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लोहागढ़ दुर्ग (भरतपुर, राजस्थान)

श्रेणी-
लोहागढ़ दुर्ग दुर्गों की भूमि, पारिख तथा पारिध श्रेणी में शामिल है। अर्थात् लोहागढ़ दुर्ग भूमि दुर्ग, पारिख दुर्ग तथा पारिध दुर्ग है।

स्थित-
लोहागढ़ दुर्ग राजस्थान राज्य के भरतपुर जिले में स्थित है।

निर्माता-
लोहागढ़ दुर्ग का निर्माण महाराजा सूरजमल ने करवाया था।

कहावत-
8 फिरंगी 9 गोरा लड़ जाट का 2 छोरा यह कहावत भरतपुर में स्थित लोहागढ़ दुर्ग के लिए है। इस कहावत में दो छोरा शब्द का अर्थ दुर्जन शाल तथा माधोसिंह है।

अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य-
लोहागढ़ दुर्ग राजस्थान का सबसे नवीनतम दुर्ग माना जाता है।
लोहागढ़ दुर्ग राजस्थान का एकमात्र अजय दुर्ग है अर्थात् लोहागढ़ दुर्ग राजस्थान का एकमात्र ऐसा दुर्ग है जिसे कोई जीत नही पाया। (न तो अंग्रेज और न ही मुगल जीत पाये)
लोहागढ़ दुर्ग राजस्थान का एकमात्र ऐसा दुर्ग है जिसका प्रकोटा पुर्णतः मिट्टी से निर्मित है।
मत्सय संघ का उद्घाटन लोहागढ़ दुर्ग में हुआ था।
जाटों की कुल देवी राजेश्वरी माता का मंदिर भरतपुर के लोहागढ़ दुर्ग में स्थित है।
लोहागढ़ दुर्ग के मुख्य दरवाजे को लोहिया दरवाजा कहा जाता है।
लोहागढ़ दुर्ग के लोहिया दरवाजे को 1765 में महाराजा जवाहरसिंह दिल्ली के लाल किले से उतार कर लाया था।

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