राजस्थान के त्योहार | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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👉हिंदी महीने क्रमशः-
👉राष्ट्रीय पंचांग- ➯राष्ट्रीय पंचांग का पहला महीना चैत्र होता है। ➯राष्ट्रीय पंचांग का अंतिम महीना फाल्गुन होता है। ➯राष्ट्रीय पंचांग का पहला दिन चैत्र कृष्ण एकम होता है। ➯राष्ट्रीय पंचांग का अंतिम महीना फाल्गुन पूर्णिमा होता है। ➯भारत का राष्ट्रीय पंचांग शक संवत पर आधारित है। ➯भारतीय संविधान में शक संवत को राष्ट्रीय पंचांग के रूप में 22 मार्च 1957 को स्वीकार किया गया था। ➯शक संवत का प्रारम्भ 78 ई. में कनिष्क के काल से हुआ था। ➯शक संवत के अनुसार वर्तमान में वर्ष 1940 (2018-78) चल रहा है। | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
चैत्र महीने के त्योहार | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
1. चैत्र कृष्ण एकम/प्रतिपदा- धुलण्डी 2. चैत्र कृष्ण अष्टमी- शीतलाष्टमी 3. चैत्र शुक्ल एकम/प्रतिपदा- घुडला (गुड़ी पड़वा त्योहार), हिन्दु नववर्ष, नवरात्रा प्रारम्भ 4. चैत्र शुक्ल द्वितीया- सिंजारा/ सिधारा 5. चैत्र शुक्ल तृतीया- गणगौर 6. चैत्र शुक्ल पंचमी- गुलाबी गणगौर 7. चैत्र शुक्ल अष्टमी- दुर्गाष्टमी/ नवरात्रा समाप्त, अशोकाष्टमी 8. चैत्र शुक्ल नवमी- रामनवमी 9. चैत्र शुक्ल त्रयोदशी- महावीर जयंती 10. चैत्र शुक्ल पूर्णिमा- हनुमान जयंती 👉शीतलाष्टमी- ➯जयपुर की चाकसू नामक जगह पर शीतला माता का मेला भरता है। 👉घडला त्योहार- ➯घडला त्योहार राजस्थान में मारवाड़ में मनाया जाता है। 👉अशोकाष्टमी- ➯अशोकाष्टमी के दिन अशोक वृक्ष की पूजा की जाती है। 👉गणगौर- ➯राजस्थान में सर्वाधिक गीतों वाला त्योहार गणगौर को माना जाता है। ➯होली के 15 दिन बाद ही गणगौर का त्योहार मनाया जाता है। ➯राजस्थान में गणगौर जयपुर जिले की प्रसिद्ध है। ➯गणगौर त्योहार से त्योहारों का समापन होता है। ➯राजस्थान के जैसलमेर जिले में गणगौर के दिन गवर की पूजा की जाती है। (ईशर की पूजा नहीं की जाती इस दिन) 👉गुलाबी गणगौर- ➯राजस्थान में गुलाबी गणगौर का त्योहार राजसमंद जिले की नाथद्वारा नामक जगह का प्रसिद्ध है। 👉रामनवमी- ➯रामनवमी के दिन भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। |
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वैशाख महीने के त्योहार | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
1. वैशाख शुक्ल तृतीया- अक्षय तृतीया/आखातीज, परशुराम जयंती 👉आखातीज- ➯आखातीज के दिन सर्वाधिक बाल विवाह होते है क्योकि आखातीज के दिन अभूज/अबूझ सावा माना जाता है। ➯आखातीज के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। ➯आखातीज के दिन सतयुग व त्रेतायुग का प्रारम्भ हुआ था। |
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ज्येष्ठ महीने के त्योहार | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
1. ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी- निर्जला एकादशी (ग्यारस) 2. ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा- पीपल पूर्णिमा 👉निर्जला एकदशी- ➯निर्जला एकादशी के दिन महिलाएं बिना जल ग्रहण किये निर्जला एकादशी का व्रत रखती है। |
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आषाढ महीने के त्योहार | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
1. आषाढ कृष्ण एकादशी- योगिनी एकादशी 2. आषाढ शुक्ल एकादशी- देवशयनी एकादशी 3. आषाढ शुक्ल पूर्णिमा- गुरु पूर्णिमा |
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श्रावण महीने के त्योहार | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
1. श्रावण कृष्ण पंचमी- नागपंचमी 2. श्रावण कृष्ण षष्ठी- उब छठ 3. श्रावण कृष्ण नवमी- निडरी नवमी 4. श्रावण शुक्ल तृतीया- छोटी तीज, श्रावणी तीज 5. श्रावण शुक्ल पूर्णिमा- रक्षा बन्धन (नारियल पूर्णिमा/ सत्य पूर्णिमा/ श्रावणीक पूर्णिमा) 👉नागपंचमी- ➯नागपंचमी के दिन सापों की पूजा की जाती है। 👉निडरी नवमी- ➯निडरी नवमी के दिन नेवलों की पूजा की जाती है। 👉तीज- ➯छोटी तीज से ही त्योहारों का आगमन होता है। ➯राजस्थान में तीज माता का मेला जयपुर जिले का प्रसिद्ध है। 👉रक्षा बन्धन- ➯रक्षा बन्धन के दिन श्रवण कुमार की पूजा की जाती है। |
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भाद्रपद महीने के त्योहार | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
1. भाद्रपद कृष्ण तृतीया- बड़ी तीज/ सातुड़ी तीज/ कजली तीज 2. भाद्रपद कृष्ण षष्ठी- हल छठ 3. भाद्रपद कृष्ण अष्टमी- कृष्ण जन्माषष्टमी 4. भाद्रपद कृष्ण नवमी- गोगा नवमी 5. भाद्रपद कष्ण द्वादशी- बच्छ बारस 6. भाद्रपद शुक्ल तृतीया- हरतालिका तीज 7. भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी- गणेश चतुर्थी/ चतरा चौथ 8. भाद्रपद शुक्ल पंचमी- ऋषि पंचमी 9. भाद्रपद शुक्ल एकादशी- देवझुलणी एकादशी/ जलझुलणी एकादशी 👉कजली तीज- ➯कजली तीज के दिन नीम के वृक्ष की पूजा की जाती है। ➯राजस्थान में कजली तीज का मेला बूंदी में भरता है। ➯राजस्थान में कजली तीज की सवारी बूंदी जिले की प्रसिद्ध है। 👉बच्छ बारस- ➯बच्छ बारस के दिन गाय व बछड़े की पूजा की जाती है। | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
आश्विन महीने के त्योहार | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
1. आश्विन शुक्ल दशमी- दशहरा/ विजयादशमी 👉दशहरा- ➯दशहरे के दिन खेजड़ी वृक्ष की पूजा की जाती है। ➯दशहरे का मेला राजस्थान में कोटा जिले का प्रसिद्ध है। |
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कार्तिक महीने के त्योहार | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
1. कार्तिक कृष्ण चतुर्थी- करवाचौथ 2. कार्तिक कृष्ण अमावस्या- दीपावली 3. कार्तिक शुक्ल द्वितीया- भैयादूज 4. कार्तिक शुक्ल नवमी- आंवला नवमी 5. कार्तिक शुक्ल एकादशी- देव उठनी ग्यारस 👉दीपावली- ➯दीपावली के दिन गणेश व लक्ष्मी की पूजा की जाती है। 👉आंवला नवमी- ➯आंवला नवमी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा की जाती है। |
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माघ महीने के त्योहार | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
1. माघ कृष्ण चतुर्थी- संकट चौथ/ तिलकुटा चौथ (तिल चौथ) 2. माघ कृष्ण अमावस्या- मौनी अमावस्या 3. माघ शुक्ल पंचमी- बसंत पंचमी |
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फाल्गुन महीने के त्योहार | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
1. फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा- होली 👉होली- ➯राजस्थान में पत्थर मार होली बाड़मेर जिले की प्रसिद्ध है। ➯राजस्थान में लठमार होली श्री महावीर जी (करौली) की प्रसिद्ध है। ➯राजस्थान में कोड़ामार होली भिनाय (अजमेर) की प्रसिद्ध है। ➯राजस्थान में देवर भाभी की होली ब्यावर (अजमेर) की प्रसिद्ध है। ➯राजस्थान में अंगारों की होली केकड़ी (अजमेर) की प्रसिद्ध है। ➯राजस्थान में गोबर के कंडों की होली गलियाकोट (डूंगरपुर) की प्रसिद्ध है। |
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मुस्लिम धर्म के त्योहार | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
1. मुहर्रम- ➯मुहर्रम का त्योहार कुर्बानी का त्योहार है। ➯मुहर्रम मुहम्मद शहब के बेटे इमाम हुसैन के शहीदी दिन को शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है। ➯मुहर्रम के दिन ताशा नामक वाद्य यंत्र के साथ ताजिये निकाले जाते है। 2. ईद उल मिला दुलनबी- ➯इद उल मिला दुलनबी त्योहार को बारावफाता भी कहते है। ➯मुस्लिम धर्म के प्रवर्तक हजरत मुहम्मद साहब के जन्म दिवस के दिन ईद उल मिला दुलनबी त्योहार मनाया जाता है। 3. ईद उल फितर- ➯इद उल फितर त्योहार को मिठी ईद भी कहते है। 4. ईद उल जूहा- ➯ईद उल जूहा त्योहार को बकरी ईद भी कहते है। ➯बकरी ईद के दिन बकरे या बकरी की बली दी जाती है। |
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सिख धर्म के त्योहार | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
1. वैषाखी- ➯वैषाखी का त्योहार प्रतिवर्ष 13 अप्रैल को मनाया जाता है। 2. लोहड़ी- ➯लोहड़ी का त्योहार प्रतिवर्ष 13 जनवरी को मनाया जाता है। 3. गुरु नानक जयंती- ➯गुरु नानक जयंती कार्तिक पूर्णिमा को मनायी जाती है। 4. गुरु गोविंद सिंह जयंती- ➯गुरु गोविंद सिंह जयंती पौष शुक्ल सप्तमी को मनायी जाती है। |
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जैन धर्म के त्योहार | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
1. दस लक्षण त्योहार- ➯दस लक्षण त्योहार चैत्र, भाद्रपद व माघ महीने की शुक्ल पंचमी से लेकर पूर्णिमा तक मनाया जाता है। 2. पर्यूषण त्योहार- ➯पर्यूषण त्योहार जैनियों के द्वारा 10 दिन तक मनाया जाता है। 3. रोट तीज- ➯रोट तीज का त्योहार भाद्रपद शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है। 4. महावीर जयंती- ➯महावीर जयंती चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को मनायी जाती है। 5. ऋषभ देव जयंती- ➯ऋषभ देव जयंती चैत्र कृष्ण नवमी को मनायी जाती है। 6. चालीहा महोत्सव- |
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ईसाई धर्म के त्योहार | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
1. क्रिसमिस डे- ➯क्रिसमिस डे ईसा मसीह के जन्म दिन के दिन 25 दिसम्बर को मनाया जाता है। 2. गुड फ्राइडे- ➯गुड फ्राइडे के दिन ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। ➯गुड फ्राइडे अप्रैल महीने में मनाया जाता है। 3. ईस्टर- ➯गुड फ्राइडे के अगले रविवार के दिन ईसामसीह के पुनर्जन्म के रूप में मनाया जाता है जिसे ईस्टर कहते है। |
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सिंधि समाज के त्योहार | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
1. थुदड़ी या बड़ी सातम- ➯थुदड़ी या बड़ी सातम का त्योहार भाद्रपद कृष्ण सप्तमी के दिन मनाया जाता है। 2. चेटीचंड- ➯चेटीचंड का त्योहार चैत्र शुक्ल एकम के दिन मनाया जाता है। 3. असूचंड पर्व- ➯असूचंड पर्व को फाल्गुन शुक्ल चतुर्थदशी के दिन मनाया जाता है। |
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अन्य महत्वपूर्ण तथ्य | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
👉विक्रम संवत- ➯विक्रम संवत का प्रारम्भ 57 ई.पू. विक्रमाद्वितीय के काल में हुआ था। ➯विक्रम संवत के अनुसार वर्तमान में वर्ष 2075 (2018+57) चल रहा है। 👉हिजरी संवत या पंचांग- ➯हिजरी सन् का पहला महीना मुहर्रम होता है। ➯हिजरी सन् का अंतिम महीना जिलहिज्ज होता है। ➯हिजरी संवत के महीने क्रमशः-
👉घींगा गणगौर- ➯घींगा गणगौर राजस्थान में उदयपुर जिले की प्रसिद्ध है। 👉फूलडोल उत्सव- ➯राजस्थान में फूलडोल उत्सव रामस्नेही पंथ द्वारा मनाया जाता है। |
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राजस्थान के प्रमुख त्योहार
August 29, 2018
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