भागवत धर्म (Bhagwat Dharma)
- भागवत धर्म की स्थापना-
- भागवत धर्म के संस्थापक वासुदेव श्री कृष्ण थे।
- भागवत धर्म का उद्भव मौर्यत्तर काल में हुआ था।
- भागवत धर्म को वैष्णव धर्म भी कहा जाता है।
- ऐतरेय ब्राह्मण के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ही नारायण है।
- नारायण के अनायायी (उपासक) को पांचरात्रिक कहा जाता है।
- नारायण का प्रथम उल्लेख शतपथ ब्राह्मण में मिलता है।
- मेगस्थनीज ने भगवान श्री कृष्ण को हेराक्लीज कहा था।
- प्रतिहार शासक मिहिर भोज ने विष्णु को निर्गुण और सगुण दोनों रूपों में स्वीकार करते हुए विष्णु को हषीकेश कहा था।
- भागवत धर्म को पांचरात्र धर्म भी कहा जात है।
- नारद के अनुसार पांचरात्र में परमतत्व, मुक्ति, युक्ति, योग एवं विषय या संसार जैसे पांच पदार्थ है इसीलिए यह पांचरात्र कहलाये थे।
- पांचरात्र के मुख्य उपासक नारायण विष्णु थे।
- निम्नलिखित पांचरात्र व्यूह के प्रमुख थे। जैसे-
- 1. वासुदेव भगवान श्री कृष्ण
- 2. लक्ष्मी
- 3. संकर्षण (बलराम)
- 4. प्रद्युमन
- 5. अनिरुद्ध
भगवान श्री कृष्ण-
- भगवान श्री कृष्ण का सर्वप्रथम उल्लेख छान्दोग्य उपनिषद में मिलता है।
- छान्दोग्य उपनिषद में भगवान श्री कृष्ण को वृष्णि वंश का बताया गया है।
- छान्दोग्य उपनिषद में भगवान श्री कृष्ण को देवकी का पुत्र बताया गया है।
- छान्दोग्य उपनिषद में भगवान श्री कृष्ण को अंगीरस का शिष्य बताया गया है।
बलराम-
- बलराम भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई थे।
- बलराम का वास्तविक नाम संकर्षण था।
अनिरुद्ध-
- अनिरुद्ध भगवान श्री कृष्ण के पोते थे।
भगवान श्री कृष्ण को चतुर्व्यूह के साथ में पूजा जाता है।
- चतुर्व्यूह पूजा का सर्वप्रथम उल्लेख विष्णु संहिता में मिलता है।
- चतुर्व्यूह के चार प्रमुख देवता है जैसे-
- 1. संकर्षण (बलराम)- रोहिणी पुत्र
- 2. प्रद्युमन- रूक्मणी पुत्र
- 3. साम्ब- जाम्बवती पुत्र
- 4. अनिरुद्ध- प्रद्युम्न पुत्र
साम्ब-
- साम्ब जाम्बवती का पुत्र था।
- साम्ब सूर्य पूजा से संबंधित था।
- साम्ब पांचरात्र व्यूह में शामिल नहीं है जबकि चतुर्व्यूह में शामिल है।
आलवार-
- भागवत धर्म को दक्षिण भारत में आलवार कहा जाता है। अर्थात् दक्षिण भारत में भागवत धर्म के उपासकों को आलवार कहा जाता था।
- आलवार अनुयायियों की विष्णु या नारायण के प्रति अपूर्व निष्ठा एवं आस्था थी।
भगवान श्री कृष्ण के अवतार-
- भगवत गीता में अवतारवाद का उल्लेख मिलता है।
- भगवत गीता में अवतारवाद का उल्लेख सबसे पहला उल्लेख है।
- मत्स्य पुराण में वासुदेव श्री कृष्ण के 10 अवतारों का उल्लेख किया गया है।
- भागवत धर्म के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का आठवां अवतार बलराम को माना जाता है।
- भागवत धर्म के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का 9वां अवतार भगवान गौतम बुद्ध को माना जाता है।
- भागवत धर्म के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का 10वां अवतार कल्कि होगा।
- विष्णु का पहला उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है।
मोर अभिलेख-
- भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा के निकट मोर गाँव से प्रथम शताब्दी का एक अभिलेख मिला है। जिसे मोर अभिलेख कहा गया है।
- मोर अभिलेख से तोस नामक विदेशी महिला के द्वारा भगवान श्री कृष्ण, संकर्षण, प्रद्युमन एवं अनिरुद्ध की पूजा किये जाने की जानकारी प्राप्त होती है।