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शीत ऋतु (राजस्थान की जलवायु)

👉 राजस्थान में शीत ऋतु (राजस्थान की जलवायु)-

👉 शीत ऋतु-
✍ राजस्थान में शीत ऋतु को दो भागों में विभाजित किया गया है जैसे-
1. अक्टूबर से दिसम्बर
2. दिसम्बर से फरवरी

1. अक्टूबर से दिसम्बर-

👉 मानसून का प्रत्यावर्तन काल-
✍ राजस्थान में अक्टूबर से दिसम्बर के बीच लौटते हुए मानसून को मानसून का प्रत्यावर्तन काल कहते है।

👉 गुलाबी सर्दी (सुबह शाम की ठंड)-
✍ मानसून प्रत्यावर्तन काल के दौरान राजस्थान में जो हल्की-हल्की ठंड या सर्दी पड़ती है उसे गुलाबी सर्दी कहते है।

👉 आद्रता-
✍ राजस्थान में गुलाबी सर्दी से पहले जो आद्रता या हुमस पड़ती है उसे आसोज की गर्मी या अक्टूबर की गर्मी भी कहते है।

2. दिसम्बर से फरवरी-
✍ राजस्थान में दिसम्बर से लेकर फरवरी (15 फरवरी) तक का समय शीत ऋतु या शीत काल कहलाता है।

👉 पाला पड़ना-
✍ शीत ऋतु के दौरान राजस्थान में सूर्यताप कम हो जाता है क्योकी शीत ऋतु के दौरान सूर्य पूर्णतः दक्षिणायन होता है।
✍ शीत ऋतु के दौरान सूर्यताप कम होने के कारण तापमान में भारी गिरावट आती है जिसे पाला पड़ना कहते है।

👉 जनवरी-
✍ राजस्थान में जनवरी महीने में सर्वाधिक ठंड या सर्दी पड़ती है।

👉 चूरू (राजस्थान)-
✍ राजस्थान का सबसे ठंडा जिला चूरू है।

👉 माउंट आबू, सिरोही (राजस्थान)-
✍ राजस्थान में सबसे ठंडा स्थान सिरोही जिले का माउंट आबू है।

👉 मावठ/ मावट/ महावट-
✍ भूमध्य सागर में कभी-कभी उठने वाले पश्चिमी विक्षोभों (चक्रवातों) के कारण उत्तरी-पश्चिमी राजस्थान में दिसम्बर तथा जनवरी (शीत ऋतु) के महीने में होने वाली वर्षा को मावठ कहते है।
✍ मावठ की वर्षा रवी फसल के लिए अति उपयोगी मानी जाती है इसीलिए इस वर्षा को सोने की बुँदे भी कहते है।

👉 भारत में मावठ वर्षा का क्रम-
✍ भारत में मावठ की वर्षा क्रमशः पंजाब, हरियाणा तथा राजस्थान राज्यों में होती है।

👉 राजस्थान में मावठ वर्षा का क्रम-
✍ राजस्थान में मावठ की वर्षा क्रमशः श्री गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू तथा झुन्झुनू जिलों में होती है।

👉 मावठ-
✍ मावठ शीतकालीन वर्षा को कहते है।

👉 मावठा-
✍ मावठा राजस्थान के जयपुर जिले में आमेर किले के पास स्थित एक झील है।

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