अलवर का कछवाहा वंश (अलवर के कछवाह वंश का इतिहास)-
- अलवर का इतिहास
- अलवर के कछवाहा वंश के प्रमुख राजा
अलवर (अलवर का इतिहास)-
- अलवर में कछवाहा वंश का शासन था
- अलवर में कछवाहा वंश की नरुका शाखा का शासन था।
अलवर के कछवाहा वंश के प्रमुख राजा-
- 1. प्रताप सिंह
- 2. बख्तावर सिंह
- 3. विनय सिंह
- 4. जयसिंह
- 5. तेजसिंह
1. प्रताप सिंह-
- प्रताप सिंह माचेडी का सामंत था।
- माचेडी जयपुर रियसात में शामिल था।
- प्रताप सिंह माचेडी (जयपुर) से अलवर गया था।
- प्रताप सिंह अलवर में कछवाहा वंश का शासक था।
- 1774 ई. में मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय ने प्रताप सिंह को अलवर का स्वतंत्र राजा घोषित कर दिया था।
- 1775 ई. में प्रताप सिंह ने अलवर पर अधिकार कर लिया था।
प्रताप सिंह के दरबारी विद्वान-
- (I) जाचक जीवण
(I) जाचक जीवण-
- जाचक जीवण प्रताप सिंह का दरबारी विद्वान था।
- जाचक जीवण के द्वारा प्रताप रासौ नामक पुस्तक लिखी गई थी।
2. बख्तावर सिंह-
- बख्तावर सिंह अलवर में कछवाहा वंश का राजा था।
- बख्तावर सिंह बख्तेश तथा चन्द्रसखी नाम से कविताएं लिखता था।
- 14 नवम्बर 1803 ई. में बख्तावर सिंह ने अंग्रेजों के साथ संधि कर ली थी।
- अलवर तथा भरतपुर राजस्थान में दो रियासते है जिन्होंने 1803 ई में अंग्रेजों के साथ संधि की थी।
लसवाडी का युद्ध (1803 ई.)-
- लसवाडी का युद्ध 1 नवम्बर 1803 ई. में लसवाडी नामक स्थान पर लड़ा गया था।
- लसवाडी का युद्ध अंग्रेजों तथा मराठों के मध्य लड़ा गया था।
- लसवाडी के युद्ध में बख्तावर सिंह ने मराठों के खिलाफ अंग्रेजों का साथ दिया था।
3. विनय सिंह-
- विनय सिंह अलवर में कछवाह वंश का राजा था।
मूसी महारानी-
- मूसी महारानी अलवर के राजा विनय सिंह की दासी थी।
- विनय सिंह ने अलवर में मूसी महारानी की छतरी का निर्माण करवाया था।
- मूसी महारानी की छतरी 80 खम्भों की छतरी है।
सिलीसेढ़ झील (अलवर, राजस्थान)-
- अलवर के राजा विनय सिंह ने अपनी रानी शीला के लिए अलवर में सिलीसेढ़ झील का निर्माण करवाया था।
- सिलीसेढ़ झील को राजस्थान का नन्दन कानन कहा जाता है।
4. जयसिंह-
- जयसिंह अलवर में कछवाहा वंश का राजा था।
- जयसिंह ने उत्तर प्रदेश की बनारस हिन्दी विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University- B.H.U.) को आर्थिक सहायता प्रदान की थी।
- जयसिंह ने उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्याल (Aligarh Muslim University- A.M.U.) को आर्थिक सहायता प्रदान की थी।
- जयसिंह ने लाहौर की सनातन धर्म कॉलेज (Sanatan Dharma College) को आर्थिक सहायता प्रदान की थी।
- जयसिंह ने 10 दिसम्बर 1903 ई. को बाल विवाह तथा अनमेल विवाह पर रोक लगा दी थी।
- जयसिंह ने स्वेदशी वस्तुओं का प्रयोग प्रारम्भ कर दिया था।
- जयसिंह ने गाँवों में पंचायतों की स्थापना की थी।
- ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग (Duke of Edinburgh) के आगमन के समय जयसिंह ने अलवर में सरिस्का महल का निर्माण करवाया था।
- 1933 ई. में अलवर के तिजारा दंगों के बाद अंग्रेजों ने जयसिंह का राजा के पद से हटा दिया था।
- तिजारा अलवर में स्थित जगह का नाम है।
- अंग्रेजों के द्वारा राजा के पद से हटाने के बाद जयसिंह पेरिस (फ्रांस) चला गया था।
- जयसिंह की मृत्यु पेरिस (फ्रांस) में हुई थी।
Chamber of Princes-
- Chamber of Princes का अध्यक्ष गंगासिंह था।
- गंगासिंह के बाद Chamber of Princes का अध्यक्ष जयसिंह बना था।
- जयसिंह ने Chamber of Princes का नाम बदलकर नरेन्द्र मंडल कर दिया था।
हिन्दी (राष्ट्र भाषा)-
- जयसिंह ने अलवर में हिन्दी को राष्ट्र भाषा घोषित कर दिया था।
- महाराजा किशनसिंह ने भरतपुर में हिन्दी को राष्ट्र भाषा घोषित कर दिया था।
5. तेजसिंह-
- तेजसिह भारत की आजादी के समय अलवर का राजा था।
- महात्मा गाँधी की हत्या में तेजसिंह की संदिग्ध भूमिका थी लेकिन बाद में उच्चतम न्यायालय (सर्वोच्च न्यायालय) ने तेजसिंह को निर्दोष करार दे दिया था।