिएँ
-(3) वह उच्चतम न्यायलय में न्यायधिस बनने की योग्यता रखता हो
* शपथ-
-महान्यायवादी को शपथ राष्ट्रपति दिलाता है
* त्याग-पत्र-
-महान्यायवादी अपना त्याग-पत्र राष्ट्रपति को देता है।
* कार्यकाल-
-महान्यायवादी का कार्यकाल 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो)
* वेतन-
-महान्यायवादी का मासिक वेतन राष्ट्रपति तय करता है।
-वर्तमान में महान्यायवादी का मासिक वेतन 90,000 रुपये है।
* महान्यायवादी के उपनाम-
-(1) भारत का सबसे बड़ा वकिल
-(2) वकिलो का वकिल
-(3) भारत का सबसे बड़ा विधिक (कानुनी) अधिकारी
-भारत का महान्यायवादी संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं होता है।
-भारत का महान्यायवादी भारत के किसी भी उच्च न्यायालय में जाकर किसी भी केस की सुनवायी कर सकता है।
-महान्यायवादी भारत का विधि अधिकारी (कानुनी सलाहकार) होता है।
-महान्यायवादी को सेवा निवर्त होने के बाद निजी प्रेक्तिस करने या निजि केस लड़ने का अधिकार नहीं होता है।
-महान्यायवादी की नियुक्ति प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति करता है।
-भारत का प्रथम महान्यायवादी- महेन्द्र चन्द सितलवाड़ (M.C. सितलवाड़)
-भारत का वर्तमान महान्यायवादी- मुकुल रोहतगी
* अनुच्छेद-76
-इस अनुच्छेद में भारत के महान्यायवादी के पद के गठन का उल्लेख है।
* अनुच्छेद-88
-इस अनुच्छेद के अनुसार भारत का महान्यायवादी संसद की कार्यवाही में हिस्सा ले सकता है तथा संसद के किसी भी सदन में विचार व्यक्त कर सकता है लेकिन सदन में अपना वोट/मत नहीं डाल सकता है।
* कार्य-
-भारत के महान्यायवादी का मुख्य कार्य केन्द्र सरकार को कानुनी मामलो में सलाह तथा सुझाव देना होता है।
* महान्यायवादी की अर्हताएँ/शर्ते/योग्यताएँ-
-(1) उसके पास कम से कम 10 वर्ष किसी उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय में वकालत करने का अनुभव होना चाहिएँ
-(2) उसके पास कम से कम 5 वर्ष तक किसी भी उच्च न्यायालय में न्यायधिस का अनुभव होना चाहिएँ
-(3) वह उच्चतम न्यायलय में न्यायधिस बनने की योग्यता रखता हो
* शपथ-
-महान्यायवादी को शपथ राष्ट्रपति दिलाता है
* त्याग-पत्र-
-महान्यायवादी अपना त्याग-पत्र राष्ट्रपति को देता है।
* कार्यकाल-
-महान्यायवादी का कार्यकाल 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो)
* वेतन-
-महान्यायवादी का मासिक वेतन राष्ट्रपति तय करता है।
-वर्तमान में महान्यायवादी का मासिक वेतन 90,000 रुपये है।
* महान्यायवादी के उपनाम-
-(1) भारत का सबसे बड़ा वकिल
-(2) वकिलो का वकिल
-(3) भारत का सबसे बड़ा विधिक (कानुनी) अधिकारी
-भारत का महान्यायवादी संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं होता है।
-भारत का महान्यायवादी भारत के किसी भी उच्च न्यायालय में जाकर किसी भी केस की सुनवायी कर सकता है।
-महान्यायवादी भारत का विधि अधिकारी (कानुनी सलाहकार) होता है।
-महान्यायवादी को सेवा निवर्त होने के बाद निजी प्रेक्तिस करने या निजि केस लड़ने का अधिकार नहीं होता है।
-महान्यायवादी की नियुक्ति प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति करता है।
-भारत का प्रथम महान्यायवादी- महेन्द्र चन्द सितलवाड़ (M.C. सितलवाड़)
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Nice very Nice bhai ji
ReplyDeletethanks
DeleteThank a lot sir
ReplyDeleteWelcome
Deletethanks
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ReplyDeletethanks JIms Linda
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