शैव धर्म (Shaiv Dharma)-
- शैव धर्म का विकास शुंग एवं सातवाहन वंश के समय हुआ था।
- रेनिगुंटा (चेन्नई) से गुडीमल्लम शिवलिंग प्राप्त हुआ है।
- रेनिगुंटा वर्तमान में आध्र प्रदेश राज्य के चित्तूर जिले में स्थित एक नगर का नाम है।
- गुडीमल्लम शिवलिंग भगवान शिव की सबसे प्राचीन मूर्ति है।
- ऋग्वेद में रुद्र (शिव) का उल्लेख मिलता है।
- मत्स्य पुराण में भगवान शिव के आठ रूपों का उल्लेख मिलता है।
शैव धर्म में कई सम्प्रदाय है जैसे-
- 1. पाशुपत पंथ या पाशुपत सम्प्रदाय
- 2. कश्मीरी शैव सम्प्रदाय
- 3. नाथ पंथ या नाथ सम्प्रदाय
- 4. लिंगायत सम्प्रदाय
- 5. कापालिक सम्प्रदाय
- 6. कालामुख सम्प्रदाय
1. पाशुपत पंथ या पाशुपत सम्प्रदाय-
- शैव धर्म के पाशुपत सम्प्रदाय का संस्थापक लवकुलीश या लकुलीश था।
- लवकुलीश को भगवान शिव का 18वां अवतारों में से एक माना जाता है।
- पाशुपत सम्प्रदाय के अनुयायियों को पंचार्थिक कहा जाता है।
- पाशुपत सम्प्रदाय शैव धर्म का सबसे प्राचीन सम्प्रदाय माना जाता है।
- शैव धर्म के पाशुपत सम्प्रदाय का मूल ग्रंथ पाशुपत सूत्र है।
2. कश्मीरी शैव सम्प्रदाय-
- शैव धर्म के कश्मीरी शैव सम्प्रदाय का संस्थापक वसुगुप्त था।
- कश्मीरी शैव सम्प्रदाय के अनुयायी दार्शनिक एवं ज्ञानमार्गी होते है।
- शैव सम्प्रदाय के संस्थापक वसुगुप्त के कल्लट और सोमानन्द दो प्रसिद्ध शिष्य थे।
3. नाथ पंथ या नाथ सम्प्रदाय-
- शैव धर्म के नाथ सम्प्रदाय का संस्थापक मत्स्येन्द्र नाथ जी (मछेन्द्र नाथ जी) थे।
- नाथ सम्प्रदाय के संस्थापक मत्स्येन्द्र नाथ जी के शिष्य गोरखनाथ जी थे।
- गोरखनाथ जी ने नाथ सम्प्रदाय को लोकप्रिय बनाया था।
- नाथ सम्प्रदाय का मुख्य केन्द्र गोरखपुर है।
- गोरखपुर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक नगर है।
- नाथ सम्प्रदाय के साधु या संत कठोर जीवन एवं यात्रा में विश्वास करते है।
- नाथ सम्प्रदाय को योगिनी कौल सम्प्रदाय भी कहा जाता है।
4. लिंगायत सम्प्रदाय-
- शैव धर्म के लिंगायत सम्प्रदाय के संस्थापक ऋषि अल्लभ एवं महात्मा बसवण्ण या बासवराजा थे।
- लिंगायत सम्प्रदाय के अनुयायी केवल भगवान शिव में विश्व करते थे।
- लिंगायत सम्प्रदाय के अनुयायी मूर्ति पूजा नहीं करते है।
- लिंगायत सम्प्रदाय में मृत व्यक्ति के शरीर को दफनाते है।
- लिंगायत सम्प्रदाय दक्षिण भारत में सर्वाधिक लोकप्रिय है।
- लिंगायत सम्प्रदाय दक्षिण भारत में भी कर्नाटक राज्य में सर्वाधिक लोकप्रिय माना जाता है।
5. कापालिक सम्प्रदाय-
- कापालिक सम्प्रदाय अतिवादी सम्प्रदाय है।
- कापालिक सम्प्रदाय के अनुयायी भैरव जी की पूजा करते है।
6. कालामुख सम्प्रदाय-
- कालामुख सम्प्रदाय अतिवादी सम्प्रदाय है।