राजस्थान की प्रमुख ख्यात-
- ख्यात की परिभाषा
- 1. मुहणौत नैणसी री ख्यात
- 2. बांकीदास री ख्यात (जोधपुर राज्य की ख्यात)
- 3. दयालदास री ख्यात (बीकानेर के राठौडों की ख्यात)
- 4. मुण्डियार री ख्यात (राठौड़ों की ख्यात)
- 5. मारवाड़ रा परगना री विगत
- आईने अकबरी (आइन-ए-अकबरी)
- ख्यात की परिभाषा- राजस्थान के वे ग्रंथ या साहित्य जिनमें राजा के दैनिक जीवन की घटनाओं का उल्लेख या वर्णन होता है ख्यात कहलाते हैं।
- ख्यात राजस्थानी भाषा में गद्य में लिखा गया साहित्य है।
- लगभग सभी ख्यात लेखक दरबार के चारण या भाट होते थे। परन्तु मुहणोत नैणसी इसका अपवाद माना जाता है।
राजस्थान की प्रमुख ख्यात-
- 1. मुहणौत नैणसी री ख्यात
- 2. बांकीदास री ख्यात (जोधपुर राज्य की ख्यात)
- 3. दयालदास री ख्यात (बीकानेर के राठौडों की ख्यात)
- 4. मुण्डियार री ख्यात (राठौड़ों की ख्यात)
- 5. मारवाड़ रा परगना री विगत
1. मुहणौत नैणसी री ख्यात-
- इस ख्यात का लेखक मुहणौत नैणसी है।
- मुहणौत नैणसी जोधपुर के राजा जसवंत सिंह का दीवान था।
- मुहणौत नैणसी री ख्यात राजस्थान की सबसे प्राचीन ख्यात है।
- मुहणौत नैणसी री ख्यात की भाषा मारवाड़ी व डिंगल भाषा है।
- मुंशी देवी प्रसाद ने मुहणौत नैणसी को राजपूताना का अबुल-फजल कहा है।
- अबुल-फजल का जन्म राजस्थान के नागौर में हुआ था।
- अबुल-फजल अकबर ने नवरत्नों में शामिल फारसी इतिहासकार था।
- मुहणौत नैणसी री ख्यात में राजपूतों की 36 शाखाओं का वर्णन किया गया है।
- मुहणौत नैणसी री ख्यात को जोधपुर का गजेटियर कहा जाता है।
2. बांकीदास री ख्यात (जोधपुर राज्य की ख्यात)-
- इस ख्यात का लेखक बांकीदास है।
- बांकीदास जोधपुर के महाराजा मानसिंह का दरबारी कवि था।
- बांकीदास री ख्यात में राजस्थान में कन्या वध रोकने के बारे में वर्णन किया गया है।
- बांकीदास री ख्यात में बीकानेर के शासक रतनसिंह के द्वारा प्रयाग (गया) तीर्थ स्थल पर कन्या वध रोकने की शपथ का वर्णन किया गया है।
- बांकीदास री ख्यात को जोधपुर राज्य री ख्यात भी कहा जाता है।
3. दयालदास री ख्यात (बीकानेर के राठौडों की ख्यात)-
- इस ख्यात के लेखक दयालदास है।
- दयालदास बीकानेर के शासक रतनसिंह का दरबारी था।
- दयालदास री ख्यात में बीकानेर के राठौड़ शासकों की जानकारी मिलती है।
- दयालदास री ख्यात को बीकानेर के राठौड़ों की ख्यात भी कहा जाता है।
4. मुण्डियार री ख्यात (राठौड़ों की ख्यात)-
- मुण्डियार री ख्यात में मुगल शासकों की मारवाड़ की कन्याओं से विवाह की जानकारी मिलती है।
- मुण्डियार री ख्यात को राठौड़ों की ख्यात भी कहा जाता है।
5. मारवाड़ रा परगना री विगत-
- इस ख्यात के लेखक मुहणौत नैणसी है।
- मारवाड़ रा परगना री विगत राजस्थान की सबसे बड़ी ख्यात है।
- मारवाड़ रा परगना री विगत को राजस्थान का गजेटियर कहा जाता है।
आईने अकबरी (आइन-ए-अकबरी)-
- यह ग्रंथ अबुल-फजल के द्वारा लिखा गया है।
- अबुल-फजल के आईने अकबरी ग्रंथ की तुलना मुहणौत नैणसी की मारवाड़ रा परगना री विगत ख्यात से की जाती है।