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गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (Non Banking Financial Company- NBFC)

नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी या गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (Non Banking Financial Company- NBFC)-

  • वे कंपनी जो की वित्तिय लेनदेन का कार्य करती है परन्तु उन कंपनियों के पास बैंक का लाइसेंस नहीं होता है ऐसी कंपनियों को नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (Non Banking Financial Company- NBFC) कहते है।
  • नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां (NBFC) विविध क्षेत्रों में कार्य करती है। जैसे- बीमा, पेंशन, होम लोन, जमाएं स्वीकार करने वाली कंपनियां आदि।
  • नाॅन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों का नियमन (नियंत्रण) अलग-अलग संस्थाओं के द्वारा किया जाता है। जैसे-


बीमा क्षेत्र का नियमन (R
egulation of Insurance Sector)-

  • बीमा क्षेत्र का नियमन भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (Insurance Regulatory and Development Authority of India- IRDAI) के द्वारा किया जाता है।


पेंशन क्षेत्र का नियमन (Regulation of Pension Sector)-

  • पेंशन क्षेत्र का नियमन पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (Pension Fund Regulatory and Development Authority- PFRDA) के द्वारा किया जाता है।


होम लोन का नियमन (Regulation of Home Loan)-

  • होन लोन का नियमन राष्ट्रीय आवास बैंक (National Housing Bank) के द्वारा किया जाता है।


म्यूचुअल फंड का नियमन (Regulation of Mutual Fund)-

  • म्यूचुअल फंड का नियमन भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India- SEBI) के द्वारा किया जाता है।


जमाएं स्वीकार करने वाली कंपनी का नियमन (Regulation of Deposit Taking Company)-

  • जमाएं स्वीकार करने वाली कंपनियों का नियमन RBI के द्वारा किया जाता है।
  • जमाएं स्वीकार करने वाली नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (Non Banking Financial Company- NBFC) सिर्फ अवधि जमाएं (Time Deposits) ही स्वीकार कर सकती है।
  • जमाएं स्वीकार करने वाली नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (Non Banking Financial Company- NBFC) मांग जमाएं (Demand Deposits) नहीं कर सकती है।
  • नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (Non Banking Financial Company- NBFC) के द्वारा किसी भी प्रकार का कार्ड (Credit Card या Debit Card) जारी नहीं किया जाता है।
  • नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (Non Banking Financial Company- NBFC) के द्वारा चेक बुक भी जारी नहीं की जाती सकती है।
  • नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (Non Banking Financial Company- NBFC) की जमाएं जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation- DICGC) के द्वारा संरक्षित नहीं की जाती है।
  • नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (Non Banking Financial Company- NBFC) को नकद आरक्षित अनुपात (Cash Reserve Ratio- CRR) का पालन नहीं करना होता है परन्तु सांविधिक तरलता अनुपात (Statutory Liquidity Ratio- SLR) का पालन करना होता है।
  • नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (Non Banking Financial Company- NBFC) पर बेसल मानक लागू नहीं होते है।


जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation- DICGC)-

  • जमा बीमा और क्रेडिट गांरटी निगम (DICGC) की स्थापना 1978 में हुई थी।
  • जमा बीमा और क्रेडिट गांरटी निगम (DICGC) का स्वामित्व (Ownership) RBI के पासा है।
  • जमा बीमा और क्रेडिट गांरटी निगम (DICGC) के कार्य बैंकों में जमा राशि पर बीमा प्रदान करना।
  • जमा बीमा और क्रेडिट गांरटी निगम (DICGC) के द्वारा बैंकों में जमा राशि पर 5 लाख रुपये का बीमा दिया जाता है। तथा इस बीमा के लिए प्रीमियम का भुगतान बैंक के द्वारा ही किया जाता है।

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