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बैंकिंग क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण अवधारणाएं (Important Concepts Related to Banking Sector)

बैंकिग क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण अवधारणाएं (Important Concepts Related to Banking Sector)-

  • 1. प्राथमिक क्षेत्र के ऋण (Priority Sector Lending- PSL)
  • 2. पूंजी पर्याप्तता अनुपात (Capital Adequacy Ratio- CAR)
  • 3. काॅल मनी मार्केट (Call Money Market)


1. प्राथमिक क्षेत्र के ऋण (Priority Sector Lending- PSL)-

  • बैंक के द्वारा ऋण देने योग्य राशि का 40% प्राथमिक क्षेत्र को देना अनिवार्य है।
  • प्राथमिक क्षेत्र में निम्नलिखित क्षेत्र शामिल है जैसे-
  • (अ) कृषि क्षेत्र (Agriculture Areas)- 18%
  • लघु एवं सीमान्त किसानों (Small and Marginal Farmers) को 10% (यह 10% कृषि क्षेत्र के 18% में से ही दिया जायेगा)
  • (ब) दुर्बल वर्ग (Weaker Section)- 12% (SC/ST etc.)
  • (स) सूक्ष्म उद्योग (Micro Industry)- 7.5%
  • (द) अन्य क्षेत्र (Other Areas)- 2.5% जैसे-
  • (I) निर्यातक (Exporter)
  • (II) लघु उद्योग (Small Industry)
  • (III) वहनीय आवास (Affordable Housing)
  • (IV) कच्ची बस्ती में रहने वाले लोग
  • (V) नवीकरणीय ऊर्जा (Renewalable Energy)
  • (VI) स्वास्थय (Health)
  • (VII) शिक्षा (Education)
  • (VIII) स्टार्टअप (Startup)
  • यदि कोई बैंक प्राथमिक क्षेत्र के ऋण (PSL) के लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाता है तब शेष राशि ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (Rural Infrastructure Development Fund- RIDF) में जमा करवायी जाती है।
  • ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (Rural Infrastructure Development Fund- RIDF) NABARD के अधिन कार्य करते है।
  • क्षेत्रिय ग्रामीण विकास बैंक और लघु वित्त बैंकों के लिए यह लक्ष्य (PSL) 75% है।


PSL प्रमाण पत्र (PSL Certificate)-

  • PSL प्रमाण पत्र की व्यवस्था की शुरुआत वर्ष 2016 में की गई थी।
  • जो बैंक प्राथमिक क्षेत्र (PSL) के लक्ष्य से अधिक ऋण दे रहे है वे PSL प्रमाण पत्र जारी कर सकते है।
  • जो बैंक प्राथमिक क्षेत्र (PSL) के लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पा रहा है वह बैंक PSL प्रमाण पत्र जारी करने वाले बैंक से PSL प्रमाण पत्र खरीद सकता है।
  • PSL प्रमाण पत्र का मूल्य मांग और आपूर्ति से निर्धारित किया जाता है।


2. पूंजी पर्याप्तता अनुपात (Capital Adequacy Ratio- CAR)-

  • बैंकों को अपनी जोखिम वाली परिसंपत्ति का एक निश्चित प्रतिशत पूंजी के रूप में रखना होता है। जिसे पूंजी पर्याप्तता अनुपात (CAR) कहा जाता है।
  • पूंजी पर्याप्तता अनुपात (CAR) की इस अवधारणा को बासेल (Basel) मानकों के आधार पर अपनाया गया है।
  • बासेल मानक Bank for International Settlements (BIS) के द्वारा जारी किये गये है।


Bank for International Settlements (BIS)-

  • BIS की स्थापना 1930 ई. में हुई थी।
  • BIS का मुख्यालय Basel, Switzerland में है।


BIS के कार्य (Functions of BIS)-

  • BIS केंद्रीय बैंकों की एक संस्था है।
  • BIS बैंकिंग क्षेत्र में अनुसंधान का कार्य करती है।
  • BIS अंतरराष्ट्रीय भुगतानों को पूरा करवाती है।
  • BIS बैंकिंग क्षेत्र के विकास के लिए मानक जारी करती है।
  • BIS के द्वारा अब तक कुल तीन बार मानक जारी किये गये है जैसे-
  • (I) Basel-I (1988)
  • (II) Basel-II (2004)
  • (III) Basel-III (2010)
  • वर्तमान में Basel-III मानक लागू किया गया है जिसके अनुसार CAR 8% होना चाहिए।
  • सन् 1996 में RBI BIS का सदस्य बना था।
  • सन् 1999 में भारत में पहली बार Basel मानक अपनाएं गये थे।
  • वर्तमान में भारत में RBI के द्वारा दिये गये दिशा निर्देश के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के लिए CAR- 12% तथा अन्य बैंकों के लिए CAR- 9% होना चाहिए।


3. काॅल मनी मार्केट (Call Money Market)-

  • बैंकों के दिन प्रतिदिन के लेनदेन में कुछ बैंकों के पास नकद (Cash) की अधिकता होती है तथा कुछ अन्य बैंकों को नकद की आवश्यकता होती है इसीलिए बैंकों के बीच नकद का लेनदेन किया जाता है इस लेनदेन को ही काॅल मनी मार्केट कहा जाता है।
  • बैंकों के द्वारा लेनदेन की सभी शर्ते फोन काॅल पर ही निर्धारित की जाती है।
  • बैंकों के लेनदेन की इसी प्रक्रिया में ली जाने वाली ब्याज दर को ही काॅल दर (Call Rate- CR) कहा जाता है।
  • काॅल दर (CR) में सर्वाधिक उतार चढ़ाव होता है।
  • जब RBI के द्वारा नितिगत दरे निर्धारित की जाती है तब काॅल दर को संदर्भ (Reference) के रूप में लिया जाता है।
  • बैंकों के द्वारा लेनदेन में यदि धन या नकद एक दिन के लिए लिया गया है तब इसे Call Money कहा जाता है
  • बैंकों के द्वारा लेनदेन में यदि धन या नकद 2 से 14 दिन के लिए लिया गया है तब उसे Notice Money  कहा जाता है।
  • विश्व का सबसे बड़ा "Call Money Market" London में है।
  • London के Call Money Market की ब्याज दर को लंदन इंटरबैंक ऑफर्ड रेट (London Inter Bank Offered Rate- LIBOR) कहा जाता है।
  • भारत का सबसे बड़ा Call Money Market Mumbai में है।
  • Mumbai के Call Money Market की ब्याज दर को मुंबई इंटरबैंक ऑफर रेट (Mumbai Interbank Offered Rate- MIBOR) कहा जाता है।

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