राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग- राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग का उल्लेख भारतीय संविधान के भाग-15 के अनुच्छेद 324 से अनुच्छेद 329 तक किया गया है। निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक संस्था है।
26 नवम्बर 1949- भारतीय संविधान में निर्वाचन आयोग का प्रावधान 26 नवम्बर 1949 को किया गया था।
निर्वाचन आयोग का गठन- भारतीय निर्वाचन आयोग के गठन का उल्लेख संविधान के भाग 15 तथा अनुच्छेद 324 में किया गया है। भारतीय निर्वाचन आयोग का गठन 25 जनवरी 1950 को किया गया था।
मतदाता दिवस- भारत में प्रतिवर्ष 25 जनवरी के दिन मतदाता दिवस मनाया जाता है। क्योकी भारत में 25 जनवरी 1950 को निर्वाचन आयोग का गठन किया गया था। भारत में प्रथम राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी 2011 को मनाया गया था।
सन् 1989- निर्वाचन आयोग में सन् 1989 से पहले निर्वाचन आयोग एक सदस्यीय आयोग था।
16 अक्टूबर 1989- 16 अक्टूबर 1989 में निर्वाचन आयोग को 3 सदस्यीय आयोग कर दिया गया था।
1 जनवरी 1990- 1 जनवरी 1990 में निर्वाचन आयोग को 3 सदस्यीय आयोग से बदलकर पुनः एक सदस्यीय आयोग कर दिया गया था।
1 अक्टूबर 1993- 1 अक्टूबर 1993 में निर्वाचन आयोग को बहुसदस्य (तीन सदस्यीय) आयोग बनाने की सिफारिस की गई थी सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा निर्वाचन आयोग को बहुसदस्य आयोग बनाने की सिफारिस को मंजूर कर लिया गया था।
सदस्य- वर्तमान में निर्वाचन आयोग में कुल 3 सदस्य होते है। जैसे-
मुख्य निर्वाचन आयुक्त- 1
अन्य निर्वाचन आयुक्त- 2
कुल सदस्य- 3
नियुक्ति- निर्वाचन आयोग के सदस्यों (1 मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा 2 अन्य निर्वाचन आयुक्त) की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है।
योग्यता- भारतीय संविधान में निर्वाचन आयोग के सदस्यों की योग्यता का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
कार्यकाल- भारतीय संविधान में सन् 1972 से पहले निर्वाचन आयोग के सदस्यों के कार्यकाल का निर्धारण नहीं किया गया था। सन् 1972 के बाद ही निर्वाचन आयोग के सदस्यों का कार्यकाल निर्धारित किया गया था। जैसे-
1. मुख्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु (इसमें से जो भी पहले हो)
2. अन्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष या 62 वर्ष की आयु (इसमें से जो भी पहले हो)
शपथ- निर्वाचन आयोग के सदस्यों (1 मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा 2 अन्य निर्वाचन आयुक्त) को शपथ राष्ट्रपति के द्वारा दिलाई जाती है।
त्याग पत्र- निर्वाचन आयोग के सदस्य (1 मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा 2 अन्य निर्वाचन आयुक्त) अपना त्याग पत्र राष्ट्रपति को देते है।
पद से हटाना- निर्वाचन आयोग के सदस्यों (1 मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा 2 अन्य निर्वाचन आयुक्त) को पद से हटाने की शक्ति राष्ट्रपति के पास होती है। अर्थात् निर्वाचन आयोग के सदस्यों को राष्ट्रपति पद से हटा सकता है। निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त को संसद में महाभियोग लाकर ही हटाया जा सकता है। क्योकी मुख्य निर्वाचन आयुक्त का दर्जा सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समान होता है।
वेतन व भत्ते- निर्वाचन आयोग के सदस्यों (1 मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा 2 अन्य निर्वाचन आयुक्त) को वेतन व भत्ते सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान ही मिलता है। निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त व अन्य निर्वाचन आयुक्तों का वेतन भारत की संचित निधि से दिया जाता है।
1. मुख्य चुनाव आयुक्त का वेतन- 2,50,000 प्रति माह
2. अन्य चुनाव आयुक्त का वेतन- 2,50,000 प्रति माह
निर्वाचन आयोग के कार्य-
1. भारत के राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, लोकसभा, राज्य सभा, राज्य विधानमण्डल के चुनाव करवाना।
2. मतदाता सूची का निर्धारण करना। अर्थात् समय समय पर निर्वाचन नामावली (वोटर लिस्ट) तैयार करवाना।
3. अधिनियम (एक्ट) 1951 की धारा 19(A) के तहत राजनीतिक दलों को चुनाव चिह्न प्रदान करना।
4. उप चुनाव या मध्यावधि चुनाव करवाना।
5. निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन करवाना।
6. राजनीतिक दलों को राज्य स्तर व राष्ट्रीय स्तर का विभाजन कर मान्यता देना।
अनुच्छेद 325- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 325 में उल्लेख किया गया है की भारत के किसी भी व्यक्ति को लिंग, जाति, धर्म, मुल वंश के आधार पर मतदान से वंचित नहीं किया जा सकता है।
अनुच्छेद 326- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 में मतदान के अधिकार का उल्लेख किया गया है। पहले मतदान की न्यूनतम आयु 21 वर्ष थी बाद में घटाकर 18 वर्ष कर दी गई थी।
61वां संविधान संशोधन 1989- भारतीय संविधान में 61वां संविधान संशोधन 1989 के द्वारा मतदान की न्युनतम आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई थी। यह संशोधन 28 मार्च 1989 में लागू हुआ था। 61वें संविधान संशोधन के समय भारत का प्रधानमंत्री राजीव गांधी था तथा भारत का राष्ट्रपति रामास्वामी वेंकटरमण था।
अनुच्छेद 327- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 327 में उल्लेख किया गया है की संसद राज्य विधानमण्डल के लिए निर्वाचन के संबंध में कानुन बनायेगी।
अनुच्छेद 328- विधानमण्डल निर्वाचन के संबंध में कानुन
अनुच्छेद 329- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 329 में उल्लेख किया गया है की न्यायालय का निर्वाचन के कानुन में प्रवेश वर्जित है। अर्थात् निर्वाचन आयोग के द्वारा किसी भी प्रकार का कानुन बनाया जाता है तो उसमें न्यायालय किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
निर्वाचन के प्रकार-
1. आम चुनाव- प्रति 5 वर्ष में चुनाव होना
2. मध्यावधि चुनाव- राज्य विधानमण्डल एवं लोकसभा की समाप्ती से पहले ही चुनाव करवाना।
3. स्नेप चुनाव- जब लोकसभा एवं विधानसभा अचनाक भंग हो जाये तब चुनाव की घोषणा करना स्नेप चुनाव करहलाता है।
4. उप चुनाव- जब लोकसभा या विधानसभा का कोई भी सदस्य त्याग पत्र देता है या किसी कारण से मृत्यु हो जाती है तो रिक्त पद को भरने के लिए चुनाव करवाना उप चुनाव कहलाता है।
जमानत राशि-
1. लोकसभा
सामान्य वर्ग- 25000 रुपये
आरक्षित वर्ग- 12500 रुपये
2. विधानसभा-
सामान्य वर्ग- 10000 रुपये
आरक्षित वर्ग- 5000 रुपये
चुनान में पड़ें कुल वैध मतों का 16.66 प्रतिशत या (1/6) मत प्राप्त नहीं होने पर जमानत राशि जब्त हो जाती है।
प्रोक्सी मतदान- प्रोक्सी मतदान का अधिकार 22 सितम्बर 2003 को दिया गया था। यह अधिकार सैनिक अधिकारियों के लिए है। इसमें सैनिक व्यक्ति मतदान के लिए अपना प्रतिनिधि चुनता है लेकिन इसकी सुचना निर्वाचन आयोग को देना जरूरी है।
E.V.M. -
E.V.M. का पूरा नाम- Electronic Voting Machine है।
भारत में सर्वप्रथम E.V.M. का प्रयोग अप्रैल 1982 में केरल राज्य के विधान सभा उप चुनाव में किया गया था इस समय केरल राज्य की पारूर विधान सभा क्षेत्र में 50 बूथों पर E.V.M. का प्रयोग कर चुनाव करवाये गये थे।
भारत में केरल राज्य के बाद नवम्बर, 1998 में राजस्थान के 5 विधानसभा, मध्य प्रदेश के 5 विधानसभा व दिल्ली के 6 विधानसभा क्षेत्रों के चुनाव के दौरान E.V.M. का प्रयोग बड़े पैमाने पर किया गया था।
भारत में सर्वप्रथम सम्पूर्ण राज्य में E.V.M. का प्रयोग सन् 1999 में गोवा विधानसभा चुनाव में किया गया था।
भारत में लोकसभा चुनाव में सर्वप्रथम E.V.M. का प्रयोग 2004 में किया गया था। भारत में E.V.M. का प्रयोग कर सम्पूर्ण आम चुनाव 2004 में हुआ था।
भारत में 2009 में सभी आम चुनाव व सभी विधानसभा चुनाव में E.V.M. का प्रयोग होने लगा था।
VVPAT-
VVPAT पूरा नाम- वोटर वेरीफायड पेपर आडिट ट्रायल (Voter Verifiable Paper Audit Trail)
सुब्रमण्यम स्वामी के द्वारा इसकी सिफारिश की गई थी।
VVPAT में उमीदवार का नाम एवं चुनाव चिह्न E.V.M. में पेपर पर निकल कर आता है। जिस से मतदाता को यह पुष्टि हो जाती है की उसका मत सही पड़ा है या नहीं।
VVPAT का सर्वप्रथम प्रयोग 2013 में नागालैण्ड में किया गया था।
सम्पूर्ण भारत में VVPAT का प्रयोग 2014 में किया गया था।
NOTA-
NOTA का पूरा नाम- None of the above
भारत में सर्वप्रथम NOTA का प्रयोग 2013 में छतिसगढ़ में किया गया था।
सम्पूर्ण भारत में NOTA का प्रयोग 2014 में 16वीं लोकसभा चुनाव में किया गया था।
निर्वाचन आयोग की समितियां-
1. संथानम समिति-
गठन- 1962
अध्यक्ष- के. संथानम
सुझाव- संथानम समिति ने यह सुझाव दिया की निर्वाचन प्रणाली में सुधार किया जाये।
2. तारकुण्डे समिति-
गठन- 1973
अध्यक्ष- वी.एम. तारकुण्डे
सुझाव- तारकुण्डे समिति के द्वारा यह सुझाव दिया गया की मतदाता की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष की जाये।
3. दिनेश गोस्वामी समिति-
गठन- 1990
अध्यक्ष- दिनेश गोस्वामी
सुझाव- दिनेश गोस्वामी समिति के द्वारा यह सुझाव दिया गया की मतदान में ई.वी.एम. का प्रयोग किया जाये।
4. इन्द्रजीत गुप्ता समिति-
गठन- 1998
अध्यक्ष- इन्द्रजीत गुप्ता
सुझाव- इन्द्रजीत गुप्ता समिति के द्वारा यह सुझाव दिया गया की चुनाव में खर्च के लिए कोष का निर्धारण किया जाये।
सुकुमार सेन-
कार्यकाल- 1950 से 1958 तक (8 वर्ष)
भारत के प्रथम मुख्य चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन है।
भारत में सर्वाधिक कार्यकाल (8 वर्ष) वाला मुख्य चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन है।
एस. रमा देवी-
भारत की प्रथम महिला मुख्य चुनाव आयुक्त एस. रमा देवी है।
भारत में सबसे कम कार्यकाल वाला मुख्य चुनाव आयुक्त एस रमा देवी है।
एस. रमा देवी ने कार्यवाहक के रूप में कार्य किया था।
सुनील अरोड़ा-
वर्तमान में भारत का मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा है।
भारत में अबतक के मुख्य चुनाव आयुक्त-
क्र. | नाम | कार्यकाल से | कार्यकाल तक |
---|---|---|---|
1 | सुकुमार सेन | 21 मार्च 1950 | 19 दिसम्बर 1958 |
2 | के. वी. के. सुंदरम | 20 दिसम्बर 1958 | 30 सितम्बर 1967 |
3 | एस. पी. सेन वर्मा | 1 अक्टूबर 1967 | 30 सितम्बर 1972 |
4 | डाॅ. नगेन्द्र सिंह | 1 अक्टूबर 1972 | 6 फरवरी 1973 |
5 | टी. स्वामीनाथन | 7 फरवरी 1973 | 17 जून 1977 |
6 | एस. एल. शकधर | 18 जून 1977 | 17 जून 1982 |
7 | आर. के. त्रिवेदी | 18 जून 1982 | 31 दिसम्बर 1985 |
8 | आर. वी. एस शास्त्री | 1 जनवरी 1986 | 25 नवम्बर 1990 |
9 | वी. एस. रमादेवी | 26 नवम्बर 1990 | 11 दिसम्बर 1990 |
10 | टी. एन. शेषन | 12 दिसम्बर 1990 | 11 दिसम्बर 1996 |
11 | एम. एस. गिल | 12 दिसम्बर 1996 | 13 जून 2001 |
12 | जे. एम. लिंगदोह | 14 जून 2001 | 7 फरवरी 2004 |
13 | टी. एस. कृष्णमूर्ति | 8 फरवरी 2004 | 15 मई 2005 |
14 | बी. बी. टंडन (ब्रिज बिहारी टंडन) | 16 मई 2005 | 28 जून 2006 |
15 | एन गोपालस्वामी | 29 जून 2006 | 20 अप्रैल 2009 |
16 | नवीन चावला | 21 अप्रैल 2009 | 29 जुलाई 2010 |
17 | शाहबुद्दीन याकूब कुरैशी | 30 जुलाई 2010 | 10 जून 2012 |
18 | वी. एस. संपत (वीरावल्ली सुंदरम् संपत) | 11 जून 2012 | 15 जनवरी 2015 |
19 | एच. एस. ब्रह्मा (हरिशंकर ब्रह्मा) | 16 जनवरी 2015 | 18 अप्रैल 2015 |
20 | नसीम जैदी | 19 अप्रैल 2015 | 5 जुलाई 2017 |
21 | अचल कुमार ज्योति | 6 जुलाई 2017 | 22 जनवरी 2018 |
22 | ओम प्रकाश रावत | 23 जनवरी 2018 | 1 दिसम्बर 2018 |
23 | सुनील अरोड़ा | 2 दिसम्बर 2018 | अक्टूबर 2021 |
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ReplyDeleteवर्तमान में अन्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा तथा श्री राजीव कुमार है।
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