राजस्थान के प्रमुख क्रांतिकारी-
- 1. अमरचन्द बांठिया
- 2. अर्जुन लाल सेठी
- 3. हीरा लाल शास्त्री
- 4. जमनालाल बजाज
- 5. जानकी देवी बजाज
- 6. श्रीमती इंदुमती गोयनका
- 7. दोमोदर लाल व्यास
- 8. जयनारायण व्यास
- 9. तेज कवि
- 10. बाल मुकुंद बिस्सा
- 11. सागरमल गोपा
- 12. दामोदर दास राठी
- 13. गवरी बाई
- 14. गोविंद गिरी
- 15. मोतीलाल तेजावत
- 16. गोपाल सिंंह खरवा
- 17. विजय सिंह पथिक
- 18. काली बाई भील
- 19. केसरी सिंह बारहठ
- 20. जोरावर सिंह बारहठ
- 21. गोकुलभाई भट्ट
- 22. गोपाल दास
- 23. दुर्गाप्रसात चौधरी
- 24. रामनारायण चौधरी
- 25. प्रताप सिंह बारहठ
1. अमरचन्द बांठिया-
- जन्म- 1793 ई. बीकानेर (राजस्थान)
- मृत्यु- 22 जून 1858 ई.
- उपनाम-
- (I) ग्वालियर नगर सेठ
- (II) राजस्थान का मंगल पाण्डे
- (II) भामाशाह द्वितीय
- (IV) 1857 की क्रांति का भामाशाह
- अन्य विशेषताएं-
- अमरचन्द बांठिया ने 1857 की क्रांति में रानी लक्ष्मी बाई का आर्थिक सहयोग किया इसी कारण अमरचन्द बांठिया को 1857 की क्रांति का भामाशाह कहा जाता है।
- अमरचन्द बांठिया को 22 जून 1858 में ग्वालियर में पेड़ के नीचे फांसी दे दी गई थी।
2. अर्जुन लाल सेठी-
- जन्म- 9 सितम्बर 1880 में जयपुर (राजस्थान) के जैन परिवार में
- मृत्यु- 23 दिसम्बर 1941
- उपनाम-
- (I) जयपुर जन जागृति का जनक
- (II) राजस्थान का दधिची
- (III) राजस्थान का लोकमान्य
- पुस्तके-
- (I) पार्श्व यज्ञ
- (II) मदन पराजय
- (III) शुद्र मुक्ति
- अन्य विशेषताएं-
- अर्जुन लाल सेठी ने 1902 ई. में इलाहाबाद से अपनी बी.ए. की पढ़ाई पूरी की थी।
- रामनारायण चौधरी ने अर्जुन लाल सेठी को राजस्थान का लोकमान्य कहा था।
- अर्जुन लाल सेठी ने चौमूँ के जिलाधीश पद को यह कहकर ठुकरा दिया था की "सेठी नौकरी करेगा तो अंग्रेजों को बाहर कौन निकालेगा"।
- सुन्दर लाल बहुगुणा ने अर्जुन लाल सेठी को भारत का माँ का सच्चा सपूत तथा राजस्थान का दधिची कहा था।
जैन शिक्षा प्रचार समिति-
- अर्जुन लाल सेठी ने जैन शिक्षा प्रचार समिति की स्थापना 1905 ई. में जयपुर में की थी।
- जैन शिक्षा प्रचार समिति का अध्यक्ष विष्णु दत्त को बनाया गया था।
- जैन शिक्षा प्रचार समिति का मुख्य कार्य क्रांतिकारियों को प्रशिक्षण देना था।
- जैन शिक्षा प्रचार समिति को सन् 1907 में "जैन शिक्षा सोसायटी" के नाम से जयपुर से अजमेर स्थानांतरित कर दिया था।
- जैन शिक्षा सोसायटी को सन् 1908 में "जैन वर्धन पाठशाला" के नाम से अजमेर से जयपुर स्थानांतरित किया गया।
- अर्जुन लाल सेठी ने अपना अंंतिम समय अजमेर में करीम खां नाम से बिताया। यहां पर मुस्लिम बच्चों को अरबी फारसी पढ़ाते थे।
- अर्जुन लाल सेठी ने मेरठ षड्यत्र केश के "सोकत अली' तथा काकोरी ट्रेन डकेती के "अशफाक उल्ला" को शरण दी।
हार्डिंग बम कांड-
- हार्डिंग बम कांड अर्जुन लाल सेठी के दिमाग की उपज माना जाता है।
आरा हत्याकांड (निजाम, बिहार)-
- आरा हत्याकांड में महंत की हत्या पर मोतीचन्द को फांसी की सजा दी गई तथा विष्णुदत्त को आजीवन कारावास की सजा दी गई थी।
- आरा हत्याकांड में अर्जुन लाल सेठी को 5 साल के लिए वैल्लूर जैल (कर्नाटक) भेज दिया गया। वहां 70 दिन भूखहड़ताल की थी।
3. हीरा लाल शास्त्री-
- जन्म- 24 नवम्बर 1899 (जाबनेर, जयपुर, राजस्थान)
- मृत्यु- 28 दिसम्बर 1974
- पिता- नारायण जोशी
- माता- ममता जोशी
- पत्नी- रतना शास्त्री
- पुत्री- शांताबाई
- आत्मकथा- प्रत्यक्ष जीवन शास्त्र
- गीत- प्रलय प्रतीक्षा नमो नमो (1930)
- अन्य विशेषताएं-
- पण्डित हीरालाल शास्त्री ने 6 वर्ष की राजकीय सेवा की और अर्जुन लाल सेठी के संपर्क में आए तथा 7 दिसम्बर 1927 को पण्डित हीरालाल शास्त्री ने राजकीय सेवा से अपना त्याग पत्र दे दिया।
शांताबाई जीवन कुटीर-
- पण्डित हीरालाल शास्त्री ने 6 अक्टूबर 1935 में अपनी पत्नी रतनाबाई के सहयोग से अपनी पुत्री शांताबाई के नाम पर "शांताबाई जीवन कुटीर" नामक संस्था की स्थापना की।
- शांताबाई जीवन कुटीर संस्था वर्तमान में "वनस्थली विद्यापीठ" के नाम से राजस्थान के टोंक जिले के निवाई नामक स्थान पर स्थित है।
मुख्यमंत्री-
- 30 मार्च 1949 को पण्डित हीरालाल शास्त्री राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री व प्रथम मनोनित मुख्यमंत्री बने।
- पण्डित हीरालाल शास्त्री को मुख्यमंत्री पद की शपथ राजप्रमुख मानसिंह द्वितीय के द्वारा दिलायी गई थी।
- हीरालाल शास्त्री का मुख्यमंत्री पद का कार्यकाल 30 मार्च 1949 से 5 जनवरी 1951 तक रहा।
4. जमनालाल बजाज-
- जन्म- 4 नवम्बर 1889, काशी का बास गाँव (सीकर, राजस्थान)
- मृत्यु- 11 फरवरी 1942
- पिता- कनीराम
- माता- बिरधीबाई
- पत्नी- जानकी देवी
- उपनाम-
- (I) राजस्थान का भामाशाह
- (II) गुलाम नम्बर 4
- (III) गांधी जी के 5वें पुत्र
- उपाधि- रायबहादूर
- अन्य विशेषताएं-
- प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) में अंग्रेजों का सहयोग करने के कारण जमनालाल बजाज को रायबहादूर की उपाधि दी गई थी। परन्तु असहयोग आंदोलन के दौरान जमनालाल बजाज ने यह उपाधि वापस लौटा दी थी।
- जमनालाल बजाज हिंदी को ईमान की भाषा कहते थे।
- जमनालाल बजाज के द्वारा सन् 1938 में जयपुर प्रजामण्डल का पूनर्गठन किया गया था।
- सीकर प्रजामण्डल की स्थापना जमनालाल बजाज के द्वारा की गई थी।
- सन् 1921 में सत्याग्रह आश्रम की स्थापना जमनालाल बजाज के द्वारा वर्धा (गुजरात) में गई थी।
- जमनालाल बजाज की मृत्यु के 4 नवम्बर 1970 को भारत सरकार के द्वारा जमनालाल बजाज की स्मृति में डाक टिकट जारी किया।
- जमनालाल बजाज की पत्नी जानकी देवी बजाज "पद्म विभूषण" प्राप्त करने वाली राजस्थान की प्रथम महिला थी। जानकी देवी बजाज को "पद्म विभूषण" सन् 1956 में दिया गया था।
चरखा संघ-
- चरखा संघ की स्थापना सन् 1925 में राजस्थान के अजमेर में जमनालाल बजाज के द्वारा की गई थी।
- सन् 1927 में चरखा संघ को अजमेर से जयपुर स्थानांतरित कर दिया गया था।
5. जानकी देवी बजाज-
- जन्म- 7 जनवरी 1893, जरौरा (मध्यप्रदेश)
- मृत्यु- 21 मई 1979
- पुरस्कार- पद्म विभूषण (1956)
- आत्म कथा- मेरी जीवन यात्रा
- अन्य विशेषताएं-
- सन् 1902 में जानकी देवी का विवाह जमनालाल बजाज के साथ किया गया था।
- सन् 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान जैल गई थी।
- जानकी देवी बजाज को सन् 1933 में कलकता अखिल भारतीय मारवाडी सम्मेलन की अध्यक्ष बनाया गया था।
6. श्रीमती इंदुमती गोयनका-
- राजस्थान मूल की कलकता प्रवासी 1930 के सविनय अवज्ञा आंदोलन में बंगाल से गिरफ्तार होने वाली राजस्थान की प्रथम महिला श्रीमती इंदुमती गोयनका थी।
- सन् 1930 में राष्ट्रीय महिला समिति की स्थापना श्रीमती इंदुमती गोयनका के द्वारा की गई थी।
7. दामोदर लाल व्यास-
- जन्म- 9 नवम्बर 1909 को मालपुर कस्बा, टोंक (राजस्थान)
- मृत्यु- 14 जनवरी 1976
- पिता- बृजलाल व्यास
- माता- कस्तूरबा व्यास
- उपनाम- राजस्थान का लौह पुरुष
8. जयनारायण व्यास-
- जन्म- 18 फरवरी 1899 जोधपुर, राजस्थान
- मृत्यु- 14 मार्च 1963
- उपनाम-
- (I) लक्कड का फक्कड
- (II) धनु का धनी
- (III) लोकनायक
- (IV) शेर-ए-राजस्थान
- (V) मास्साब
- पुस्तके-
- (I) पोपा बाई की पोल
- (II) मारवाड़ की अवस्था
- (III) मारवाड़ में उत्तर दायी शासन क्यों
- अन्य विशेषताएं-
- जयनारायण व्यास राजस्थान का प्रथम व्यक्ति है जिन्होने सामंत शाही का विरोध किया था।
- जयनारायण व्यास राजस्थान के एकमात्र मनोनित एवं निर्वाचित मुख्यमंत्री है।
- जयनारायण व्यास ने 1924-1925 में मारवाड़ हितकारिणी सभा का गठन किया तथा मारवाड़ में जनजागण का कार्य किया।
जयनारायण व्यास द्वारा प्रकाशित समाचार पत्रिकाएं-
- (I) आगी-बाण- यह पत्रिका राजस्थानी भाषा में प्रकाशित प्रथम राजनैतिक पत्रिका थी। यह पत्रिका ब्यावर (अजमेर, राजस्थान) से प्रकाशित की जाती थी।
- (II) पीप- यह पत्रिका अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित की जाती थी।
- (III) अखण्ड भारत- इस पत्रिका की शुरूआत 1936 में मुम्बई से की गई थी।
- (IV) तरुण राजस्थान- इस पत्रिका की शुरूआत 1927 में ब्यावर (अजमेर, राजस्थान) से की गई थी।
9. तेज कवि-
- जन्म- 21 जून 1881 (जैसलमेर, राजस्थान)
- मृत्यु- 1926
- गीत- स्वतंत्रता बावनो (स्वतंत्र बावनी)
- कथन- कमीश्नर खोल दरवाजा हमें भी जैल जाना है हिन्द तेरा है न तेरे बाप का है यह कैसा लगाया बन्दी खाना है।
10. बाल मुकुंद बिस्सा-
- जन्म- 1908 पीलवा या मीलवा गाँव, डीडवाना तहसील (नागौर, राजस्थान)
- मृत्यु- 19 जून 1942
- उपनाम- राजस्थान का जतिन दास
- अन्य विशेषताएं-
- भूख हड़ताल के कारण 19 जून 1942 को बीडन हाॅस्पिटल (जोधपुर, राजस्थान) में बाल मुकुंद बिस्सा की मृत्यु हो गई थी।
- बाल मुकुंद बिस्सा के द्वारा सन् 1924 में राजस्थान के जोधपुर में चर्खा एजेंसी तथा खादी भण्डार की स्थापना की गई थी।
11. सागरमल गोपा-
- जन्म- 3 नवम्बर 1900 जैसलमेर, राजस्थान
- मृत्यु- 4 अप्रैल 1946
- अन्य विशेषताएं-
- सागरमल गोपा के द्वारा सन् 1915 में सर्वहितकारिणी वाचनालय की स्थापना की गई थी।
- सागरमल गोपा का जैसलमेर तथा हैदराबाद रियासत में जाना प्रतिबंध था।
- 4 अप्रैल 1946 को मिट्टी का तेल डालकर सागर मल गोपा को जिन्दा जला दिया गया था इस समय जैसलमेर का शासक जवाहर सिंह तथा जैलर गुमान सिंह था।
- सागरमल गोपा की हत्या की जाँच गोपाल स्वरूप पाठक आयोग के द्वारा की गई थी।
- सागरमल गोपा की हत्या के कारण जनता ने आक्रोश में आकर "खून के बदले खून" नामक नारा दिया था।
12. दामोदर दास राठी-
- जन्म- 1861 पोकरण (जैसलमेर, राजस्थान)
- मृत्यु- 2 जनवरी 1918
- उपनाम- सहस्त्र क्रांति का भामाशाह
- अन्य विशेषताएं-
- सन् 1916 में दामोदर दास राठी के द्वारा ब्यावर (अजमेर, राजस्थान) में होमरूल लीग की स्थापना की गई।
- दामोदर दास राठी के द्वारा ब्यावर (अजमेर, राजस्थान) में सनातन धर्म व नव भारत विद्यालय की स्थापना की गई।
- सन् 1915 में सहस्त्र क्रांति में गोपाल सिंह खरवा की सहायता की जिस कारण दामोदर दास राठी को सहस्त्र क्रांति का भामाशाह कहा जाता है।
- सन् 1889 में दामोदर दास राठी के द्वारा राजस्थान की प्रथम सूती वस्त्र मील "द कृष्णा काॅटन मील" की स्थापना ब्यावर (अजमेर, राजस्थान) में की गई।
- दामोदर दास राठी की कर्मभूमि ब्यावर (अजमेर, राजस्थान) रही है।
13. गवरी बाई (डूंगरपुर, राजस्थान)-
- उपनाम- बागड़ की मीरा
14. गोविंद गिरी-
- जन्म- 1858 बासिया गाँव, डुंगरपुर (राजस्थान)
- शिष्य- पूंजा धीर जी
- अन्य विशेषताएं-
- गोविंद गिरी दयानंद सरस्वती से प्रभावित रहे है।
- गोविंद गिरी का जन्म बणजारे परिवार में हुआ था।
- गोविंद गिरी ने भीलों के उत्थान के लिए काम किया है।
- गोविंद गिरी नें अपना अंतिम समय गुजरात के कमबोई नामक स्थान पर बिताया था।
सम्प सभा-
- सन् 1883 में गोविंद गिरी ने सम्प सभा की स्थापना की थी।
- सम्प सभा का प्रथम अधिवेशन 1903 में हुआ था।
- सम्प सभा का अधिवेशन मेले के रूप में प्रतिवर्ष आश्विन पूर्णिमा को होता था।
मानगढ़ हत्याकाण्ड-
- सन् 1913 में जब बांसवाड़ के मानगढ़ नामक स्थान पर सम्प सभा का सम्मेलन चल रहा था तब अंग्रेजी सेना के द्वारा सम्मेलन स्थल को घेर लिया गया तथा गोलियों की बौछार शुरू कर दी जिसमें 1500 भील मारे गए। इस हत्याकाण्ड को मानगढ़ हत्याकाण्ड नाम दिया गया।
- मानगढ़ हत्याकाण्ड की तुलना जलियावाल बाग हत्याकाण्ड से की जाती है।
- मानगढ़ हत्याकाण्ड के बाद गोविंद गिरी को अहमद नगर (गुजरात) जैल भेज दिया गया था।
15. मोतीलाल तेजावत-
- जन्म- 16 मई 1896 कोल्यारी गाँव (उदयपुर, राजस्थान)
- मृत्यु- 14 जनवरी 1969
- उपनाम-
- (I) आदिवासियों का मसीहा
- (II) बावजी
- अन्य विशेषताएं-
- वनवासी संघ की स्थापना मोतीलाल तेजावत के द्वारा की गई थी।
- मोतीलाल तेजावत ने भीलों में जागृति पैदा करने के उद्देश्य से सन् 1921 में राजस्थान के चितौडगढ़ जिले की मातृकुंडिया नामक स्थान से एकी आंदोलन (भोमट आंदोलन) की शुरूआत की तथा 21 सूत्री मांगे रखी जिसे "मेवाड़ पुकार" नाम दिया गया था।
- एकी आंदोलन का नारा था "ना हुकुम ना हाकम"
- मोतीलाल तेजावत ने ईडर पुलिस के सामने आत्म समर्पण किया।
- मोतीलाल तेजावत भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जैल गए थे।
- नीमड़ा हत्याकांड का संबंध एकी आंदोलन से माना जाता है। नीमड़ा हत्याकांड 7 मार्च 1922 को गुजरात के विजय नगर रियासत के नीमड़ा नामक गाँव में हुआ था जिसमें 1200 निहत्थे वनवासी मारे गये थे।
16. गोपाल सिंह खरवा-
- जन्म- 19 अक्टूबर 1873
- मृत्यु- 12 मार्च 1939
- पिता- राव माधोसिंह
- माता- गुलाब कुंवरीजी चुण्डावत
- अन्य विशेषताएं-
- सहस्त्र क्रांति (1915) का जनक राव गोपाल सिंह खरवा को माना जाता है।
- गोपाल सिंह खरवा ने केसरी सिंह बारहठ के साथ मिलकर सन् 1910 में वीर भारत सभा की स्थापना की।
17. विजय सिंह पथिक-
- जन्म- 27 फरवरी 1882 गुठावली गाँव, बुलन्दशहर (उत्तरप्रदेश)
- मृत्यु- 28 मई 1954
- मुलनाम या वास्तविक नाम- भूपसिंह गुर्जर
- उपनाम- राष्ट्रीय पथिक
- पुस्तक- What are Indian State?
- उपन्यास- अजय मेरु
- कथन- गांधी जी ने कहा और लोग सिर्फ बातें करते है लेकिन पथिक एक सिपाही की तरह कार्य कर रहा है।
- अन्य विशेषताएं-
- सहस्त्र क्रांति में गोपाल सिंह खरवा व दामोदर दास राठी की सहायता करने हेतु रास बिहारी बोस ने विजय सिंह पथिक को अजमेर भेज दिया गया। जहां पर भेद खुल जाने के कारण विजय सिंह पथिक को ब्रिटिश सरकार के द्वारा अजमेर की टाॅडगढ़ जैल में नजर बंद कर दिया गया।
- विजय सिंह पथिक अजमेर की टाॅडगढ़ जैल से फरार होकर चितौड़गढ़ जिले के ओछडी गाँव पहुँचे जहां पर भूपसिंह ने अपना नाम बदलकर विजय सिंह पथिक रख लिया था तथा वहाँ के लोगो ने विजय सिंह पथिक को महात्मा की उपाधि दी।
- विजय सिंह पथिक के द्वारा सन् 1915 में वीर भारत समाज की स्थापना की गई थी।
- सन् 1916 में विजय सिंह पथिक ने किसान पंच बोर्ड की स्थापना की जिसका अध्यक्ष सीताराम दास को बनाया गया था।
- सन् 1917 में विजय सिंह पथिक ने ऊपरमाल पंच बोर्ड की स्थापना की जिसका अध्यक्ष मुन्ना पटेल को बनाया गया था।
- राजस्थान सेवा संघ की स्थापना सन् 1917 में वर्धा (गुजरात) में विजय सिंह पथिक के द्वारा की गई थी। राजस्थान सेवा संघ को सन् 1920 में स्थानांतरित कर अजमेर लिया गया था।
- सन् 1919 में विजय सिंह पथिक ने विद्या प्रचारिणी सभा की स्थापना की जिसका अध्यक्ष हरिभाई किंकर को बनाया गया था।
- सन् 1930 में विजय सिंह पथिक ने जानकी देवी नामक एक विधवा शिक्षिका के साथ विवाह किया।
- स्वतंत्रता के बाद विजय सिंह पथिक ने प्रथम आम चुनाव 1952 भीलवाड़ा जिले की माण्डलगढ़ नामक जगह से लड़ा लेकिन इस चुनाम में विजय सिंह पथिक को हार का सामना करना पड़ा था।
- विजय सिंह पथिक ने अजमेर से राजस्थान संदेश नामक साप्ताहिक समाचार पत्र निकाला।
- अजमेर से ही विजय सिंह पथिक ने नवीन राजस्थान नाम से पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया तथा सन् 1922 में इसी पत्रिका को तरुण राजस्थान के नाम से अजमेर से प्रकाशित किया।
- सन् 1920 में विजय सिंह पथिक ने राजस्थान केसरी नामक पत्रिका निकाली।
18. काली बाई भील -
- जन्म- रास्तापाल गाँव (डुंगरपुर, राजस्थान)
- गुरू- नाना भाई खाट व सेंगा भाई खाट (सेंधा भाई खाट)
- अन्य विशेषताएं-
- काली बाई पुरस्कार शिक्षा से संबंधित राजस्थान का सर्वोच्च पुरस्कार है। (शिक्षा से संबंधित भारत का सर्वोच्च पुरस्कार सत्यन मैत्री पुरस्कार है।)
- रास्तापाल घटना 18 जून 1947 की है जो की काली बाई भील से संबंधित है।
19. केसरी सिंह बारहठ-
- जन्म- 21 नवम्बर 1872 देवपुरा या देवखेड़ा गाँव, शाहपुरा तहसील (भीलवाड़ा, राजस्थान)
- मृत्यु- 14 अगस्त 1941 कोटा (राजस्थान)
- पिता- कृष्ण सिंह बारहठ
- माता- बख्तावर कँवर
- उपनाम-
- (I) राजस्थान केसरी
- (II) योगी अरविन्द
- अन्य विशेषताएं-
- कथन- "भारत के एकमात्र ठाकुर केसरी सिंह बारहठ ही ऐसे व्यक्ति है जिन्होने भारत को दास्ता की श्रृंखलाओं को काटने के लिए अपने समस्त परिवार को स्वतंत्रता के युद्ध में झोंक दिया था"। यह कथन केसरी सिंह बारहठ के लिए रास बिहारी बोस ने कहा था।
- केसरी सिंह बारहठ को योगी अरविन्द नाम रामनारायण चौधरी ने दिया था।
- सन् 1910 में केसरी सिंह बारहठ व गोपाल सिंह खरवा ने मिलकर वीर भारत समाज की स्थापना की थी।
- 25 जून 1912 को सहस्त्र क्रांति के लिए धन एकत्रित करने के लिए जोधपुर के महंत प्यारेलाल (साधु) की कोटा में हत्या कर दी थी।
- 2 मार्च 1914 को प्यारेलाल हत्याकाण्ड में आरोपी केसरी सिंह बारहठ, हीरालाल और रामकरण को गिरफ्तार कर लिया गया था। तथा केसरी सिंह बारहठ को बिहार की हजारी बाग जैल भेज दिया गया था।
- जैल में ही केसरी सिंह बारहठ को अपने पुत्र प्रतापसिंह की शहादत की खबर मिली तो केसरी सिंह बारहठ ने कहा "भारत माता का पुत्र उसकी मुक्ति के लिए शहीद हो गया उसकी मुझे बहुत प्रसन्नाता हुई"।
- केसरी सिंह ने अश्वघोष बुद्ध चरित्र का हिंदी अनुवाद किया था।
- केसरी सिंह बारहठ 1922 में सपरिवार कोटा आ गए थे। कोटा के गुमानपाश में स्थित माणक भवन में आज भी केसरी सिंह बारहठ के परिजन रहते है।
केसरी सिंह बारहठ की प्रमुख रचनाएं-
- (I) चेतावनी रा चूंगठ्या
- (II) राजसिंह चरित्र
- (III) दुर्गादास चरित्र
- (IV) प्रतापसिंह चरित्र
- (V) रूठी रानी
20. जोरावर सिंह बारहठ-
- जन्म- 12 सितम्बर 1883 (उदयपुर, राजस्थान)
- मृत्यु- 17 अक्टूबर 1939
- उपनाम- राजस्थान का चन्द्रशेखर
- अन्य विशेषताएं-
- हार्डिंग्ज बम कांड-
- हार्डिंग्ज बम कांड का नेतृत्व व योजनाकार रासबिहारी बोस है।
- 23 दिसम्बर 1912 को वायसराय लार्ड हार्डिंग्ज जुलूस दिल्ली के चांदनी चौक से गुजर रहा था उस वक्त मारवाड़ पुस्तकालय के पास चांदनी चौक स्थित पंजाब नेशनल बैंक भवन की छत पर से लार्ड हार्डिंग्ज पर जोरावर सिंह बारहठ, प्रतापसिंह और बसन्त कुमार विश्वास ने बम फेंका।
21. गोकुलभाई भट्ट-
- जन्म- 25 जनवरी 1898
- उपनाम- राजस्थान का गांधी (गांधी वादी सर्वोदय नेता)
- अन्य विशेषताएं-
- सिरोही प्रजामण्डल की स्थापना गोकुलभाई भट्ट के द्वारा की गई थी।
- गोकुलभाई भट्ट राजस्थान प्रांतीय कांग्रेस कमेटी के प्रथम अध्यक्ष बने।
- गोकुलभाई भट्ट को सन् 1971 में भारत सरकार के द्वारा समाज सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण पुरस्कार दिया गया था।
22. गोपाल दास-
- गोपाल दास की कर्मभूमी चूरु रही है।
- गोपाल दास ने पुत्री पाठशाला व कन्हैया लाल ढूढ़ के साथ मिलकर कबीर पाठशाला खोली।
- 26 जनवरी 1930 को गोपाल दास व चन्दलमल बहड़ ने चूरु के धर्म स्तुप पर झण्डा पहराया।
23. दर्गाप्रसाद चौधरी-
- उपनाम- कप्तान
- अन्य विशेषताएं-
- दुर्गाप्रसाद चौधरी ने दिन बंधु चौधरी के सहयोग से दैनिक नवज्योति का प्रकाशन किया।
24. रामनारायण चौधरी-
- पत्नी- अंजना देवी चौधरी
- अन्य विशेषताएं-
- सन् 1932 में रामनारायण चौधरी ने हरिजन सेवक संघ की स्थापना की।
- रामनारायण चौधरी के द्वारा बेंगू व बूंदी किसान आंदोलन का नेतृत्व किया गया।
- रामनारायण चौधरी दैनिक नवज्योति, नया राजस्थान तथा तरुण राजस्थान नामक समाचार पत्रों के संपादक रहे थे।
- स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान गिरफ्तार होने वाली प्रथम महिला रामनारायण चौधरी की पत्नी अंजना देवी चौधरी थी।
25. प्रतापसिंह बारहठ-
- जन्म- 24 मई 1893 भीलवाड़ा (राजस्थान)
- मृत्यु- 27 मई 1918
- पिता- केसरी सिंह बारहठ
- चाचा- जोरावसिंह बारहठ
- उपनाम- कुंवर जी
- अन्य विशेषताएं-
- प्रतापसिंह बारहठ ने 15 वर्ष की आयु में रासबिहारी बोस व मास्टर अमीरचन्द के साथ क्रांतिकारी गतिविधिया शुरू कर दी थी।
- प्रताप सिंह बारहठ की मृत्यु 27 मई 1918 को बरैली जैल (उत्तर प्रदेश) में हुई थी।
Bhut hi achi jankari sir Ji, very nice
ReplyDeleteधन्यवाद, जीके क्लास में आपका स्वागत है।
DeleteVery useful content for general knowledge
ReplyDeleteधन्यवाद, जीके क्लास में आपका स्वागत है।
DeleteGood job sir
ReplyDeleteधन्यवाद, जीके क्लास में आपका स्वागत है।
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